हर हरकत पर होगी चीन की नजर
२३ अक्टूबर २०१८समंदर पर दुनिया का सबसे लंबा समुद्री पुल चीन ने बना कर चालू कर दिया है. यह पुल कई मामलों में नजीर है हालांकि बेहद खर्चीले इस पुल से हांगकांग, मकाउ और कुछ दूसरे इलाकों के लोग खुश नहीं हैं.
चीन में समंदर पर दुनिया का सबसे लंबा पुल
समंदर पर दुनिया का सबसे लंबा समुद्री पुल चीन ने बना कर चालू कर दिया है. यह पुल कई मामलों में नजीर है हालांकि बेहद खर्चीले इस पुल से हांगकांग, मकाउ और कुछ दूसरे इलाकों के लोग खुश नहीं हैं.
सबसे लंबा समुद्री पुल
समंदर पर दुनिया का सबसे लंबा पुल चीन में चालू हो गया है. मंगलवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इसका उद्घाटन किया. इस दौरान हजारों लोग मौजूद थे. इंजीनियरिंग के इस बेजोड़ नमूने को चीन अपनी बड़ी कामयाबी मानता है.
विशाल आकार
आकार के मामले में इस पुल ने नया रिकॉर्ड बनाया है. यह दुनिया का सबसे लंबा समुद्री पुल और सुरंग है. इसकी कुल लंबाई 55 किलोमीटर है जो किसी भी दूसरे पुल की तुलना में बहुत ज्यादा है. इस पुल में 6.7 किलोमीटर लंबी सुरंग भी शामिल है.
भारी मात्रा में लोहा
चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक पुल को बनाने में 4,20,000 टन लोहे का इस्तेमाल किया गया है. इतने लोहे से एक दो नहीं, कुल 60 आइफल टावर बनाए जा सकते हैं. इसके साथ ही 10.8 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट भी लगा है.
बेहद मजबूत पुल
बताया जा रहा है कि पुल कम से कम 120 साल तक सेवा देने में सक्षम है और यह 340 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली तूफानी हवाओं का दबाव भी झेल सकता है.
समुद्री रास्ते में बाधा नहीं
पुल का डिजाइन इस तरह से बनाया गया है कि यह समुद्री जहाजों के मार्ग में बाधा नहीं बनेगा. पर्ल रिवर डेल्टा दुनिया के सबसे व्यस्त बंदरगाहों में एक है और इस पुल के कारण बंदरगाह के यातायात में बाधा नहीं आएगी.
निर्माण में देरी
पुल बनाने का काम 2009 में शुरू हुआ और कानूनी बाधाओं, बजट से ज्यादा खर्च और कुछ दूसरी समस्याओं के कारण निर्माण में देरी हुई. 2011 से अब तक इस पुल के निर्माण में कम से कम 9 लोगों की मौत भी हुई.
सख्त सुरक्षा इंतजाम
पुल की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया गया है. बस के ड्राइवर अगर ज्यादा जम्हाई लेते दिखें, तो तुरंत उन्हें चेतावनी दी जाएगी. ड्राइवरों के ब्लडप्रेशर पर भी सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी रहेगी.
सबके लिए नहीं है पुल
इस पुल पर सभी लोगों को कार चलाने की इजाजत नहीं होगी. अमीर लोग ही इस पर से गुजर सकेंगे. हांगकांग और चीन के बीच चलने वाली निजी कारों के लिए महज 10 हजार लाइसेंस जारी किए गए हैं. मकाउ के लिए यह लाइसेंस महज 300 लोगों को मिलेगा.
पर्यावरण को नुकसान
पर्यावरण की लड़ाई लड़ रहे लोगों का कहना है कि इस पुल के कारण पर्यावरण को बहुत नुकसान होगा. पर्ल रिवर की दुर्लभ पिंक डॉल्फिन पर इसका सबसे ज्यादा असर होने की बात कही जा रही है.
महंगे पुल से नाखुश
चुहाई, मकाउ और हांगकांग के लोग अब तक एक दूसरे के यहां जाने के लिए फेरी का इस्तेमाल करते थे. अब वे इस पुल से आ-जा सकते हैं लेकिन नागरिकों का कहना है कि इस महंगे पुल की उन्हें जरूरत नहीं थी. हालांकि इंजीनियरों का कहना है कि पुल के जरिए जाने पर चार घंटे की यात्रा महज 45 मिनट में पूरी हो जाएगी.
महंगा पुल अमीरों के लिए
चीन सरकार के संगठनों के सदस्य, चीन को टैक्स देने वाले लोग या फिर दक्षिण चीन में कम से कम 7,20,000 डॉलर का दान करने वाले लोग ही इस पुल पर चलने के लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं.
बिना लाइसेंस वालों के लिए शटल
गाड़ी लेकर भले ही आप इस पुल पर ना जा सकें लेकिन अलग अलग शटल सेवाओं के जरिए पुल की यात्रा का मजा ले सकते हैं. यह और बात है कि तब इस पुल से बचने वाला समय गाड़ियों की अदलाबदली में ही खर्च हो जाएगा.