क्या 2024 ड्रैगन ईयर में चीन में ज्यादा बच्चे पैदा होंगे?
विवेक कुमार
१४ फ़रवरी २०२४
बीते शनिवार चीनी नए साल की शुरुआत हुई है. चीनी ज्योतिष विज्ञान के मुताबिक यह ड्रैगन का साल है, जिसे बहुत शुभ माना जाता है. इस साल में चीन को बड़ी संख्या में बच्चों के जन्म की उम्मीद है.
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जनसंख्या घटने के संकट से जूझ रहे चीन को 2024 से बड़ी उम्मीदें हैं. बीते शनिवार शुरू हुआ नया साल ड्रैगन का साल है जिसे चीनी लोग बहुत शुभ मानते हैं और चाहते हैं कि उनका बच्चा इस साल में पैदा हो ताकि वह ‘भाग्यवान' बने. इसलिए ड्रैगन के साल में पैदा होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ जाती है. अगर ऐसा होता है तो यह चीन के लिए भी राहत की बात होगी जो लगातार दो साल से आबादी घटने से परेशान है.
ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर पॉलिसी स्ट्डीज में काम करने वालीं सीनियर रिसर्च फेलो शीजियान पेंग कहती हैं कि चीन को साल 2024 से बड़ी उम्मीदें हैं कि इस साल जन्म दर में वृद्धि होगी.
अलग अलग नाम लिए कई संस्कृतियों में मिलता है ड्रैगन
ड्रैगन जैसे पौराणिक जीव का जिक्र अलग अलग नामों से दुनिया के कई कोनों में है. जानिए किस संस्कृति में किस रूप में मौजूद है ड्रैगन.
तस्वीर: CFOTO/picture alliance
मेसोपोटामिया में तियामत
मेसोपोटामिया की एक दंतकथा के मुताबिक बेबीलोन के एक देवता मार्डुक (तस्वीर में दाईं तरफ) ने अपनी ड्रैगन मां तियामत (बाईं तरफ) को मार दिया था. तियामत समुद्र की देवी भी थी और मार्डुक ने उसे तब मारा जब उसने किसी वजह से बारिश को रोककर मानव जाती को पानी से वंचित कर दिया था.
तस्वीर: CPA Media Co. Ltd/picture alliance
मिस्र में आपेप
मिस्र की पौराणिक कहानियों में आपेप (यूनानी भाषा में अपोफिस) केऑस (अव्यवस्था) के देवता हैं जो व्यवस्था के देवता मात के दुश्मन हैं. आपेप देवताओं के राजा सूर्यदेव रा के तो परम दुश्मन हैं. आपेप को एक विशालकाय सांप के रूप में दिखाया गया है. उनका जिक्र मिडिल किंगडम काल के बाद से बची हुए कई किताबों में मिलता है (करीब 2000-1650 ईसा पूर्व के आसपास).
तस्वीर: CPA Media Co. Ltd/picture alliance
मेसोअमेरिका में केत्जालकोआत
केत्जालकोआत यानी "परों वाला सांप" प्राचीन मेसोअमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से थे. वो दुनिया और इंसानों के सृजनकर्ता होने के अलावा हवा और बारिश के देवता थे. उन्हें आधी चिड़िया और आधे रैटलस्नेक सांप के रूप में दिखाया जाता है. उनका नाम नॉवाट्ल भाषा के दो शब्दों केत्जाल (एक चिड़िया) और कोआत (सांप) का मिश्रण है. यह मेक्सिको में माया सभ्यता के शहर चिचेन इज्जा में बना उनका एक फ्रेस्को चित्र है.
तस्वीर: Band Photo/Photoshot/Picture-Alliance
लाओस में नाग
लाओस के लोग 2,000 से भी ज्यादा सालों से नाग या 'नाक' की पूजा करते हैं. कलाकृतियां हों, शिल्प हो या त्योहार हों, वो हर जगह नजर आते हैं. कहा जाता है कि उन्होंने जीववाद और बौद्ध मान्यताओं के बीच एक पुल का काम किया और देश को एकजुट किया. 2021 में लाओस ने स्थानीय बुनाई के उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले नाग के रूपांकन को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिनिधि सूची के लिए मनोनीत किया था.
