विमान में डिवाइस की बैटरी गर्म होने की घटनाएं बढ़ीं
१० सितम्बर २०२४
लिथियम-आयन बैटरी से चलने वाले उपकरणों के ज्यादा गर्म होने की घटनाएं हवाई उड़ानों के दौरान बढ़ रही हैं. यात्री अक्सर इन उपकरणों को चेक-इन बैग में रख देते हैं, जो कार्गो में जाते हैं. वहां आग का पता जल्दी नहीं लग पाता है.
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2019 से 2023 के बीच विमानों में बैटरी के ओवरहीटिंग यानी अत्यधिक गर्म होने की घटनाओं में 28 फीसदी की वृद्धि हुई है. हालांकि ऐसी घटनाएं अभी भी दुर्लभ हैं. यह जानकारी यूएल स्टैंडर्ड्स एंड इंगेजमेंट द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई है.
रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक ओवरहीटिंग की घटनाएं ई-सिगरेट से हुईं. 60 फीसदी मामलों में, यह ओवरहीटिंग उस यात्री की सीट के पास हुई, जो यह उपकरण लाया था. डिवाइस के ज्यादा गर्म होने को थर्मल रनअवे कहा जाता है.
दुनिया के 10 सबसे छोटे हवाई रूट
हवाई यात्राएं आम तौर पर सैकड़ों-हजारों मीलों के सफर के लिए जानी जाती हैं. लेकिन दुनिया में कई जगह चंद मीलों का सफर भी हवाई जहाज से तय हो रहा है. एक नजर दुनिया की सबसे छोटी हवाई यात्राओं पर.
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10. कैयमन ब्रैक से लिटल कैयमन
सबसे छोटे फ्लाइट रूटों में 10वें नंबर पर है कैरेबियन सागर में कैयमन ब्रैक से लिटल कैयमन द्वीपों का हवाई सफर. 14 मील की इस दूरी को कैयमन एयरवेज का विमान 10 मिनट में तय कर लेता है.
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9 .सेंट गैलन एल्टर्नहाइन से फ्रीडरिशहाफेन
स्विट्जरलैंड के सेंट गैलन एल्टर्नहाइन से जर्मनी के फ्रीडरिशहाफेन के बीच 13 मील की दूरी है. हाल में दोनों के बीच हवाई सेवा शुरू हुई है. विमान से ये दूरी अधिकतम 20 मिनट में पूरी हो जाएगी.
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8. कारपाथोस और कासोस आईलैंड
ग्रीस के द्वीपों कारपाथोस और कासोस आईलैंड के बीच ओलंपिक एयर हवाई सेवा देती हैं और 12 मील की दूरी को आम तौर पर 5 मिनट में पूरा कर लिया जाता है.
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7. ताहिती द्वीप से मूरिया द्वीप
दक्षिण प्रशांत सागर में ताहिती द्वीप के पपीते से मूरिया द्वीप के बीच विमान से जाने में 15 मिनट लगते हैं. दोनों के बीच दूरी है 11 मील और आप ये सफर करना चाहते हैं तो आपको एयर ताहिती का विमान लेना पड़ेगा.
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6. सैपान और तिनियान
प्रशांत महासागर में सैपान और तिनियान नाम के दो द्वीप भी हवाई सेवा से जुड़े हैं. इनके बीच 10.8 मील की दूरी है और इसे विमान से तय करने में अधिकतम दस मिनट का समय लगता है.
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5. कोनेमारा और इनिशमान
आयरलैंड के द्वीपों कोनेमारा और इनिशमान के बीच 10.4 मील की दूरी को एयर एरान का विमान लगभग छह मिनट में पूरी करता है.
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4. हूलेहुआ से कालाउपापा
प्रशांत महासागर में पेसेफिक विंग्स एयरलाइंस हूलेहुआ से कालाउपापा के बीच उड़ान भरती है और 8.8 मील के सफर को पूरा करने में 10 मिनट का समय लगता है.
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3. किता-दाइतो और मिनामी दाइतो
फिलीपीनी सागर में किता-दाइतो और मिनामी दाइतो के बीच फ्लाइट भी दुनिया की सबसे कम दूरी वाले रूटों में शामिल है. उनके बीच दूरी है सात मील और फ्लाइट टाइम है 15 मिनट.
