अमेरिका में जो बाइडेन के खिलाफ महाभियोग की जांच शुरू
२९ सितम्बर २०२३
अमेरिकी संसद के हाउस ऑफ रिप्रेंजेटेटिव्स में राष्ट्रपति जो बाइडेन के खिलाफ महाभियोग संबंधी जांच शुरू हो गई है. यह जांच, विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी ने शुरू की है.
विज्ञापन
अमेरिकी संसद के निचले सदन, हाउस ऑफ रिप्रेंजेटेटिव्स में गुरुवार को राष्ट्रपति बाइडेन के विरुद्ध महाभियोग जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई. इसके तहत सदन की ओवरसाइट कमेटी ने महाभियोग मामले में अब तक जुटाए गए सबूतों की समीक्षा शुरू कर दी. महाभियोग की आधिकारिक प्रक्रिया का यह शुरुआती चरण है.
जांच पर फोकस
जांच में राष्ट्रपति के बेटे हंटर बाइडेन के विदेशी कारोबारी सौदों पर फोकस है. यह जानने की कोशिश की जा रही है कि क्या जो बाइडेन को अपने बेटे के इन सौदों से फायदा मिला. इसके साथ साथ कुछ और मसलों की भी जांच होगी.
हाउस ओवरसाइट कमेटी के चेयरपर्सन जेम्स कॉमर के मुताबिक, "भ्रष्टचार की ऐसी संस्कृति को लेकर अमेरिका के लोग जवाबदेही चाहते हैं." रिपब्लिकन नेता कॉमर का आरोप है कि जो बाइडेन ने अपने परिवार के सदस्यों के कारोबारी सौदों को लेकर झूठ बोला और उन्हें अपनी आधिकारिक जिम्मेदारियों से अलग नहीं रखा.
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय, द व्हाइट हाउस ने किसी भी धांधली से इनकार किया है. राष्ट्रपति कार्यालय ने जांच को राजनीति से प्रेरित बताया है.
डेमोक्रैटिक पार्टी का कहना है कि बाइडेन के खिलाफ पद पर रहते हुए कोई भुगतान लेने या किसी तरह का गलत व्यवहार करने के कोई सबूत नहीं हैं. यह आरोप 2009 से 2017 के बीच के कार्यकाल को लेकर लगाए जा रहे हैं. उस वक्त बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति और जो बाइडेन उप राष्ट्रपति थे.
विज्ञापन
दूसरी तरफ शट डाउन संकट
ओवरसाइट एंड अकाउंटिबिलिटी कमेटी के वरिष्ठ डेमोक्रैट नेता जेमी रैस्किन कहते हैं, "अगर रिपब्लिकंस के पास एक स्मोकिंग गन या टपकती पिचकारी भी होती, तो वे आज उसे पेश करते. लेकिन उनके पास कुछ नहीं है." रिपब्लिकन पार्टी ने जोनाथन टर्ले को गवाही के लिए बुलाया. टर्ले, वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में कानून के प्रोफेसर हैं. टर्ले के मुताबिक सदन ने भले ही मामूली अंतर से जांच को मंजूरी दे दी हो, लेकिन, "मुझे यह भरोसा नहीं है कि मौजूदा सबूत, महाभियोग की अनुच्छेद का समर्थन करते हैं."
महाभियोग शुरू करने से पहले होने वाली जांच पर जब सुनवाई चल रही थी, तभी डेमोक्रैट नेता घड़ी दिखाकर शटडाउन के खतरे के प्रति आगाह कर रहे थे. रैस्किन ने कहा, "हम संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार के शट डाउन से 62 घंटे दूर हैं और रिपब्लिकंस महाभियोग का अभियान छेड़े हुए हैं."
पिता के लिए मुश्किल बना बेटे का अतीत
रिपब्लिकन पार्टी का कहना है कि राष्ट्रपति के बेटे हंटर बाइडेन को बचाने के लिए न्याय विभाग ने दखल दिया. न्याय विभाग की पूर्व अधिकारी आइलीन ओकॉर्नर हंटर बाइडेन केस में गवाह भी हैं. वह कहती हैं कि हंटर बाइडेन के खिलाफ आपराधिक जांच में न्याय विभाग ने नर्म रुख अपनाया.
हंटर बाइडेन पर ड्रग्स की लत के बावजूद गैरकानूनी तरीके से बंदूक खरीदने के आरोप हैं. हंटर बाइडेन की कानूनी टीम ने मामले को मुकदमे के बिना सुलझाने की कोशिश भी लेकिन जज ने उसे खारिज कर दिया.
जो बाइडेन, दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के लिए चुनाव अभियान में जुटे हैं. माना जा रहा है कि इस बार भी उनका मुकाबला रिपब्लिकन नेता डॉनल्ड ट्रंप से हो सकता है. अपने राष्ट्रपति कार्यकाल में दो बार महाभियोग झेल चुके डॉनल्ड ट्रंप फिलहाल कई कानूनी मुकदमों में फंसे हैं. इन कानूनी मुकदमों को राजनीति से प्रेरित बताने वाले ट्रंप, बाइडेन पर अपने बेटे को बचाने का आरोप लगाते हैं.
