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अर्थव्यवस्थाबांग्लादेश

ट्रैफिक जाम से छुटकारा दिलाने ढाका में दौड़ पड़ी मेट्रो

२९ दिसम्बर २०२२

ढाका दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले शहरों में से एक है और इसकी भीड़भाड़ वाली सड़कें यहां चलने वालों के लिए सिरदर्द बन जाती है.

ढाका में पहली मेट्रो
ढाका में पहली मेट्रोतस्वीर: Salim/Xinhua/picture alliance

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 2.8 अरब डॉलर की लागत से बनी पहली मेट्रो रेल लाइन का उद्घाटन बुधवार को देश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने किया. यह बांग्‍लादेश की महत्‍वाकांक्षी मास रेपिड ट्रांसपोर्ट परियोजना का हिस्सा है.  इस परियोजना को 2030 तक पूरा किया जाना है. इस अर्बन रेलवे प्रोजेक्ट के लिए जापान सबसे ज्यादा फंड मुहैया करा रहा है.

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बांग्लादेश 2030 तक 100 से अधिक स्टेशनों के साथ ऐसी छह मेट्रो लाइनें बनाना चाहता है. यह परियोजना ज्यादातर जापानी विकास कोष की मदद से पूरी की जा रही है. ढाका दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले शहरों में से एक है और इसकी आबादी लगभग 2.2 करोड़ है. राजधानी में लोगों को हर रोज यात्रा करने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ता है.

बांग्लादेशी अधिकारी राजधानी में भीड़भाड़ कम करना चाहते हैं जबकि भारी यातायात न केवल बांग्लादेश के विकास को प्रभावित कर रहा है बल्कि नागरिकों के हताशा को भी बढ़ा रहा है.

ट्रैफिक जाम से अर्थव्यवस्था को नुकसान

स्थानीय शोधकर्ताओं का कहना है कि ट्रैफिक जाम में फंसने के कारण बहुत समय खर्च होता है और राजधानी की अर्थव्यवस्था को प्रति वर्ष तीन अरब डॉलर से अधिक का नुकसान होता है. राजधानी की अधिकांश सड़कें भी रोजाना विरोध प्रदर्शनों के चलते बंद हो जाती हैं और हर साल मानसून की बारिश भी इनके टूटने का कारण बनती है.

उद्घाटन समारोह में बोलते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा, "यह मेट्रो रेल भी हमारे लिए गर्व का विषय है. और छह मेट्रो रेल लाइनों के साथ हम ऐसा करने में सक्षम होंगे."

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ऐसी उम्मीद है कि जब लाइन पूरी तरह चालू हो जाएगी, तो हर घंटे 60,000 लोग इसके जरिए से यात्रा कर सकेंगे. ढाका के नागरिक इस परियोजना के पूरा होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

ढाका निवासी मुस्ताफिजुर रहमान को अपने काम पर पहुंचने के लिए रोज सुबह करीब तीन घंटे लगते हैं. उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए कहा, "हम इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. इससे जनता की परेशानी कम होगी."

उद्घाटन समारोह के दौरान बांग्लादेशी प्रधानमंत्री ने परियोजना पर काम कर रहे छह जापानी रेलवे इंजीनियरों को भी श्रद्धांजलि दी, जिनकी मौत 2016 में ढाका में एक कैफे पर हुए हमले में हुई थी.

एए/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)

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