भारत समेत कई देश कोरोना से जंग के बीच कई ऐप के इस्तेमाल की सलाह दे रहे हैं, ताकि कोरोना संदिग्धों और मामलों की जानकारी इकट्ठा की जा सके.
विज्ञापन
भारत में सरकार लोगों से आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने की अपील कर रही है. इस ऐप का मकसद इस बात की जानकारी देना है कि आप जाने अनजाने में किसी कोरोना वायरस संक्रमित शख्स के संपर्क में आए या नहीं. केंद्र सरकार ने सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य कर दिया है. हालांकि इस मुद्दे पर देश में बहस छिड़ी हुई है. लोग इसे निजता के हनन भी से जोड़ देखकर रहे हैं वहीं विपक्ष इसे सर्विलांस का एक तरीका करार दे रहा है. वहीं दूसरी ओर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि जमीन पर काम करने के पुराने तरीके की जगह कॉन्टैक्ट ट्रैसिंग ऐप और अन्य तकनीक नहीं ले सकती हैं. कई देशों ने कोरोना वायरस की रोकथाम को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया था, जहां 4 मई से पाबंदियों में ढील देनी शुरू कर दी गई है.
डब्ल्यूएचओ के इमर्जेंसी हेड माइक रायन के मुताबिक, "हम इस बात पर जोर देना चाहेंगे कि आईटी टूल्स सार्वजनिक स्वास्थ्य कर्मचारियों की जगह नहीं ले सकते हैं, जिनकी जरूरत ट्रेस, जांच, आइसोलेट और क्वारंटीन करने में पड़ती है." कई देशों में लॉकडाउन को लेकर पाबंदियों में ढील दी जा रही है ताकि देश की अर्थव्यवसथा को गति दी जा सके और ऐसे में कॉन्टैक्ट ट्रैसिंग ऐप बड़ी भूमिका निभाता है. कॉन्टैक्ट ट्रैसिंग ऐप की मदद से नए मामलों की पहचान हो सकती है और क्लस्टर बनने से रोका जा सकता है.
दूसरी ओर डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एधानोम घेब्रेयसस ने दुनिया से एकजुट होकर कोरोना वायरस को हराने का आग्राह किया है. उन्होंने कहा, "यह वायरस हमारे साथ लंबे समय तक रहने वाला है और हमें साथ आकर ऐसे उपाय विकसित और साझा करने चाहिए जिससे इसे हराया जा सके." उन्होंने आगे कहा, "हम राष्ट्रीय एकता और वैश्विक एकजुटता के जरिए जीत हासिल करेंगे." उन्होंने कोरोना वायरस महामारी को लेकर वैश्विक नेताओं द्वारा 8 अरब डॉलर मदद की घोषणा की सराहना की है. 4 मई को यूरोपीय नेताओं ने कोरोना वायरस की वैक्सीन और इलाज के लिए एक ऑनलाइन फंडरेजिंग अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान के जरिए करीब 8 अरब डॉलर जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस अभियान की शुरुआत यूरोपीय आयोग ने 1 अरब यूरो देने की घोषणा के साथ की.
डब्ल्यूएचओ इस सप्ताह संशोधित रणनीतिक तैयारी और प्रतिक्रिया योजना लॉन्च करेगा. इसके जरिए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर इस वायरस से लड़ने में फंड की जरूरत के बारे में भी बताएगा.
कोरोना महामारी के कारण लंबी तालाबंदी के बाद दुनियाभर के कई देश धीरे-धीरे पाबंदियों में ढील दे रहे हैं. कई देशों में लंबी तालाबंदी के बाद जिंदगी सामान्य हो रही है. कई देशों में लॉकडाउन खत्म होने से लोग काम पर लौट रहे हैं.
तस्वीर: DW/R. Sharma
इटली
9 हफ्ते बाद लोगों को तालाबंदी में थोड़ी ढील मिली है. देश के नागरिकों को बाहर घूमने और रिश्तेदारों के यहां जाने की इजाजत है. 40 लाख लोग निर्माण कार्य और फैक्ट्रियां में काम पर लौट गए हैं. हालांकि आइसक्रीम पार्लर और बार अभी खोलने की इजाजत नहीं है. लोगों के लिए मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य है.
तस्वीर: Reuters/R. Casilli
जर्मनी
जर्मनी भी हालात सामान्य करने में जुट गया है. देश के कुछ स्कूल और व्यापारिक केंद्र 4 मई से खुल गए हैं. नाई की दुकानें करीब दो महीने बाद खुल गई हैं. सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सख्त पाबंदी लगाई थी. रविवार को लोग नदी किनारे टहलते नजर आए.
तस्वीर: DW/R. Sharma
स्पेन
स्पेन ने भी लॉकडाउन में ढील दे दी है. यहां सोमवार 4 मई से पब्लिक ट्रांसपोर्ट में फेस मास्क अनिवार्य कर दिया गया है. 48 दिनों के लॉकडाउन के बाद शनिवार को लोग घरों से बाहर निकले और कसरत की. स्पेन के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 18 मार्च के बाद पहली बार देश में कोविड-19 से सबसे कम मौत हुई है.
तस्वीर: Reuters/J. Medina
हंगरी
स्लोवेनिया, पोलैंड और हंगरी में सार्वजनिक स्थलों और व्यवसायों को आंशिक रूप से दोबारा खोलने की इजाजत दी गई है. हंगरी में सोशल डिस्टेंसिंग और फेस मास्क अनिवार्य है. लेकिन कई पाबंदियां 4 मई से हटा ली गई हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Kisbenedek
भारत
भारत में लॉकडाउन का तीसरा चरण 4 मई से लागू हो गया है. सरकार ने कुछ गतिविधियों को शुरू करने की इजाजत दी है और कुछ गतिविधियां अब भी बंद हैं. देश की राजधानी दिल्ली में सरकारी और निजी दफ्तर खुल गए हैं. निजी दफ्तरों में 33 फीसदी अधिकतम कर्मचारी होंगे.
तस्वीर: Deepalaya
ईरान
ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने बीते दिनों ऐलान कर दिया था कि 4 मई से देश के बड़े हिस्सों में मस्जिदें दोबारा खोल दी जाएंगी. ईरान में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है.
तस्वीर: IBNA
मलेशिया
मलेशिया में कई व्यापारिक केंद्र खुल गए हैं. मलेशिया सरकार ने कोरोना वायरस के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ बिजनेस केंद्रों का खोलने का फैसला किया है. हालांकि इस कदम के बाद से सार्वजनिक रुख बंट गया है. लोगों का कहना है कि इस तरह से बिजनेस केंद्र खोलने से वायरस तेजी से फैल सकता है.
तस्वीर: Reuters/Lim Huey Teng
वियतनाम
वियतनाम में 4 मई को छात्र तीन महीने बाद स्कूल लौटे. स्कूल आने पर उनके शरीर का तापमान मापा गया और फिर उसके बाद उन्हें स्कूल में दाखिल होने दिया गया. एक छात्र ने कहा, "मुझे बहुत खुशी हो रही है. घर पर रहना बहुत उबाऊ है."
तस्वीर: picture-alliance/dpa/H. Dinh
दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में भी लोग घरों से बाहर निकले और बाजार और रेस्तरां में जाकर मन पसंद काम किया. हालांकि लोग एहतियात बरतने के लिए मास्क पहनना और अन्य जरूरी सावधानी बरत रहे हैं.