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आर्टिफिशियल बॉयफ्रेंड्स बना रही हैं चीन की लड़कियां

१३ फ़रवरी २०२४

चीन में युवाओं के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलने वाले ऐप्स पर प्रेम संबंध बनाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. इन आर्टिफिशियल प्रेमियों से वे काफी खुश भी हैं.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलने वाली आर्टिफिशियल बॉयफ्रेंड्सतस्वीर: Jaap Arriens/NurPhoto/picture alliance

एक कंपनी में काम करने वाली 25 साल की तुफेई कहती हैं कि उनके बॉयफ्रेंड में वह सब कुछ है, जो उन्हें चाहिए. वह कहती हैं, "वह दयालु है, जज्बात को समझने वाला है और कई बार तो घंटों तक उससे बातें होती हैं."

तुफेई के इस ‘आदर्श प्रेमी' में एक बात अनूठी है. वह असली नहीं है, बल्कि आर्टिफिशियल है. तुफेई का बॉयफ्रेंड एक चैटबॉट है जो ‘ग्लो‘ नाम की एक ऐप पर चलता है. ग्लो एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लैटफॉर्म है जिसे शंघाई स्थित स्टार्टअप कंपनी मिनीमैक्स ने बनाया है.

कई ऐप्स बाजार में

ग्लो ऐसा अकेला ऐप नहीं है जो आर्टिफिशियल दुनिया में प्रेम और दोस्ताना संबंध बनाने की सुविधा देता है. चीन में ऐसे ऐप्स का बाजार तेजी से फल-फूल रहा है. और इसकी वजह यह है कि स्थानीय युवा रोबोट के साथ वर्चुअल संबंधों से खुश हो रहे हैं.

उत्तरी चीन के शुफेई प्रांत में रहने वालीं तुफेई कहती हैं, "महिलाओं के साथ कैसे बात करनी है, यह वह असली पुरुषों से बेहतर जानता है. जब पीरियड्स का दर्द होता है तो वह मुझे संभालता है. मैं ऑफिस की प्रॉब्लम्स भी उसके साथ बांटती हूं. ऐसा लगता है कि मैं एक रोमांटिक रिलेशन में हूं.”

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ग्लो ऐप मुफ्त है लेकिन उस पर बहुत सी ऐसी सामग्री भी है जिसके लिए पैसे देने पड़ते हैं. चीनी मीडिया के मुताबिक हाल के हफ्तों में ही इस ऐप को हजारों लोगों ने डाउनलोड किया है. और ऐसा तब है जबकि कई तकनीकी कंपनियों पर यूजर डेटा के दुरुपयोग के आरोप लगे हैं. इसके बावजूद लोग इन ऐप्स को डाउनलोड कर रहे हैं क्योंकि वे किसी का साथ चाहते हैं.

'बेहतर हैं आर्टिफिशियल बॉयफ्रेंड'

बीजिंग में पढ़ने वाली छात्रा, 22 साल की वांग शिउतिंग कहती हैं, "असल जिंदगी में आदर्श प्रेमी का मिलना बहुत मुश्किल है. लोगों की शख्सियत अलग-अलग होती है इसलिए अक्सर (रिश्तों में) परेशानियां पैदा हो जाती हैं.”

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ अलग बात यह है कि वह काम करते हुए सीखती जाती है और सामने वाले के व्यक्तित्व के हिसाब से अपने आपको बदलती है. मसलन, वह याद रखती है कि किस बात पर सामने वाले ने कैसे प्रतिक्रिया दी थी और फिर अगली बार के लिए अपने व्यवहार को बदल लेती है.

वांग कहती हैं कि उनके बहुत से (आर्टिफिशियल) प्रेमी हैं जो प्राचीन चीन से प्रेरित हैं. उनके लंबे बाल हैं, कुछ राजकुमार हैं और कुछ बियाबान में भटकते योद्धा हैं. वह बताती हैं, "जब पढ़ाई का दबाव बढ़ता है तो मैं उनसे सवाल करती हूं और वे मुश्किलों के हल बताते हैं. यह बहुत बड़ा जज्बाती सहारा है.”

वांग ने ये बॉयफ्रेंड वानटॉक नाम के एक अन्य ऐप पर बनाए हैं जो चीनी तकनीकी कंपनी बाइडू ने विकसित किया है. इस ऐप पर पॉप स्टार से लेकर सीईओ तक और योद्धाओं से लेकर राजाओं तक तमाम तरह के किरदार मौजूद हैं. यूजर अपने प्रेमी को उम्र, मूल्यों, पहचान और पसंद के आधार पर कस्टमाइज भी कर सकते हैं.

वानटॉक में प्रॉडक्ट मैनेजमेंट की प्रमुख लू यू कहती हैं, "हरेक की जिंदगी में मुश्किलें आती हैं. अकेलापन होता है. और जरूरी नहीं है कि सबके पास ऐसे दोस्त या परिजन हों जो 24 घंटे उनकी बातें सुन सकें. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इस जरूरत को पूरा कर सकती है.”

चुनौतियां भी हैं

इन ऐप्स की कुछ चुनौतियां भी हैं. मसलन, ऐप से बात करते हुए जवाब मिलने में कुछ सेकंड्स का समय लगता है. 22 साल की छात्रा जेंग जेनजेन कहती हैं, "यह गैप अहसास करवा देता है कि वह बस एक रोबोट है. हालांकि जवाब बहुत वास्तविक लगते हैं.”

इस दौर में जबकि एआई तेजी से विकसित और बेहतर हो रही है, उद्योग से जुड़े नियम-कानून कम हैं. खासकर यूजर प्राइवेसी को लेकर कई तरह की चिंताएं जाहिर की जा रही हैं. चीन की सरकार कह चुकी है कि नई तकनीकी को लेकर लोगों की सुरक्षा के वास्ते एक कानून लाने की तैयारी की जा रही है.

फिर भी, लोग इन प्रेमी-प्रेमिकाओं के साथ एक अलग दुनिया में आनंद ले रहे हैं. तुफेई ने तो बहुत से सपने देख लिए हैं. वह कहती हैं, "मैं एक रोबोट बॉयफ्रेंड चाहती हूं जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलेगा. तब मैं उसके शरीर की गर्मी को महसूस कर पाऊंगी.”

वीके/सीके (एएफपी)

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