चीन पर ऑस्ट्रेलियाई पीएम का 'वी चैट' अकाउंट छीनने का आरोप
२४ जनवरी २०२२चीन पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन का 'वी चैट' अकाउंट हाइजैक करने का आरोप लगा है. इस अकाउंट पर मॉरिसन के करीब 76 हजार फॉलोअर थे. इस महीने उन्हें नोटिफिकेशन आया कि मॉरिसन के पेज का नाम बदलकर 'ऑस्ट्रेलियन चाइनीज न्यू लाइफ' कर दिया गया है. पेज के प्रोफाइल में लगी मॉरिसन की फोटो भी हटा दी गई है.
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, मॉरिसन और उनकी सरकार की जानकारी के बिना 'वी चैट' खाते से छेड़छाड़ की गई है. 'वी चैट' चीन का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है. इस पर चीन की टेक कंपनी 'टेनसेंट' का मालिकाना हक है. हालांकि चीन में सोशल मीडिया पर सरकार का सख्त नियंत्रण है. आशंका है कि यह प्रकरण ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच जारी तनाव को और बढ़ा सकता है.
चुनाव में दखलंदाजी का आरोप
इस मामले पर अब तक मॉरिसन या उनके कार्यालय की ओर से कोई बयान नहीं आया है. लेकिन इंटेलिजेंस और सुरक्षा से जुड़ी साझा संसदीय समिति के प्रमुख जेम्स पैटरसन ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर आरोप लगाया है. उन्होंने इल्जाम लगाया कि चीन मई 2022 में होने जा रहे ऑस्ट्रेलियाई चुनावों के मद्देनजर मॉरिसन को सेंसर कर रहा है.
पैटरसन का कहना है कि चाइनीज मूल के करीब 12 लाख ऑस्ट्रेलियाई नागरिक 'वी चैट' इस्तेमाल करते हैं. मॉरिसन का खाता बंद किए जाने के चलते वे प्रधानमंत्री से जुड़ी खबरें 'वी चैट' पर नहीं देख सकेंगे. मगर विपक्षी नेता एंथनी अल्बानिज सरकार द्वारा की जाने वाली सरकार की आलोचनाएं लोगों तक पहुंचेंगी.
बहिष्कार की अपील
पैटरसन, मॉरिसन की 'कंजरवेटिव लिबरल पार्टी' के सदस्य हैं. उन्होंने सभी सांसदों से 'वी चैट' का बहिष्कार करने की अपील करते हुए कहा, "एक ऑस्ट्रेलियाई खाते को बंद करके चीन की सरकार ने जो किया है, वह चुनावी साल में ऑस्ट्रेलिया के लोकतंत्र में विदेशी दखलंदाजी है."
पैटरसन का यह भी कहना है कि ऑस्ट्रेलियाई सररकार ने 'वी चैट' से मॉरिसन का अकाउंट वापस बहाल करने का आग्रह किया था. मगर 'वी चैट' ने अब तक इस पर कोई जवाब नहीं दिया है. खबरों के मुताबिक, इस घटना के बाद लिबरल पार्टी के कई सांसदों ने 'वी चैट' का इस्तेमाल बंद करने की बात कही है.
क्वाड की बैठक में क्या बात हो रही है
चीनी ऑस्ट्रेलियाई समुदाय में 'वी चैट' लोकप्रिय
चीनी मूल के ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के बीच 'वी चैट' लोकप्रिय है. ऐसे में उनसे जुड़ने और संवाद कायम करने के लिए मॉरिसन ने फरवरी 2019 में 'वी चैट' पर अपना खाता खोला था. तब ऑस्ट्रेलिया में चुनाव होने वाले थे.
उसी साल कुछ पत्रकारों ने मॉरिसन से सवाल पूछा था कि क्या उन्हें चीन की सरकार द्वारा उनके 'वी चैट' अकाउंट को सेंसर करने की आशंका दिखती है. इस पर मॉरिसन ने कहा था कि इस तरह की सेंसरशिप अभी तक दिखी तो नहीं है.