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2. काये कोकर और काये चैपल
मध्य अमेरिकी देश बेलिजे के दो द्वीपों काये कोकर और काये चैपल के बीच की दूरी 2.4 मील है. माया आईलैंड एयर की फ्लाइट एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने में निर्धारित दो मिनट का समय लेती है.
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1. वेस्ट्रे और पापा वेस्ट्रे
दुनिया का सबसे छोटा फ्लाइट रूट स्कॉटलैंड में ओरकेनी द्वीप के वेस्ट्रे और पापा वेस्ट्रे के बीच है. दोनों के बीच की दूर 1.7 मील है. इस फ्लाइट में औसतन दो मिनट का समय लगता है लेकिन हवा अनुकूल दिशा में चल रही हो तो सिर्फ 47 सेकंड ही काफी हैं.
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जुलाई में एक यात्री के बैग में मौजूद लैपटॉप से धुआं उठने के कारण सैन फ्रांसिस्को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ान भरने से पहले एक विमान को खाली कराना पड़ा था. पिछले साल डैलस से ऑरलैंडो जा रहे एक विमान को जैक्सनविले, फ्लोरिडा में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी जब एक बैटरी ने ऊपर रखे बिन में आग पकड़ ली थी.
ई-सिगरेट और चार्जर सबसे खतरनाक
अमेरिका में हुए अध्ययन के लिए सर्वेक्षण में शामिल यात्रियों में से एक-चौथाई से अधिक ने कहा कि उन्होंने अपने चेक-इन बैग में ई-सिगरेट और पोर्टेबल चार्जर रखे थे, जबकि यह नियमों के खिलाफ है.
ट्रांसपोर्टेशन सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन (टीएसए) ने ई-सिगरेट, चार्जर और पावर बैंकों को चेक-इन बैग में रखने पर रोक लग रखी है. लेकिन इन्हें कैरी-ऑन बैग यानी, विमान में यात्रियों के साथ रहने वाले सामान में ले जाने की अनुमति है. यह नियम इसलिए है क्योंकि कार्गो होल्ड में आग का पता लगाना और उसे बुझाना मुश्किल हो सकता है.
अब ऐसे हवाई जहाज बनेंगे
भविष्य में ऐसे विमानों की जरूरत होगी जिनमें ईंधन की खपत कम से कम हो. इसलिए विशेषज्ञ ऐसे हवाई जहाजों के डिजाइन तैयार करने पर काम कर रहे हैं.
तस्वीर: Bauhaus-Luftfahrt e.V.
डिजाइन है अहम
विशेषज्ञों का कहना है कि विमान का सही डिजाइन ईंधन की कम खपत में मददगार साबित हो सकता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए जर्मन एयरोस्पेस सेंटर डीएलआर ने "ब्लैंडिड विंग बॉडी" डिजाइन बनाया है. इसमें विमान के कैबिन और पंखों को जोड़ दिया गया है.
तस्वीर: DLR
साफ स्वच्छ उड़ान
दुनिया भर में कार्बन डाई ऑक्साइड का तीन प्रतिशत उत्सर्जन विमानों के आवागमन से होता है. यूरोपीय आयोग ने 2050 तक इसमें एक तिहाई की कमी करने की मांग की है. इस तस्वीर में बिजली से उड़ने वाले एक विमान के डिजाइन की कल्पना की गई जो जहरीली गैस के उत्सर्जन को कम करने में मददगार साबित हो सकता है.
तस्वीर: Bauhaus-Luftfahrt e.V.
ताकतवर इलेक्ट्रिक इंजन
इलेक्ट्रिक विमानों को जमीन से आसमान में ताकतवर इंजनों की मदद से ही पहुंचाया जा सकता है. इन इंजनों में केबल और वायरिंग बिजली मुहैया कराने में किसी किस्म की रुकावट पैदा नहीं करेगी. लेकिन इसके लिए बैटरियों का वजन आज के मुकाबले कम करना होगा.
तस्वीर: Bauhaus-Luftfahrt e.V.
जेट इंजन नहीं, बड़े प्रोपेलर
आधुनिक शक्तिशाली इंजनों के मुकाबले घूमने वाले ओपन रोटर्स ज्यादा असरदार साबित होंगे. ये एक टरबाइन या प्रोपेलर की तरह काम करते हैं. प्रयोगों से साबित होता है कि इस तरह ईंधन की और 20 फीसदी तक बचत हो सकती है. ये रोटर्स व्यास में पांच मीटर तक हो सकते हैं.
