इटली की अंतरिक्ष यात्री समांथा क्रिस्टोफोरेटी जैसी एक बार्बी गुड़िया को जीरो ग्रैविटी फ्लाइट पर भेजा गया. लड़कियों को अंतरिक्ष विज्ञान की ओर आकर्षित करने के लिए यह प्रतीकात्मक कदम उठाया गया.
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यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने एक गुड़िया को जीरो ग्रैविटी फ्लाइट की सैर कराई है. 4-10 अक्टूबर तक विश्व अंतरिक्ष सप्ताह मनाया जा रहा है, जिस मौके पर यह विशेष फ्लाइट आयोजित हुई.
अंतरिक्ष की सैर पर गई बार्बी गुड़िया विश्व रिकॉर्ड धारी इतालवी अंतरिक्ष यात्री समांथा क्रिस्टोफोरेटी का रूपांतरण है. इस पूरी कवायद का मकसद बच्चियों और लड़कियों को साइंस, तकनीक, गणित और इंजीनियरिंग जैसे विषय अपनाकर अंतरिक्ष विज्ञान में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना है.
तस्वीरेंः अश्वेत महिला अंतरिक्ष में
अश्वेत महिला अंतरिक्ष यात्री: एक विशिष्ट वर्ग में अल्पसंख्यक
पहली अश्वेत महिला अंतरिक्ष यात्री मे जेमिसन को भी उड़ान का मौका पुरुषों और अश्वेत महिलाओं के 30 सालों बाद मिल पाया था. भारतीय मूल की कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स का नाम भी इस गौरवशाली सूची में शामिल है.
तस्वीर: WAM/AP Photo/picture alliance
अंतरिक्ष में पहली अश्वेत महिला
मे जेमिसन (बाईं तरफ) "सिर्फ" पहली अश्वेत अंतरिक्ष यात्री नहीं हैं. वो अमेरिकी अंतरिक्ष यान की सवारी करने वाली पहली अश्वेत महिला थीं. उन्होंने अंतरिक्ष में पदार्थों और बोन सेल रिसर्च पर प्रयोग भी किए और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेसोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी और रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी में भी काम किया. वो एक गैर लाभकारी एसटीईएम शिक्षण संस्थान चलाती हैं और एक उत्सुक जैज डांसर हैं.
तस्वीर: NASA/Newscom/picture alliance
तीन बार उड़ान भरने वालीं स्टेफनी विल्सन
स्टेफनी विल्सन की एक बहु-प्रतिभावान अंतरिक्ष यात्री हैं. विल्सन एक ऐरोस्पेस इंजीनियर हैं जो पहले गैलिलियो अंतरिक्ष यान पर काम करती थीं. 1996 में नासा ने उन्हें एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुन लिया, लेकिन उन्हें उनका पहला मिशन मिला 2006 में. उसके बाद वो 2007 और 2010 में फिर अंतरिक्ष में गईं. अब वो नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम का हिस्सा हैं, जिसका लक्ष्य है चांद पर पहली महिला को भेजना.
तस्वीर: NASA/Bill Ingalls
जोन हिग्गिनबॉथम ने भी किया 10 साल इंतजार
जोन हिग्गिनबॉथम को भी नासा ने स्टेफनी के साथ ही चुना था और उन्हें भी अपनी पहली उड़ान के लिए 10 साल इन्तजार करना पड़ा. एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के तौर पर उन्होंने स्पेस शटल कोलंबिया और कई दूसरे अभियानों पर काम किया. नौ सालों में वो 53 शटल लॉन्चों का हिस्सा रहीं. जब वो अंतरिक्ष गईं तो वो उस टीम का हिस्सा बनीं जिसने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के निर्माण में मदद की.
तस्वीर: NASA/Yvette Smith
सियैन प्रॉक्टर
सियैन प्रॉक्टर सिर्फ चुनिंदा अश्वेत महिला अंतरिक्ष यात्रियों में से ही नहीं हैं वो धरती की परिक्रमा करने वाले पहले "सिविलियन साइंस" दल का भी हिस्सा थीं. उन्होंने स्पेसएक्स के "इंस्पिरेशन4" के साथ सितंबर 2021 में उड़ान भरी. उन लोगों को 'सिविलियन' कहा जरूर गया लेकिन सब पेशेवर एविएटर और वैज्ञानिक थे. प्रॉक्टर नासा के सोलर सिस्टम एम्बेसडरों में से एक हैं.
