पुरातत्वविदों ने यूरोप के सबसे पुराना गांव की खोज की है. ओहरिड झील के पास मिला यह गांव आज से 8000 साल पहले अस्तित्व में था. अभी इससे जुड़े बहुत सारे रहस्य खुलने बाकी हैं लेकिन रिसर्चर गांव को बेशकीमती खजाना बता रहे हैं.
विज्ञापन
अल्बानिया में ओहरिड झील के पास खुदाई में एक गांव खोजा गया है, जो यूरोप में अब तक मिला सबसे पुराना गांव माना जा रहा है. गांव के चारों ओर नुकीली संरचना वाली एक बाड़ हुआ करती थी. वैज्ञानिक अब इस गांव से जुड़े कई रहस्यों को सुलझाने में लगे हुए हैं.
वैज्ञानिकों का कहना है कि करीब 8000 साल पहले अल्बानिया में ओहरिड झील के तट पर कभी मचानों पर बने घरों की श्रृंखला हुआ करती थी. यानी यह अब तक यूरोप में मिला, झील किनारे बसावटों वाला सबसे पुराना गांव है. इस जगह की रेडियोकार्बन डेटिंग के मुताबिक यह 6000 से 5800 ईसापूर्व पहले यहां था.
माना जा रहा है कि यहां पर 200 से 500 लोग रहा करते थे. इन लोगों के घर झील के पानी के ऊपर मचानों पर या ऐसे इलाकों में मचानों पर बने हुए थे, जो झील में बाढ़ आने पर डूब जाते थे.
धीरे-धीरे इस गांव के निवासियों के बारे में और भी रहस्य खुल रहे हैं. हाल ही में सबूतों के आधार पर पुरातत्वविदों ने पाया कि गांव के चारों ओर एक दुर्ग जैसी संरचना थी. इसके लिए हजारों भाले जैसी चीज की बाड़ लगाई गई थी. माना जा रहा है ऐसा सुरक्षा के लिहाज से किया गया था. हाफनर का कहना है कि इतनी बड़ी बाड़ लगाने के लिए उन्हें एक पूरा जंगल काटना पड़ा होगा. लेकिन निवासियों ने ऐसा क्यों किया होगा, इसका सटीक जवाब अब भी पुरातत्वविदों के पास नहीं है.
पश्चिम बंगाल में हैं सबसे ज्यादा तालाब, जलाशय
जल शक्ति मंत्रालय के पहले वॉटरबॉडी सेन्सस में पाया गया कि देश में पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा तालाब और जलाशय हैं. देश में 24 लाख से ज्यादा जलस्रोत हैं लेकिन इनमें से शहरी इलाकों में तीन प्रतिशत से भी कम हैं.
तस्वीर: Sanjay Kanojia/AFP
24 लाख जलस्रोत
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा कराई गई पहली जलस्रोत गणना या वॉटरबॉडी सेन्सस में पाया गया कि देश में कुल 24,24,540 जलस्रोत हैं. इनमें से अधिकांश (97.1 प्रतिशत) ग्रामीण इलाकों में हैं और सिर्फ 2.9 प्रतिशत शहरी इलाकों में हैं.
तस्वीर: PRABHAKAR/DW
मानव-निर्मित जलस्रोत ज्यादा
गणना में प्राकृतिक हों या मानव-निर्मित, सभी तरह के तालाबों, जलाशयों, झीलों आदि को शामिल किया गया है. 78 प्रतिशत (18,90,463) जलस्रोत मानव-निर्मित हैं और सिर्फ 22 प्रतिशत प्राकृतिक हैं.
तस्वीर: Tanika Godbole/DW
निजी या सार्वजनिक
आधे से ज्यादा जलस्रोत (55.2 प्रतिशत) निजी संस्थानों के अधीन हैं और 44.8 प्रतिशत सार्वजनिक संपत्ति हैं. सार्वजनिक जलस्रोतों में सबसे ज्यादा पर पंचायतों का स्वामित्व है और उसके बाद राज्य सरकार का. निजी जलस्रोतों में सबसे ज्यादा पर मालिकाना हक अकेले व्यक्ति/किसान का है और उसके बाद संगठनों और दूसरी निजी संस्थाओं का.
