जर्मनी में नहीं थम रहे नेताओं पर हमले, अब सांसद बने निशाना
२ जून २०२४
जर्मनी में मौजूदा सांसद और क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक यूनियन पार्टी के नेता रोडेरिष कीजेवेटर पर हमला हुआ है. हमले के वक्त वह यूरोपीय संघ के चुनाव के लिए प्रचार कर रहे थे.
जर्मन सांसद और क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक पार्टी के नेता रोडरिष कीजेवेटर.तस्वीर: Bernd Elmenthaler/IMAGO
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जर्मन संसद के निचले सदल बुंडेस्टाग में सांसद और क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक पार्टी (सीडीयू) के नेता रोडेरिष कीजेवेटर पर 1 जून को हमला हुआ. 9 जून को यूरोपीय संघ (ईयू) चुनाव के लिए जर्मनी में मतदान होना है.
जर्मन सेना में रह चुके कीजेवेटर पर दक्षिण-पश्चिमी राज्य बाडेन-बुर्टेमबेर्ग के आलेन क्षेत्र में प्रचार के दौरान हमला हुआ. स्थानीय पुलिस ने हमलावर की पहचान कर ली है और बताया है कि कीजेवेटर को निशाना बनाने वाला 55 साल का एक पुरुष है. बीते दिनों जर्मनी में और भी नेताओं पर हमले हुए हैं.
कैसे हुआ हमला?
जानकारी के मुताबिक, हमलावर सीडीयू के चुनावी अभियान में स्टैंड के पास आया और कीजेवेटर के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने लगा. कीजेवेटर ने उसे ऐसा ना करने को कहा, तो हमलावर ने कैंपेन स्टैंड को तोड़ना शुरू किया. जब कीजेवेटर ने उसकी तस्वीर खींचने की कोशिश की, तो हमलावर ने उन्हें घूंसा मारा और जमीन पर गिराकर भाग गया.
हमले में सांसद कीजेवेटर को मामूली चोटें आई हैं. उन्होंने कहा है कि अगर हमलावर माफी मांग ले, तो वह कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, हमलावर आलेन सिटी काउंसिल के चुनाव में प्रत्याशी है और एक धुर-दक्षिणपंथी पार्टी का सदस्य है. खबरों के मुताबिक, इस पार्टी का वैक्सीन विरोधी मुहिम "क्वेयरडेंकर" से भी संबंध हैं.
सीडीयू पार्टी के अलावा अन्य दलों- सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी (एसपीडी), ग्रीन्स पार्टी और फ्री डेमोक्रैटिक पार्टी (एफडीपी) ने कीजेवेटर के समर्थन में बयान जारी किए हैं. इन सभी पार्टियों ने मिलकर राजनीतिक हमलों के खिलाफ 2 जून को एक जुलूस भी निकाला.
जर्मनी की आंतरिक मामलों की मंत्री नैंसी फेजर ने भी कीजेवेटर पर हुए हमले की निंदा की. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में फेजर ने लिखा कि हिंसा की "हमारे लोकतंत्र में कभी स्वीकार्यता नहीं है" और इस मामले में "जल्द और सख्त सजा" दी जानी चाहिए.
एएफडी के नेता और उनके सबसे आपत्तिजनक बयान
जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी के नेताओं ने कई बार ऐसे बयान दिए हैं जिन्हें आपत्तिजनक या भड़काऊ कहा जा सकता है. इनमें शरणार्थियों को निशाना बनाने से लेकर नाजी शब्दावली का इस्तेमाल तक शामिल है.
तस्वीर: Imago/reportandum
ब्यॉन होख
थुरिंगिया प्रांत में एएफडी के मुखिया ब्यॉन होख ने 2017 में बर्लिन स्थित होलोकॉस्ट मेमोरियल को "शर्म की स्मारक" कहा था और देश को अपने नाजी इतिहास के लिए पश्चाताप करना बंद करने को कहा था. जुलाई 2023 में उन्होंने नाजी शब्दावली में कहा, "इस यूरोपीय संघ को मर जाना चाहिए ताकि सच्चा यूरोप जिंदा रह सके." 2019 में जर्मनी की एक अदालत ने फैसला दिया कि होख को फासीवादी कहना उन पर लांछन लगाने के बराबर नहीं है.
