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समाज

सीरिया लौटने पर शरणार्थियों को यातना झेलनी पड़ी

८ सितम्बर २०२१

सीरिया की सरकार ने विदेश में रह रहे शरणार्थियों से कहा है कि देश अब सुरक्षित है, इसलिए उन्हें स्वदेश लौट जाना चाहिए. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक रिपोर्ट में इस दावे का खंडन किया है.

तस्वीर: Depo/ZUMA/picture alliance

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि सीरियाई शरणार्थी सरकारी दमन का सामना कर रहे हैं. इस तरह के जबरदस्ती के उपायों में कारावास, पूछताछ के दौरान यातना, अपहरण और यौन उत्पीड़न शामिल हैं.

सीरियाई सरकार ने सीरिया के अधिकांश हिस्सों में शांति का हवाला देते हुए शरणार्थियों की वापसी का आदेश दिया है. एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक शोधकर्ता मैरी फॉरेस्टियर ने कहा कि अब सीरिया लौटने वाले किसी भी शरणार्थी से नियमित रूप से पूछताछ की जाती है. लौटने वाले नागरिकों को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया जाता है और प्रताड़ित किया जाता है.

रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी अधिकारी लोगों को उनके घरों से जबरन ले जाते हैं. यह भी पता चला है कि कई सीरियाई लापता हो गए हैं और कुछ का यौन उत्पीड़न किया गया है.

"आप अपनी मौत के लिए जा रहे हैं"

एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा तैयार रिपोर्ट का शीर्षक है-"यू आर गोइंग टू योर डेथ." संस्था ने 66 लोगों का साक्षात्कार लिया और उनके परेशान करने वाले अनुभवों का विवरण इकट्ठा किया. इनमें 13 बच्चे भी शामिल थे.

सीरियाई इस साल की शुरुआत में 2017 में प्रवास के बाद स्वदेश लौटे थे. अब तक, उनमें से पांच की सरकारी हिरासत में यातना के कारण मौत हो चुकी है और कम से कम 17 लापता हैं.

एमनेस्टी की रिपोर्ट सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार की स्थिति से असंगत है, जिसने इस आधार पर शरणार्थियों की वापसी का आदेश दिया है कि सब कुछ बहुत बेहतर है और देश सुरक्षित है. इस घोषणा के बाद ही कुछ क्षेत्रों में सीरियाई शरणार्थियों की वापसी शुरू हुई.

सीरियाई शरणार्थियों की वापसी की प्रक्रिया

स्वीडन और डेनमार्क ने कई सीरियाई शरणार्थियों के निवास परमिट को इस आधार पर रद्द कर दिया है कि राजधानी दमिश्क और इसके आसपास के अधिकांश इलाके अब सुरक्षित हैं.

इसी तरह से लेबनान और तुर्की की सरकारें सीरियाई शरणार्थियों पर स्वदेश लौटने का दबाव बढ़ा रही हैं. ऐसी भी खबरें आई हैं कि तुर्की ने कई सीरियाई शरणार्थियों को जबरन वापस भेज दिया है.

एमनेस्टी की रिपोर्ट में लेबनान, फ्रांस, जर्मनी, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात से लौटे शरणार्थियों की जानकारी शामिल है.

मैरी फॉरेस्टियर ने यह साफ कर दिया है कि देश की सुरक्षा के लिए सीरियाई सरकार का दावा जमीनी हकीकत के विपरीत है, क्योंकि लौटने वालों को अब दमन का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने विभिन्न देशों से अपील की कि वे सीरियाई शरणार्थियों को लौटाने में जल्दबाजी न करें.

एए/सीके (एएफपी, एपी)

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