एक साल पहले अफगानिस्तान छोड़ यूक्रेन में पनाह लेने वाले अजमल रहमानी के लिए मुसीबतें पीछा नहीं छोड़ रही हैं. एक बार फिर उन्हें युद्धरत देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
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अफगानिस्तान के रहने वाले अजमल रहमानी को कुछ दिनों पहले तक लगता था कि उन्हें यूक्रेन में शांति मिल गई है, लेकिन यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद उन्हें एक बार फिर जान बचाकर भागने को मजबूर होना पड़ा. रूसी बमबारी से बचने के लिए उनका नया ठिकाना पोलैंड बना.
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युद्ध से बचकर फिर भागे
पोलैंड की सीमा में दाखिल होने के बाद उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "मैं एक युद्ध से भागते हुए दूसरे देश में आया और वहां दूसरा युद्ध शुरू हो गया है. बहुत दुर्भाग्य है." रहमानी जब अपना दर्द बयां कर रहे थे तो उनके बगल में खड़ी उनकी सात साल की बेटी मारवा हाथों में खिलौना पकड़े उन्हें देख रही थी. बम और बारूद भी नहीं तोड़ पाए प्यार का बंधन
मारवा के साथ उसकी मां मीना और 11 साल का भाई उमर भी हैं. परिवार ने करीब 30 किलोमीटर लंबी यात्रा पैदल ही तय की. यूक्रेन की सीमा पार कर ये लोग पोलैंड के मेदयका पहुंचे हैं, जहां से अन्य शरणार्थियों के साथ वे बस में सवार होकर सबसे करीबी शहर प्रेजेमिसली गए.
सैन्य संघर्ष शुरू होने के साथ ही यूक्रेन से लोग जान बचाकर पड़ोसी देशों, मुख्य रूप से पोलैंड, हंगरी और रोमानिया में जाकर पनाह ले रहे हैं. अधिकांश शरणार्थी यूक्रेनी हैं, उनमें अफगानिस्तान, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, भारत और नेपाल समेत कई देशों के छात्र और प्रवासी श्रमिक भी शामिल हैं.
यूक्रेन के रंग में रंगी दुनिया की ऐतिहासिक इमारतें
यूक्रेन के प्रति दुनियाभर में अलग-अलग तरह से समर्थन दिखाया जा रहा है. कई देशों में बड़ी-बड़ी रैलियां निकाली जा रही हैं तो दूसरी तरफ एक तरीका सार्वजनिक स्थलों को यूक्रेनी झंडे के रंग में रंग देने का भी है.
तस्वीर: Nikolay Doychinov/AFP/Getty Images
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, न्यूयॉर्क की दीवार
यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर दुनियाभर में जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली है. यूक्रेन के समर्थन में सार्वजनिक स्थल और इमारतें रंगी दिखीं. संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय की दीवार पर लिखा दिखा- 'स्टैंड विद यूक्रेन.'
तस्वीर: Jennifer Peltz/AP Photo/picture alliance
सोफिया का सोवियत स्मारक
बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में लोगों ने सोवियत सेना के स्मारक में दिख रहे सोवियत सैनिकों को यूक्रेनी झंडे के रंग में रंग दिया.
तस्वीर: Nikolay Doychinov/AFP/Getty Images
नियाग्रा फॉल्स, कनाडा-अमेरिका बॉर्डर
यूक्रेन के समर्थन में नियाग्रा फॉल्स को भी यूक्रेनी झंडे के रंग में रंग दिया गया. यहां अमेरिकन फॉल्स और ब्राइड वेल फॉल्स रंगे दिखे.
तस्वीर: Nick Iwanyshyn/REUTERS
ओटावा, कनाडा
ओटावा, ओंटेरियो में पार्लियामेंट हिल पर पीस टावर को यूक्रेन के राष्ट्रीय झंडे के रंग में रंगा दिया गया.
तस्वीर: Justin Tang/The Canadian Press/AP/picture alliance
ब्रांडेनबुर्ग गेट, बर्लिन
बर्लिन, जर्मनी का ब्रांडेनबुर्ग गेट भी यूक्रेनी झंडे के रंग में रंगा गया. यहां दूसरे शहरों में भी यूक्रेन के समर्थन में प्रदर्शन हुए. बर्लिन में रविवार हुई एक रैली में करीब 1 लाख लोग मौजूद रहे.
