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समाजरूस

मॉस्को: शोक और डर का माहौल, पुतिन के दावे पर आम सहमति नहीं

२८ मार्च २०२४

मॉस्को के एक कंसर्ट हॉल पर हुए हमले के बाद रूस में शोक का माहौल है. कई लोग इतने डरे हुए हैं कि मेट्रो में सफर करने से हिचक रहे हैं. पुतिन और सुरक्षा एजेंसियों के यूक्रेन पर लगाए गए आरोपों पर भी लोगों की राय बंटी हुई है.

क्रोकस सिटी हॉल के बाहर फूल और खिलौने रखते लोग. मृतकों में बच्चे भी शामिल हैं.
क्रोकस सिटी हॉल, मॉस्को के पश्चिमी छोर पर है. मृतकों को श्रद्धांजलि देने और शोक मनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं. बीते दो दशकों के दौरान रूस पर हुए इस सबसे जानलेवा हमले के बाद 24 मार्च को राष्ट्रीय शोक मनाया गया. तस्वीर: Vitaly Smolnikov/AP Photo/picture alliance

मॉस्को की सड़कों पर दुख, सदमे और आक्रोश का सैलाब देखा जा रहा है. 22 मार्च की शाम हथियारबंद हमलावरों ने मॉस्को के क्रोकस कंसर्ट हॉल पर हमला किया, लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं और फिर इमारत में आग लगा दी. इस हमले में तीन बच्चों समेत कम-से-कम 137 लोग मारे गए. बीते दो दशकों के दौरान रूस पर हुए इस सबसे जानलेवा हमले के बाद 24 मार्च को राष्ट्रीय शोक मनाया गया.

इस दौरान लोगों ने मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी याद में फूल रखे और चर्च में मोमबत्तियां जलाईं. मॉस्को में क्रेमलिन की इमारत के ऊपर रूस का राष्ट्रीय झंडा शोक में आधा झुका था. पेशे से वकील रुसलाना बरानोव्सकाया ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "मैं अब भी सदमे में हूं. इस त्रासदी ने दिमागी तौर पर मुझे रौंद दिया है."

पुतिन और रूसी सुरक्षा एजेंसी का दावा

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. उसने हमले में शामिल एक बंदूकधारी हमलावर का ग्रैफिक वीडियो भी जारी किया है. राष्ट्रपति पुतिन ने आईएस के दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने दावा किया कि गिरफ्तार किए गए चार संदिग्ध बंदूकधारी यूक्रेन भागने की कोशिश में थे. रूस की सुरक्षा एजेंसी एफएसबी ने आरोप लगाया है कि हमलावरों का सीमा पार से "संपर्क" था.

पिछले हफ्ते क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा था कि रूस "यूक्रेन के साथ युद्ध" लड़ रहा है. उनके शब्दों का चुनाव यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर इस्तेमाल की जा रही आधिकारिक भाषा को ज्यादा तनावपूर्ण स्तर पर ले गया. उन्होंने कहा, "यह एक विशेष सैन्य अभियान के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन जैसे ही वहां यह झुंड बना, जब पश्चिमी ताकतें यूक्रेन की ओर से साझीदार बने, तो यह हमारे लिए एक युद्ध बन गया."

यूक्रेन और अमेरिका दोनों ने हमले में भूमिका के आरोपों को खारिज किया है. वॉशिंगटन में वाइट हाउस ने कहा कि मॉस्को में हुए हमले में यूक्रेन की कोई भूमिका नहीं. वाइट हाउस में नेशनल सिक्यॉरिटी काउंसिल की प्रवक्ता एड्रिअन वॉटसन ने कहा, "इस हमले के लिए अकेला आईएसआईएस जिम्मेदार है. इसमें किसी भी प्रकार से यूक्रेन की संलिप्तता नहीं है."

2004 में मॉस्को से करीब डेढ़ हजार किलोमीटर दूर बेसलान के एक स्कूल में हुए हमले के बाद यह रूस में हुआ सबसे भीषण हमला है.तस्वीर: Alexander Zemlianichenko/AP Photo/picture alliance

यूक्रेन की कथित भूमिका के दावों पर लोगों की राय

हालांकि, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन आरोपों पर कि इस हमले के तार यूक्रेन से जुड़े हैं, लोगों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखी जा रही है. मॉस्को में भी इन दावों पर लोगों की राय बंटी हुई है. 22 साल के वामेग अलिएव मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. उनके माता-पिता मुसलमान हैं और अक्सर उस कंसर्ट हॉल में जाते रहे हैं, जिसपर हमला हुआ. आलिएव कहते हैं, "मुझे यूक्रेन की संलिप्तता वाली बात पर संदेह है."

