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अंटार्कटिक सागर में सर्दियों के बर्फ में रिकॉर्ड तोड़ कमी

२६ सितम्बर २०२३

अमेरिका के सेटेलाइट से मिली नई जानकारी के मुताबिक अंटार्कटिक में रिकॉर्ड तोड़ तरीके से बर्फ कम हुई है. दक्षिणी गोलार्ध में सर्दियां आ गई हैं और उसके लिहाज से अंटार्कटिक में बर्फ अपने सबसे निचले स्तर पर है.

अंटार्कटिक में घटती बर्फ में पेंगुइन
अंटार्कटिक में घटती बर्फ में पेंगुइनतस्वीर: Natacha Pisarenko/AP Photo/picture alliance

एनएसआईडीसी के मुताबिक अंटार्कटिक सागर में इस साल 10 सितंबर तक केवल 1.696 करोड़ वर्ग किलोमीटर तक ही बर्फ जमी. सर्दी के दौरान यही वह समय होता है जब बर्फ अपने सर्वाधिक स्तर पर पहुंचती है. इसका मतलब है कि इस साल अब बर्फ की यही सबसे अधिक मात्रा होगी.

इसी तरह धरती के दूसरे छोर यानी उत्तरी गोलार्ध में जहां गर्मियों का मौसम है वहां आर्कटिक सागर में पिघलती बर्फ42.3 लाख वर्ग किलोमीटर तक के निचले स्तर तक चली गई है. 45 साल से बर्फ की मात्रा का रिकॉर्ड रखा जा रहा है और यह अब तक की छठी सबसे निचली मात्रा है.

मौसम के साथ घटती बढ़ती बर्फ

ध्रुवीय क्षेत्रों के आसपास समुद्री बर्फ मौसम के साथ बढ़ती और पिघलती है. अंटार्कटिका में, समुद्री बर्फ आमतौर पर फरवरी के आसपास दक्षिणी गोलार्ध की गर्मियों के अंत में अपने न्यूनतम कवरेज तक पहुंचती है. सर्दियों के अंत में यानि मध्य से सितंबर के अंत तक, वह अपनी अधिकतम सीमा तक पहुंच जाता है.  इस फरवरी में, वैज्ञानिकों ने बताया कि गर्मियों के अंत में अंटार्कटिका में तैरती समुद्री बर्फ अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई और सर्दियों के दौरान समुद्री बर्फ की वृद्धि धीमी बनी रही.

एनएसआईडीसी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "1979 से 2023 के बीच बर्फ की सर्वाधिक मात्रा का यह सबसे निचला स्तर है और फर्क काफी ज्यादा है." सोमवार को जारी एनएसआईडीसी की घोषणा में कहा गया, "चिंता है कि यह अंटार्कटिका समुद्री बर्फ में गिरावट की बुरी प्रवृत्ति की शुरुआत हो सकती है.” उनका कहना है कि यह इसलिए हो रहा है क्योंकि, "महासागर विश्व स्तर पर गर्म हो रहे हैं, और दक्षिणी महासागर की ध्रुवीय परत में गर्म पानी का मिलना जारी है".

अंटार्कटिक सागर कम हो रही है बर्फतस्वीर: Sebnem Coskun/AA/picture alliance

2016 से कम हो रही है बर्फ

ध्रुवीय क्षेत्रों के आसपास समुद्री बर्फ ध्रुवीय बर्फ की चादरों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. कम समुद्री बर्फ का मतलब है कि कम सूरज की रोशनी अंतरिक्ष में वापस परावर्तित होगी, जिससे पानी अधिक गर्म हो जाएगा और आसपास की बर्फ और ग्लेशियर अस्थिर हो जाएंगे. कम समुद्री बर्फ के कारण तटीय रेखाएं भी अधिक उजागर होती हैं, जिससे एक बफर हट जाता है. यह बर्फ की चादरों को पिघलने से बचाने में मदद कर सकता है.

एनएसआईडीसी ने कहा, "अगस्त 2016 के बाद से, अंटार्कटिक समुद्री बर्फ की मात्रा में लगभग सभी महीनों में भारी गिरावट आई है." केवल सात वर्षों में, अंटार्कटिका ने कम समुद्री बर्फ वाली गर्मियों के तीन रिकॉर्ड तोड़े हैं. 13 सितंबर को प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया कि यह रिकॉर्ड संकेत देते हैं कि "अंटार्कटिक समुद्री बर्फ कवरेज को नियंत्रित करने वाली अंदरूनी प्रक्रियाएं बदल गई हैं."

समुद्र में एक व्हेलतस्वीर: Ann Inger Johansson/ZUMAPRESS/picture alliance

अंटार्कटिका में बढ़ रहे हैं पौधे

अंटार्कटिका में दो पौधे हैं जो पहले की तुलना में बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. निकोलेटा कैनन द्वारा करंट बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, विशेषकर इससे काफ़ी परेशान हैं क्योंकि यह जलवायु परिवर्तन के घटक संकेत हैं.  अंटार्कटिका पूरे वर्ष अत्यधिक ठंडा रहता है. यहां कोई पौधा नहीं है जो वहां जीवित रहता है। सिर्फ कुछ विशेष पौधे हैं जो इस कठोर वातावरण में उग पाते हैं लेकिन अब वह तेजी से बढ़ रहे हैं.
 

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