तस्वीर: picture-alliance/Arifoto Ug/Candy Welz
ऐलीस वाइडल
ऐलीस वाइडल पार्टी की सह मुखिया हैं और उसके सबसे जाने माने चेहरों में से एक हैं. वो शायद ही कभी विवादों से दूर रहती हों. 2018 में जर्मनी की संसद बुंडेस्टाग में एक भाषण के दौरान उन्होंने कहा था, "बुर्के, हिजाब पहनने वाली लड़कियां, सार्वजनिक रूप से समर्थन पाने वाले वो लोग जिन्होंने चाकू से लोगों पर वार किया और ऐसे सभी बेकार लोग हमें समृद्धि और आर्थिक और सामाजिक विकास नहीं दिला सकते हैं."
तस्वीर: Sebastian Kahnert/dpa/picture-alliance
क्रिस्चियन लूट
लूट कई बार अपने बयानों को लेकर विवादों में फंस चुके हैं. एक बार एक दक्षिणपंथी यूट्यूब वीडियो ब्लॉगर के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "जर्मनी के लिए स्थिति जितनी खराब होगी, एएफडी के लिए उतनी ही अच्छी होगी." उन्होंने प्रवासियों के लिए कहा, "हम उन्हें बाद में गोली मार ही सकते हैं, इसमें कोई समस्या नहीं है. या उन्हें जहरीली गैस से मार सकते हैं, जैसा आप चाहें. मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है."
तस्वीर: Soeren Stache/dpa/picture-alliance
बीट्रिक्स फॉन स्टॉर्च
शुरू में एएफडी यूरो और बेलआउट पैकेजों के खिलाफ अभियान चलाती थी, लेकिन यह जल्द ही आप्रवासियों के विरोध में बदल गया. बीट्रिक्स फॉन स्टॉर्च ने 2016 में कहा था, "जो लोग हमारी सीमाओं पर लगे 'रुको' के साइनबोर्ड को नहीं मानते हैं वो हमलावर हैं." उन्होंने आगे कहा, "और हमें खुद को हमलावरों से बचाना है," चाहे इसका मतलब महिलाओं और बच्चों पर गोली चलाना ही क्यों ना हो.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Murat
हाराल्ड वाइएल
एएफडी के सभी विवाद नस्लवाद को लेकर नहीं हैं, कभी कभी वो पार्टी की हकीकत दिखाने का काम भी करते हैं. सितंबर 2022 में बुंडेस्टाग के सदस्य हाराल्ड वाइएल को पता नहीं था कि उनका माइक चालू है, जब उन्होंने कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि जर्मनी को ऊर्जा के बढ़े हुए दामों की "नाटकीय सर्दियां" भुगतनी पड़े नहीं तो "चीजें हमेशा की तरह चलती रहेंगी."
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मार्कुस प्रेत्जेल
मार्कुस प्रेत्जेल नार्थ राइन-वेस्टफेलिया प्रांत में एएफडी के पूर्व अध्यक्ष हैं और पार्टी की पूर्व अध्यक्ष फ्राउक पीत्री के पति हैं. उन्होंने दिसंबर 2016 में बर्लिन क्रिसमस बाजार पर हुए घातक हमले के बाद लिखा था, "यह मैर्केल के मृतक हैं."
तस्वीर: picture alliance/dpa/M. Murat
आंद्रे पौगेनबर्ग
सैक्सनी-अनहाल्ट प्रांत में एएफडी के पूर्व प्रमुख आंद्रे पौगेनबर्ग ने फरवरी 2017 में राज्य की संसद में दूसरे सदस्यों को कहा था कि वो चरम वामपंथ के खिलाफ मिल जाएं ताकि "जर्मन नस्ल पर उगी इस खरपतवार से हमेशा के लिए पीछा छुड़ाया जा सके." ये शब्द साफ तौर पर नाजी शब्दावली से लिए गए थे.