तस्वीर: Inspiration4/John Kraus
चीन की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री
पारम्परिक रूप से अंतरिक्ष में हर काम को पहली बार किए जाने का रिकॉर्ड अमेरिका और रूस के पास ही रहा है. लेकिन अब चीन का अंतरिक्ष कार्यक्रम भी काफी तरक्की कर गया है. 2012 में लिउ यांग चीन की पहली सक्रिय महिला अंतरिक्ष यात्री बनीं. एक साल बाद वांग यापिंग भी उनके नक्शेकदम पर गईं और तिआनगोंग-1 अंतरिक्ष स्टेशन से फिजिक्स की एक लाइव क्लास भी ली.
तस्वीर: picture alliance/ZUMAPRESS.com
भारतीय मूल की महिला अंतरिक्ष यात्री
अमेरिका में भारतीय मूल की भी कुछ महिला अंतरिक्ष यात्री हुई हैं, जैसे कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स. चावला पहली बार स्पेस शटल कोलंबिया पर एक रोबोटिक आर्म ऑपरेटर के तौर पर गई थीं. कोलंबिया पर ही 2003 में उनका दूसरा मिशन उनके लिए घातक रहा. पृथ्वी के वायुमंडल में वापस आते समय शटल के टुकड़े टुकड़े हो गए और उस पर सवार दल के सभी लोग मारे गए.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/NASA
कोरिया की एकलौती अंतरिक्ष यात्री
यी सो-येओन दक्षिण कोरिया की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री ही नहीं हैं, बल्कि वो अंतरिक्ष में जाने वाली पहली कोरियन हैं. वो पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं. 2008 में उन्हें आईएसएस जाने के लिए रूस में होने वाले प्रशिक्षण के लिए चुना गया. उन्होंने अंतरिक्ष में नौ दिन बिताए. वापस लौटते समय उनके यान की लैंडिंग अच्छी नहीं रही और उनकी पीठ में चोट आ गई. उन्होंने 2014 में बतौर अंतरिक्ष यात्री इस्तीफा दे दिया.
तस्वीर: EPA/STR/picture-alliance
जापान की दो महिला अंतरिक्ष यात्री
जापान के अंतरिक्ष कार्यक्रम जाक्सा को अमेरिका के नासा, यूरोप के ईएसए और रूस के रॉसकॉसमॉस के साथ बिग फोर का हिस्सा माना जाता है लेकिन उसने आज तक दो ही महिला अंतरिक्ष यात्री दिए हैं. इनमें पहली थीं चियाकि मुकाई (तस्वीर में) जो कोलंबिया और डिस्कवरी स्पेस शटलों पर गई थीं. दूसरी जापानी महिला अंतरिक्ष यात्री नाओको यामाजाकि डिस्कवरी पर गई थीं.
तस्वीर: JAXA/NASA
यूएई: अंतरिक्ष कार्यक्रम में लिंग संतुलन
संयुक्त अरब अमीरात का अंतरिक्ष कार्यक्रम भी काफी तरक्की कर रहा है. उसने अंतरिक्ष यात्रियों का भी एक कार्यक्रम शुरू किया है जिसके लिंग संतुलन से दूसरे देशों को जलन हो सकती है. अप्रैल 2021 में इस कार्यक्रम के लिए नूरा अल-मतरुशी (दाईं तरफ) और मोहम्मद अल-मुल्ला को चुना गया. इनका प्रशिक्षण नासा के साथ होगा.
तस्वीर: WAM/AP Photo/picture alliance
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इस साल विश्व अंतरिक्ष सप्ताह का मकसद अंतरिक्ष में महिलाओं के योगदान को सम्मानित करना है. इसलिए खिलौने बनाने वाली कंपनी मैटल इंक ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और क्रिस्टोफोरेटी के साथ गठजोड़ किया था.
इस गठजोड़ के तहत क्रिस्टोफोरेटी की शक्ल की एक गुड़िया तैयार की गई और उसने वह सब किया जो किसी अंतरिक्ष यात्री को अभियान पर जाने से पहले ट्रेनिंग के लिए करना पड़ता है. जर्मनी स्थित ईएसए बेस पर गुड़िया को जीरो ग्रैविटी का अनुभव कराया गया.
