मस्जिद की सीढ़ियों पर नाचने के आरोप में युवक गिरफ्तार
१० अगस्त २०२१
बांग्लादेश की पुलिस ने मस्जिद की सीढ़ियों पर नाचने और उसका वीडियो बनाकर प्रसारित करने के आरोप में 20 साल के एक युवक को गिरफ्तार किया है.
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सोमवार को बांग्लादेश की पुलिस ने बताया कि 20 वर्षीय एक युवक को राजधानी ढाका के पूर्व में स्थित क्युमिला कस्बे में एक मस्जिद की सीढ़ियों पर नाचने और उसका वीडियो बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
इस युवक पर आरोप है कि उसने 20 वर्षीय एक युवती के साथ मस्जिद की सीढ़ियों पर डांस करते हुए खुद को फिल्माया और फिर उस वीडियो को अलग-अलग जगह शेयर भी किया. अधिकारियों का कहना है कि सोशल मीडिया पर मशहूर यासीन को देवीद्वार स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया.
धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप
पुलिस ने यासीन पर मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का इल्जाम लगाया है और बांग्लादेश के 2018 डिजिटल सिक्योरिटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है. यासीन को दोषी पाए जाने पर पांच साल तक की जेल हो सकती है.
देखिएः कश्मीर हिंदुओं के जर्जर घर
जर्जर हाल में पुलवामा में कश्मीरी हिंदुओं के घर
जम्मू कश्मीर में 1990 के दशक में हथियारबंद आंदोलन की शुरुआत के बाद हिंदुओं को निशाना बनाया गया. हजारों कश्मीरी हिंदू प्रांत छोड़कर देश के दूसरे हिस्सों में चले गए. उनके घर वीरान पड़े हैं और खस्ताहाल हैं.
तस्वीर: Gulzar Bhat
दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले के हाल गांव में कश्मीरी हिंदुओं के परिवार रहते थे. पत्रकार गुलजार बट ने गांव का दौरा किया और स्थानीय वास्तुकला में बने टूटे फूटे घरों की तस्वीरें ली.
तस्वीर: Gulzar Bhat
1990 के पहले हाल गांव में करीब 100 कश्मीरी हिंदू परिवार रहते थे. तकरीबन सारे इस बीच गांव छोड़ चुके हैं. अब इस इलाके में सिर्फ एक हिंदू परिवार रहता है.
तस्वीर: Gulzar Bhat
बहुत से कश्मीरी हिंदू परिवारों ने इलाके में असुरक्षा के कारण अपना घरबार और जायदाद बेच दिया. जिन लोगों ने घर नहीं बेचा, उनके घर अब बहुत ही बुरी हालत में हैं.
तस्वीर: Gulzar Bhat
कश्मीर में हमलों के कारण कश्मीरी हिंदू अपना घर बार और जायदाद छोड़कर भाग गए. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 62,000 कश्मीरी हिंदू भारत के दूसरे हिस्सों में शरणार्थी हैं.
तस्वीर: Gulzar Bhat
5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया और प्रांत को दो केंद्र शासित राज्यों में बांट दिया. लेकिन कश्मीरी हिंदुओं की वापसी नहीं हो पाई है.
तस्वीर: Gulzar Bhat
इस साल फरवरी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रवासी कश्मीरी हिंदुओं के लिए दस टाउनशिप बनाने की घोषणा की थी. लेकिन उसके निर्माण की दिशा में ज्यादा प्रगति नहीं हुई है.
तस्वीर: Gulzar Bhat
जम्मू कश्मीर का पुलवामा का इलाका चरमपंथियों का गढ़ रहा है. इलाके में शांति अभी तक वापस नहीं लौटी है. देश के दूसरे हिस्सों में शांति में रह रहे कश्मीरी वहां वापस लौटने से घबरा रहे हैं.
तस्वीर: Gulzar Bhat
कश्मीरी हिंदुओं के घर छोड़कर भागने के बाद उनके मकान जर्जर हालत में हैं और पूरी तरह से ढह गए हैं. उन्हें रिहायश के लायक बनाना आसान नहीं होगा. यहां नए घर ही बनाने होंगे.