तस्वीर: picture alliance/dpa/J. Wolf
एलेग्जेंडर गाउलांद
पार्टी की संसदीय पार्टी के पूर्व नेता एलेग्जेंडर गाउलांद ने जून 2018 में पार्टी के युवा दल के सामने एक भाषण दिया था, जिसके लिए उनकी बहुत आलोचना हुई थी. उन्होंने कहा था कि जर्मनी का एक "शानदार इतिहास रहा है और वह उन शापित 12 सालों से ज्यादा लंबा चला है. जर्मनी के 1,000 सालों के सफल इतिहास में हिटलर और नाजी बस चिड़िया की बीट की एक बूंद हैं." (डैगमार ब्राइटेनबाख और मार्क हैलम)
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लगातार जारी हैं हमले
हालिया सालों में जर्मनी के भीतर चुनावों के दौरान हिंसक घटनाएं बढ़ी हैं. सेंटर-लेफ्ट एसपीडी के नेता और ईयू चुनाव के प्रत्याशी माथियास एके पर 5 अप्रैल को हमला हुआ था. उन्हें इतना ज्यादा पीटा गया था कि इमरजेंसी में दाखिल करवाना पड़ा और उनकी सर्जरी भी हुई. एसपीडी की ही एक अन्य नेता और बर्लिन की मेयर रहीं फ्रांसिस्का गिफाय पर भी बीते मई महीने में हमला हुआ था.
इसके अलावा ग्रीन पार्टी भी निशाने पर रही है. ग्रीन पार्टी की नेता इवोने मोसलर पर भी हमला हुआ था, जब वह पार्टी के एक अन्य प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रही थीं.
जर्मनी के पूर्वी राज्य थुरिंजिया में एक साल तक ग्रीन पार्टी के नेता रहे मैक्स रेश्के इस खतरे से भली-भांति वाकिफ हैं. उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "हमने अपने पार्टी दफ्तर के दरवाजों के सामने गोबर का ढेर रखा देखा है. कई बार खिड़कियों पर अंडे रखे मिले, खिड़कियां टूटी मिलीं और मेलबॉक्स भी खुले मिले. मुझे और मेरे साथियों को शारीरिक हमले की धमकी भी दी गई है. हाल के वर्षों में हमारे खिलाफ हिंसक भाषा का इस्तेमाल भी बढ़ा है."
जर्मन राजधानी बर्लिन में देश में बढ़ती हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन करने सड़कों पर उतरे लोग.तस्वीर: Christian Mang/AFP/Getty Images
जर्मनी में नेताओं की सुरक्षा
जर्मनी के चुनिंदा शीर्ष नेताओं को छोड़ दें, तो ज्यादातर नेता आम लोगों की तरह बिना किसी सुरक्षा घेरे के रहते हैं. हालांकि राजनीतिक कार्यक्रमों, रैलियों, विरोध-प्रदर्शनों समेत बड़े आयोजनों में सुरक्षा का कुछ इंतजाम होता है. जर्मनी में किसी नेता के लिए हथियारबंद सुरक्षा बलों का जत्था या गाड़ियों का बड़ा काफिला निकलना आम नहीं है. यहां सड़कों पर सायरन बजाती गाड़ियां सिर्फ पुलिस, एंबुलेंस या फिर दमकल विभाग की होती हैं.
सुरक्षा में खुफिया विभाग की ज्यादा भूमिका होती है. ये लोग पर्दे के पीछे रह कर स्थिति पर नजर रखते हैं. हालांकि, जिस तरह हमलों में तेजी आई है, उससे कुछ नेताओं को पुलिस की सुरक्षा मुहैया कराने पर विचार किया जा सकता है. जर्मनी के गृह मंत्रालय ने कहा है कि वह नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.
आरएस/एसएम (एएफपी, डीपीए)
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