कई लोग संशय में भी हैं. 52 साल के दुकानदार वेलेरी चेर्नोव कहते हैं, "सिर्फ टीवी पर नहीं, देश के हर कोने में जंग जारी है." चेर्नोव आगे कहते हैं, "यह कहना बहुत मुश्किल है कि इस सबके पीछे कौन है. यकीनन इसके पीछे रूस के दुश्मनों का हाथ है, पुतिन के दुश्मन जो शांति और व्यवस्था को भंग करना चाहते हैं, ताकि लोग शक करने लगें कि क्या सरकार उनकी सुरक्षा कर पा रही है."

2004 में मॉस्को से करीब डेढ़ हजार किलोमीटर दूर बेसलान के एक स्कूल में हुए हमले के बाद यह रूस में हुआ सबसे भीषण हमला है. इस स्कूल में बनाए गए स्मारक पर भी लोग मॉस्को हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.

रूसी अधिकारियों ने बताया कि हमले के बाद अस्पताल में भर्ती घायलों के लिए मॉस्को और आसपास के इलाकों से 5,000 से ज्यादा लोग रक्तदान करने आए. शोक के तौर पर पूरे देश में थिएटर, म्यूजियम और सिनेमाघर बंद रहे. बड़ी संख्या में इमारतों और मेट्रो स्टेशनों पर पर लगे विज्ञापन के बिलबोर्डों की जगह "क्रोकस सिटी हॉल" और "हम शोक मना रहे हैं" के संदेशों ने ले ली है. बड़ी संख्या में लोग कंसर्ट हॉल के बाहर श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच रहे हैं. मॉस्को में रहने वाली अलयोना कहती हैं, "मेरे लिए अभी इसपर कुछ कहना या घटना को याद करना भी मुश्किल हो रहा है. ईमानदारी से कहूं, तो मुझे बुरे सपने आ रहे हैं."

रूसी अधिकारियों ने बताया कि हमले के बाद अस्पताल में भर्ती घायलों के लिए मॉस्को और आसपास के इलाकों से 5,000 से ज्यादा लोग रक्तदान करने आए.तस्वीर: Dmitry Golubovich/Russian Look/IMAGO

माहौल में डर भी है

शोक में डूबे कई लोगों के मन में सवाल भी हैं. वकील रुसलाना बरानोव्सकाया कहती हैं, "अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को चेतावनी दी थी. सवाल यह है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियों को क्यों कुछ नहीं पता था?" बरानोव्सकाया के सवाल का संदर्भ विदेशी दूतावासों द्वारा 7 मार्च को जारी किए गए उस अलर्ट से है, जिसमें उन्होंने अपने नागरिकों को मॉस्को में एक संभावित हमले के लिए आगाह किया था. हमले के तीन ही दिन पहले राष्ट्रपति पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेतावनियों को सार्वजनिक तौर पर खारिज करते हुए इन्हें "रूसी समाज को डराने और अस्थिर" करने की मंशा से किया गया "उकसावा" बताया था.

कई लोग डरे हुए भी हैं. बरानोव्सकाया कहती हैं, "मैं असुरक्षित महसूस कर रही हूं. मुझे लग रहा है कि मैं कहीं जाऊंगी और मारी जाऊंगी. यह डरावना है." मेडिकल छात्र एलिएवा कहते हैं, "हमें सतर्क रहना होगा. अब मेट्रो में सफर करना सही नहीं लग रहा है." भले ही उन्हें हमले से जुड़े क्रेमलिन के दावों पर संदेह है, लेकिन वह कहते हैं कि इस घटना के बाद रूसी समाज एकजुट होगा. वह कहते हैं, "ऐसी घटनाएं हमें बाधाओं से साथ मिलकर उबरने के लिए एकजुट करती हैं."

मोल्डोवा को डर है कि कहीं रूस हमला न कर दें

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आरएम/एसएम (एएफपी)

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