तस्वीर: Michele Tantussi/REUTERS
10 डाउनिंग स्ट्रीट, लंदन
लंदन, ब्रिटेन में ही प्रधानमंत्री निवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट यूक्रेनी झंडे के रंग नीले और पीले में रंगा दिखा. बोरिस जॉनसन कह चुके हैं कि वे यूक्रेन में हो रही जघन्य गतिविधियों से चकित हैं.
तस्वीर: Jeff J Mitchell/Getty Images
ट्रफालगार स्क्वैयर, लंदन
सेंट्रल लंदन के ट्रफालगार स्क्वैयर में नेल्सन्स कॉलम भी यूक्रेनी झंडे के रंग में रंगा दिखा. यहां यूक्रेन के समर्थन में तख्तियां लेकर प्रदर्शन भी हुए.
तस्वीर: Tolga Akmen/AFP/Getty Images
म्यूनिख, जर्मनी
म्यूनिख, जर्मनी में आलियांस अरीना भी नीले और पीले रंगों में रंगा दिखा. (तस्वीर: एफसी बायर्न)
तस्वीर: FC Bayern
लंदन स्टेडियन, ब्रिटेन
लंदन स्टेडियन, ब्रिटेन भी एक फुटबॉल मैच से पहले यूक्रेनी झंडे के साथ खिलाड़ी आंद्रेयी यारमोलेंको के समर्थन की अपील में रंगा दिखा. इस पर यूक्रेन के प्रति शांति और सद्भावना की अपील भी की गई थी.
तस्वीर: Paul Harding/Getty Images
तेल अवीव, इस्राएल
इस्राएल की राजधानी तेल अवीव में भी रूसी हमले के खिलाफ यूक्रेन के कई मीटर लंबे झंडे के साथ प्रदर्शन किया गया.
तस्वीर: Ronen Zvulun/REUTERS
ओस्लो, नॉर्वे
नॉर्वे की राजधानी में लोगों ने एक लंबी रैली निकाली. लोग एक लंबा सा यूक्रेनी झंडा पकड़े हुए थे.
तस्वीर: Beate Oma Dahle/NTB/AP/picture alliance
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शून्य पर लौटे रहमानी
40 साल के रहमानी कहते हैं कि उन्होंने अफगानिस्तान में नाटो के लिए काबुल एयरपोर्ट पर 18 साल तक काम किया. अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की निकासी से चार महीने पहले रहमानी ने देश छोड़ने का फैसला किया था, क्योंकि उन्हें धमकियां मिल रही थीं और वह इतना डर गए कि उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया था.
रहमानी कहते हैं, "इससे पहले अफगानिस्तान में मेरा जीवन अच्छा था. मेरा अपना घर था, मेरे पास कार थी, अच्छी तनख्वाह थी." वह आगे बताते हैं, "मैंने अपनी कार, अपना घर, अपना सब कुछ बेच दिया. मैंने सब कुछ खो दिया है."
रहमानी ने कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान छोड़ने के लिए वीजा पाने के लिए बहुत संघर्ष किया और यूक्रेन जाने का फैसला इसलिए किया क्योंकि यह एकमात्र देश था जो उन्हें दाखिल होने देता.
रहमानी परिवार ने ओडेसा शहर में अपना आशियाना बसाया था. लेकिन उन्हें क्या पता था एक दिन रूस हमला कर देगा. रूसी हमले के बाद उन्हें दोबारा घर छोड़कर 1,110 दूर सीमा पर जाना पड़ा.
पोलैंड में एक चैरिटी के साथ काम करने वाले वकील टोमाश पेयच्राक ने बताया कि रहमानी और उनके परिवार जैसे हजारों लोग जो बिना वीजा पोलैंड पहुंचे हैं, ऐसे लोगों के पास खुद को रजिस्टर कराने के लिए 15 दिनों का समय है. पेयच्राक का कहना है कि पोलैंड को तत्काल इस नियम को बदलना पड़ेगा. यूएन: रूसी हमले के बाद एक सप्तााह के भीतर 10 लाख लोग देश से भागे
रहमानी कहते हैं कि वह भविष्य के बारे में चिंतित हैं लेकिन सीमा पार कर पोलैंड पहुंचने वाले शरणार्थियों की सहायता करने वाले स्वयंसेवकों और अधिकारियों द्वारा गर्मजोशी से स्वागत से वे प्रोत्साहित हुए हैं.