तस्वीर: DLR
कम खर्च लेकिन शोर बहुत
बेहतर होगा कि इन खुले हुए टोटर्स को विमान के पीछे वाले हिस्से में लगाया जाए. ईंधन की बचत के साथ ऐसे विमानों में सफर करना आजकल के मुकाबले कुछ धीमा होगा. यानी जिस सफर में अभी दो घंटे लगते हैं, उसके लिए इस विमान में आपको सवा दो घंटे लगाने होंगे. लेकिन इन खुले रोटर्स का नुकसान ये है कि इसमें शोर बहुत होगा.
तस्वीर: DLR
सूरज की रोशनी से उड़ान
यह है सौर ऊर्जा से उड़ने वाले सोलर इंपल्स विमान. दुनिया का चक्कर लगाने वाले इस विमान से भी भविष्य की झलक मिलती है. लेकिन अभी तो यह एक घंटे में सिर्फ 70 किलोमीटर उड़ता है और भारी वजन भी साथ नहीं ले जा सकता है.
तस्वीर: Reuters
बंद होने वाले विंग्स
पतले और लंबे पंख एयरोडाइनामिक्स के लिए बहुत अच्छे होते हैं. इस तरह भी ईंधन की बचत हो सकती है. सौर ऊर्जा से चलने वाले विमान के पंख 63 मीटर लंबे हैं. हालांकि ऐसे हवाई जहाज हर हवाई अड्डे पर नहीं उतर सकते. बंद होने वाले पंख बना कर इस समस्या को हल किया जा सकता है.
तस्वीर: Bauhaus-Luftfahrt e.V.
दो मंजिला हवाई जहाज
"बॉक्स विंग" नाम के इस विमान के पिछले हिस्सों मे बड़े बड़े पंखे या प्रोपेलर लगे हैं और इसके पंख बेहद पतले हैं. इस डबल डेकर या कहिए दो मंजिला हवाई जहाज का डिजाइन एक तीर की तरह है. इससे ईंधन की बचत भी होती है और ये तेज रफ्तार उड़ान भी भर सकता है. इसके पंख छोटे हैं ताकि यह आम हवाई अड्डों पर भी उतर सके.
तस्वीर: Bauhaus-Luftfahrt e.V.
यूरोप से ऑस्ट्रेलिया 90 मिनट में
व्यस्त लोगों के पास समय की बहुत कमी होती और उनकी प्राथमिकताएं भी अलग होती हैं. डीएलआर का ये स्पेसलाइन रॉकेट इंजनों वाला यात्री विमान है. आप इसमें 2050 के बाद ही सफर कर पाएंगे. लेकिन इससे यूरोप से ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 90 मिनट यानी डेढ़ घंटे में पहुंचा जा सकेगा. अभी यह दूरी 20 घंटे से ऊपर है.
तस्वीर: DLR
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यूएल स्टैंडर्ड्स एंड इंगेजमेंट, जो कभी अंडरराइटर्स लेबोरेटरीज के रूप में जानी जाती थी, ने यह रिपोर्ट 35 यात्री और कार्गो एयरलाइनों से उपलब्ध डेटा के आधार पर तैयार की है. इनमें 10 प्रमुख अमेरिकी यात्री एयरलाइनों में से 9 शामिल हैं.
फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) के अनुसार, इस साल 15 अगस्त तक विमानों में 37 थर्मल रनअवे की घटनाएं दर्ज की गई हैं. पिछले साल 77 घटनाएं हुई थीं, जो 2019 के मुकाबले 71 फीसदी अधिक थीं.
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अभी बहुत कम हैं घटनाएं
अमेरिकी एयरलाइंस हर हफ्ते लगभग 1,80,000 उड़ानें संचालित करती हैं. इस लिहाज से हवा में इन घटनाओं की संख्या अभी भी काफी कम है. इसके अलावा, ये घटनाएं सिर्फ विमानों से नहीं जुड़ी हैं क्योंकि लिथियम बैटरी कहीं भी ज्यादा गर्म हो सकती हैं.
