ऑस्ट्रेलिया में मतदाताओं ने भारी बहुमत से समलैंगिक शादी का पक्ष लिया है. अब साल के अंत तक इसके लिए कानून बनाया जा सकेगा. सारे देश में जनमत संग्रह के नतीजे पर खुशियां मनायी गयी.
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Tears, glitter and rainbows: Australians celebrate 'Yes' vote
कई इस्लामी देश ऐसे भी हैं जहां समलैंगिकता अपराध नहीं है. हालांकि कानूनी दर्जा मिलने के बावजूद भेदभाव इनके हिस्से में आ ही जाता है.
समलैंगिकता की आजादी वाले इस्लामी देश
कई इस्लामी देश ऐसे भी हैं जहां समलैंगिकता अपराध नहीं है. हालांकि कानूनी दर्जा मिलने के बावजूद भेदभाव इनके हिस्से में आ ही जाता है...
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तुर्की
1858 में ओटोमन खिलाफत ने समान सेक्स संबंधों को मान्यता दी थी. तुर्की आज भी उसपर कायम है. यहां समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों के अधिकारों को मान्यता दी जाती है. हालांकि संविधान से रक्षा ना मिलने के कारण इनके साथ भेदभाव आम है.
तस्वीर: picture-alliance/abaca/H. O. Sandal
माली
माली उन चुनिंदा अफ्रीकी देशों में से है जहां एलजीबीटी संबंधों को कानूनी दर्जा प्राप्त है. हालांकि यहां के संविधान में सामाजिक स्थलों पर यौन संबंध पर मनाही है. लेकिन माली में भी एलजीबीटी समुदाय के साथ बड़े स्तर पर असामनता का व्यवहार किया जाता है.
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जॉर्डन
एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों की रक्षा की दिशा में जॉर्डन का संविधान सबसे प्रगतिशील माना जाता है. 1951 में समान सेक्स संबंधों के कानूनी होने के बाद सरकार ने समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों के सम्मान के लिए होने वाली हत्याओं के खिलाफ भी सख्त कानून बनाए.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo
इंडोनेशिया
1945 का कानून साफ तौर पर यौन संबंध पर पाबंदी नहीं लगाता. इंडोनेशिया में एशिया की सबसे पुरानी एलजीबीटी संस्था है जो कि 1980 से सक्रिय है. भेदभाव के बावजूद यहां का समलैंगिक समुदाय अपने अधिकारों के लिए लड़नें में पीछे नहीं रहता.
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अलबेनिया
हालांकि अलबेनिया मुस्लिम देश है, इसे दक्षिणपूर्वी यूरोप में एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए अहम माना जाता है. इस गरीब बालकान देश में समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों को असमानता से बचाने के लिए भी कई अहम कानून हैं.
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बहरैन
इस खाड़ी देश में समान सेक्स के बीच संबंध को 1976 में मान्यता मिली. हालांकि अभी भी बहरैन में क्रॉस ड्रेसिंग यानि लड़कों का लड़कियों की तरह कपड़े पहनना मना है.
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फलीस्तीन
गाजा पट्टी में समान सेक्स के बीच संबंध आधिकारिक तौर पर प्रतिबंधित हैं. लेकिन ऐसा पश्चिमी छोर पर नहीं है. हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि यहां समलैंगिकों के अधिकारों की रक्षा की जाती है. फलीस्तीन में एलजीबीटी पर पाबंदी हमास से नहीं इंगलैंड से आई थी जब यह इलाका ब्रिटिश कॉलोनी हुआ करता था.