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आदर्श हैं क्रिस्टोफोरेटी
44 वर्षीय क्रिस्टोफोरेटी ने वीडियो के जरिए एक बयान में कहा, "छोटी समांथा गुड़िया एक पैराबोलिक फ्लाइट पर जा चुकी है यानी उसे भारहीनता का कुछ तो अनुभव हो ही चुका है. मुझे उम्मीद है कि यह सब दिखाकर हम छोटी बच्चियों में अंतरिक्ष के प्रति कुछ उत्सुकता पैदा कर सकेंगे. हो सकता है वे तस्वीरें, कुछ लड़कियों के दिलों में एक जुनून पैदा कर दें. और वह अद्भुत होगा.”
क्रिस्टोफोरेटी अंतरिक्ष में जाने वालीं इटली की पहली महिला हैं. इस वक्त अपने अगले अंतरिक्ष अभियान के लिए ईएसए में ट्रेनिंग ले रही हैं. यह अभियान अगले साल अप्रैल से शुरू होगा, जिसके लिए क्रिस्टोफोरेटी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएंगी.
क्रिस्टोफोरेटी ने अंतरिक्ष यात्रा पर 199 दिन और 16 घंटे बिताए थे जो किसी भी यूरोपीय अंतरिक्ष यात्री के लिए एक रिकॉर्ड था. वह जून 2017 में अंतरिक्ष से लौटी थीं. बाद में यह रिकॉर्ड पहले पेगी विट्सन और फिर क्रिस्टीना कोख ने तोड़ा.
देखिए, हबल की बेमिसाल तस्वीरें
हबल दूरबीन की बेमिसाल तस्वीरों की एक झलक
तीस साल से अंतरिक्ष को निहारने वाली हबल दूरबीन के जरिए हमें ब्रह्मांड के सुदूर कोनों की अद्भुत तस्वीरें हासिल होती रही हैं. यहां एक निगाह डालते हैं उस दूरबीन की भेजी चुनिंदा सर्वश्रेष्ठ तस्वीरों पर.
तस्वीर: NASA/ESA/TScI
दुरुस्त हुई कम्प्यूटर की एक गड़बड़ी
नासा की हबल स्पेस दूरबीन 13 जून से 15 जुलाई 2021 तक तस्वीरें नहीं भेज पाई थी. कम्प्यूटर के मेमरी सिस्टम की एक खराबी से टेलिस्कोप का काम अटक गया था. नासा के रिटायर हो चुके जानकारों ने ये खराबी दूर की और दूरबीन को फिर से चालू किया. पिछले तीन दशक से भी ज्यादा समय से हबल, दूरस्थ तारों और आकाशगंगाओं की विहंगम तस्वीरें जुटाती रही है.
तस्वीर: ESA
जहां जन्म लेते हैं सितारे
अपने जीवनकाल में हबल दूरबीन जिन अशांत, अस्थिर नक्षत्रीय नर्सरियों को टटोल पाई थी, ये तस्वीर उसका एक सबसे खूबसूरत नजारा है. इसमें विशाल नेबुला एनजीसी 2014 और उसका पड़ोसी तारा, एनजीसी 2020 देखा जा सकता है. दोनों मिलकर, बड़ी मैजेलैनीय मंदाकिनी में एक विशाल नक्षत्र क्षेत्र का हिस्सा बनाते हैं. करीब 1,63,000 प्रकाश वर्ष दूर ये मंदाकिनी हमारी आकाशगंगा का चक्कर काटती है.
तस्वीर: NASA/ESA/TScI
अंतरिक्ष के पर्दे पर 'स्टार वॉर्स' की तलवार
2015 में ज्यों ही स्टार वॉर्स का नया एपिसोड सिनेमाघरों में आया, हबल ने वहां अंतरिक्ष से भी लाइटसेबर तलवार की तस्वीर उतार ली. यह खगोलीय आकार 1300 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है. यहां एक तारा प्रणाली जन्म लेती है- एक शिशु तारे और कुछ तारों के बीच की धूल से दो कॉस्मिक बौछारें फूटती हैं. दूरबीन ने सांस रोक देने वाली तस्वीरें उतारीं. और भी देखिए...