एए/वीके (एएफपी)
रूस से बाहर निकलने की होड़ मची है कंपनियों में
रूस पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का नतीजा सबसे पहले कंपनियों पर दिखा है. दर्जनों दिग्गज कंपनियों ने रूस से कारोबार समेटना शुरू कर दिया है. इनमें कार से लेकर ऊर्जा, तकनीक, खेल, डाक और फिल्म से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं.
तस्वीर: Sergi Reboredo/picture alliance
डायमलर ट्रक
ट्रक बनाने वाली कंपनी डायमलर ने तत्काल प्रभाव से रूस में अपना कारोबार बंद करने की घोषणा की है. इसमें रूसी ट्रक बनाने वाली कंपनी कमाज के साथ सहयोग भी शामिल है. डायमलर की पेरेंट कंपनी मर्सिडीज का कहना है कि वह कमाज में अपनी 15 फीसदी हिस्सेदारी को जितनी जल्दी हो सके बेचना चाहती है.
तस्वीर: Daimler AG
वॉल्वो कार
स्वीडन की कार कंपनी वॉल्वो का कहना है कि वह रुसी बाजार में अपनी कारें भेजना अगली सूचना जारी किए जाने तक रोक रही है. 2021 में वॉल्वो कंपनी ने रूसी बाजार में कुल 9,000 कारें बेची है.
तस्वीर: DW
जनरल मोटर्स
जनरल मोटर्स ने भी रूस को अगली सूचना तक गाड़ियों की सप्लाई रोकने का एलान किया है. अमेरिका के डेट्रॉयट की इस कंपनी का रूस में कोई प्लांट नहीं है. हर साल यह कंपनी रूस में लगभग 3,000 कारें बेचती है.
तस्वीर: Beata Zawrzel/NurPhoto/picture alliance
मित्सुबीशी
जापान की मित्सुबिशी मोटर्स भी रूस में कारों का उत्पादन और बिक्री बंद कर सकती है. कंपनी को डर है कि आर्थिक प्रतिबंधों के कारण कंपनी के सप्लाई चेन में बाधा आ सकती है.
तस्वीर: AP
रेनॉ
फ्रांस की कार कंपनी रेनॉ रूस के कार असेंबली प्लांट में कुछ गतिविधियां बंद करने जा रही है. इसके पीछे मुख्य तौर पर लॉजिस्टिक दिक्कतों को वजह बताया जा रहा है. रेनॉ पश्चिमी देशों की उन कंपनियों में है जिस पर प्रतिबंधों का बहुत ज्यादा असर होने की आशंका है. कंपनी की 8 फीसदी कमाई रूस से होती है और रूस की सबसे बड़ी कार कंपनी अवटोवाज का नियंत्रण भी रेनॉ के पास है.
तस्वीर: Anton Raharjo/AA/picture alliance
हार्ले डेविडसन
मोटरसाइकिल बनाने वाली अमेरिकी कंपनी हार्ले डेविडसन ने रूस में अपना कारोबार बंद कर दिया है. कंपनी अपनी मोटरबाइकों की अगली खेप भी रूस नहीं भेज रही है.
तस्वीर: Egon Bömsch/imageBROKER/picture alliance
फोर्ड मोटर्स
फोर्ड मोटर्स ने रूसी कंपनी के सोलर्स के साथ अपने संयुक्त उपक्रम को बंद करने का फैसला किया है. कंपनी ने रूस में अपना सारा कामकाज अगली सूचना तक बंद करने का एलान किया है. फोर्ड पहली अंतरराष्ट्रीय कार कंपनी है जिसने रूस में अपनी असेंबली लाइन शुरू की थी.
तस्वीर: picture-alliance/DPPI
जगुआर लैंड रोवर
ब्रिटेन की लग्जरी कार कंपनी जगुआर लैंड रोवर ने रूस में कार भेजना तत्काल प्रभाव से रोक दिया है. इस कंपनी का नियंत्रण भारत की टाटा मोटर्स के पास है.
तस्वीर: Velar Grant/ZUMAPRESS/picture alliance
एस्टन मार्टिन
ब्रिटेन की एक और लग्जरी कार कंपनी एस्टन मार्टिन ने भी रूस के लिए कारों की सप्लाई बंद कर दी है. कंपनी के कुल कामकाज का महज एक फीसदी से भी कम बाजार रूस और यूक्रेन में है.
