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विवादएशिया

अमेरिकी राष्ट्रपति के अल्टीमेटम से बदले नेतन्याहू के सुर

५ अप्रैल २०२४

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गाजा में इस्राएल की सैन्य कार्रवाई को लेकर बेन्यामिन नेतन्याहू को दो-टूक चेतावनी दी. इस सख्त संदेश के बाद नेतन्याहू ने राहत सामग्री के रास्ते खोलने का एलान किया.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहूतस्वीर: Avi Ohayon/Israel Gpo/Zumapress/imago images

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू के बीच 4 अप्रैल को करीब 30 मिनट तक टेलिफोन पर बातचीत हुई. इस दौरान बाइडेन ने साफ कहा कि अगर इस्राएल ने गाजा में राहतकर्मियों और आम नागरिकों को बचाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए, तो वॉशिंगटन इस्राएल के मौजूदा सैन्य अभियान का समर्थन नहीं करेगा. यह पहला मौका है, जब सैन्य गतिविधियों को लेकर अमेरिका ने इस्राएल पर दबाव बनाया है.

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इस्राएल के आजीवन समर्थक माने जाने वाले बाइडेन ने नेतन्याहू से कहा कि अगर उनका रुख नहीं बदला, तो अमेरिका इस्राएल की मदद करना बंद कर देगा और उसे हथियार भी नहीं देगा. टेलिफोन वार्ता के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय वाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा कि बाइडेन ने "साफ किया है कि इस्राएल को आम नागरिकों को हो रहे नुकसान, मानवीय दुर्दशा और राहतकर्मियों की सुरक्षा के मुद्दे पर स्पष्ट, ठोस और आंके जाने वाले कदमों का एलान और पालन करना होगा."

सात अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद से बंद थी इरेज क्रॉसिंगतस्वीर: picture alliance/dpa

कई देशों ने की है संघर्ष विराम की अपील

इस्राएल को सबसे ज्यादा हथियार अमेरिका ही देता है. अमेरिका का समर्थन छह महीने से जारी इस्राएस-हमास युद्ध को अन्य देशों तक फैलने से रोकता रहा है. लेकिन गाजा में 32,000 हजार से ज्यादा आम लोगों की मौत ने अब इस्राएल के सदाबहार पश्चिमी साझेदारों को भी बगलें झांकने पर मजबूर कर दिया है. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देश गाजा में संघर्ष विराम की अपील कर चुके हैं. इस्राएली प्रधानमंत्री ने इन अपीलों को अब तक अनसुना किया है.

नेतन्याहू के पक्के समर्थक माने जाने वाले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी इस्राएल से जल्द सैन्य अभियान खत्म करने को कहा है. अमेरिकी रेडियो प्रसारक ह्यूज हैविट से बातचीत में ट्रंप ने कहा, "इसे खत्म करो और तेजी से खत्म करो क्योंकि ऐसा करना ही होगा. आपको सामान्य हालात और शांति में वापस लौटना होगा."

ट्रंप से जब यह पूछा गया कि क्या वह अब भी 100 फीसदी इस्राएल के पक्ष में हैं, तो उन्होंने कोई साफ उत्तर नहीं दिया. उन्होंने यह भी नहीं बताया कि मध्य-पूर्व में जारी इस संकट से वह कैसे निपटते.

इस्राएल ने गाजा तक राहत पहुंचाने के लिए खोला अशदोद पोर्टतस्वीर: Hannah McKay/REUTERS

टर्निंग पॉइंट साबित हुआ राहतकर्मियों पर हमला

1 अप्रैल की रात इस्राएली सेना के एक ड्रोन ने वर्ल्ड सेंट्रल किचन के काफिले पर हमला किया. हमले में सात विदेशी राहतकर्मी मारे गए. शुरुआती जांच में पता चला है कि इस्राएली सेना को गाजा पट्टी में वर्ल्ड सेंट्रल किचन के काफिले के मौजूद होने की जानकारी थी. काफिले में शामिल गाड़ियों पर बहुत साफ तरीके से वर्ल्ड सेंट्रल किचन का पहचान चिह्न नजर आ रहा था. इसके बावजूद इस्राएली ड्रोन ने काफिले पर रॉकेट दागे.

इस घटना ने बाइडेन को कड़ा रुख अपनाने पर मजबूर किया. हमले के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, "अगर जो बदलाव हम देखना चाहते हैं, वे नहीं हुए तो हमारी अपनी नीतियों में बदलाव होंगे."

अमेरिका के साथ ही ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और  कनाडा ने भी कड़े शब्दों में इस्राएली हमले की आलोचना की. 7 अक्टूबर 2023 को इस्राएल पर हमास के आतंकवादी हमले और उसके बाद इस्राएली सेना के पलटवार के बाद यह पहला मौका है, जब पश्चिमी देशों ने इतने कड़े तरीके से नेतन्याहू को संदेश दिया है.

गाजा में एक वर्ल्ड सेंट्रल किचन के काफिले पर हुआ हवाई हमलातस्वीर: Omar Ashtawy/APA Images/Zuma/dpa/picture alliance

दबाव से बदले नेतन्याहू के सुर

इस्राएल की सिक्यॉरिटी कैबिनेट ने 5 अप्रैल को गाजा में ज्यादा मानवीय मदद पहुंचाने के "फौरी कदमों" को मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने बयान जारी कर कहा कि 7 अक्टूबर के बाद पहली बार इरेज क्रासिंग को अस्थायी रूप से खोला जाएगा. उत्तरी गाजा की यह क्रॉसिंग फलीस्तीनी इस्लामिक संगठन के इस्राएल पर हमले के दौरान तबाह हो गई है.

इस्राएल ने जहाज के जरिए गाजा तक सप्लाई पहुंचाने के लिए अपने अशदोद पोर्ट को भी खोल दिया है. नेतन्याहू के कार्यालय के बयान के मुताबिक, "बढ़ाई गई यह मदद मानवीय संकट को टालने में सहायता करेगी और लड़ाई को जारी रखते हुए युद्ध के लक्ष्यों की प्राप्ति को भी सुनिश्चित करेगी."

ओएसजे/एसएम (एपी, एएफपी, डीपीए)

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