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एनजीओ: ईरान में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शनों में 92 की मौत

३ अक्टूबर २०२२

ईरान मानवाधिकार समूह ने कहा है कि देश में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों में अब तक कम से कम 92 लोग मारे गए हैं. देश की नैतिकता पुलिस द्वारा महसा अमीनी की गिरफ्तारी और उनकी मौत के बाद महिलाएं सड़कों पर उतर आई हैं.

तेहरान में 2 अक्टूबर को छात्रों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई
तेहरान में 2 अक्टूबर को छात्रों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुईतस्वीर: OBTAINED BY REUTERS

ईरान में महसी अमीनी की मौत के बाद से भड़के विरोध प्रदर्शन तीसरे हफ्ते में दाखिल हो गए हैं. ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने रविवार को कहा कि ईरान के "दुश्मन" "अपनी साजिश में विफल" हो गए.

ईरान के सख्त हिजाब कानून का कथित रूप से उल्लंघन करने के आरोप में एक युवा कुर्द महिला महसा अमीनी को नैतिकता पुलिस ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद 22 वर्षीय महसा अमीनी की तेहरान में 13 सितंबर को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने दावा किया कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी, लेकिन अमीनी के परिवार का कहना है कि उसे कभी भी दिल की कोई बीमारी नहीं थी और पुलिस द्वारा कथित दुर्व्यवहार के कारण उसकी मौत हो गई.

फुटबॉल मैदान पर और मैदान के बाहर ईरानी प्रदर्शनकारियों को मिल रहा समर्थन

अमीनी की मौत के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों ने रैलियां निकालीं. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में महिलाओं के लिए समानता की लड़ाई में 90 से अधिक ईरानी अपनी जान गंवा चुके हैं.

ओस्लो स्थित ईरान मानवाधिकार समूह ने अपने सूत्रों के हवाले से कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान से लगती सीमा के पास दक्षिणपूर्व में पिछले शुक्रवार को कम से कम 41 लोग पुलिस के साथ झड़पों में मारे गए.

उसके मुताबिक ये विरोध उस क्षेत्र के एक पुलिस प्रमुख द्वारा बलूच सुन्नी अल्पसंख्यक की एक किशोरी के साथ बलात्कार के आरोपों से शुरू हुआ था.

अमेरिकी पत्रकार का ईरानी राष्ट्रपति के सामने हिजाब पहनने से इनकार

दुनियाभर में ईरानी महिलाओं के साथ एकजुटता रैलियां हो रही हैं -ईरानी महिलाएं 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से ही हिजाब पहनने के लिए बाध्य हैं. देश और देश के बाहर महिलाओं ने विरोध करते हुए अपने हिजाब जलाए या फिर विरोध के रूप में अपने बाल काट डाले. शनिवार को दुनिया के 150 से अधिक शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए.

महसी की मौत पर पेरिस में 2 अक्टूबर को विरोध हुएतस्वीर: Stefano Rellandini/AFP/Getty Images

ईरान में ही प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प ने देशभर के शहरों को लगातार 16 रातों तक हिलाकर रख दिया है. अमीनी के गृह क्षेत्र कुर्दिस्तान के सक्केज शहर में उनकी मौत के बाद हजारों की संख्या में लोग प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर उतर आए थे.

ईरान मानवाधिकार समूह के निदेशक महमूद अमीरी-मोघद्दाम ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ईरानी प्रदर्शनकारियों की हत्या को रोकने के लिए इस्लामी गणतंत्र के खिलाफ तत्काल कदम उठाने का आग्रह करते हुए कहा कि यह "मानवता के खिलाफ अपराध" है.

एए/सीके (एएफपी, रॉयटर्स, एपी)

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