और भी खातों में छेड़छाड़ के आरोप
मॉरिसन ऑस्ट्रेलिया के अकेले नेता नहीं हैं, जिनके 'वी चैट' अकाउंट में यह बदलाव हुआ हो. फारगस रेयान नाम के एक चीनी सोशल मीडिया विशेषज्ञ द्वारा किए गए ट्वीट के मुताबिक, मॉरिसन समेत कम-से-कम एक दर्जन ऑस्ट्रेलियाई नेताओं के 'वी चैट' खाते अब चीनी नागरिकों के नाम पर दर्ज हो गए हैं. रेयान 'ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटजिक पॉलिसी इंस्टिट्यूट' नाम के एक थिंक टैंक से भी जुड़े हैं.
लिबरल पार्टी के एक और सांसद और पूर्व राजनयिक डेव शर्मा ने भी आरोप लगाया कि मॉरिसन के खाते में हुई दखलंदाजी को संभवत: चीनी सरकार ने ही मंजूरी दी. शर्मा ने कहा, "संभावना है कि यह निर्णय सरकार प्रायोजित था और इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति बीजिंग के रवैये का पता चलता है."
चुनाव में दखलंदाजी के आरोपों पर दूसरी राय
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी में चीनी मामलों के विशेषज्ञ ग्रीम स्मिथ ने बताया कि मॉरिसन का खाता अब जिस चीनी नागरिक के नाम पर है, वह फूजियान प्रांत का रहने वाला है. स्मिथ ने 'ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्प' को बताया, "चीन के भीतर किसी अकाउंट को हैक करना बहुत मुश्किल नहीं है. इस घटना के पीछे कौन है, मुझे नहीं लगता कि हम यह जानते हैं. हम इतना कह सकते हैं कि कम-से-कम यह चीन की सरकार द्वारा प्रेरित है."
स्मिथ ने कहा कि मॉरिसन के 'वी चैट' से हुई छेड़छाड़ से वह यह नहीं मानते कि चीन अगले ऑस्ट्रेलियाई चुनाव में विपक्षी सेंटर-लेफ्ट लेबर पार्टी का समर्थन करेगा. स्मिथ ने कहा, "उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि चुनाव कौन जीतता है. जब तक लोग लोकतंत्र पर अविश्वास करते रहेंगे, तब तक उन्हें किसी के जीतने से फर्क नहीं पड़ता."
पहले भी 'वी चैट' ने किया था सेंसर
खबरों के मुताबिक, मॉरिसन 'वी चैट' को बहुत इस्तेमाल नहीं करते थे. पिछले साल उन्होंने इसपर करीब 20 पोस्ट किए. इनमें ज्यादातर पोस्ट मॉरिसन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्तियों का चीनी भाषा में अनुवाद और कोविड-10 से जुड़े अपडेट थे.
यह पहली बार नहीं है, जब मॉरिसन के 'वी चैट' अकाउंट में कोई समस्या आई हो. इससे पहले दिसंबर 2020 में भी 'वी चैट' ने मॉरिसन का एक पोस्ट हटा दिया था. इसमें ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों द्वारा किए गए कथित युद्ध अपराधों की जांच का समर्थन किया गया था. इस पोस्ट में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान की आलोचना भी की गई थी. लिजियान ने एक ऑस्ट्रेलियाई सैनिक की फर्जी तस्वीर पोस्ट की थी.
दोनों देशों के बीच तल्खियां
मॉरिसन सरकार और चीन के बीच पिछले कुछ समय से लगातार विवाद चल रहा है. कोविड-19 की शुरुआत और इसमें चीन की कथित भूमिका पर मॉरिसन सरकार द्वारा तीखी टिप्पणियां की गईं. इससे तनाव गहराया.
ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के साथ बढ़ते सामरिक सहयोग से भी चीन को आपत्ति है. सितंबर 2021 में इस पार्टनरशिप के तहत ऑस्ट्रेलिया को परमाणु क्षमता वाली पनडुब्बियां देने का एलान किया गया था. चीन ने इस पर भी विरोध जताया था.
एसएम/ (एपी, एएफपी)