ऑस्ट्रिया के शोक में गूंज रहा है मकसद से जुड़ा सवाल
११ जून २०२५
मंगलवार को ग्रात्स के एक स्कूल में अंधाधुंध गोली चला कर एक हमलावर ने 10 लोगों की जान ले ली और फिर खुद को भी खत्म कर लिया. हमलावर समेत 9 लोगों की जान घटनास्थल पर ही गई जबकि एक शख्स की मौत इलाज के दौरान अस्पताल में हुई. घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी यह पता नहीं चल सका है कि इस गोलीबारी के पीछे क्या मकसद था?
एक मिनट के लिए थम गया ऑस्ट्रिया
ऑस्ट्रिया में इस घटना के बाद तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है. दूसरे विश्वयुद्ध के बाद इसे ऑस्ट्रिया का अब तक का सबसे घातक हमला कहा जा रहा है. बुधवार सुबह 10 बजते ही पूरा ऑस्ट्रिया एक मिनट के लिए थम गया. यह वही समय था जब एक दिन पहले ग्रात्स की पुलिस को बोर्ग द्रायरशुत्सेनगासे हाईस्कूल में गोलीबारी की सूचना मिली. बुधवार सुबह ठीक उसी समय लोग सड़कों पर खड़े हो गए, ट्राम, ट्रेन, बस सबकुछ जो जहां था, वहीं रुक गया. एक मिनट के लिए पूरा देश मौन हो गया. ग्रात्स के सेंट्रल स्क्वायर पर सैकड़ों लोग कतार बना कर खड़े थे. कुछ लोगों ने सिटी हॉल के बाहर मोमबत्तियां और फूल रख दिए. यहां मंगलवार को पहली मोमबत्ती शाम को उस वक्त जलाई गई जब वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. लोग एक दूसरे को गले लगाकर सांत्वना दे रहे थे.
मंगलवार शाम सैकड़ों लोगों ने गोलीबारी के पीड़ितों के लिए ग्रात्स कथीड्रल में अधिकारियों की विशेष प्रार्थना में हिस्सा लिया. राजधानी वियना में भी सार्वजनिक परिवहन एक मिनट के लिए थम गया.
हालांकि इन सबके बीच यह सवाल बार बार लोगों के मन में गूंजता रहा कि आखिर स्कूल के एक पूर्व छात्र ने यह सब क्यों किया. चियारा कोमलेनिक 28 साल की हैं और कला इतिहास की पढ़ाई कर रही हैं. उन्होंने इसी स्कूल से पढ़ाई की है. उन्होंने समाचार एजेंसी डीपीए से कहा, "मैंने हमेशा खुद को यहां बहुत सुरक्षित महसूस किया. यहां के टीचर भी बहुत सहयोगी थे. मैंने यहां उम्र भर के लिए दोस्तियां बनाईं. यह बहुत दुखद है कि कुछ लड़के-लड़कियां यहां कभी नहीं लौट सकेंगे. उन्होंने अपना सबसे बुरा दिन वहां देखा जहां मैंने अपने सबसे अच्छे दिन गुजारे थे. मैं आज भी कुछ टीचरों को जानती हूं. बहुत दुख हो रहा है."
गोलीबारी के मकसद का पता नहीं
पुलिस का कहना है कि उन्हें हमलावर के घर की तलाशी में एक फेयरवेल लेटर और पाइप बम मिला है जो उपयोग के लायक नहीं था. 21 साल का यह हमलावर ग्रात्स के पास ही रहता था और उसने उसी स्कूल में पढ़ाई की थी, जिसे निशाना बनाया. हालांकि वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाया था. पुलिस का कहना है कि उसने दो हथियारों का इस्तेमाल किया. इसमें एक शॉटगन और दूसरा हैंडगन था. पुलिस का कहना है कि संभवतया उसने ये हथियार कानूनी तरीके से हासिल किए थे.
