हर दिन मात्र एक रुपया खर्च कर के अगर कानूनी रूप से अश्लील वीडियो देखने को मिले, तो कोई क्यों ना देखे? भारत का यही हाल है. सस्ते इंटरनेट के चक्कर में भारत दुनिया का सबसे अधिक पॉर्न देखने वाला देश बनने की राह पर है. अभिव्यक्ति की आजादी और मीडिया स्वतंत्रता को अब इंटरनेट में अश्लील कॉन्टेंट पर भी लागू करने की मांग होने लगी है. लेकिन क्या ऐसा मुमकिन है? क्या हैं भारत में इससे जुड़े कानून?