तस्वीर: Payel Samanta/DW
आधे से ज्यादा जलस्रोत तालाब
गणना के मुताबिक आधे से ज्यादा (59.5 प्रतिशत) जलस्रोत तालाब हैं. इनके अलावा 15.7 प्रतिशत टैंक हैं, 12.1 प्रतिशत जलाशय हैं, 9.3 प्रतिशत जल संरक्षण योजनाओं के तहत बने जलस्रोत/परकोलेशन टैंक/चेक डैम, 0.9 प्रतिशत, झीलें और 2.5 प्रतिशत अन्य तरह के जलस्रोत हैं.
तस्वीर: Pratik Chorge/Hindustan Times/IMAGO
सात राज्यों में एक लाख से ज्यादा जलस्रोत
सात राज्यों में एक लाख से ज्यादा जलस्रोत पाए गए हैं. इनमें पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, असम, झारखंड और तमिलनाडु शामिल हैं. सूची में नीचे की तरफ चार राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, जिनमें से हरेक में 1,000 से कम जलस्रोत हैं. इनमें सिक्किम, चंडीगढ़, दिल्ली और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं.
तस्वीर: Rafiq Maqbool/AP/picture alliance
पश्चिम बंगाल सबसे आगे
कुल 7,47,480 जलस्रोतों के साथ पश्चिम बंगाल सभी राज्यों से मीलों आगे है. तुलना के लिए उत्तर प्रदेश को देख सकते हैं जो दूसरे ही नंबर पर है लेकिन बंगाल से कहीं ज्यादा क्षेत्रफल होने के बावजूद वहां जलस्रोतों की संख्या सिर्फ 2,45,087 है. कुल 3.55 लाख जलस्रोतों के साथ पश्चिम बंगाल का दक्षिण 24 परगना जिला देश में सबसे ज्यादा जलस्रोतों वाला जिला है.
तस्वीर: Anushree Fadnavis/REUTERS
कहीं ज्यादा तालाब तो कहीं टैंक
तालाबों के मामले में पश्चिम बंगाल सबसे आगे है तो आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा टैंक हैं. तमिलनाडु में सबसे ज्यादा झीलें हैं तो महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा जल संरक्षण योजनाएं हैं.
तस्वीर: Manjunath Kiran/AFP
जलस्रोतों का अतिक्रमण
सभी जलस्रोतों में से 1.6 प्रतिशत पर अतिक्रमण पाया गया. इनमें से 95.4 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में हैं.
तस्वीर: Payel Samanta/DW
8 तस्वीरें1 | 8
रिसर्च के लिए बेशकीमती खजाना
रिसर्चर अनुमान लगाते हैं कि इसके लिए झील के तल में कम से कम ऐसे 1 लाख भाले गाड़े गए होंगे. हाफनर इसे रिसर्च के लिए बेशकीमती खजाना बताते हैं. बर्न की स्विट्जरलैंड यूनिवर्सिटी में पुरातत्वविज्ञान के प्रोफेसर अल्बर्ट हाफनर कहते हैं, भूमध्य सागर और आल्प्स वाले इलाके में झील किनारे रहीं जिन बसावटों की हमें जानकारी है, यह उनके मुकाबले कई सौ साल पुरानी है. उन्होंने कहा, हमारी जानकारी में यह यूरोप में सबसे पुरानी है.
इस विशाल झील में घटा पानी, लोग-किसान परेशान
03:44
दुनिया की सबसे पुरानी झीलों में से एक
इसके अलावा इलाके में मिली सबसे पुरानी बस्तियों में इटली के आल्प्स इलाके में नवपाषाण युग का एक गांव है, जो ईसा से 5000 साल पहले हुआ करता था. इस खोज को अंजाम देने वाली टीम में हाफनर के साथ उनके स्विट्जरलैंड और अल्बानिया के पुरातत्वविद भी शामिल थे. उन्होंने इस गांव की खुदाई में चार साल का समय लगाया. इसके लिए वह ओहरिड झील के पास लिन नाम की जगह पर खुदाई कर रहे थे. यह जगह उत्तरी मेसेडोनिया और अल्बानिया की सीमा पर है. ओहरिड झील भी दुनिया की सबसे पुरानी झीलों में से एक है और यह धरती पर करीब दस लाख सालों से है.