यूएल के डेविड रोथ ने कहा, "हम जानते हैं कि 40,000 फीट की ऊंचाई पर थर्मल रनअवे की घटना कई अनजान खतरे पेश करती है."
इन खतरों को लेकर कई सालों से चिंता जताई जा रही है. 2010 और 2011 में लिथियम-आयन बैटरी ले जा रहे कार्गो विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, संयुक्त राष्ट्र की एविएशन संस्था ने इन सामानों को प्रतिबंधित करने पर विचार किया था, लेकिन सख्त मानकों को खारिज कर दिया गया.
ये आठ काम एयरपोर्ट पर कभी ना करें
हवाई यात्रा करते समय आपको किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ट्रैवल वेबसाइट स्काईस्कैनर ने एक लिस्ट तैयार की है. चलिए डालते हैं एक नजर.
तस्वीर: Getty Images/AFP/K. Jaafar
टल्ली न हो जाएं
हो सकता है कि आप छुट्टियों पर जा रहे हों, लेकिन अपनी मंजिल पर पहुंचने से पहले ही मस्ती के मूड में न आ जायें. कहीं ऐसा न हो कि आखिरी टाइम पर फ्लाइट पकड़ने के लिए आपका गेट बदल जाएं और आपको वहां तक पहुंचने की सुध बुध ही न हो. या फिर सुरक्षा संबंधी कोई और भी दिक्कत हो सकती है.
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नींद में ना खो जायें
संभव है कि फ्लाइट पकड़ने के लिए आप बहुत सवेरे उठे हों या फिर देर रात बहुत देर से लौटें हो और एयरपोर्ट पहुंचने पर आपको नींद आने लगे. हो सकता है कि छोटी सी झपकी बड़ी हो जाये और आपकी फ्लाइट छूट जाये. इसलिए फ्लाइट में दाखिल होने से पहले एयरपोर्ट पर सोने के का ख्याल मन में बिल्कु ना आने दें.
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इधर उधर न घूमें
अपने निर्धारित गेट पर बैठकर फ्लाइट का इंतजार करना बोरिंग हो सकता है, फिर भी वहीं बैठे रहने में भलाई है. उसके इर्द गिर्द टहलने के लालच से बचें. हो सकता है कि इस दौरान आप फ्लाइट से जुड़ी कोई सूचना मिस कर दें. इस चक्कर में आपकी फ्लाइट भी छूट सकती है.
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आपा ना खोए
एयरपोर्ट पर कई ऐसी बातें हो सकती हैं जिन पर आपको गुस्सा आयेगा. लेकिन संयम बनाये रखें तो अच्छा है. आपकी फ्लाइट लेट हो गयी है या आपको कुछ नहीं मिल रहा है तो इसमें उस समय ड्यूटी पर तैनात अफसर पर चिल्लाने से कुछ हासिल नहीं होगा.
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चेक इन स्टाफ से ज्यादा न घुलें मिलें
चेक इन काउंटर पर अगर किसी ने आपसे मुस्करा कर बात की तो इसका यह मतलब नहीं है कि आप उसके साथ गप्प कर सकते हैं या कुछ भी कह सकते हैं. आपके पीछे और भी लोग होंगे जो अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. कोई ऐसी बात करने से बचें जिससे सामने वाले का मूड खराब हो और फिर आपको भी कुछ सुनना पड़े.
तस्वीर: Reuters/J. Skipper
लाइन न तोड़ें
लाइन में अपनी बारी का इंतजार करें. अगर आपसे पहले वाले व्यक्ति को कुछ समझ नहीं आ रहा है या उसे देर लग रही है तो झल्लायें नहीं. आप किसी अंजान व्यक्ति पर गुस्सा उतारते हैं तो वहां मौजूद लोगों की नजर में आपका अपना सम्मान भी कम होता है.
तस्वीर: Reuters/O. Orsal
ज्यादा मजाकिया न बनें
एयरपोर्ट हंसी मजाक करने की उपयुक्त जगह नहीं है. सुरक्षा जांच कर रहे लोगों से तो बिल्कुल भी नहीं. अगर आपसे पूछा जाए कि बैग में क्या है, तो वही बतायें जो उसमें है. यहां फनी या मजाकिया होने की कीमत आपको कई दिक्कतों के रूप में चुकानी पड़ सकती है.