तस्वीर: Darin Schnabel/dpa/picture alliance
बीएमडब्ल्यू
जर्मन ऑटो कंपनी बीएमडब्ल्यू ने भी रूस में अपनी कारें भेजने से इनकार कर दिया है. कंपनी रूस में मौजूद अपने प्लांट से उत्पादन भी बंद कर रही है.
तस्वीर: Joe Buglewicz/AP/dpa/picture alliance
बोइंग
विमान बनाने वाली अमेरिकी कंपनी बोइंग ने कहा है कि वह रूसी एयरलाइनों को नए विमानों की डिलीवरी, लीजिंग के साथ ही पार्ट्स, मेंटेनेंस और टेक्निकल सपोर्ट बंद कर रही है. कंपनी ने कीव में अपना दफ्तर भी फिलहाल बंद कर दिया है.
दुनिया में लीज पर विमान देने वाली सबसे बड़ी कंपनी एअरकैप होल्डिंग ने रूसी एयरलाइनों के लिए लीजिंग की सभी गतिविधियां बंद करने एलान किया है. रूस की एयरलाइनों के आधे से ज्यादा विमान लीज पर लिए गए हैं. 2021 में एयरकैप होल्डिंग के 5 फीसदी विमान रुस में लीज पर थे.
तस्वीर: Regis Duvignau/REUTERS
एचएसबीसी
अंतरराष्ट्रीय बैंक एचएसबीसी ने कहा है कि वह रूसी बैंकों के साथ अपना कारोबारी रिश्ता खत्म कर रही है. रूस के दूसरे सबसे बड़े बैंक वीटीबी समेत कई और बैंक एचएसबीसी के साथ साझेदारी में हैं. हालांकि कंपनी के महज 200 कर्मचारी ही रूस में हैं और 50 अरब डॉलर का कारोबार करने वाली कंपनी में रूस की हिस्सेदारी महज 1.5 करोड़ डॉलर है.
तस्वीर: Lang Xinchen/HPIC/dpa/picture alliance
ब्रिटिश पेट्रोलियम
ब्रिटिश पेट्रोलियम ने रूसी तेल कंपनी रोजनेफ्ट में अपनी 19.75 फीसदी हिस्सेदारी को खत्म करने का फैसला किया है.
तस्वीर: Andre M. Chang/Zuma/picture alliance
शेल
अमेरिकी पेट्रोलियम कंपनी शेल ने रूस के कारोबार से बाहर निकलने का एलान किया है. इसमें सखालिन 2 एलएनजी प्लांट भी शामिल है. इसमें शेल की 27.5 फीसदी की हिस्सेदारी है जबकि रूसी कंपनी गाजप्रोम इसके संचालन और मालिकाना हक में 50 फीसदी की हिस्सेदार है.
तस्वीर: Ben Stansall/AFP
इक्विनॉर
नॉर्वे की ऊर्जा कंपनी इक्विनॉर भी रूस के संयुक्त उपक्रमों से बाहर निकल रही है. यह कंपनी रूस में 30 से ज्यादा सालों से मौजूद है और 2012 में इसने रोजनेफ्ट के साथ व्यापक साझीदारी की शुरूआत की थी. तस्नवीर में इक्विनॉर का फ्लोटिंग विंड फार्म दिख रहा है जो अपनी तरह का पहला विंड फार्म है.
तस्वीर: Michal Wachucik/Abermedia
ओर्सटेड
डेनमार्क की ओर्सटेड कंपनी ने रूस के बिजली घरों के लिए कोयला और बायोमास की सप्लाई बंद करने का एलान किया है. हालांकि कंपनी गाजप्रोम से हर साल दो अरब क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस खरीदना जारी रखेगी. गैस की खरीदारी के लिए कंपनियों के बीच लंबे समय का करार है. तस्वीर में दिख रहे विंड फार्म का संचालन ओर्स्टेड कंपनी करती है.
तस्वीर: Phil Noble/REUTERS
एक्सॉन मोबिल
एक्सॉन मोबिल ने रूस के तेल और गैस सेक्टर में अपना कामकाज बंद करने का एलान किया है. इस समय इस कंपनी की रूसी बाजार में 4 अरब डॉलर कीमत बताई जा रही है. कंपनी रूस में अब नया निवेश नहीं करेगी.
