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क्या 2024 ड्रैगन ईयर में चीन में ज्यादा बच्चे पैदा होंगे?

विवेक कुमार
१४ फ़रवरी २०२४

बीते शनिवार चीनी नए साल की शुरुआत हुई है. चीनी ज्योतिष विज्ञान के मुताबिक यह ड्रैगन का साल है, जिसे बहुत शुभ माना जाता है. इस साल में चीन को बड़ी संख्या में बच्चों के जन्म की उम्मीद है.

चीन का नव वर्ष
2024 चीन का ड्रैगन ईयर हैतस्वीर: Kevin Frayer/Getty Images

जनसंख्या घटने के संकट से जूझ रहे चीन को 2024 से बड़ी उम्मीदें हैं. बीते शनिवार शुरू हुआ नया साल ड्रैगन का साल है जिसे चीनी लोग बहुत शुभ मानते हैं और चाहते हैं कि उनका बच्चा इस साल में पैदा हो ताकि वह ‘भाग्यवान' बने. इसलिए ड्रैगन के साल में पैदा होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ जाती है. अगर ऐसा होता है तो यह चीन के लिए भी राहत की बात होगी जो लगातार दो साल से आबादी घटने से परेशान है.

ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर पॉलिसी स्ट्डीज में काम करने वालीं सीनियर रिसर्च फेलो शीजियान पेंग कहती हैं कि चीन को साल 2024 से बड़ी उम्मीदें हैं कि इस साल जन्म दर में वृद्धि होगी.

वह लिखती हैं, "2024 चीनी ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ड्रैगन का साल है, जो सौभाग्य का प्रतीक है. हो सकता है कि कुछ परिवारों ने 2023 में बच्चा पैदा करना टाल दिया हो क्योंकि 2023 खरगोश का साल था, जो कम भाग्यशाली माना जाता है. कम से कम एक अध्ययन में यह बात सामने आई थी.”

क्या है सच?

2024 से पहले 2012, 2000 और 1988 ड्रैगन के साल थे. 2023 की पहली तीन तिमाहियों में देश में शादियों की संख्या 2022 की इसी अवधि की तुलना में 4.5 फीसदी बढ़ गई थी. एक अनुमान है कि 2023 में शादियों की संख्या 70 लाख रही जो 2022 के 68 लाख से ज्यादा है.

इसके पीछे एक वजह ड्रैगन के साल में बच्चे पैदा करने को भी माना जाता है लेकिन ड्रैगन ईयर में ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं या नहीं, इस बात को लेकर विशेषज्ञों के बीच मतभेद है. देश के सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि ड्रैगन ईयर में ज्यादा बच्चे पैदा होना मात्र एक भ्रम है. 1988 और 2000 में पैदा होने वाले बच्चों की संख्या उनके पिछले सालों के मुकाबले 4 फीसदी कम रही थी.

सिर्फ एक बार, 2012 में ऐसा हुआ कि ड्रैगन में जन्मे बच्चों की संख्या पिछले साल के मुकाबले बढ़ गई. उस साल एक करोड़ 45 लाख बच्चे पैदा हुए, जो 1999 के बाद सबसे बड़ी संख्या थी.

क्या है ड्रैगन ईयर का भ्रम

2020 में अर्थशास्त्रियों प्रोफेसर नाची एच मोकन और हान यू ने एक शोध पत्र प्रकाशित किया था जिसमें उन्होंने ड्रैगन ईयर में पैदा हुए बच्चों की शारीरिक और मानसिक क्षमताओं का विश्लेषण किया. शोध करते वक्त उनका अनुमान था कि अगर किसी साल में ज्यादा बच्चे पैदा हुए हैं तो भीड़ बढ़ने का असर उनके शैक्षिक स्तर पर पड़ा होगा. साथ ही नौकरियों पर भी असर पड़ने की आशंका थी क्योंकि ज्यादा संख्या में युवा एक साथ बाजार में उतर रहे थे.

लेकिन मोकन और यू ने पाया कि ड्रैगन ईयर में पैदा हुए बच्चों के टेस्ट स्कोर दूसरों की तुलना में ज्यादा थे. ड्रैगन ईयर में जो लड़कियां पैदा हुईं उनका कद भी औसतन ज्यादा लंबा था. दोनों अर्थशास्त्रियों ने इसका वैज्ञानिक कारण भी दिया. उन्होंने कहा कि जो बच्चे ड्रैगन ईयर में पैदा होते हैं, उनके माता-पिता उन पर ज्यादा धन और समय खर्च करते हैं ताकि वे ‘शुभ साल में पैदा होने के भाग्य‘ को पाने में चूकें नहीं.

चीन को उम्मीद

विशेषज्ञ कहते हैं कि ड्रैगन ईयर को लेकर लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ है और चीन को फिलवक्त इस उत्साह की जरूरत है. चीन में इस वक्त जन्म दर दुनिया में सबसे कम देशों में से है. 1991 से 2017 के बीच यह 1.66 के आसपास ही बनी रही.

तब देश में एक बच्चे की नीति लागू थी. पर 2020 में इसमें बड़ी गिरावट आई और जन्म दर 1.66 पर आ गई. 2022 में यह और गिरी और 1.08 पर रही. अब यह और कम हो चुकी है. आबादी जितनी है उतनी बने रहे, इसके लिए आमतौर पर माना जाता है कि जन्म दर 2.1 होनी चाहिए.

सबसे कम जन्म दर दक्षिण कोरिया में है जहां प्रति महिला 0.72 बच्चे पैदा हो रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया में जन्म दर 1.6 है जबकि भारत में 2022 हर हजार लोगों पर 1.7 बच्चे पैदा हुए.

चीन उम्मीद तो कर रहा है कि ड्रैगन ईयर के सहारे ही शायद उसकी जन्म दर सुधर जाए लेकिन विशेषज्ञों को इसकी संभावना ज्यादा नहीं दिखाई देती है. जिन देशों में जन्म दर गिरी है, वहां अब तक बदलाव नहीं देखा गया है.

2022 में जापान में जन्म दर 1.26 थी. सिंगापुर में 1.04, ताइवान में 0.87, हांग कांग में 0.8 और दक्षिण कोरिया में 0.78 थी. इन देशों की सरकारों ने भी जन्म दर सुधारने के लिए कई तरह के नीतिगत बदलाव किए हैं लेकिन उनका नतीजा अब तक सामने नहीं आया है.

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