तस्वीर: Gulzar Bhat
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स्थानीय पुलिस प्रमुख ने समाचार एजेंसी एएफपी को कहा कि यासीन के नृत्य ने मस्जिद को दूषित कर दिया. वीडियो में यासीन के साथ डांस करने वालीं कलाकार फिलहाल लापता है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
जिस वीडियो को लेकर यह हंगामा हुआ है वह क्युमिला में बनी एक नई मस्जिद के बाहर फिल्माई गई थी. यह मस्जिद उन 50 नई मस्जिदों में शामिल है जिन्हें सरकार ने हाल ही में बनवाया है.
वीडियो करीब एक महीना पहले फिल्माई गई थी और इसे लाईकी नामक वीडियो-शेयरिंग प्लैटफॉर्म पर अपलोड किया गया था. अधिकारियों का कहना है कि वीडियो को लगभग साढ़े नौ लाख बार देखा चुका है.
बांग्लादेश में कट्टरता
मुस्लिम बहुल आबादी वाला बांग्लादेश यूं आधिकारिक तौर पर एक धर्मनिरपेक्ष देश है लेकिन हाल ही में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जबकि अधिकारियों ने इस्लाम की कथित सुरक्षा में कठोर कार्रवाई की है.
तस्वीरों मेंः आसिया बीबी, एक गिलास पानी के लिए मौत की सजा
क्या कभी सुधरेगा अफगानिस्तान का हाल
पिछले 19 साल से अफगानिस्तान में अमेरिका का दखल बना हुआ है. लेकिन अब भी देश कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ कमजोर नजर आता है. हाल के आत्मघाती हमले और बम धमाके देश में आतंकवादी गुटों की मजबूत पकड़ को बयां करते हैं.
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चरमराती सुरक्षा व्यवस्था
पिछले कई महीनों से अफगानिस्तान कभी बम धमाके तो कभी आत्मघाती हमलों के चलते सुर्खियां बटोर रहा है. अब तक इसमें कई सौ बेकसूर अफगान लोगों की जान जा चुकी है. लेकिन देश की सुरक्षा व्यवस्था सुधरने का नाम ही नहीं ले रही. इन हमलों ने स्थानीय लोगों में निराशा भर दी है. वहीं सरकार भी सुरक्षा के मसले पर विफल साबित हो रही है.
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लगातार हो रहे हमले
लगातार हो रहे इन हमलों ने एक बार फिर अफगानिस्तान को दुनिया की निगाहों में ला दिया है. आतंकवादी गुट तालिबान और इस्लामिक स्टेट (आईएस) समय-समय पर इन हमलों की जिम्मेदारी लेते रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ अफगानिस्तान सरकार पर भी दबाव है कि वह तालिबान और आईएस के कब्जे वाले इलाकों में अपना शासन कायम कर सके.
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आक्रामक नीति
हाल में ही तालिबान ने अफगानिस्तान के भीतर बेहद ही आक्रामक नीति अपनाने की घोषणा की. साथ ही राष्ट्रपति के साथ शांति वार्ता के प्रस्ताव को भी सिरे से खारिज कर दिया. आतंकवादी गुट अफगानिस्तान में सख्त इस्लामिक कानूनों को लागू करने के पक्षधर हैं. उनका आक्रामक कैंपेन अमेरिका की कड़ी सैन्य रणनीतियों का उत्तर है.
तस्वीर: Reuters
ट्रंप की अफगान नीति
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पिछले साल अफगानिस्तान के लिए नई रणनीति तय की थी. इसके तहत अफगान सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण और मदद के लिए 11000 अतिरिक्त शीर्ष अमेरिकी सैनिकों की तैनाती की बात कही गई थी. इसके साथ ही ट्रंप ने तालिबान के खिलाफ लड़ाई में अफगान सैनिकों को समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई थी. साथ ही यह भी कहा था कि अफगानिस्तान में जरूरत के मुताबिक अमेरिका की उपस्थिति बनी रहेगी.
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अफगान शांति प्रक्रिया
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इस साल फरवरी में तालिबान के सामने शांति वार्ता का प्रस्ताव रखा था. लेकिन तालिबान ने इस ओर कोई रुचि नहीं दिखाई. और, इसे एक षड्यंत्र कहकर खारिज कर दिया. विशेषज्ञों के मुताबिक कोई भी आतंकी समूह उस वक्त बातचीत में शामिल नहीं होगा जब जमीन पर उसकी पकड़ मजबूत बनी हुई हो.
