ऐतिहासिक फतेहपुर सीकरी में राजा टोडरमल की बारादरी में उत्खनन के दौरान जमीन में दबी मुगल-कालीन पानी की टंकी और एक फव्वारा मिला है. खुदाई के आगे बढ़ने से कुछ और भी चीजें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ऐतिहासिक फतेहपुर सीकरी में उत्खनन के दौरान 16वीं शताब्दी में बनी पानी की टंकी और उसी में बना एक फव्वारा मिला है. टोडरमल बारादरी के संरक्षण कार्य की खोज के दौरान जब आसपास के क्षेत्र की खुदाई हुई तब इस पानी की टंकी का पता चला. बारादरी या बारा दरिया एक इमारत या मंडप है जिसमें बारह दरवाजे होते हैं ताकि हवा का मुक्त प्रवाह हो सके.
एएसआई के पुरातत्वविद वसंत स्वर्णकार के मुताबिक, "खुदाई के दौरान एक 8.7 मीटर लंबे और 1.1 मीटर गहरे वर्गाकार टैंक की खोज की गई. टंकी का फर्श चूने से प्लास्टर किया गया था. यह उस समय बारादरी के साथ बनाया गया होगा." पुरातत्वविदों का मानना है कि बारादरी के बीचोंबीच फव्वारा रहा होगा, जो गर्मी से बचने के लिए बनाया गया होगा. एएसआई अब क्षेत्र में आगे की खुदाई कर रहा है. एएसआई पिछले तीन महीने से बारादरी में संरक्षण का काम करा रहा है. इस दौरान बारादरी के सामने खाली पड़े भाग में कारीगरों को पुराने निर्माण का आभास हुआ और जब खुदाई हुई तो ऐतिहासिक बरामदगी हुई.
मुगल शहंशाह अकबर के शासनकाल के दौरान राजा टोडरमल मुगल साम्राज्य के वित्त मंत्री थे. वह अकबर के दरबार में 'नवरत्नों' में से एक थे और उन्होंने कराधान की एक नई प्रणाली शुरू की थी. फतेहपुर सीकरी अपनी हवेली, बगीचे, मंडप, अस्तबल और कारवां के लिए जाना जाता था. बारादरी को अभी भी पहचाना जा सकता है.
प्राचीन खजानों की इन खोजों के लिए भी याद रहेगा 2020
कोरोना महामारी अपने साथ कई बाधाएं ले कर आई, लेकिन फिर भी वह पुरातत्वविदों को खोज करने से रोक नहीं सकी. 2020 में सरकोफेगी, संगमरमर की मूर्तियों और सोने के सिक्कों जैसी कई शानदार वस्तुओं की खोज हुई है.
तस्वीर: Khaled Desouki/AFP/Getty Images
सक्कारा
सक्कारा मेम्फिस शहर का कब्रिस्तान (नेक्रोपोलिस) है. मिश्र की राजधानी काहिरा से लगभग 30 किलोमीटर दूर दक्षिण में मौजूद सक्कारा को राजाओं की घाटी और गीजा के पिरामिडों के साथ-साथ मिस्र के सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक जगहों में से एक माना जाता है. यह जगह इस साल भी सुर्खियों में आई जब, सितंबर-अक्टूबर में शोधकर्ताओं ने लकड़ी के सजे-धजे ताबूतों की खोज की.
तस्वीर: Samer Abdallah/dpa/picture alliance
लकड़ी के 12 और ताबूत
नवंबर में रिसर्चरों ने सक्कारा में एक दर्जन से अधिक सरकोफेगी की खोज की. मिस्र के शोधकर्ताओं के मुताबिक भव्य तरीके से सजे लकड़ी के यह ताबूत 2,500 साल से भी ज्यादा पुराने हैं. हर एक ताबूत को बेहद सावधानी से खोला गया ताकी उनके अंदर मौजूद चीजों को बिना नुकसान पहुंचाए उनकी जांच की जा सके.
