जम्मू के पास भारतीय सेना के एक कैंप पर चरमपंथियों के हमले में दो सैनिक मारे गए हैं जबकि तीन अन्य घायल हो गए हैं. यह हमला नगरौता में मंगलवार तड़के किया गया.
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अधिकारियों का कहना है कि हमलावरों की संख्या चार तक हो सकती है. जवाबी कार्रवाई में एक चरमपंथी के मारे जाने की खबर है. एक अधिकारी ने एएफपी को बताया, "तीन से चार चरमपंथी नगरौता के आर्मी मुख्यालय में घुसे और उन्होंने अधिकारियों की मैस की तरफ गोलियां दागनी शुरू कर दीं." नाम न जाहिर करने की शर्त पर अधिकारी ने बताया, "दो अधिकारी मारे गए हैं और चरमपंथियों से मुठभेड़ जारी है."
वहीं रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मनीष मेहता ने बताया कि कार्रवाई अब भी चल रही है लेकिन मरने वालों की संख्या पर उन्होंने कुछ नहीं कहा. उन्होंने पत्रकारों को बताया, "तड़के मुठभेड़ शुरू हुई और आतंकवादी हमारे एक सैन्य परिसर में दाखिल हो गए. स्थिति नियंत्रण में है और जैसे ही ऑपरेशन खत्म हो जाएगा, हम आपको जानकारी देंगे." उन्होंने बताया कि "आतकंवादियों के पास हथियार हैं और इसीलिए गोलीबारी हुई है." अभी तक किसी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. नगरौता जम्मू कश्मीर में सेना के चार कमांड सेंटरों में से एक है जहां एक हजार अधिकारी तैनात रहते हैं.
देखिए कहां कहां उठ रही आजादी की मांग
दुनिया में कहां कहां अलगाववाद
दुनिया में कई जगहों पर अलग देशों को लेकर आंदोलन चल रहे हैं. विभिन्न ऐतिहासिक, राजनीतिक और आर्थिक कारणों से हो रहे ये आंदोलन दुनिया को नए देश दे सकते हैं.
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कश्मीर, भारत
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कैटेलोनिया, स्पेन
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फ्लेमिश रिपब्लिक, बेल्जियम
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वेनेटो, इटली
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स्कॉटलैंड, ब्रिटेन
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अबखासिया, जॉर्जिया
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साउथ ओसेतिया, जॉर्जिया
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ट्रांसनिस्ट्रिया, मोल्डोवा
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न्यू रशिया, यूक्रेन
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वेस्ट पापुआ, इंडोनेशिया
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सोमालीलैंड, सोमालिया
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इससे पहले सितंबर में उड़ी में सेना के कैंप पर हमला हो चुका है जिसमें 18 सैनिक मारे गए थे. इस हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच बेहद तनाव है और आए दिन नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी की खबरें आती रहती हैं. पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने कहा कि भारतीय गोलाबारी में उसके नौ आम लोग मारे गए हैं.
भारत लंबे समय से आरोप लगाता रहा है कि पाकिस्तान ऐसे आतंकवादी गुटों को समर्थन कर रहा है जो भारत में विध्वंसक गतिविधियों में शामिल हैं. पाकिस्तान इन आरोपों से इनकार करता है. पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने कहा था कि वो कश्मीर में सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति से चिंतित हैं और उन्होंने दोनों देशों से शांति के लिए कदम उठाने को कहा है.
एके/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स)
जानिए कश्मीर मुद्दे की पूरी रामकहानी
कश्मीर मुद्दे की पूरी रामकहानी
आजादी के बाद से ही कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक फांस बना हुआ है. कश्मीर के मोर्चे पर कब क्या क्या हुआ, जानिए.
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1947
बंटवारे के बाद पाकिस्तानी कबायली सेना ने कश्मीर पर हमला कर दिया तो कश्मीर के महाराजा ने भारत के साथ विलय की संधि की. इस पर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया.
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1948
भारत ने कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में उठाया. संयुक्त राष्ट्र ने प्रस्ताव 47 पास किया जिसमें पूरे इलाके में जनमत संग्रह कराने की बात कही गई.
