अपनी दौलत बांटना चाहती हैं अरबपति मार्लीन इंगेलहोर्न
८ मार्च २०२४
विरासत में बड़ी दौलत हासिल करने वाली ऑस्ट्रिया की 31 साल की मार्लीन इंगेलहोर्न अपने अरबों रुपये लोगों में बांटना चाहती हैं.
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ऑस्ट्रिया की मार्लीन इंगेलहोर्न ने 2.5 करोड़ यूरो यानी दो अरब रुपये से ज्यादा लोगों में बांटने का ऐलान किया है. वह चाहती हैं कि लोग उन्हें बताएं कि यह धन किसमें बांटा जाए ताकि वह "पारिवारिक अमीरी के कीचड़” से निकल सकें.
‘टैक्समीनाउ' नाम का अभियान शुरू करने वाली जर्मन-ऑस्ट्रियन इंगेलहोर्न कहती हैं, "मुझे विरासत में खूब धन मिला है और साथ ताकत भी मिली है. लेकिन इसके लिए मैंने कुछ भी नहीं किया है. और सरकार इस धन पर टैक्स भी नहीं चाहती.”
इंगेलहोर्न चाहती हैं कि सरकार अमीरों पर ज्यादा टैक्स लगाए ताकि धन का बराबर बंटवारा हो सके. अपनी इस इच्छा को उन्होंने अभियान बना लिया है. जनवरी में दावोस में जब वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम हुई थी और दुनिया के बहुत से धनी लोग महंगी टिकटें खरीदकर उस फोरम में शामिल हुए थे, तब इंगेलहोर्न ने फोरम के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था.
और अमीर होते धनी
केमिकल बनाने वाली कंपनी बीएएसएफ के संस्थापक फ्रीडरिष इंगलहोर्न की वारिस मार्लीन उन चंद धनी लोगों में से हैं जो सरकारों से अमीरों पर टैक्स लगाने की मांग करते हैं. वे कहते हैं कि दुनिया में संपत्ति का समान बंटवारा करने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है.
एशिया के सबसे धनी परिवार
ब्लूमबर्ग ने हाल ही में एशिया के सबसे धनी परिवारों की सूची प्रकाशित की है. अंबानी परिवार इस सूची में अब भी सबसे ऊपर है. देखिए, और कौन-कौन हैं...
तस्वीर: Kabir Jhangiani/NurPhoto/picture alliance
सबसे धनी
अंबानी परिवार भारत का ही नहीं, एशिया का सबसे धनी परिवार है. रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक अंबानी परिवार की मिल्कियत है 102.7 अरब डॉलर यानी लगभग 85 खरब रुपये
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हार्तोनो परिवार
इंडोनेशिया का हार्तोनो परिवार 44.8 अरब डॉलर का मालिक है. यह संपत्ति उसने तंबाकू व्यापार से कमाई है. उनकी कंपनी दुनिया में लॉन्ग वाली सिगरेट बनाने की सबसे बड़ी कंपनियों में से है.
निर्माण से लेकर कपड़ा, शिपिंग, मीडिया आदि तमाम तरह के उद्योगों में सक्रिय मिस्त्री परिवार एशिया का चौथा सबसे धनी परिवार है. उनके पास 36.2 अरब डॉलर की संपत्ति है. टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री इसी परिवार के सदस्य थे. सितंबर, 2022 में एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई.
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क्वोक परिवार
हांगकांग से रियल एस्टेट का व्यापार करने वाले क्वोक परिवार के पास कुल 32.3 अरब डॉलर की संपत्ति आंकी गई है.
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चियरावानोंट परिवार
थाईलैंड के चियरावानोंट परिवार के पास थाईलैंड की सबसे बड़ी निजी कंपनी है. उनकी कुल संपत्ति 31.2 अरब डॉलर है.
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युविध्य परिवार
रेड बुल जैसा बड़ा ब्रैंड बनाने वाले युविध्य परिवार के पास 30.2 अरब डॉलर की संपत्ति है. थाईलैंड के इस परिवार ने निवेश से भी पैसा कमाया है.
भारत के स्टील व्यापारी और राजनीति में सक्रिय जिंदल परिवार के पास एशिया में सातवीं सबसे ज्यादा संपत्ति है. 27.6 अरब डॉलर के मालिक जिंदल परिवार का कारोबार दुनियाभर में फैला है.