तस्वीर: NASA/ESA/Hubble
अंतरिक्ष पे निगाहें
1990 से अंतरिक्षी दूरबीनों की रानी, हबल 27 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार और 550 किलोमीटर की ऊंचाई से धरती का चक्कार काटती आ रही है. हबल 11 किलोमीटर लंबी है और इसका वजन है 11 टन. भार और आकार में एक स्कूल बस जितनी.
तस्वीर: NASA/Getty Images
अंतरिक्षीय बुलबुलों को टटोलती तस्वीरें
तारों और ग्रहों की पैदाइश को समझने में, ब्रह्मांड की उम्र का अंदाज़ा लगाने में और डार्क मैटर की प्रकृति को परखने में हबल दूरबीन ने हमारी मदद की है. इस तस्वीर में सुपरनोवा यानी एक बड़े तारे में विस्फोट से बनी गैस का एक विशाल गोला दिख रहा है.
तस्वीर: AP
पल दो-पल में फना होते रंग
अलग अलग तरह की गैसें अलग अलग रंग छोड़ती हैं. लाल रंग वाली होती है सल्फर गैस. हरा है तो हाइड्रोजन और नीला है तो ऑक्सीजन.
हबल की भेजी पहली तस्वीरें तो बरबाद थीं. हालांकि उसकी वजह ये थी कि उसका मुख्य कांच गलत आकार में गढ़ा गया था. 1993 में इंडेवर अंतरिक्षयान कुछ जानकारों को हबल के पास उसकी खराबी दूर करने ले गया. उसे नये चश्मे मुहैया कराए गए. कई वर्षों की सक्रियता में हबल दूरबीन की कुल पांच जांचों में से ये भी एक थी. आखिरी 2009 में हुई थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Nasa
अंतरिक्ष का बालविहार
हबल ने ये अविस्मरणीय तस्वीर दिसंबर 2009 में खींची थी. नीले धब्बे बहुत युवा तारे हैं, कुछ लाख साल पुराने. तारों की ये बगिया विशाल मैजेलैनीय मंदाकिनी में मिली थी. ये मंदाकिनी हमारी आकाशगंगा का उपग्रह है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Nasa
और ये तितली है ना?
अंतरिक्ष में खींची इस तस्वीर के बारे में क्या ख्याल है? कोई ठीक ठीक नहीं जानता कि हबल ने अपने लेंस में आखिर ये क्या उतारा था लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि शॉट में दम नहीं था. ये उन 30,000 तस्वीरों में एक है जो सालों से हबल खींचती आ रही है.
तस्वीर: NASA/ESA/ Hubble Heritage Team
मैक्सिकन टोप- साम्ब्रेरो जैसी एक गैलेक्सी
निहायत ही आला दर्जे की ये तस्वीर- हबल की अन्य बहुत सी तस्वीरों की तरह- बहुत सारे एकल शॉट्स का कम्पोजिशन है- एक मिलीजुली प्रस्तुति. साम्ब्रेरो गैलेक्सी, वर्गो यानी कन्या तारामंडल में स्थित एक उन्मुक्त घुमावदार गैलेक्सी है और धरती से बस दो करोड़ 80 लाख प्रकाश-वर्ष दूर है.
तस्वीर: NASA/ESA/ Hubble Heritage Team
हाड़मांस के हबल
हबल दूरबीन को ये नाम, अमेरिकी खगोलविज्ञानी एडविन पॉवेल हबल (1889-1953) से मिला था. ब्रह्मांड फैल रहा है- ये देखने वाले पहले व्यक्ति वही थे. उनके पर्यवेक्षणों की बदौलत ही आज हम अपनी ये खगोलीय समझ कायम कर पाए हैं कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति महाविस्फोट से हुई थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
अंतरिक्ष में गड़े सृष्टि-स्तंभ
ये स्तंभ सरीखी संरचनाएं ईगल नेबुला में पाई गई हैं. धरती से करीब 7,000 प्रकाश-वर्ष दूर. हबल ने इनका बारीकी से मुआयना किया और दुनिया भर में इन्हें “पिलर्स ऑफ क्रिएशन” यानी सृष्टि-स्तंभ के रूप में मान्यता दिलाई.