तस्वीर: Peter Schickert/picture alliance
चीन में लॉन्ग
यूरोप के दुष्ट ड्रैगन से विपरीत चीन का ड्रैगन "लॉन्ग" मूल रूप से बारिश का देवता था. माना जाता था कि वह नदियों, तालाबों और महासागरों में रहता है और आसमानों में भी घूमता है. चीन में छह ईसा पूर्व तक से ऐसे नृत्य होते आए हैं जिनमें बारिश की प्रार्थना की जाती थी और ड्रैगन के चित्रों को एनिमेट किया जाता था. आज भी लूनर नए साल में सौभाग्य पाने के लिए ड्रैगन नृत्य किए जाते हैं.
तस्वीर: picture alliance/CFOTO
भूटान में ड्रूक
भूटान को देश की अपनी भाषा जोंगखा में "थंडर ड्रैगन का देश" कहा जाता है. माना जाता था कि पहाड़ों और वादियों में गूंजने वाली तूफान की ध्वनि ड्रैगनों की आवाजें थीं. देश के झंडे में भी ड्रैगन का डिजाइन है, जिसने अपने पंजों में रत्न पकड़े हुए हैं. ये रत्न राष्ट्रीय सम्पन्नता उत्कृष्टता के सूचक हैं.
तस्वीर: Valerio Rosati/Zoonar/picture alliance
इंडोनेशिया में नाग
दक्षिण पूर्वी एशिया में हिंदू धर्म के प्रसार की वजह से भारतीय-मलय मान्यताओं का भी जन्म हुआ. संस्कृत से लिया शब्द "नाग" आज भी इंडोनेशियाई और मलय भाषा में ड्रैगन के लिए इस्तेमाल होता है. ड्रैगनों को दैविक और परोपकारी माना जाता है और अक्सर उन्हें पवित्र पहाड़ों, जंगलों या समुद्र के कुछ हिस्सों से जोड़ कर देखा जाता है. यह बाली में उबुद के पवित्र वानर वन के अंदर स्थित एक ड्रैगन की मूर्ती है.
तस्वीर: Konstantin Kalishko/Zoonar/picture alliance
स्लोवेनिया में माज
यूबियाना ड्रैगन यूबियाना शहर के राज्य चिन्ह का हिस्सा है. यह ताकत, हिम्मत और बल का प्रतीक है. इसे ड्रैगन पुल पर और राज्य चिन्ह पर बने किले के टावर की चोटी पर दिखाया गया है. हो सकता है कि यूबियाना ड्रैगन की शुरुआत जेसन और आर्गोनॉट्स की दंतकथा से हुई हो.
तस्वीर: BRUNO SILVA/Zoonar/picture alliance
कोमोडो द्वीप का 'ड्रैगन'
कोमोडो ड्रैगन का नाम आईयूसीएन के लुप्तप्राय जीवों की लाल सूची में दर्ज है. कोमोडो द्वीप के निवासी इसे "ओरा" ("जमीन का मगरमच्छ") कहते हैं. 1900 के शुरूआती दशकों में पश्चिम के लोगों ने इंडोनेशिया के लेसर सुंडा द्वीपों पर रहने वाली इन विशाल ड्रैगन-जैसी छिपकलियों के बारे में सुना और तब इन्हें कोमोडो "ड्रैगन" नाम मिला. वैज्ञानिक रूप से यह मॉनिटर लिजार्ड के परिवार वरानिडे का हिस्सा है. (ब्रेंडा हास)
वह लिखती हैं, "2024 चीनी ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ड्रैगन का साल है, जो सौभाग्य का प्रतीक है. हो सकता है कि कुछ परिवारों ने 2023 में बच्चा पैदा करना टाल दिया हो क्योंकि 2023 खरगोश का साल था, जो कम भाग्यशाली माना जाता है. कम से कम एक अध्ययन में यह बात सामने आई थी.”
क्या है सच?
2024 से पहले 2012, 2000 और 1988 ड्रैगन के साल थे. 2023 की पहली तीन तिमाहियों में देश में शादियों की संख्या 2022 की इसी अवधि की तुलना में 4.5 फीसदी बढ़ गई थी. एक अनुमान है कि 2023 में शादियों की संख्या 70 लाख रही जो 2022 के 68 लाख से ज्यादा है.
इसके पीछे एक वजह ड्रैगन के साल में बच्चे पैदा करने को भी माना जाता है लेकिन ड्रैगन ईयर में ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं या नहीं, इस बात को लेकर विशेषज्ञों के बीच मतभेद है. देश के सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि ड्रैगन ईयर में ज्यादा बच्चे पैदा होना मात्र एक भ्रम है. 1988 और 2000 में पैदा होने वाले बच्चों की संख्या उनके पिछले सालों के मुकाबले 4 फीसदी कम रही थी.