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त्साई परिवार
ताईवान के त्साई परिवार की कुल संपत्ति 24 अरब डॉलर आंकी गई है. बैंकिंग, इंश्योरेंस और अन्य कई तरह के निवेश में यह परिवार सक्रिय है.
तस्वीर: DW
चेंग परिवार
हांगकांग का यह परिवार 23.6 अरब डॉलर की संपत्ति का मालिक है. परिवार का कारोबार रियल एस्टेट के अलावा निवेश और डिपार्टमेंट स्टोर की दुनिया में भी है.
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बिरला परिवार
एशिया का दसवां सबसे धनी परिवार है भारत का बिरला परिवार, जिसके पास 21.8 अरब डॉलर की संपत्ति है.
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हाल ही में जारी ऑक्सफैम की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पूरी दुनिया में लगभग 2,150 अरबपति ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 2020 के मुकाबले 3.3 खरब डॉलर बढ़ चुकी है. जबकि पांच अरब लोग ऐसे हैं जो इसी अवधि में और ज्यादा गरीब हुए हैं.
2022 में जब इंगेलहोर्न की दादी की मौत हुई तो उन्हें कई करोड़ यूरो विरासत में मिले. जनवरी में इंगेलहोर्न ने इसमें से 2.5 करोड़ यूरो लोगों में बांटने का ऐलान किया. यह धन कैसे बांटा जाएगा, इसके लिए उन्होंने ऑस्ट्रिया के 50 लोगों का एक समूह बनाने का ऐलान किया. वह चाहती हैं कि ये 50 लोग उन्हें सुझाव दें कि इस धन का बंटवारा कैसे हो.
कैसे होगा फैसला
इस प्रक्रिया को और ज्यादा लोकतांत्रिक बनाने के लिए बेतरतीबवार चुने गए 16 वर्ष से ऊपर के दस हजार लोगों को समूह में शामिल होने का न्यौता दिया गया. इसके लिए उन्हें एक फॉर्म भरना था. इनमें से 50 लोग चुने गए.
21 भारतीयों के पास 70 करोड़ लोगों से ज्यादा संपत्ति
दावोस में वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम का वार्षिक आयोजन जारी है. इसी दौरान आधिकार संगठन ऑक्सफैम ने एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें दिए आंकड़े भारत में अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ते फासले की हैरतअंगेज तस्वीर पेश करते हैं.
तस्वीर: Sotheby´s
आधी जनता के पास बस 3 फीसदी
ऑक्सफैम की ताजा रिपोर्ट बताती है कि 5 प्रतिशत भारतीयों के पास देश की संपत्ति का 60 प्रतिशत हिस्सा है. जबकि निचले 50 प्रतिशत लोगों के पास देश की संपत्ति का मात्र 3 प्रतिशत हिस्सा है.
तस्वीर: Sotheby´s
कितने अमीर हुए अरबपति
ऑक्सफैम की रिपोर्ट ‘सरवाईवल ऑफ़ द रिचस्ट: द इंडिया स्टोरी’ के मुताबिक, 2022 में भारत के सबसे धनी व्यक्ति की संपत्ति 46 प्रतिशत बढ़ी है.
तस्वीर: dapd
धन से आया धन
2012 से 2021 के दौरान भारत में जितना धन बढ़ा, उसका 40 प्रतिशत हिस्सा सबसे धनी एक प्रतिशत लोगों को मिला है. जबकि निचली 50 प्रतिशत जनसंख्या को मात्र 3 प्रतिशत हिस्सा मिला है.
तस्वीर: Soumyabrata Roy/NurPhoto/IMAGO
64 नए अरबपति
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अरबपतियों की संख्या वर्ष 2020 में 102 से बढ़कर वर्ष 2022 में 166 हो गई. भारत के 100 सबसे धनी लोगों की कुल संपत्ति 54 लाख करोड़ रुपये हो गई है. यह इतना पैसा है कि डेढ़ साल तक का केंद्रीय बजट इससे बन सकता है.
तस्वीर: Francis Mascarenhas/REUTERS
दोगुनी हुई भुखमरी
रिपोर्ट कहती है कि भूख से त्रस्त भारतीयों की संख्या 2018 में 19 करोड़ थी, जो 2022 में बढ़कर 35 करोड़ हो गई. मौत का शिकार हुए 5 वर्ष से कम आयु वर्ग के 65 प्रतिशत बच्चे इसी कारण मारे गए.