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पाकिस्तान की भूमिका
अफगानिस्तान के धमाके, पाकिस्तान पर भी दबाव बढ़ा रहे हैं. अफगानिस्तान और अमेरिका दोनों ही पाकिस्तान पर आतंकियों को आश्रय देने का आरोप लगाते रहे हैं. लेकिन पाकिस्तान लगातार इन आरोपों का खंडन करता रहा है.
तस्वीर: DW/H. Hamraz
तालिबान के इतर
तालिबान के अलावा अफगान लड़ाकों के सरदारों की भी देश की राजनीति में अहम भूमिका है. पिछले साल, हिज्ब-ए-इस्लामी के नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार 20 साल देश से बाहर रहने के बाद अफगान राजनीति में वापस लौ़टे हैं. साल 2016 में अफगान सरकार ने हिकमतयार के साथ इस उम्मीद के साथ समझौता किया था कि ये समूह काबुल के साथ बेहतर संबंध रखेंगे.
तस्वीर: Reuters/O.Sobhani
असक्षम सरकार
अफगानिस्तान में सत्ता के लिए जारी इस लड़ाई का असर राष्ट्रपति की कुर्सी पर भी हो रहा है. मौजूदा राष्ट्रपति अशरफ गनी की लोकप्रियता और स्वीकार्यता जनता के बीच लगातार घट रही है. वहीं अफगान सरकार में बढ़ते भ्रष्टाचार और भीतरी खींचतान के चलते भी आतंकवाद के खिलाफ सरकार की मुहिम कमजोर पड़ी है.
तस्वीर: Reuters/K. Pempel
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पिछले साल दो हिंदू युवकों को सोशल मीडिया पर कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के लिए सात-सात साल की सजा सुनाई गई थी. पिछले साल ही एक ब्लॉगर असद नूर को बेहद तीखी आलोचनाओं का सामन करना पड़ा था क्योंकि उन्होंने इस्लामिक कट्टरपंथ की आलोचना की थी. नास्तिक ब्लॉगर असद नूर आजकल भारत में हैं. पुलिस ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया था जिसके बाद 14 नवंबर 2019 को वह गुपचुप तरीके से सीमा पारकर भारत चले गए थे.
पिछले साल डॉयचे वेले को दिए एक इंटरव्यू में नूर ने बताया था, "अपने यूट्यूब और फेसबुक वीडियो में मैं इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद की कुरान का हवाला देकर आलोचना करता रहा हूं. इसके साथ ही मैं राजनीतिक इस्लाम का भी आलोचक हूं. इसलिए इस्लामिक लोग मुझसे नाराज हैं.”
वीके/एए (एएफपी, डीपीए)
देखिए, इन हिंदू नामों का दीवाना है मुस्लिम देश इंडोनेशिया
इन हिंदू नामों का दीवाना मुस्लिम देश इंडोनेशिया
सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया बढ़ते कट्टरपंथ और शरिया के मुताबिक सजा देने के लिए चर्चा में रहा है. लेकिन इस देश में आज भी लोग बच्चों के नाम हिंदू देवताओं या पौराणिक चरित्रों के नाम रखते हैं.
तस्वीर: picture alliance/Heritage Images
कृसना (Krisna)
इंडोनेशिया में हिंदू नामों की वर्तनी कुछ अलग हैं, लेकिन उनका मूल एक ही है. जिसे हम कृष्ण के तौर पर जानते हैं, उसे इंडोनेशिया में कृसना कहा जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Gupta
रामा (Rama)
इंडोनेशिया में इस्लाम के प्रसार से पहले हिंदू और बौद्ध धर्म प्रचलित थे. अब भी हिंदू नाम और संस्कृति दिखती है. इसीलिए आज भी रामा या कहें राम वहां एक प्रचलित नाम है.
तस्वीर: AP
सीता (Sita)
सीता भी इंडोनेशिया में रखे जाने वाले पसंदीदा नामों में से एक है. राम की पत्नी और राजा जनक की बेटी सीता रामायण के सबसे अहम किरादारों में से एक है.
तस्वीर: Rainer Wolfsberger/Museum Rietberg Zürich
विसनु (Wisnu)
विसनु यानी विष्णु. इस नाम वाले लोग भी आपको इंडोनेशिया में खूब मिलेंगे. अरकी डिकानिया विसनु नाम के एक नामी अमेरिकी-इंडोनेशियाई बास्केट बॉल खिलाड़ी हैं.
