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मानवाधिकारऑस्ट्रेलिया

20 साल से जेल में बंद महिला वैज्ञानिक आधार पर रिहा

६ जून २०२३

अपने चार बच्चों के कत्ल के लिए 20 साल से जेल में बंद एक महिला को ऑस्ट्रेलिया में रिहा कर दिया गया है. इस महिला को बिना किसी शर्त के माफी देते वक्त कहा गया कि देर से सही, लेकिन अंत में न्याय हुआ.

कैथलीन फोलबिग
कैथलीन फोलबिगतस्वीर: Joel Carrett/dpa/AAPIMAGE/picture alliance

ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स राज्य में कैथलीन फोलबिग 20 साल जेल में बिताने के बाद बाहर आ गई हैं. सोमवार को राज्य के अटॉर्नी जनरल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फोलबिग को माफी का ऐलान किया.

फोलबिग अपने चार बच्चों की हत्या के जुर्म में 30 साल की कैद काट रही थीं. हालांकि उन्होंने हमेशा अपने आपको निर्दोष बताया और दावा किया कि उनके बच्चों की मौत कुदरती वजहों से हुई थी. हाल ही में सामने आये वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर यह मामला दोबारा खुला और अदालत के फैसले पर संदेह पैदा हुआ.

अपने बच्चों की हत्या का आरोप

माफी देना कैथलीन फोलबिग को जेल से रिहा करने की सबसे तीव्र संभव प्रक्रिया थी, इसलिए ऐसा फौरन किया गया. बाद में एक जांच होगी, जिसके आधार पर वकील अदालत से अपील कर सकते हैं कि कैथलीन फोलबिग को निर्दोष घोषित किया जाए.

न्यू साउथ वेल्ल के अटॉर्नी जनरल माइकल डेली ने बताया कि पूर्व न्यायाधीश टॉम बैथर्स्ट ने पिछले हफ्ते उन्हें यह सलाह दी थी कि नये वैज्ञानिक सबूत फोलबिग के दोषी होने पर संदेह पैदा करते हैं और संभव है कि उनके बच्चों की मौतें कुदरती वजहों से ही हुई हों. डेली ने संवाददाताओं से कहा, "इस बात में तार्किक संदेह है कि फोलबिग ने अपने बच्चों की हत्याएं की. मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि फोलबिग के दोषी होने में संदेह है.”

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पूर्व जस्टिस बैथर्स्ट ने फोलबिग के मामले की दोबारा जांच की थी. ऐसा 90 वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों की अपील पर किया गया था. इन विशेषज्ञों ने यह अपील तब जारी की थी, जब ऐसे सबूत मिले थे कि फोलबिग के बच्चों की मौत कुदरती वजहों से हुई हो सकती थी.

20 साल से जेल में

फोलबिग अब 55 साल की हो चुकी हैं. उन्हें 30 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी और 2033 तक उन्हें जेल में रहना था. हालांकि 2028 में वह परोल के योग्य हो जातीं.

यह ऐतिहासिक रूप से अनूठा मामला है जब फोलबिग के चारों बच्चों की मौत 19 दिन से 19 महीने की आयु के बीच हो गई. 1989 में उनका पहला बच्चा केलब जन्मा था और 19 दिन का होने पर ही उसकी मौत हो गई. उनका दूसरा बच्चा पैट्रिक 1991 में आठ महीने का होने पर चल बसा. दो साल बाद बेटी सेरा की 10 महीने की आयु में मौत हुई. 1999 में उनकी बेटी लॉरा 19 महीने की होने पर नहीं रही.

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इन बच्चों की मौत के वक्त फोलबिग घर पर अकेली थीं और सभी बच्चों की जान अचानक गई. फोलबिग के मुताबिक तीन बच्चों की मौत के वक्त वह बाथरूम में थीं. जूरी ने इन मौत के लिए फोलबिग को जिम्मेदार माना जबकि उनका कहना था कि वह निर्दोष हैं. सरकारी वकीलों का कहना था कि सभी बच्चों की मौत एक ही तरह से हो जाना यह दिखाता है कि चार बच्चों की मौत मात्र संयोग नहीं हो सकती. फोलबिग के पूर्व पति ने भी उनके खिलाफ गवाही दी और कहा कि एक ही परिवार के चार बच्चों की मौत कोई संयोग नहीं हो सकती.

वैज्ञानिक आधार

लेकिन 2018 में ऐसा सबूत सामने आया कि उनकी दोनों बेटियों में CALM2 नाम का एक जेनेटिक वेरिएंट था. इस आधार पर एक जांच शुरू हुई.

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फोलबिग की वकील सोफी कैलन ने कहा कि हृदयरोग और जेनेटिक्स के विशेषज्ञों ने कहा कि यह जेनेटिक वेरिएंट मौत का कारण हो सकता है. उन्होंने कहा, "यह भी संभव है कि लॉरा की मौत मायोकार्डिटिस यानी हृदय में अचानक होने वाली जलन से हुई हो.”

कैलन ने कहा कि पैट्रिक की मौत के मामले में भी ऐसे मजबूत सबूत मिले कि किसी न्यूरोजेनेटिक वजह से उसकी जान गई हो. इन वजहों से यह संदेह पैदा हुआ कि फोलबिग ने अपने तीन बच्चों की जान ली. इस आधार पर कैलन ने दलील दी कि चौथे मामले में भी ऐसा ही संभव है.

वीके/एए (एपी, एएफपी)

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