तस्वीर: NASA, ESA/Hubble and the Hubble Heritage Team
शुरुआती अड़चनें
हबल की मजबूती लौट आई है, फिर से. अपनी लगातार धंसती कक्षा के चलते, दूरबीन 2024 में धरती के वायुमंडल में दाखिल होगी और भस्म हो जाएगी. लेकिन उसकी वारिस पहले से तैयार हैः नाम है जेम्स वेब. यहां एक थर्मल वैक्यूम चैंबर में उसकी टेस्टिंग चल रही है. उसे इसी साल लॉन्च किया जाएगा. धरती से करीब दस-साढ़े दस लाख किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में उसका ठिकाना होगा.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Nasa/Chris Gunn
अंतरिक्ष में उकेरी एक मुस्कान
ये भी हबल की नायाब नजर का कमाल है- स्पेस स्माइली! किसने उकेरी अंतरिक्ष में ये मुस्कान? सीधी सी बात है- तिरछे होते प्रकाश यानी अपवर्तन ने ये छटा उभारी है.
तस्वीर: PD/NASA/J. Schmidt
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इस पूरे प्रोजेक्ट के तहत बार्बी अपनी वेबसाइट पर अंतरिक्ष के बारे में शिक्षा उपलब्ध करवा रही है. क्रिस्टोफोरेटी की हमशक्ल गुड़िया की बिक्री से जो पैसा आएगा उसे ‘विमिन इन एयरोस्पेस' संस्था को दिया जाएगा जो एक पीचएडी छात्रा की मदद करेगी.
अंतरिक्ष में महिलाएं
पहली बार 1963 में कोई महिला अंतरिक्ष में गई थी जब रूस की वेलेनेटीना व्लादीमिरोवना तेरेशकोवा ने रूस के वोस्तोक अभियान पर 16 जून को उड़ान भरीं. उन्होंने लगभग तीन दिन अंतरिक्ष में बिताए और धरती के 48 चक्कर लगाए. अब तक अंतरिक्ष में किसी एकल अभियान पर जाने वालीं वह एकमात्र महिला हैं.
मिलिए उन चंद लोगों से
स्पेस की सैर करने वाले वे चंद लोग
अंतरिक्ष पर्यटन की शुरुआत को 20 साल पूरे हो गए हैं. लेकिन आज भी यह पर्यटन बस कुछ लोगों के लिए ही उपलब्ध है. देखिए, किस किस ने स्पेस की सैर की है.
तस्वीर: Isaiah J. Downing/REUTERS
पहला अंतरिक्ष पर्यटक
इतालवी मूल के अमेरिकी अरबपति डेनिस टीटो अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले आम नागरिक थे. हालांकि वह कारोबारी बनने से पहले नासा में इंजीनियर रह चुके थे लेकिन दो करोड़ डॉलर खर्च कर जब वह अंतरिक्ष की सैर पर गए तो आम नागरिक ही थे. 28 अप्रैल 2001 को हुई उस यात्रा के बाद लगा था कि अंतरिक्ष पर्यटन बहुत जल्द आम बात हो जाएगी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
मार्क शटलवर्थ
लेकिन 20 साल बाद भी यह क्षेत्र मुख्यत अमीर श्वेत पुरुषों के ही दायरे में है. मसलन इंटरनेट और सॉफ्टवेयर इंजीनियर मार्क शटलवर्थ जो टीटो के एक साल बाद अंतरिक्ष की सैर करके आए, दक्षिण अफ्रीका से हैं.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/M. Grachyev
एक भी अश्वेत नहीं
आज तक एक भी अश्वेत व्यक्ति अंतरिक्ष यात्रा पर नहीं गया है. प्रिटोरिया के एक डीजे मांडला मासेको को एक निजी वेंचर एस अपोलो स्पेस अकैडमी के जरिए स्पेस में जाने का मौका मिला था लेकिन 30 वर्षीय मासेको की यात्रा से पहले एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई.
तस्वीर: Themba Hadebe/AP Photo/picture alliance
ग्रेगरी ओलस्न
आधिकारिक तौर पर तीसरे अंतरिक्ष पर्यटक होने का रुतबा अरबपति वैज्ञानिक ग्रेगरी ओल्सन को हासिल है. उन्होंने अपनी टिकट एक कंपनी स्पेस अडवेंचर से खरीदी थी और रूसी रॉकेट सोयूज से अंतरिक्ष में गए थे. इस टिकट को खरीदने के लिए उन्होंने अपनी कंपनी सेंसर्स अनलिमिटेड बेच दी थी. वह कहते हैं कि वह ऐसा फिर कर सकते हैं.