सिर्फ एक बार, 2012 में ऐसा हुआ कि ड्रैगन में जन्मे बच्चों की संख्या पिछले साल के मुकाबले बढ़ गई. उस साल एक करोड़ 45 लाख बच्चे पैदा हुए, जो 1999 के बाद सबसे बड़ी संख्या थी.
क्या है ड्रैगन ईयर का भ्रम
2020 में अर्थशास्त्रियों प्रोफेसर नाची एच मोकन और हान यू ने एक शोध पत्र प्रकाशित किया था जिसमें उन्होंने ड्रैगन ईयर में पैदा हुए बच्चों की शारीरिक और मानसिक क्षमताओं का विश्लेषण किया. शोध करते वक्त उनका अनुमान था कि अगर किसी साल में ज्यादा बच्चे पैदा हुए हैं तो भीड़ बढ़ने का असर उनके शैक्षिक स्तर पर पड़ा होगा. साथ ही नौकरियों पर भी असर पड़ने की आशंका थी क्योंकि ज्यादा संख्या में युवा एक साथ बाजार में उतर रहे थे.
लेकिन मोकन और यू ने पाया कि ड्रैगन ईयर में पैदा हुए बच्चों के टेस्ट स्कोर दूसरों की तुलना में ज्यादा थे. ड्रैगन ईयर में जो लड़कियां पैदा हुईं उनका कद भी औसतन ज्यादा लंबा था. दोनों अर्थशास्त्रियों ने इसका वैज्ञानिक कारण भी दिया. उन्होंने कहा कि जो बच्चे ड्रैगन ईयर में पैदा होते हैं, उनके माता-पिता उन पर ज्यादा धन और समय खर्च करते हैं ताकि वे ‘शुभ साल में पैदा होने के भाग्य‘ को पाने में चूकें नहीं.
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चीन को उम्मीद
विशेषज्ञ कहते हैं कि ड्रैगन ईयर को लेकर लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ है और चीन को फिलवक्त इस उत्साह की जरूरत है. चीन में इस वक्त जन्म दर दुनिया में सबसे कम देशों में से है. 1991 से 2017 के बीच यह 1.66 के आसपास ही बनी रही.
तब देश में एक बच्चे की नीति लागू थी. पर 2020 में इसमें बड़ी गिरावट आई और जन्म दर 1.66 पर आ गई. 2022 में यह और गिरी और 1.08 पर रही. अब यह और कम हो चुकी है. आबादी जितनी है उतनी बने रहे, इसके लिए आमतौर पर माना जाता है कि जन्म दर 2.1 होनी चाहिए.
लूनर न्यू ईयर का जश्न, जब 15 दिनों तक सब लाल हो जाता है
अंग्रेजी कैलेंडर का नया साल वह छतरी है, जिसके नीचे तकरीबन पूरी दुनिया आ जाती है. पर कुछ देश लूनर कैलेंडर के हिसाब से नया साल मनाते हैं. आइए, इसके बारे में और जानते हैं.
तस्वीर: Andy Wong/AP/picture alliance
नए साल का जश्न
अमेरिका में रहने वाले कई एशियाई समुदाय 10 फरवरी को लूनर न्यू इयर का जश्न मनाने की तैयारी कर रहे हैं. इसी क्रम में सामुदायिक मेले आयोजित किए जा रहे हैं. परिवार इकट्ठे होकर जश्न मना रहे हैं. परेड आयोजित की जा रही हैं और पारंपरिक पकवानों के जायके लिए जा रहे हैं. दिन ढलने पर पटाखे तो आसमान में करतब दिखाएंगे ही.
तस्वीर: Andy Wong/AP/picture alliance
क्या होता है लूनर न्यू इयर
कैलेंडर कई तरह के होते हैं. जैसे सोलर कैलेंडर, लूनर कैलेंडर और लूनीसोलर कैलेंडर इत्यादि. तो चंद्रमा आधारित कैलेंडर यानी लूनर कैलेंडर मानने वाले देश कैलेंडर के पहले कृष्ण पक्ष में नया साल मनाते हैं. यह जश्न साल के पहले नए चांद से शुरू होकर पूर्णिमा तक चलता है. अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से इसकी तारीखें बदलती रहती है, पर मोटे तौर पर यह जनवरी के आखिर में या फरवरी की शुरुआत में आता है.
