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समाज

शेख हसीना की हत्या की साजिश के 14 दोषियों को मौत की सजा

२४ मार्च २०२१

बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादियों की ओर से असफल मिशन 20 साल पहले हुआ था. शेख हसीना के प्रधानमंत्री के रूप में पहले कार्यकाल के दौरान आतंकियों ने साजिश रची थी.

तस्वीर: Xinhua News Agency/picture alliance

शेख हसीना की हत्या की साजिश रचने के जुर्म में हरकत-उल-जिहाद बांग्लादेश (हूजी-बी) के 14 आतंकवादियों को 21 साल बाद मौत की सजा सुनाई गई है. दोषियों को सार्वजनिक रूप से फायरिंग दस्ते की ओर से गोली मारी जाएगी या फांसी पर लटका दिया जाएगा. 21 जुलाई 2000 को गोपालगंज के कोटलीपारा में हसीना की सभास्थल के पास 76 किलो का एक शक्तिशाली बम लगाया गया था. अगले दिन वहां से एक और बम भी बरामद किया गया, जो 40 किलो का था.

ढाका के फास्ट ट्रैक कोर्ट के प्रथम जज अबू जफर मोहम्मद कमरूज्जमां ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए कहा, "दोषियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना की हत्या कर लोकतांत्रिक और वैध सरकार को बाहर करने के लिए बम लगाया था." अदालत ने अपने फैसले में कहा, "लिबरेशन के युद्ध में अपनी हार के बाद से मुक्ति-विरोधी बल अपने षड्यंत्रों को अब भी जारी रखे हुए हैं. उन्होंने 1975 में राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी और शेख हसीना के देश लौटने के बाद उनकी हत्या करने की साजिश रची."

कोर्ट का मानना है कि दोषियों को मिसाल कायम करने के लिए कठोर सजा देना जरूरी है और इस तरह से क्रूर घटनाओं को रोकना संभव है. जज ने कहा कि इस फैसले को लागू करने के लिए फायरिंग दस्ते का इस्तेमाल होगा, जब तक कि कानून द्वारा इस पर रोक न लगाई जाए. अदालत के लोक अभियोजक अबू अब्दुल्ला भुइयां के मुताबिक मंगलवार को भीड़ भरे अदालत कक्ष में फैसला सुनाया गया.

फैसले के दौरान चौदह में से नौ दोषी अदालत में मौजूद थे. बाकी पांच दोषी फरार हैं और उनकी गैरहाजिरी में उन पर सुनवाई चली और सरकार की ओर से नियुक्त वकीलों ने कानून के मुताबिक उनका बचाव किया. बचाव पक्ष के वकील का कहना है कि वे इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे. जज ने कहा है कि बाकी पांच दोषियों को पकड़कर उन्हें भी जल्द से जल्द सजा दी जाए.

मुख्य साजिशकर्ता को हुई 2017 में फांसी

हूजी-बी के शीर्ष नेता मुफ्ती अब्दुल हन्नान इस मामले में मुख्य आरोपी था, लेकिन उसका नाम हटा दिया गया, क्योंकि उसे 2004 में ढाका के पूर्व ब्रिटिश उच्चायुक्त अनवर चौधरी पर ग्रेनेड हमले के एक मामले में फांसी दी गई. हमला ढाका के सिलहट में 14वीं शताब्दी के सूफी मंदिर में किया गया था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी, मगर चौधरी को सिर्फ पैर में चोट लगी थी. इसके बाद हूजी-बी के शीर्ष नेता मुफ्ती अब्दुल हन्नान को 12 अप्रैल 2017 को दो सहयोगियों के साथ एक ही समय में फांसी दे दी गई थी.

एए/सीके (एपी, डीपीए)

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