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1948
लेकिन प्रस्ताव के मुताबिक पाकिस्तान ने कश्मीर से सैनिक हटाने से इनकार कर दिया. और फिर कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया.
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1951
भारतीय कश्मीर में चुनाव हुए और भारत में विलय का समर्थन किया गया. भारत ने कहा, अब जनमत संग्रह का जरूरत नहीं बची. पर संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तान ने कहा, जनमत संग्रह तो होना चाहिए.
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1953
जनमत संग्रह समर्थक और भारत में विलय को लटका रहे कश्मीर के प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्लाह को गिरफ्तार कर लिया गया. जम्मू कश्मीर की नई सरकार ने भारत में कश्मीर के विलय पर मुहर लगाई.
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1957
भारत के संविधान में जम्मू कश्मीर को भारत के हिस्से के तौर पर परिभाषित किया गया.
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1962-63
चीन ने 1962 की लड़ाई भारत को हराया और अक्साई चिन पर नियंत्रण कर लिया. इसके अगले साल पाकिस्तान ने कश्मीर का ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट वाला हिस्सा चीन को दे दिया.
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1965
कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ. लेकिन आखिर में दोनों देश अपने पुरानी पोजिशन पर लौट गए.
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1971-72
दोनों देशों का फिर युद्ध हुआ. पाकिस्तान हारा और 1972 में शिमला समझौता हुआ. युद्धविराम रेखा को नियंत्रण रेखा बनाया गया और बातचीत से विवाद सुलझाने पर सहमति हुई.
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1984
भारत ने सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण कर लिया, जिसे हासिल करने के लिए पाकिस्तान कई बार कोशिश की. लेकिन कामयाब न हुआ.
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1987
जम्मू कश्मीर में विवादित चुनावों के बाद राज्य में आजादी समर्थक अलगाववादी आंदोलन शुरू हुआ. भारत ने पाकिस्तान पर उग्रवाद भड़काने का आरोप लगाया, जिसे पाकिस्तान ने खारिज किया.
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1990
गवकदल पुल पर भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 100 प्रदर्शनकारियों की मौत. घाटी से लगभग सारे हिंदू चले गए. जम्मू कश्मीर में सेना को विशेष शक्तियां देने वाले अफ्सपा कानून लगा.
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1999
घाटी में 1990 के दशक में हिंसा जारी रही. लेकिन 1999 आते आते भारत और पाकिस्तान फिर लड़ाई को मोर्चे पर डटे थे. कारगिल की लड़ाई.
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2001-2008
भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की कोशिशें पहले संसद पर हमले और और फिर मुबई हमले समेत ऐसी कई हिंसक घटनाओं से नाकाम होती रहीं.
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2010
भारतीय सेना की गोली लगने से एक प्रदर्शनकारी की मौत पर घाटी उबल पड़ी. हफ्तों तक तनाव रहा और कम से कम 100 लोग मारे गए.
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2013
संसद पर हमले के दोषी करार दिए गए अफजल गुरु को फांसी दी गई. इसके बाद भड़के प्रदर्शनों में दो लोग मारे गए. इसी साल भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मिले और तनाव को घटाने की बात हुई.
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2014
प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ गए. लेकिन उसके बाद नई दिल्ली में अलगाववादियों से पाकिस्तानी उच्चायुक्त की मुलाकात पर भारत ने बातचीत टाल दी.
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2016
बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में आजादी के समर्थक फिर सड़कों पर आ गए. अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और गतिरोध जारी है.
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2019
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 46 जवान मारे गए. इस हमले को एक कश्मीरी युवक ने अंजाम दिया. इसके बाद परिस्थितियां बदलीं. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है.
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2019
22 जुलाई 2019 को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दावा किया की भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे को लेकर मध्यस्थता करने की मांग की. लेकिन भारत सरकार ने ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत से ही सुलझेगा.
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2019
5 अगस्त 2019 को भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक संशोधन विधेयक पेश किया. इस संशोधन के मुताबिक अनुच्छेद 370 में बदलाव किए जाएंगे. जम्मू कश्मीर को विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा. लद्दाख को भी एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा. धारा 35 ए भी खत्म हो गई है.