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तेज आवाज में वीडियो न चलाएं
कई लोग एयरपोर्ट पर वीडियो देखते हुए फ्लाइट का इंतजार करते हैं. लेकिन इस बात का ख्याल रखना भी जरूरी है कि उसकी आवाज से दूसरे लोगों को परेशानी न हो. आवाज इतनी हो कि सिर्फ आप तक पहुंचे. आप हेडफोन भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
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इन प्रतिबंधों का विरोध करने वालों में एयरलाइंस भी शामिल थीं. उनका तर्क था कि बैटरी शिपमेंट्स स्वीकार करने का फैसला सामान लाने-ले जाने वालों पर छोड़ देना चाहिए. कुछ एयरलाइंस ऐसी हैं जो अब बड़ी मात्रा में बैटरी अपने सामान में नहीं लेती हैं.
क्या है समाधान?
विमानों पर सबसे आम लिथियम-आयन से चलने वाले उपकरणों में फोन, लैपटॉप, वायरलेस हेडफोन और टैबलेट शामिल हैं. दर्ज की गईं ओवरहीटिंग घटनाओं में लगभग 35 फीसदी ई-सिगरेट से और 16 प्रतिशत पावर बैंकों से संबंधित थीं.
लिथियम-आयन बैटरी के ज्यादा गर्म होने और आग लगने की समस्या से निपटने के लिए नई तकनीकी समाधान विकसित किए जा रहे हैं. जैसे स्टैन्फर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक बैटरी विकसित की है जो अत्यधिक गर्म होने पर खुद ही बंद हो जाती है. ठंडी होते ही यह बैटरी फिर से चालू हो जाती है.
यह तकनीक पॉलीइथाईलीन फिल्म और नैनो-निकल कणों का उपयोग करती है, जो तापमान के अनुसार फैलते और सिकुड़ते हैं. इससे ओवरहीटिंग होने पर बैटरी में बिजली का प्रवाह बंद हो जाता है.
हवाई सफर के दौरान इस पर दें ध्यान
हाल के सालों में आम लोगों का हवाई यात्राओं के प्रति रुझान बढ़ा है. लेकिन विमानों से जुड़े कुछ सवाल भी हैं जिनके ठोस उत्तर आमतौर पर लोगों के पास नहीं होते. जानिए विमानों से जुड़ी खास बातें.
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विमान में सुरक्षित सीट
अगर आपको लगता है कि विमान में कुछ सीटें सुरक्षित होती हैं और कुछ बेहद ही असुरक्षित, तो यह महज आपका भ्रम है. अमेरिकी उड्डयन एजेंसी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) के मुताबिक विमान में कोई भी सीट, अन्य सीटों की तुलना में सुरक्षित नहीं मानी जा सकती. टाइम पत्रिका की एक रिसर्च के मुताबिक विमान की मिडिल और पीछे की सीटों में दुर्घटना का खतरा कम रहता है, लेकिन इसे तथ्य नहीं माना जा सकता.
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फ्लाइट क्रू के लिए सीक्रेट बेडरूम
लंबी दूरी की यात्राएं फ्लाइट क्रू के लिए भी थकाने वाली होती हैं. इन्हें कई बार एक दिन में 16 घंटे तक काम करना होता है. इसलिए क्रू के आराम के लिए बोइंग 777 और ड्रीमलाइनर्स जैसे विमानों में छोटे बेडरूम होते हैं. जहां ये लोग आराम कर सकते हैं. विमान में इस बेडरूम तक जाने के लिए एक छुपी हुई सीढ़ी होती है. कमरे में करीब 6 से 10 बिस्तर होते हैं और कई बार मनोरंजन का भी इंतजाम होता है.
