बांग्लादेश में एक मालवाहक जहाज ने यात्रियों से भरी नाव को पीछे से टक्कर मारी जिसमें कई लोगों की मौत हो गई. रविवार देर रात तक गोताखोर लोगों की तलाश में ऑपरेशन चलाते रहे.
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बांग्लादेश के अधिकारियों का कहना है कि रविवार 4 अप्रैल को मालवाहक जहाज की चपेट में आने के बाद डबल डेकर नाव हादसे का शिकार हो गई. शीतलाक्षी नदी में यह हादसा हुआ और नाव में करीब 50 लोग सवार थे. अधिकारियों ने कहा हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग अब भी लापता है. बांग्लादेश में जल परिवहन प्राधिकरण से जुड़े एक अधिकारी मुबारक हसन ने कहा कि यह घटना ढाका के पास हुई है.
यह हादसा रविवार शाम 6 बजे हुआ, जब नाव नारायणगंज से मुंशीगंज जिले के लिए रवाना हुई थी. नाव को 45 मिनट की दूरी तय करने थी. समाचार एजेंसी एएफपी से नारायणगंज के फायर ब्रिगेड के प्रमुख अब्दुल्ला अल अरेफिन ने कहा कि 11 लोगों को पानी से निकाल लिया गया जबकि अन्य यात्री जान बचाने के लिए नदी के दूसरी तरफ चले गए हो. बांग्लादेश में ऐसी दुर्घटनाएं सामान्य हैं जहां लाखों लोग परिवहन के लिए नावों पर निर्भर रहते हैं.
बांग्लादेश में लॉकडाउन
दरअसल बांग्लादेश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सात दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है और लॉकडाउन के कारण लोग औद्योगिक जिले छोड़ अपने घरों के लिए रवाना हुए थे. नारायणगंज में अग्निशमन विभाग से जुड़े अधिकारी अब्दुल्ला अल अरेफिन ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि यह संभव है कि कुछ लोग बह गए हो.
बांग्लादेश में सात दिनों के लॉकडाउन के दौरान घरेलू यात्रा निलंबित कर दी गईं हैं और मॉल और दुकानें बंद करने का आदेश जारी किया गया है. सप्ताह के दिनों में बैंकों को केवल ढाई घंटे के लिए खोलने की अनुमति होगी, जबकि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के व्यवसायों को केवल अपने कार्यालयों में न्यूनतम संख्या में कर्मचारियों को बुलाने को कहा गया है.
एए/सीके (एएफपी, डीपीए)
कोरोना के कारण क्या खत्म होते जा रही हाथ मिलाने की परंपरा
दुनियाभर में लोग हाथ मिलाकर अभिवादन करते हैं. यह परंपरा हजारों साल पुरानी है. लेकिन कोरोना के कारण लोग पिछले एक साल से हाथ नहीं मिला रहे हैं. यहां जानिए, हाथ मिलाने से जुड़ी कुछ रोचक बातें.
तस्वीर: AFP
हजारों साल पुराना चलन
कई हजार सालों से हाथ मिलाने का चलन रहा है, लेकिन अब लोग हाथ मिलाने से बच रहे हैं. पांच से चार शताब्दी ईसा पूर्व के समय में यूनानी अंत्येष्टि कलाओं में भी हाथ मिलाने के प्रतीक मिलते हैं. प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया के कला में भी हाथ मिलाने का जिक्र है.
तस्वीर: Fatih Aktas/AA/picture alliance
हाथ मिलाने का विकल्प
लोग संक्रमण को दूर रखने के लिए हाथ मिलाने की जगह मुट्ठी मिलाते हैं या फिर दूर से ही अभिवादन करते हैं या कोहनी टकराते हैं.
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नमस्ते
भारत में लोग अभिवादन के लिए हाथ जोड़कर नमस्ते करते आए हैं. विश्व भर में यह तरीका अब और लोकप्रिय हो गया है. देशों के प्रमुख भी नमस्ते करना पसंद करते हैं.
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कोहनी से कोहनी
कोरोना काल में नेता और राजनयिक ऑनलाइन ही बैठकें ज्यादा कर रहे हैं अगर वे दौरे पर जा भी रहे हैं तो एक खास दूरी बनाए रहते हैं. वे अभिवादन के लिए कोहनी भी टकराते हैं.
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फुटशेक
हैंडशेक तो आपने सुना है, अब युवाओं के बीच फुटशेक भी काफी लोकप्रिय हो चुका है. युवा अपने पैर को दोस्त या साथी के पैर से टकराते हैं. नेताओं ने भी इसको अपना लिया है.
तस्वीर: Tanzania Presidential Office
राजनीतिक मुलाकात
नेताओं ने अपने दौरे के दौरान हाथ मिलाना बिलकुल ही छोड़ ही दिया है, वे अब समझौतों और बैठकों में हाथ मिलाने का विकल्प अपनाते हैं. बड़े-बड़े समझौते बिना हाथ मिलाए ही हो रहे हैं.
तस्वीर: Olivier Matthys/Pool/REUTERS
संपर्क की मुद्रा
जानकार कहते हैं कि हाथ मिलाना लोगों के बीच संबंध बनाने की एक मुद्रा है. हाथ मिलाने से स्पर्श और भरोसे का एहसास भी होता है. लेकिन दुनिया को अब तक समझ नहीं आया है कि दोबारा वह कब हाथ मिला पाएगी.
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हाथ मिलाने के अन्य विकल्प क्या हैं?
अगर आप हाथ नहीं मिलाना चाहते हैं तो आप अपने सामने वाले के सामने थोड़ा झुककर अभिवादन कर सकते हैं, मुस्कुरा सकते हैं या फिर नमस्ते भी कर सकते हैं. दिल पर हाथ रखकर भी अभिवादन कर सकते हैं या फिर आसान तरीके से सलाम भी कर सकते हैं.
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हाथ नहीं मिलाने से संक्रमण होता दूर
हाथ नहीं मिलाने से संक्रमण की चेन टूट सकती है और संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है.
तस्वीर: DW/S. Bartlick
बच्चे ज्यादा क्रिएटिव
इस तस्वीर में नॉर्वे की प्रधानमंत्री एरना सोलबर्ग एक क्लासरूम में बच्चों के साथ अभिवादन के तरीके सीख रही हैं. यह तस्वीर पिछले साल की है जब वे एक स्कूल के दौरे पर गईं थीं.