तस्वीर: Presse
लक्ष्मी (Lakshmi)
लक्ष्मी नाम जितना प्रचलचित भारत में है, उतना ही इंडोनेशिया में भी है. हिंदू धर्म में लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी के तौर पर पूजा जाता है.
तस्वीर: imago/imagebroker
सरस्वती (Saraswati)
ज्ञान की देवी मानी जाने वाली सरस्वती का नाम भी इंडोनेशिया में बहुत जाना माना है. 2013 में इंडोनेशिया की सरकार ने 16 फीट ऊंची सरस्वती की एक प्रतिमा अमेरिका को भेंट की थी.
तस्वीर: picture alliance/DINODIA PHOTO LIBRARY
सेतियावान (Setiawan)
सत्यवान नाम आपको भारत में आजकल शायद ही सुनने को मिलता है. लेकिन सत्यवान-सावित्री की पौराणिक कथा से निकले इस नाम को आज भी इंडोनेशिया में शौक से रखा जाता है.
तस्वीर: DW/M. Mamun
सावित्री (Savitri)
हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार सावित्री यमराज से अपने पति सत्यावान की जिंदगी को वापस ले आयी थी. सावित्री भी इंडोनेशिया में एक प्रचलित नाम है.
तस्वीर: Getty Images/O. Siagian
देवा/देवी (Devi/Deva)
इंडोनेशिया में आपको बहुत से लोग मिल जाएंगे जिनके नाम देवा या देवी होते हैं. स्वाभाविक रूप से देवा पुरुष तो देवी एक महिला नाम है.
तस्वीर: UNI
युदिसथीरा (Yudisthira)
महाभारत और रामायण इंडोनेशिया में अब भी प्रचलित संस्कृति का हिस्सा है. महाभारत में धर्मराज कहे जाने वाले युधिष्ठिर का नाम भी इसीलिए आपको इंडोनेशिया में खूब मिलता है.
तस्वीर: picture alliance/united archives
अर्जुना (Arjuna)
अर्जुना भी इंडोनेशिया में एक लोकप्रिय नाम है. महाभारत में श्रेष्ठ धनुर्धर होने के साथ साथ अर्जुन उस गीता उपदेश प्रकरण का भी हिस्सा रहे हैं जो हिंदू दर्शन के बड़े आधारों में से एक है.
तस्वीर: Getty Images/R. Pudyanto
भीमा (bima/Bhima)
भीम पांडवों में दूसरे नंबर पर आते थे और बहुत बलशाही थे. उन्हीं के नाम पर इंडोनेशिया में बीमा या भीमा नाम रखा जाता है. बीमा इंडोनेशिया में एक शहर का नाम भी है.
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पार्वती (Parwati)
पौराणिक कथाओं के अनुसार पार्वती शिव की पत्नी हैं. यह नाम भी इंडोनेशिया में प्रचलित उन नामों से एक है, जिनका मूल हिंदू धर्म से जुड़ा है.
इंद्र (Indra)
इंद्र भी इंडोनेशिया में एक प्रचलित नाम है. देवराज कहे जाने वाले इंद्र को वर्षा का देवता कहा जाता है. उनके दरबार की अप्सराओं और उनके गुस्से को लेकर कई कहानियां हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Gupta
गनेसा (Ganesa)
गनेसा नाम हिंदू देवता गणेश के नाम का इंडोनेशियाई संस्करण है. इंडोनेशिया के बांडुंग शहर में मशहूर तकनीकी शिक्षण संस्थान आईटीबी में गनेशा कैंपस बहुत मशहूर है. वहां गणेश की बहुत ही प्रतिमाएं भी हैं.
तस्वीर: DW/Joanna Impey
गरुणा (Garuna)
गरुणा इंडोनेशिया की सरकारी एयरलाइन कंपनी है जिनका नाम गरुण से प्रेरित है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार गरुण पक्षी भगवान विष्णु की सवारी है.
तस्वीर: picture alliance/Heritage Images
सूर्या (Surya/Suria)
सूर्य नाम अब भारत में नई पीढ़ी के बीच पहले जितना प्रचलित नहीं है, लेकिन इंडोनेशिया में अब भी आपको बहुत से लोग मिल जाएंगे जिनका नाम सूर्या है.