ओएसजे/एनआर (रॉयटर्स, एपी)
ऐसी होती है अमेरिका में महाभियोग की प्रक्रिया
अमेरिका के इतिहास में डॉनल्ड ट्रंप से पहले किसी भी राष्ट्रपति पर दो बार महाभियोग नहीं लगा है. अगर ट्रंप दोषी साबित होते हैं, तो सांसद ट्रंप को भविष्य में दोबारा चुनाव लड़ने से रोकने पर एक और मतदान करा सकते हैं.
तस्वीर: Reuters/J. Roberts
दो बार लगा महाभियोग
महाभियोग एक संवैधानिक प्रक्रिया है जिसमें अमेरिकी कांग्रेस उन सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय करती है जिन पर किसी तरह के गैर कानूनी काम करने का आरोप लगता है. डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका के एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन पर दो बार महाभियोग लगा है.
तस्वीर: AFP/B. Smialowski
किस किस के खिलाफ
अमेरिका के संस्थापकों ने कांग्रेस को "राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और संयुक्त राज्य अमेरिका के सभी सरकारी अधिकारियों" को पद से हटाने की शक्ति दी है, जिसके तहत उन अभियुक्तों पर महाभियोग चलाया जा सकता है, जो "देशद्रोह, रिश्वतखोरी या दूसरे बड़े अपराध या दुराचार के दोषी माना जाते हैं."
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/P. Semansky
इसके मायने क्या हैं
सीधे शब्दों में कहें तो महाभियोग का मतलब है अदालत में अभियोग के समान आरोप होना. हालांकि, "उच्च अपराध और दुष्कर्म" की परिभाषा की व्याख्या के तरीके अलग हो सकते हैं. कभी कभी इसका मतलब यह भी होता है कि जरूरी नहीं कि अधिकारी ने कानून को तोड़ा ही हो.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/House Television
ट्रंप पर पहला महाभियोग
डॉनल्ड ट्रंप पर 18 दिसंबर 2019 को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने महाभियोग लगाया गया था. ट्रंप पर दो मुख्य आरोप थे. पहला, 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में प्रतिद्वंदी जो बाइडेन की छवि खराब करने के लिए यूक्रेन से मदद मांगी और दूसरा, संसद के काम में अड़चन डालने की कोशिश की. राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ पहले महाभियोग की कार्रवाई जनवरी 2020 में हुई.
तस्वीर: Getty Images/AFP/B. Smialowski
कैसे चलाया जाता है महाभियोग
अमेरिकी संसद के निचले सदन के पास ही "महाभियोग लगाने की शक्ति" है. हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी आमतौर पर महाभियोग की कार्यवाही के लिए जिम्मेदार होती है. सदन के 435 सदस्यों के साधारण बहुमत से आरोप लाने के लिए सदन बहस और फिर वोट करता है. इस भूमिका में, सदन एक अधिकारी के खिलाफ आरोप लाने वाली एक जूरी के रूप में काम करता है.
तस्वीर: Reuters/House TV
आखिर में गेंद सीनेट के पाले में
संसद के उच्च सदन यानि सीनेट के पास "सभी महाभियोगों की एकमात्र शक्ति है," जिसका अर्थ है कि इसमें अधिकारी को दोषी करार देने की शक्ति है. जब राष्ट्रपति पर मुकदमा चलाया जाता है, तो सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कार्यवाही की अध्यक्षता करते हैं.
अमेरिका के आज तक के इतिहास में अब तक कुल तीन राष्ट्रपतियों पर महाभियोग चलाया गया है. एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन और डॉनल्ड ट्रंप. एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन दोनों को ही सीनेट ने पद से नहीं हटाया. एक और राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग से बचने के लिए पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था.
राष्ट्रपतियों के अलावा
सदन ने 60 से अधिक बार महाभियोग की कार्यवाही की है. सिर्फ एक तिहाई मामलों में पूर्ण महाभियोग लाया जा सका है. केवल आठ अधिकारियों को अब तक दोषी ठहराया गया है और पद से हटाया भी गया है. यह सभी अधिकारी संघीय न्यायाधीश थे.
तस्वीर: Getty Images/MoveOn.org/L. French
राष्ट्रपति को पद से कैसे हटाया जा सकता है
राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए 100 सीटों वाली सीनेट में दो-तिहाई बहुमत को राष्ट्रपति को दोषी ठहराने के लिए वोट देना होता है. ऐसा होने पर राष्ट्रपति को पद छोड़ना पड़ता है. हालांकि यह जरूरी नहीं है कि राष्ट्रपति अदालत में भी उसी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो या फिर भविष्य में दोषी ठहराया जाए.