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कौन है मोहाली में हमला करने वाला संगठन एसएफजे?

११ मई २०२२

मोहाली स्थित पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस के मुख्यालय पर हुए रॉकेट हमले की जिम्मेदारी सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) नामक एक संगठन ने ली है, जिस पर भारत ने प्रतिबंध लगाया हुआ है. क्या है सिख फॉर जस्टिस?

अमेरिका में अक्सर नजर आते हैं सिख फॉर जस्टिस के झंडे
अमेरिका में अक्सर नजर आते हैं सिख फॉर जस्टिस के झंडेतस्वीर: Mary Altaffer/AP/picture alliance

पंजाब पुलिस का कहना है कि मोहाली में सेक्टर 77 में स्थित एक भवन पर रॉकेट लॉन्चर से किए गए हमले की जिम्मेदारी सिख फॉर जस्टिस नामक संगठन ने ली है. पुलिस ने इस मामले में 18-20 संदिग्धों को हिरासत में लिया है और इस घटना की जांच एक संदिग्ध आतंकवादी हमले के तौर पर की जा रही है.

सोमवार को मोहाली स्थित इस भवन पर आरपीजी हमला हुआ था. इस भवन में पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस शाखा का मुख्यालय है. हमले के बाद राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया. मोहाली के एसएसपी विवेक शील सोनी ने कहा, "हम इस मामले को हल करने के बेहद करीब हैं.”

क्या यह आतंकवादी हमला था?

एसपी विवेक शील सोनी ने बताया कि 6000 से मोबाइल डेटा को खंगाला जा रहा है जो हमले के वक्त इलाके में सक्रिय थे. सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद पुलिस ने संदेह जताया है कि हमले के लिए एक संभवतया एक मारूति कार का इस्तेमाल किया गया था. पुलिस के मुताबिक यह घटना चूंकि शाम के वक्त हुई, और कोई भी उस वक्त भवन में नहीं था.

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घटना के बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक वीके भवरा ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की. मीडिया से बातचीत में भवरा ने कहा कि जल्दी ही मामले को सुलझा लिया जाएगा. भवरा ने कहा, "हमारे पास कई जानकारियां हैं और गुत्थी जल्दी सुलझा ली जाएगी. अभी जांच चल रही है और जल्दी ही सूचनाएं साझा की जाएंगी.”

तस्वीर: Hindustan Times/IMAGO

डीजीपी भवरा ने बताया कि रॉकेट के लिए जिस लॉन्चर का प्रयोग किया गया था, उसे बरामद कर लिया गया है और कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. भवरा ने इस सवाल का सीधा उत्तर नहीं दिया कि पुलिस इस घटना को आतंकवादी हमला मान रही है या नहीं लेकिन मोहाली के पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) रवींदर पाल सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट है कि "आतंकवादियों ने पंजाब पुलिस के जासूसी सिस्टम के केंद्र पर हमला करने की साजिश की थी.”

इस बीच पुलिस ने कहा है कि खालिस्तान समर्थक आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. भारतीय मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजे गए एक ऑडियो संदेश में संगठन के जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नू ने इस घटना के साथ-साथ धर्मशाला में विधानसभा भवन पर खालिस्तानी झंडा फहराने की घटना की भी जिम्मेदारी ली.

मोहाली हमले में प्रयोग रॉकटे के टुकड़ेतस्वीर: Hindustan Times/IMAGO

टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार ने लिखा है कि पन्नू ने मुख्यमंत्री को धमकी दी कि 6 जून 2022 को खालिस्तान का जनमत संग्रह दिवस मनाएं या नतीजे भुगतने को तैयार रहें. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक पन्नू ने कहा कि हिमाचल को मोहाली में हुए हमले से सबक लेना चाहिए क्योंकि यह शिमला स्थित मुख्यालय भी हो सकता था.

क्या है सिख फॉर जस्टिस?

पिछले कई दिनों से सिख फॉर जस्टिस संगठन ने पंजाब के कई हिस्सों में छिटपुट घटनाओं को अंजाम दिया है. मसलन, पिछले महीने पटियाला में खालिस्तान-विरोधी मार्च के दौरान दो गुटों का झगड़ा हुआ था जब खुद को ‘शिव सेना (बाल ठाकरे)' बताने वाले एक संगठन के कार्यकर्ताओं ने ‘खालिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाए.

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सिख फॉर जस्टिस नामक यह संगठन सिखों के लिए अलग खालिस्तान की मांग करता है. इसे 2007 में अमेरिका में स्थापित किया गया था. इसके संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू हैं, जिन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है और फिलहाल अमेरिका में वकालत कर रहे हैं. वह एसएफजे के कानूनी सलाहकार भी हैं

एसएफजे ने ‘रेफरेंडम 2020' नाम से एक अभियान चलाया है, जिसका मकसद "पंजाब को भारत से आजाद कराना” बताया जाता है. संगठन ने 2018 में पाकिस्तान के लाहौर में भी एक दफ्तर खोला था ताकि पाकिस्तान में रहने वाले सिखों को रेफरेंडम के बारे में जागरूक किया जा सके और वे वोट डाल सकें. भारत सरकार ने 2019 में इस संगठन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंध लगा दिया था. जुलाई 2020 में सरकार ने इस संगठन से जुड़े 40 से ज्यादा वेबपेज और यूट्यूब चैनल आदि भी प्रतिबंधित कर दिए थे.

रिपोर्टः विवेक कुमार

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