तस्वीर: Khaled Desouki/AFP/Getty Images
मिस्र का यह विचित्र चट्टान
बॉन विश्वविद्यालय के मिस्र विशषज्ञों ने इस चट्टान पर एक शिलालेख की खोज की. माना जाता है कि यह चट्टान 5,000 वर्ष से अधिक पुराना है. इसकी खोज आसवान के उत्तर-पूर्व में स्थित वादी अबू सुबीरा में हुई है. विशेषज्ञों में मिस्र के प्राचीन समय से जुड़े मामलों के मंत्रालय के एक विशेषज्ञ भी सामिल थे. उनके मुताबिक यह चट्टान वास्तव में शहर का संकेत था. यह ईसा पूर्व चौथी शताब्दी का है.
तस्वीर: Ludwig Morenz
पोम्पेई के खंडहर
रोमन शहर पोम्पेई का पुरातात्विक स्थल हर बार नई खोज से दुनिया को आश्चर्यचकित कर देता है. पोम्पेई नेपल्स के दक्षिण में है. ईसा बाद साल 79 में माउंट वेसुवियस के ऐतिहासिक ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान यह जगह कीचड़, राख और पिघले हुए लावा के नीचे दब गई थी. इस ज्वालामुखी विस्फोट ने कई इंसानों और जानवरों की जान ले ली थी. 18वीं शताब्दी में पुरातत्वविदों इसके अवशेषों को सामने ला पाए.
तस्वीर: picture-alliance/Jens Köhler
पोम्पेइ स्टाइल में फास्ट फूड
क्रिसमस से कुछ ही पहले, पोम्पेइ के पुरातत्वविदों ने साल की सबसे शानदार खोज की. "थर्मोपोलिया" एक खाने का एक प्राचीन स्टॉल है जिसका काउंटर रंग बिरंगा है. ऐसा माना जाता है कि इसकी खाली जगहों में छोटे कंटेनर थे, जो खाने को गर्म रखने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे. बतख, चिकन और दूसरे जानवरों से बने पकवान यहां के निवासियों को बेचे जाते थे.
तस्वीर: Luigi Spina/picture alliance
येरुशलम की दीवार
2020 में कई बिल्कुल नई खोजें भी हुईं. जिस जगह पर आज येरुशलम है वहां एक लंबी खुदाई के बाद एक प्राचीन शहर की दीवार के कुछ हिस्से मिले. यह खोज जर्मन पुरातत्वविद् डीटर फूयगर के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक टीम ने की. माना जाता है कि दीवार के कुछ हिस्से राजा हेरोद और बाइजान्टाइन काल के हैं. इस खोज से इस बात की पुष्टि हुई कि प्राचीन येरुशलम अब तक जितना माना जाता था उसकी तुलना में बहुत छोटा था.
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दूसरी शताब्दी का एक गांव
येरुशलम धार्मिक और राजनीतिक संघर्ष में घिरा है. पुरातात्विक परतों ने शहर के हजारों साल के बहुसांस्कृतिक इतिहास को संग्रहित किया है. 2020 की शुरुआत में येरुशलम में एक गांव के दीवार के अवशेषों की खोज की गई. यह खोज उस समय के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी के बारे में दिलचस्प जानकारी देता है.
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पुराने शहर में नई खोज
एथेंस में नाली बनाने वाले एक मजदूर के पैर प्राचीन मूर्तिकला के विशाल सिर पर पड़ने के कारण लड़खड़ा गए. ग्रीस के संस्कृति मंत्रालय के अनुसार बारीकी से परीक्षण के बाद पता चला कि यह संगमरमर यूनानी देवता, हर्मीस का सिर है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिर तीसरी या चौथी शताब्दी का हो सकता है. एथेंस के पुराने शहर में अकसर प्राचीन कलाकृतियां मिलती रहती हैं.
आज तक हम यह नहीं जान सके कि स्टोनहॅन्ज एक मंदिर था, बली देने की प्राचीन जगह या वेधशाला. 2020 में रिसर्चरों ने पता लगा लिया कि ये खंभे कहां से आए. हाल ही में हुए एक रिसर्च के अनुसार सरसन पत्थर या विशाल बलुआ पत्थर के ब्लॉक, दक्षिणी इंग्लैंड के नजदीकी वेस्ट वुड्स जंगल से आए थे.