तस्वीर: Kathleen Flynn/REUTERS
ईएनआई
इटली की ऊर्जा कंपनी ईएनआई ने ब्लू स्ट्रीम पाइपलाइन में अपनी हिस्सेदारी बेचने जा रही है. यह पाइपलाइन रूसी गैस को तुर्की तक पहुंचाने के लिए बनाई गई है और इसमें रूसी कंपनी गाजप्रोम की भी हिस्सेदारी है. 2020 में ईएनआई ने रूस से लगभग 22.5 अरब क्यूबिक मीटर गैस खरीदा.
तस्वीर: David Niviere/abaca/picture alliance
ओएमवी
ऑस्ट्रिया की ऊर्जा कंपनियों के समूह ओएमवी ने गाजप्रोम के गैस फील्ट प्रोजेक्ट में हिस्सेदारी खरीदने की योजना रद्द कर दी है और नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन में अपनी भूमिका पर फिर से विचार कर रही है. यह पाइपलाइन बाल्टिक सागर से रूसी गैस जर्मनी तक लाने के लिए बनाई गई और इसकी सप्लाई शुरू करने से जर्मनी ने पहले ही इनकार कर दिया है.
तस्वीर: Helmut Fohringer/Apa/picture alliance
हॉलीवुड
हॉलीवुड की डिज्नी, वॉर्नर ब्रदर्स और सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट ने कहा है कि वे अपनी आने वाली फिल्मों को रूस के थिएटरों में नहीं दिखाएगे.
यूपीएस, फेडेक्स, डीएचएल
दुनिया में माल ढुलाई की दो सबसे बड़ी कंपनियां यूपीएस और फेडेक्स ने कहा है कि वे रूस और यूक्रेन में माल की डिलीवरी रोक रहे हैं. जर्मन डाक कंपनी डॉएचे पोस्ट ने कहा है कि डीएचएल रूस में डाक और पार्सल की डिलीवरी बंद कर रहा है.
तस्वीर: Jochen Tack/picture alliance
कुएह्ने उंड नागेल
स्विटजरलैंड की माल ढुलाई कंपनी कुएह्ने उंड नागेल ने तत्काल प्रभाव से रूस में माल की ढुलाई अनिश्चित काल के लिए बंद कर दी है. इसमें मेडिकल, हेल्थकेयर और मानवीय सहायता की चीजों को शामिल नहीं किया गया है.
तस्वीर: Jan Woitas/dpa/picture alliance
एप्पल
टेक कंपनी एप्पल ने रूस के बाजार में अपने सारे सामानों की बिक्री रोकने का फैसला किया है. कंपनी यूक्रेन के आम लोगों की मदद के लिए अपने मैप में भी बदलाव कर रही है.
तस्वीर: Sergi Reboredo/picture alliance
गूगल
अल्फाबेट की कंपनी गूगल का कहना है कि वह रूसी ब्रॉडकास्टर आरटी और स्पुतनिक से जुड़े मोबाइल ऐप को ब्लॉक कर रही है. कंपनी ने रूस की सरकारी मीडिया कंपनियों को पहले ही समाचार से जुड़ी सेवाओं से हटा दिया है.
तस्वीर: Andre M. Chang/ZUMA Press Wire/dpa/picture alliance
माइक्रोसॉफ्ट
माइक्रोसॉफ्ट ने रूस की सरकारी मीडिया कंपनी आरटी के ऐप को विंडोज ऐप स्टोर से हटा दिया है और सरकारी मीडिया कंपनियों के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया है.
तस्वीर: Pavlo Gonchar/ZUMA Wire/imago images
नोकिया
फिनलैंड की कंपनी नोकिया ने प्रतिबंधों को लागू करते हुए रूस में सप्लाई बंद करने का एलान किया है. कंपनी रूस के एमटीएस, विंपलकॉम, मेगाफोन और टेली2 को सामान की सप्लाई करती है.
तस्वीर: Arne Dedert/dpa/picture alliance
एडीडास
खेल के कपड़े और जूते बनाने वाली प्रमुख कंपनी एडीडास ने रूस के फुटबॉल संघ के साथ अपनी साझेदारी तुरंत प्रभाव से खत्म कर दी है.
तस्वीर: Kevin Frayer/Getty Images
नाइकी
नाइकी ने वेबसाइट और ऐप के जरिए होने वाले अपने सामानों की खरीदारी रूस में बंद कर दी है क्योंकि रूस में यह डिलीवरी की जिम्मेदारी फिलहाल नहीं ले सकती है.