महाराष्ट्र के कुरखेड़ा इलाके में नक्सलियों द्वारा किए गए विस्फोट में कम से कम 15 सी-60 कमांडों और एक पुलिस वाहन चालक की जान गई है. महाराष्ट्र के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने इसकी पुष्टि की है.
विज्ञापन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सली हमले की निंदा की है जिसमें 15 सी-60 कमांडो और एक पुलिस वाहन चालक की जान जाने की खबर है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, "महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हमारे जवानों पर किए गए शर्मनाक हमले की मैं कड़ी निंदा करता हूं. मैं सभी बहादुर कर्मियों को सलाम करता हूं. उनका बलिदान कभी नहीं भुलाया जाएगा. शोक संतप्त परिवारों के साथ हम एकजुट हैं. इस हिंसा के लिए जिम्मेदार अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा."
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की कुरखेड़ा तहसील में बुधवार दोपहर बाद नक्सलियों द्वारा यह हमला किया गया.
आईएएनएस/आईबी
किन लोगों पर है श्रीलंका में हमले का शक?
किन लोगों पर है श्रीलंका में हमले का शक?
श्रीलंका सरकार के मुताबिक उन्हें 'नेशनल तौहीद जमात' नाम के एक कट्टरपंथी संगठन पर ईस्टर हमले को अंजाम देने का शक है. सरकारी प्रवक्ता ने जिस इस्लामी गुट का नाम लिया है, उसके बारे में जानते हैं कुछ बातें.
तस्वीर: Reuters/D. Liyanawatte
जिस पर है हमले का शक
श्रीलंका सरकार के प्रवक्ता रजिथा सेनारत्ने ने बताया कि जांचकर्ताओं के शक की सुई 'नेशनल तौहीद जमात' (एनटीजे) नामक इस्लामी कट्टरपंथी गुट की ओर है. अभी पता लगाया जा रहा है कि क्या उन्हें ईस्टर पर हमले के लिए कोई "विदेशी मदद" मिली थी.
तस्वीर: Reuters/M. Ponir Hossain
कहां से चला योजना का पता
एनटीजे श्रीलंका का एक स्थानीय चरमपंथी गुट है, जिसके बारे में अब तक बहुत ज्यादा पता नहीं था. 11 अप्रैल को पुलिस प्रमुख ने एक चेतावनी जारी करते हुए उसमें लिखा था, कि एक "विदेशी खुफिया एजेंसी" की रिपोर्ट के अनुसार यह गुट चर्चों और भारतीय उच्चायोग पर हमले की योजना बना रहा है.
तस्वीर: Reuters/A. Perawongmetha
पहले भी कीं कुछ वारदातें
इस गुट का नाम इसके पहले तब चर्चा में आया था जब श्रीलंका में ही कुछ बौद्ध मूर्तियों के साथ तोड़ फोड़ की घटना हुई थी. अब जांच चल रही है कि उन्हें विदेशी मदद कहां से मिली, कैसे उन्होंने यहां बम बनाए और कैसे आत्मघाती हमलावर तैयार किए.
तस्वीर: Reuters/D. Liyanawatte
विदेशी हाथ किसका
सोमवार रात से देश में "आतंकवाद रोधी गतिविधियों" से संबंधित ऐसा आपातकाल लागू होगा जिसमें "पुलिस और तीनों सेनाएं (जल, थल और वायु) सार्वजनिक सुरक्षा से संबंधित कार्रवाई" को अंजाम दे पाएंगी. जांच में विदेशी मदद के लिए राष्ट्रपति सिरिसेना कोलंबो में डिप्लोमैट्स से मुलाकात करेंगे.
तस्वीर: Getty Images/L. Wanniarachchi
खूनी अतीत की झलक
देश की सात फीसदी ईसाई आबादी को निशाना बनाने वाले ईस्टर के इस हमले में कम से कम 37 विदेशी पर्यटक भी मारे गए. तमिल विद्रोहियों के साथ करीब तीन दशकों तक जातीय और धार्मिक हिंसा से जूझने वाले श्रीलंका में दस साल पुरानी बुरी यादें ताजा हो गई हैं. तब बम हमले एक आम बात थी.
तस्वीर: Lakruwan Wanniarachchi/AFP/Getty Images
खूफिया संस्थाओं का निशाना
हाल के सालों में देश के सिंहली समुदाय के बौद्ध बहुसंख्यकों और मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बीच झड़पें बढ़ी हैं. ईस्टर हमले के बाद दो प्रमुख मुस्लिम समूहों ने बयान जारी कर हमलों की कड़े शब्दों निंदा की है. लेकिन इस नए इस्लामी चरमपंथी गुट एनटीजे के बारे में और जानकारी पाने की कोशिशें जारी हैं.