शेरपा ने क्यों रोका 26वीं बार एवरेस्ट फतह करने का अभियान
२६ मई २०२१
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर रिकॉर्ड 25 बार चढ़ने वाले नेपाल के एक शेरपा का कहना है कि पहाड़ की देवी ने उन्हें 26वीं बार के लिए चेतावनी दी है.
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51 साल के कामी रीता शेरपा ने 7 मई को एवरेस्ट पर 25वीं बार चढ़ाई की. यह एक नया विश्व रिकॉर्ड है. उनके साथ 11 और शेरपा भी थे जो रस्सी ठीक करने की टीम का हिस्सा थे.लेकिन अगली बार चढ़ने को लेकर कामी सशंकित हैं. 25वीं चढ़ाई के बाद नेपाल की राजधानी काठमांडू लौटे कामी शेरपा ने कहा कि वह अगली बार की चढ़ाई को लेकर बहुत आशवस्त नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जब वह अपने नए ग्राहकों के साथ पश्चिम क्वाम घाटी में 26वीं बार चढ़ाई की तैयारी कर रहे थे तो उन्हें एक सपना आया. कामी ने यह तो नहीं बताया कि सपना क्या था लेकिन इतना कहा कि उन्हें लगता है देवी नहीं चाहती कि वह एक बार फिर इस चोटी की चढ़ाई करें.
कामी ने मीडिया से बातचीत में कहा, "ये अच्छा सपना नहीं था. मुझे लगा कि देवी मुझे बता रही हैं कि अब इस बार के लिए बहुत हो गया है. इसलिए मैं लौट आया."
कोरोना महामारी से प्रभावित हुई चढ़ाई
नेपाली शेरपा अपने पर्वतारोहण कौशल के लिए जाने जाते हैं. वे शेरपा माउंट एवरेस्ट को देवी मानकर पूजते हैं. ये शेरपा विदेशों से आए पर्वतारोहियों को लेकर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर जाते हैं. और ट्रेकिंग अभियानों में भी गाइड के तौर पर साथ जाते हैं. हर साल चढ़ाई शुरू करने से पहले वह एक पूजा करते हैं और देवी से पहाड़ी पर कदम रखने के लिए माफी मांगते हैं. पहली बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले न्यूजीलैंड के सर एडमंड हिलेरी के साथ 1953 में तेनजिंग नोरगे शेरपा भी थे. कामी ने कहा कि वह अगले साल पर्वतारोहण के लिए जाएंगे.
कोविड महामारी के कारण 2020 में एवरेस्ट पर चढ़ाई बंद रही थी. लेकिन इस साल सैकड़ों पर्वतारोही एवरेस्ट बेसकैंप पहुंचे हैं और बीते दो महीने में सैकड़ों लोग चढ़ाई कर चुके हैं. किसी भी समय पर नेपाल की ओर बने बेस कैंप में एक हजार से ज्यादा लोग होते हैं. नेपाल से एवरेस्ट आरोहण का परमिट लेने की फीस 11 हजार अमेरिकी डॉलर्स यानी करीब आठ लाख रुपये है. इसके अलावा पर्वतारोही 40 हजार डॉलर यानी करीब 30 लाख रुपये एक अभियान के लिए खर्च करते हैं.
वीके/एए (रॉयटर्स)
धरती की सबसे दुश्वार जगहें
जबदस्त रूखे अटाकामा मरुस्थल से लेकर हर वक्त नमी से लबालब भारतीय गांव तक, सबसे ऊंची चोटी से लेकर सबसे गहरे व अंधेरे इलाके तक, धरती पर मौजूद ऐसे अजूबों पर एक नजर.
तस्वीर: AP
सबसे ठंडी जगह: पूर्वी अंटार्कटिक पठार
अंटार्कटिका के ऊंचे इलाकों की दुश्वार सर्दी की तुलना और जगहों से नहीं की जा सकती. सर्दियों में एक रात यहां का तापमान शून्य से 92 डिग्री नीचे (माइनस 92 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया. लेकिन ग्रीन हाउस गैसों के बढ़ते उत्सर्जन और पर्यावरण में बढ़ती सीओटू इन इलाकों को भी गर्म कर सकते हैं.
तस्वीर: EPA/YONHAP NEWS AGENCY
सबसे गर्म जगह: डेथ वैली, अमेरिका
मौत की घाटी कही जाने वाली अमेरिका की डेथ वैली धरती की सबसे गर्म जगह है. कैलिफोर्निया प्रांत के डेथ वैली नेशनल पार्क में 10 जुलाई 1913 को यहां का उच्चतम तापमान 56.7 डिग्री मापा गया.
तस्वीर: gemeinfrei
सबसे ऊंची जगह: माउंट एवरेस्ट, नेपाल
दुनिया की सबसे ऊंची जगह है माउंट एवरेस्ट की चोटी. 8,848 मीटर ऊंची यह चोटी हिमालय में पड़ती है. 29 मई 1953 को पहली बार न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी और नेपाल के शेरपा तेनजिंग ने इसे छुआ.
तस्वीर: Getty Images/P. Bronstein
सबसे गहरी जगह: चैलेंजर डीप, प्रशांत महासागर
गुआम के उत्तर में प्रशांत महासागर के मारियान ट्रेंच के नीचे धरती की सबसे गहरी जगह चैलेंजर डीप है. इसकी गहराई 11 किलोमीटर है. वहां तक अब तक सिर्फ तीन ही लोग जा पाए हैं. अवतार और टाइटैनिक फिल्म के निर्देशक जेम्स कैमरन 2012 में वहां गए.
तस्वीर: REUTERS
सबसे रूखी जगह: अटाकामा मरुस्थल, चिली
अटाकामा रेगिस्तान को मौसम विज्ञानी पूरी तरह रूखी जगह करार देते हैं. लैटिन अमेरिका के चिली में स्थित अटाकामा में ऐसी जगहें भी हैं जहां आज तक बारिश की एक बूंद भी दर्ज नहीं की गई.
बादलों का बसेरा कहे जाने वाले भारतीय राज्य मेघालय का मौसिनराम इलाका धरती की सबसे गीली जगह है. मौसिनराम गांव में साल भर औसतन 11.86 मीटर बारिश होती है.
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सबसे ज्यादा जनसंख्या: शंघाई, चीन
एक शहर की आबादी ढाई करोड़ से ज्यादा. यह अफ्रीकी देश अंगोला की कुल आबादी है, लेकिन इतने ही लोग शंघाई में भी रहते हैं. अपार जनसंख्या का खामियाजा पर्यावरण और आखिरकार इंसान को भुगतना पड़ रहा है.
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सबसे ऊंची परिवहन झील: लेक टिटिकाका
इंका भाषा क्वेचुआ में टिटिकाका का मतलब है प्यूमा चट्टानें. इसी नाम से मशहूर टिटिकाना झील नाव परिवहन वाली दुनिया की सबसे ऊंची झील है. यह पेरू और बोलीविया की सीमा पर है.