तस्वीर: Roslan Rahman/AFP
कौन से देश मनाते हैं जश्न
पूर्वी एशिया के कई देश लूनर कैलेंडर के हिसाब से नया साल मनाते हैं. चीन में इसे 'स्प्रिंग फेस्टिवल' कहते हैं. वियतनाम में 'टेट' कहते हैं और कोरिया में 'सियोलाल' कहते हैं. अलग-अलग देशों में नया साल मनाने की परंपराएं भी भिन्न होती हैं. चीन में हर साल 12 राशियों से जुड़े जानवरों के आधार पर एक जानवर का सम्मान किया जाता है. इसी तर्ज पर चीन इस साल 'इयर ऑफ द ड्रैगन' भी मना रहा है.
तस्वीर: Pedro Pardo/AFP
राशिचक्र के जानवर
चीन के राशिचक्र में दर्ज 12 जानवर हैं: चूहा, बैल, बाघ, खरगोश, ड्रैगन, सांप, घोड़ा, बकड़ी, बंदर, मुर्गा, कुत्ता और सुअर. चीनी किंवदंती है कि एक देवता ने धरती से प्रस्थान करने से पहले सभी जानवरों को उन्हें विदाई देने बुलाया, लेकिन सिर्फ यही 12 जानवर पहुंचे थे. वियतनाम के राशिचक्र में खरगोश की जगह बिल्ली और बैल की जगह भैंस है.
तस्वीर: Yasuyoshi Chiba/AFP
लोगों की मान्यताएं
लूनर न्यू इयर लंबे समय से दुर्भाग्य दूर करने और अच्छी और समृद्धि का स्वागत करने के लिए मनाया जाता रहा है. इस मौके पर लाल रंग खूब देखने को मिलता है, जो कई एशियाई संस्कृतियों में सौभाग्य और खुशी का प्रतीक है. कहीं लोग लाल रंग के कपड़े पहनते हैं, कहीं लाल रंग के कागज से बने ड्रैगन दरवाजे पर टांगते हैं. इस मौके पर लाल मोमबत्तियां और लालटेन भी जलाई जाती हैं.
तस्वीर: Andy Wong/AP/picture alliance
पकवानों के बिना कैसा जश्न
हर संस्कृति में कुछ खास पकवान हैं, जो लूनर न्यू इयर पर पकाए जाते हैं. इनमें डंपलिंग्स से लेकर राइस केक, स्प्रिंग रोल और फिश ऐंड मीट शामिल है. चीन में 'लॉन्ग लाइफ नूडल्स' खाए जाते हैं, ताकि लोग लंबा और सेहतमंद जीवन जिएं. वियतनाम में बान चुंग और बान टेट नाम का पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं. कोरिया में सूप जैसा दिखने वाला टेओकगुक बनाया जाता है.
तस्वीर: Louise Delmotte/AP/picture alliance
कुछ और परंपराएं
वियतनाम में इस मौके पर लोग पारंपरिक व्यंजन बनाकर घर की देहरी पर रखते हैं. यह उनका अपने पूर्वजों को सम्मान देने का तरीका है. कुछ जगहों पर मूलनिवासी भी लूनर न्यू इयर मनाते हैं. इनमें मेक्सिको का पुरेपेचा मूलनिवासी समुदाय भी शामिल है.
तस्वीर: Chinatopix/AP/picture alliance
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सबसे कम जन्म दर दक्षिण कोरिया में है जहां प्रति महिला 0.72 बच्चे पैदा हो रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया में जन्म दर 1.6 है जबकि भारत में 2022 हर हजार लोगों पर 1.7 बच्चे पैदा हुए.
चीन उम्मीद तो कर रहा है कि ड्रैगन ईयर के सहारे ही शायद उसकी जन्म दर सुधर जाए लेकिन विशेषज्ञों को इसकी संभावना ज्यादा नहीं दिखाई देती है. जिन देशों में जन्म दर गिरी है, वहां अब तक बदलाव नहीं देखा गया है.
2022 में जापान में जन्म दर 1.26 थी. सिंगापुर में 1.04, ताइवान में 0.87, हांग कांग में 0.8 और दक्षिण कोरिया में 0.78 थी. इन देशों की सरकारों ने भी जन्म दर सुधारने के लिए कई तरह के नीतिगत बदलाव किए हैं लेकिन उनका नतीजा अब तक सामने नहीं आया है.