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आकाश में बन जाती है लकीर
नीले आकाश से जब विमान गुजरता है तब वह अपने पीछे एक सफेद लकीर छोड़ जाता है. तकनीकी रूप से इसे कॉनट्रैल्स कहते हैं. विमान में जब ईधन जलता है तो जलवाष्प छोड़ता है. फिर जब गर्म जलवाष्प बाहर निकल कर ऊपरी वायुमंडल की ठंडी हवाओं को छूती हैं तब सफेद लकीर विमान में नजर आती है. जब आप ठंडी जगह में सांस छोड़ते हैं तो आपको अपने मुंह से धुंआ निकलता नजर आता है, ये प्रक्रिया भी बिल्कुल वैसी ही है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Nv
लैंडिंग के वक्त क्यों की जाती है लाइट डिम
क्या आपने सोचा है जब रात को फ्लाइट लैंड होती है तब कैबिन क्रू अंदर की लाइट डिम कर देते हैं. इसकी वजह है कि अगर लैंडिंग के वक्त कोई गड़बड़ी हो जाती है और यात्रियों को फौरन बाहर निकालने की स्थिति पैदा हो जाती है तो उनकी आंखें कम रोशनी और अंधेरे के मुताबिक स्वयं को ढाल पाएं. इसी तरह दिन में यात्रियों को विमान की खिड़की पर लगे शेड (ब्लाइंड) को खोलने के लिए कहा जाता है.
तस्वीर: Getty Images/Solar Impulse2/J. Revillard
टायरों की होती है खास डिजाइन
हवाई जहाज के टायरों को भार उठाने के लिए खास तौर पर तैयार किया जाता है. ये टायर तकरीबन 38 टन या इससे अधिक भार उठा सकते हैं. साथ ही जमीन 170 मील प्रति घंटे की रफ्तार से 500 से अधिक बार हिट कर सकते हैं. इसके अलावा विमान के टायर में कार के टायरों की तुलना में छह गुना से भी अधिक प्रेशर इस्तेमाल किया जाता है. विमान में टायरों को बदलने के लिए कार की ही तरह जैक का इस्तेमाल किया जाता है.
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बाथरूम में क्यों होती है एशट्रे
एफएए ने विमानों में धू्म्रपान को सालों पहले प्रतिबंधित कर दिया था लेकिन अभी भी विमानों के बाथरूम में आपको एशट्रे नजर आ जाती है. बिजनेस इनसाइडर पत्रिका ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि नियमों को तोड़ते हुए अगर कोई यात्री धूम्रपान करने के लिए सिगरेट जला भी ले तो वह बाथरूम में लगी एशट्रे का इस्तेमाल करें न कि कचरे के डिब्बे का. क्योंकि कचरे के डिब्बे में सिगरेट बट डालने से आग लगने का खतरा बना रहता है
तस्वीर: picture-alliance/dpa/E.S. Lesser
विमान के खाने से शिकायत
एक बड़ी शिकायत विमान में मिलने वाले खाने से भी होती है. लेकिन इन शिकायतों के लिए सिर्फ खाना ही जिम्मेदार नहीं है. टाइम पत्रिका ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि विमान के अंदर का माहौल खाद्य और पेय पदार्थों के स्वाद को बदल देता है. मसलन मिठाई कम मीठी लगती है, लेकिन कुछ चीजों में नमक अधिक महसूस होता है. विमान में हवा शुष्क होती है साथ ही कम आर्द्रता भोजन को नीरस कर देती है.
यह छेद केबिन प्रेशर बनाए रखने के लिए इस्तेमाल होता है. विमानों की खिड़की एक्रेलिक टैक्सटाइल फाइबर की तीन परतों से बनी होती हैं. खिड़की केबिन प्रेशर बनाए रखने और बाहरी पदार्थों को अंदर आने से रोकती है. अगर कोई अप्रत्याशित घटना खिड़की के बाहरी हिस्से पर होती है तो खिड़की की दूसरी परत सेफ्टी नेट का काम करती है. इसके बाद अंदर की परत पर बना छेद सभी स्थितियों में प्रेशर नियंत्रित करता है.
तस्वीर: Aircraft Interiors Expo
ऑक्सीजन मास्क है अहम
सुरक्षा से जुड़े दिशानिर्देशों में ऑक्सीजन मास्क का इस्तेमाल खासा अहम होता है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मास्क में सिर्फ 15 मिनट तक इस्तेमाल करने लायक ऑक्सीजन होती है. सुनने में यह बेहद ही कम समय लगता है लेकिन विशेषज्ञ इसे पर्याप्त मानते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/J. Paul
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यह तरीका विभिन्न तापमानों के लिए समायोजित किया जा सकता है, जो इसे पोर्टेबल उपकरणों और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए उपयुक्त बनाता है. इससे वाहन और यात्राएं ज्यादा सुरक्षित होती हैं और बैटरी के प्रदर्शन को भी नुकसान नहीं होता.