तस्वीर: Ivan Sekretarev/AP Photo/picture alliance
अनुशे अंसारी
इंजीनियर और एक्सप्राइज फाउंडेशन की संस्थापक अनुशे अंसारी का बचपन का सपना था स्पेस की सैर. 2006 में उन्होंने यह सपना पूरा किया जब वह 11 दिन अंतरिक्ष में बिताकर आईं. ऐसा करने वालीं वह पहली मुस्लिम महिला और पहरी ईरानी भी थीं.
तस्वीर: picture-alliance/Everett Collection
हेलेन शरमन
शरमन 1991 में एक मिशन पर अंतरिक्ष गई थीं. वह ब्रिटेन की पहली अंतरिक्ष यात्री भी थीं. लेकिन उनकी यात्रा को पर्यटन की श्रेणी में रखा जा सकता है क्योंकि यह एक निजी कंपनी का मिशन था. यानी वह वैज्ञानिक पर्यटक थीं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
चार्ल्स सिमोन्यी
दो बार अंतरिक्ष की सैर करने वाले चार्ल्स सिमोन्यी पहले पर्यटक हैं. अरबपति सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने 2007 और 2009 में अंतरिक्ष यात्रा की है. हंगरी के सिमोन्यी को 13 साल की आयु में जूनियर एस्ट्रोनॉट के तौर पर भी चुना गया था.
तस्वीर: Mikhail Metzel/picture-alliance/dpa
रिचर्ड गैरियट
ब्रिटिश-अमेरिकी रिचर्ड गैरियट (बाएं) के पिता ओवन भी एक नासा एस्ट्रोनॉट थे. उनके कई परिजन और पड़ोसी भी अंतरिक्ष यात्रा कर चुके हैं. लेकिन वह खुद एस्ट्रोनॉट बनने के बजाय कंप्यूटर गेम डिवेलपर बन गए. 2018 में उन्होंने अपने खर्चे पर अंतरिक्ष यात्रा की.
तस्वीर: AP
गाई लालीबेर्टे
कनाडा में क्युबेक के रहने वाले गाई मशहूर सर्कस कंपनी ‘सर्कस ऑफ द सन’ से जुड़े हैं. 2009 में उन्होंने अंतरिक्ष यात्रा की थी. उनकी यात्रा के बाद एक दशक तक कोई यात्री स्पेस की सैर पर नहीं गया.
तस्वीर: AP
रिचर्ड ब्रैन्सन
वर्जिन गैलक्टिक ने इसी साल 11 जुलाई को अंतरिक्ष की यात्रा की, वह भी अपने ही बनाए अंतरिक्ष यान में. यह किसी निजी कंपनी द्वारा बनाए गए यान में पर्यटकों की यात्रा का पहला मौका था.
तस्वीर: Andres Leighton/AP Photo/picture alliance
जेफ बेजोस
एमेजॉन के मालिक जेफ बेजोस ने भी अंतरिक्ष की सैर का बचपन का अपना सपना 20 जुलाई 2021 को पूरा किया. उनके साथ तीन और लोग थे. ब्रैन्सन और बेजोस को उम्मीद है कि अंतरिक्ष यात्रा बहुत जल्द आम बात हो जाएगी.
तस्वीर: Isaiah J. Downing/REUTERS
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वैसे तो मनुष्य के अंतरिक्ष में पहुंचने के दो साल के भीतर ही पहली महिला को अंतरिक्ष यात्रा मौका मिल गया लेकिन दूसरी महिला को इसके लिए दो दशक तक इंतजार करना पड़ा. दूसरी महिला भी एक रूसी ही थी जब तत्कालीन सोवियत संघ ने स्वेटलाना सावितिसकाया को 1982 में अंतरिक्ष में भेजा. उसके एक साल बाद अमेरिका की पहली महिला के तौर पर सैली राइड अंतरिक्ष यात्रा पर गई थीं.
तब से अब तक 65 महिलाएं अंतरिक्ष यात्रा कर चुकी हैं. लेकिन पुरुषों के मुकाबले यह संख्या मात्र 10 प्रतिशत है. चांद पर अब तक कोई महिला नहीं जा पाई है. अमेरिका के आर्टेमिस कार्यक्रम के तहत इस लक्ष्य को हासिल करने की तैयारी की जा रही है.