ऑस्ट्रिया की मीडिया में कुछ जगहों पर कहा जा रहा है कि आधिकारिक रूप से हमलावर की पहचान नहीं हुई है. हालांकि उसे कुछ छात्रों की दबंगई का सामना करना पड़ा था. हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है. पुलिस ने अब तक की छानबीन में मिली जानकारी का ब्यौरा नहीं दिया है. हालांकि एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात मानी कि हमलावर के घर से पत्र मिला है. हालांकि उनका यह भी कहना है कि इस पत्र से किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका.
फ्रांत्स रुफ, ऑस्ट्रिया के गृह मंत्रालय में सार्वजनिक सुरक्षा निदेशक हैं. उन्होंने सरकारी टीवी चैनल ओआरएफ से कहा, "एक फेयरवेल लेटर, एनालॉग और डिजिटल रूप में मिला है. उसने मां बाप को अलविदा कहा है लेकिन उस पत्र में किसी मकसद का जिक्र नहीं है, इस मामले में और जांच की जरूरत है."
हमलावर ने पीड़ितों पर बिना सोचे समझे गोली चलाई या फिर उन्हें चुन कर निशाना बनाया. यह पूछने पर रुफ ने कहा कि इसकी भी जांच हो रही है और वह कोई अटकल नहीं लगाना चाहते. रुफ ने बताया कि घायल लोग स्कूल में कई जगहों पर मिले और एक आदमी तो इमारत के सामने घायल पड़ा था.
बुधवार सुबह अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि सारे घायल लोगों की हालत अब स्थिर है. नौ लोग अब अब भी इंटेंसिव केयर में हैं, इनमें से एक के चेहरे पर बने जख्म का अभी ऑपरेशन होना है जबकि दूसरे के घुटने की सर्जरी होनी है. इनके अलावा दो लोगों को नियमित वार्ड में शिफ्ट किया गया है. ऑस्ट्रियाई समाचार एजेंसी एपीए का कहना है कि मरने वालों मे सबसे युवा 14 साल का छात्र था, जबकि दूसरे छात्रों की उम्र 15-17 साल के बीच थी.
घटना से उबरने की मुश्किल
बुधवार को मुख्य चौराहे पर पहुंचे लोगों में शामिल यूनिवर्सिटी छात्र फाबियान एन्जी ने कहा, "ग्रात्स ऑस्ट्रिया का दूसरा सबसे बड़ा शहर है लेकिन हम अब भी कहते हैं कि ग्रात्स एक गांव जैसा है. आप जब भी बाहर जाते हैं तो नए लोगों से आपकी मुलाकात होती है. इस बात की बड़ी संभावना है कि इस तरह के हमले में आपका कोई जानने वाला प्रभावित हुआ हो."
स्कूल के टीचर, छात्र और दूसरे स्थानीय लोगों के लिए यह घटना बहुत विचलित करने वाली है. स्कूल में धार्मिक शिक्षा के टीचर पॉल नीत्शे उस क्लास से थोड़ी देर पहले निकले थे जिसमें बंदूकधारी घुसा. उन्होंने उसे एक दूसरे दरवाजे पर गोली चला कर लॉक तोड़ते हुए कुछ पल के लिए देखा था. उन्होंने ओआरएफ से कहा, "यह कुछ ऐसा है जिसकी मैं पहले कल्पना भी नहीं कर सकता था. हालत ऐसे थे कि मैं दौड़ता हुआ सीढ़ियों तक नीचे गया. मैंने खुद से कहाः 'यह सच नहीं हो सकता."
स्कूल के छात्र एनियो रेस्निक ने कहा कि छात्रों और टीजरों को जो कुछ हुआ उसके बाद सहज होने में वक्त लगेगा. रेस्निक ने यह भी कहा कि कुछ दिनों के लिए उन्हें शांति से रहने देना चाहिए. शोक मनाने जुटे छात्रों में कुछ रो रहे थे और कुछ ने दूसरों को संभाला.