तस्वीर: Subhash Sharma/Zumapress/picture alliance
10 लोगों के पास है 30 साल का बजट
सबसे धनी 10 भारतीयों की कुल संपत्ति 27 लाख करोड़ रुपये हो गई है. पिछले वर्ष से इसमें 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई. आज की तारीख में यह संपत्ति स्वास्थ्य व आयुष मंत्रालयों के 30 वर्ष के बजट, शिक्षा मंत्रालय के 26 वर्ष के बजट व मनरेगा के 38 वर्ष के बजट के बराबर है.
तस्वीर: Dinodia Photo Library/picture alliance
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मार्च से जून के बीच ये लोग ऑस्ट्रिया के साल्त्सबुर्ग में कई बार मिलेंगे और धन के बंटवारे के लिए विचार-विमर्श करेंगे. अभियान के आयोजकों की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक अगर यह समूह "आमजन की भलाई के लिए धन के बंटवारे को लेकर विचार देने में असमर्थ रहता है” तो बंटवारे के लिए रखी गई ढाई करोड़ यूरो की राशि इंगेलहोर्न के पास लौट जाएगी.
यूनिवर्सिटी में जर्मन भाषा की पढ़ाई कर चुकीं इंगेलहोर्न कहती हैं कि अपना "90 फीसदी से ज्यादा” धन लोगों में बांट देने के बाद वह एक आम नौकरी करना चाहती हैं.
वह कहती हैं, "मैं समाज के सबसे धनी एक फीसदी लोगों में से निकलकर 99 फीसदी कम धनी लोगों में शामिल हो जाऊंगी. मुझे लगता है कि यह बेहतरी है. मैं लोकतांत्रिक समाज में ऊपर की ओर बढ़ रही हूं. अमीरी के कीचड़ से निकल रही हूं.”
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ऑस्ट्रिया में असमानता
विएना की यूनिवर्सिटी ऑफ इकनॉमिक्स में पढ़ाने वाले अर्थशास्त्री इमानुएल लिस्ट कहते हैं कि यूरोप की आर्थिक असमानता ऑस्ट्रिया में बहुत उभर कर दिखाई देती है.
यूरोपीयन सेंट्रल बैंक के अनुमान के आधार पर प्रोफेसर लिस्ट बताते हैं, "ऑस्ट्रिया में सबसे धनी पांच फीसदी लोगों के पास देश की 54 फीसदी संपत्ति है. देश के आधे से ज्यादा लोगों के पास मात्र चार फीसदी संपत्ति है, यानी कुछ भी नहीं है.”
कोरोना काल: अरबपतियों की संपत्ति बढ़ी, गरीब हुए और गरीब
ऑक्सफैम की 2021 की रिपोर्ट कहती है कि लॉकडाउन के दौरान भारत में अरबपति 35 फीसदी और अधिक अमीर हुए. इसके विपरीत लाखों नौकरियां भी गईं. रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे लोग बेरोजगार हुए और उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हुई.
तस्वीर: Aamir Ansari/DW
महामारी में धनी हुए और धनी
गैर सरकारी संस्था ऑक्सफैम की रिपोर्ट कहती है कि भारत के 100 अरबपतियों की संपत्ति में मार्च 2020 के बाद की अवधि में 12,97,822 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. इतनी राशि का वितरण अगर देश के 13.8 करोड़ सबसे गरीब लोगों में किया जाए तो इनमें से हर व्यक्ति को 94,045 रुपये दिए जा सकते हैं.
तस्वीर: Reuters/J. Dey
असमानता की खाई
एक ओर लॉकडाउन के दौरान भारतीय अरबपतियों की संपत्ति में वृद्धि दर्ज की गई तो वहीं पिछले साल अप्रैल महीने में हर घंटे 1,70,000 लोगों की नौकरी चली गई. ऑक्सफैम का कहना है कि महामारी ने असमानता को और बढ़ाया है.
तस्वीर: IANS
"द इनइक्वालिटी वायरस"
"द इनइक्वालिटी वायरस" रिपोर्ट में सिर्फ भारत का ही जिक्र नहीं है बल्कि इसमें दुनिया का हाल बयान किया गया है. ऑक्सफैम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कैसे कोरोना महामारी की वजह से दुनिया भर में असमानता की खाई चौड़ी हो रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अमीर लोग और अमीर हो रहे हैं और गरीब और गरीब हो रहे हैं, उन्हें इससे निकलने में वर्षों लग सकते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/N. Kachroo
अमीरों ने नुकसान की भरपाई जल्द की
अरबपति जेफ बेजोस और टेस्ला के संस्थापक ईलॉन मस्क की संपत्ति कोविड-19 के दौरान तेज गति से बढ़ी जबकि दुनिया के गरीबों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. ऑक्सफैम इंटरनैशनल की कार्यकारी निदेशक गैब्रिएला बुचर ने एक बयान में कहा, "हम असमानता में सबसे बड़ी वृद्धि के गवाह बन रहे हैं."
