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ऑस्ट्रेलियाई समुद्री तट पर फंसी सैकड़ों पायलट व्हेलों की मौत

२३ सितम्बर २०२०

ऑस्ट्रेलिया के वेस्ट कोस्ट तस्मानिया में मार्की हार्बर पर फंसी करीब 460 पायलट व्हेलों के पॉड में से ज्यादातर की मौत हो गई. छिछले तटों की ओर आकर फंसी केवल 50 व्हेलों की जान बचाई जा सकी.

Australien | Gestrandete Wale
ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया में सैकड़ों की तादाद में फंसी कुछ ही पायलट व्हेलों को बचाने में सफलता मिली.तस्वीर: Bilal Rashid/Reuters

दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया में मार्की हार्बर के पास के छिछले पानी में करीब 460 पायलट व्हेलों का समूह आ फंसा था. तमाम प्रयासों के बावजूद उनमें से केवल 50 व्हेलों को बचाया जा सका. इस पॉड यानि पायलट व्हेलों के समूह के ज्यादातर सदस्य हार्बर के छिछले पानी में थीं जबकि कुछ गहरे पानी की ओर बढ़ने में कामयाब हो गई थीं. पायलट व्हेलें महासागरीय डॉल्फिन की एक किस्म होती हैं, जिसके सदस्य 7 मीटर (23 फीट) तक लंबे और 3 टन तक भारी हो सकते हैं.

बचाव अभियान

कम गहरे पानी में जाकर फंस गई व्हेलों को बचाने के लिए बड़े स्तर पर बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं. इसके लिए व्हेलों के पास भारी मात्रा में ठंडा पानी ले जाकर उन्हें एक झूले जैसी चीज पर टांगने की कोशिश की जाती है और इस तरह उन्हें धीरे धीरे गहरे पानी की ओर ले जाकर छोड़ दिया जाता है.

तस्मानिया के पार्क्स और वाल्डलाइफ सर्विस के क्षेत्रीय प्रबंधक निक डेका ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, "हमने एक ऐसा तरीका आजमाने पर सहमति बनाई, जिसमें पहले एक झूले जैसी चीज को व्हेल के नीचे से गुजारा जाता है जो नाव से जुड़ा होता है. इसके अलावा गहरे पानी में भी क्रू मौजूद होता है."

सबकी भागीदारी

बचाव अभियान से जुड़े 60 से भी अधिक लोगों में स्थानीय मछुआरे, स्वयंसेवी और पेशेवर शामिल हैं. इस समय यहां पानी इतना ठंडा है कि खास वेटसूट पहन कर काम करने के बावजूद सभी बचावकर्मी छोटी शिफ्टों में काम कर रहे हैं ताकि ज्यादा ठंड लगने के कारण उन्हें हाइपोथर्मिया नाम की स्वास्थ्य परेशानी का सामना ना करना पड़े.

सरकारी संरक्षण एजेंसी में काम करने वाले वन्यजीव जीवविज्ञानी क्रिस कार्लयन ने बताया, "हम बड़े और संकट में पड़े जानवरों से निपट रहे हैं. ना केवल इसमें कई कई दिन का समय लग जाता है बल्कि भावनात्मक रूप से भी यह काफी कठिन होता है.” कार्लयन कहते हैं कि चूंकि यह एक "प्राकृतिक घटना है इसलिए यह स्वीकार कर सकते हैं कि कुछ जानवरों की जान जा सकती है. हम केवल ज्यादा से ज्यादा को बचाने पर फोकस कर सकते हैं."

बीच पर क्यों जाती हैं व्हेलें

वैज्ञानिकों को अब तक नहीं पता चला है कि हमेशा समूह में यात्रा करने वाली पायलट व्हेलें कभी कभी समुद्र तटों की ओर क्यों बढ़ जाती हैं. स्तनधारियों की यह प्रजाति आम तौर पर किसी नेता के नेतृत्व में चलती है और अपने पॉड में किसी के घायल हो जाने या परेशानी में पड़ने पर उसे अकेला नहीं छोड़तीं और उसके चारों ओर इकट्ठी हो जाती हैं. 

इस इलाके में अकसर व्हेलों को समुद्री तटों पर देखा जाता रहा है. लेकिन इतनी बड़ी संख्या में इन्हें कभी नहीं देखा गया था. इसके पहले सन 2009 में तस्मानिया के पास करीब 200 भटकी हुई व्हेलें दिखी थीं. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के पास के इलाकों में कई किस्म की व्हेलें मिलती हैं. हर साल ये व्हेलें छोटे समूहों से लेकर 1,000 जैसी बड़ी तादाद में पॉड बना कर दूर दूर के पानी में माइग्रेट करती हैं. 2018 में भी न्यूजीलैंड में इसी तरह फंसने से एक ही हफ्ते के भीतर 200 से अधिक पायलट व्हेलों की मौत हो गई थी.

आरपी/एके (रॉयटर्स, एएफपी)

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