तस्वीर: Antonio Pisacreta/ROPI/picture-alliance
अमीरों पर अधिक टैक्स की मांग
रिपोर्ट में आय की असमानता का जिक्र तो किया ही गया है साथ ही मांग की गई है कि जो धनी लोग हैं उन पर उच्च संपत्ति कर लगाया जाए और श्रमिकों के लिए मजबूत संरक्षण का इंतजाम हो. रिपोर्ट में कहा गया है अमीर लोग महामारी के समय में आरामदायक जिंदगी का आनंद ले रहे हैं वहीं स्वास्थ्य कर्मचारी, दुकान में काम करने वाले और विक्रेता जरूरी भुगतान करने में असमर्थ हैं.
तस्वीर: Deepalaya
मुकेश अंबानी की आय
भारत के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी ने महामारी के दौरान प्रति घंटा 90 करोड़ रुपये कमाए जबकि देश में 24 प्रतिशत लोग 3,000 प्रति माह से कम कमा रहे थे. महामारी के दौरान मुकेश अंबानी को एक घंटे में जितनी आमदनी हुई, उतनी कमाई करने में एक अकुशल मजदूर को दस हजार साल लग जाएंगे.
तस्वीर: picture-alliance/abaca/I. Khan
गरीबों पर टूटा आर्थिक कहर
कोविड-19 ने सबसे ज्यादा गरीबों को प्रभावित किया है, कोरोना का तूफान ऐसे आया कि गरीब, हाशिये पर खड़े श्रमिकों, महिलाओं और कमजोर लोगों की नौकरी इसमें नौकरी चली गई. विश्व बैंक की चेतावनी है कि 10 करोड़ से अधिक लोग चरम गरीबी में धकेले जा सकते हैं.
तस्वीर: DW/A. Ansari
संकट से उबारने में एक दशक
ऑक्सफैम का कहना है कि लोगों को संकट के पूर्व (कोरोना महामारी) पर ले जाने में एक दशक से ज्यादा का समय लग सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक इस बीच दुनिया भर के अरबपतियों की कुल संपत्ति 3.9 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर 11.95 लाख करोड़ डॉलर पहुंच गई.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/P. Karadjias
गरीबों का बोझ उठा सकते हैं अरबपति
ऑक्सफैम के शोधकर्ताओं ने हिसाब लगाया कि दुनिया के 10 सबसे अमीर लोगों की नेट वर्थ किसी को भी गरीबी में जाने से रोकने के लिए काफी है और यह राशि धरती पर हर इंसान के लिए कोरोना के टीके के भुगतान के लिए पर्याप्त होगी.
तस्वीर: Dennis Van TIne/Star Max//AP Images/picture alliance
दुनिया भर से ली गई राय
रिपोर्ट के लिए ऑक्सफैम द्वारा किए गए सर्वेक्षण में 79 देशों के 295 अर्थशास्त्रियों ने अपनी राय दी. 87 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने महामारी के चलते अपने देश में आय असमानता में बड़ी या बहुत बड़ी बढ़ोतरी का अनुमान जताया
तस्वीर: Reuters/F. Mascarenhas
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ऑस्ट्रिया में हर साल लगभग 15 अरब यूरो विरासत में अगली पीढ़ी को मिल रहे हैं और किसी को विरासत में दौलत मिलेगी या नहीं, प्रोफेसर लिस्ट के मुताबिक यह बात "कुल संपत्ति के मामले में ऊपर जाने में” बहुत बड़ी भूमिका निभाती है.
2008 में देश में विरासत पर लगने वाला टैक्स खत्म कर दिया गया था. वैसे दुनिया में कई अरबपति अपनी संपत्ति दान करते रहे हैं. मसलन अमेरिकी अरबपति वॉरेन बफेट ने अपनी 99 फीसदी संपत्ति को दान करने का ऐलान किया था. लेकिन लिस्ट कहते हैं कि इंगेलहोर्न की कोशिश वैज्ञानिक है.