1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

भारत: समलैंगिक विवाह को मान्यता का अधिकार कब

६ दिसम्बर २०२१

सात्विक और गौरव भट्टी की मुलाकात बॉलीवुड की एक पार्टी में हुई और दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ गया. उन्होंने बड़े धूमधाम से शादी करने की सोची लेकिन सात साल हो गए उनका सपना सच नहीं हो पाया है.

तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Sankar

सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2018 में समलैंगिक सेक्स पर औपनिवेशिक युग के प्रतिबंध को खत्म करने के बावजूद भारत में समलैंगिक विवाह अवैध हैं. भारत में एलजीबीटी+ समुदाय के लोगों को उम्मीद थी कि फैसले के साथ शादी और गोद लेने सहित अधिक समान अधिकारों का रास्ता साफ होगा. सात्विक ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपने पुरुष मित्र से शादी करने की इजाजत मांगी है.

सिंतबर 2020 से अब तक ऐसी छह याचिकाएं कोर्ट में दाखिल की जा चुकी हैं. कनाडा के वैंकुवर से थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन से सात्विक कहते हैं, "शादी करने का एक मौलिक अधिकार है और हमें किसी अन्य विपरीत लिंग जोड़े की तरह ही शादी करने का अधिकार दिया जाना चाहिए." वे कहते हैं, "गौरव और मैं शादी करना चाहते हैं. हम एक परिवार चाहते हैं. हम काम के लिए बाहर जाना चाहते हैं और घर वापस आकर परिवार की तरह बच्चों के साथ टीवी देखकर खाना खाना चाहते हैं."

यदि दंपति अपना केस जीत जाते हैं, तो भारत 2019 में ताइवान के बाद समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला एशिया में दूसरा देश बन जाएगा. 2018 के फैसले के बाद से ही एलजीबीटी+ समुदाय के सदस्यों ने भारतीय समाज में अधिक प्रगति हासिल की है. टेलीविजन पर उनके चित्रण से लेकर राजनीति और समावेशी कॉर्पोरेट नीतियों में समुदाय ने अधिक महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व प्रगति की है. फिर भी कई लोग कहते हैं कि वे अभी भी बड़े पैमाने पर रूढ़िवादी भारत में खुलकर बोलने से डरते हैं जहां भेदभाव और दुर्व्यवहार एलजीबीटी+ लोगों को नौकरी, स्वास्थ्य, शिक्षा और आवास तक पहुंचने से रोकते हैं.

तीसरा लिंग क्या होता है?

07:51

This browser does not support the video element.

सात्विक और भट्टी अब कनाडा में रहते हैं. वे कहते हैं उन्हें किराये के अपार्टमेंट खोजने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. भारतीय शास्त्रीय नर्तक भट्टी कहते हैं कि भारत में होमोफोबिया व्याप्त है. वे कहते हैं, "मैं सात्विक की तुलना में अधिक स्त्रीवत हूं और यह थोड़ा अधिक स्पष्ट है कि मैं समलैंगिक हूं. हर तरह की टिप्पणियां सुनना हमेशा एक मुद्दा था क्योंकि यह मानसिक रूप से आपके साथ क्या करता है... आप इसे अनदेखा करने की कोशिश करते हैं, आप कहते हैं परवाह नहीं है, लेकिन आपको यह गहराई से चोट करती है."

अगस्त 2020 में सात्विक ने दिल्ली छोड़कर वैंकुवर जाने का फैसला किया. वे कनाडाई नागरिक भट्टी के साथ रह रहे हैं. सात्विक कहते हैं यह एक कठिन फैसला था. उन्हें अपने परिवार को छोड़ना पड़ा और एक कानूनी फर्म में एक अर्थशास्त्री के रूप में एक अच्छी नौकरी भी छोड़नी पड़ी. कनाडा में उन्होंने नए सिरे से जीवन शुरू करने के लिए कंसल्टिंग की प्रैक्टिस की शुरुआत की.

वे कहते हैं, "यहां पर मैं गौरव का हाथ पकड़कर सड़क पर चल सकता हूं और शायद उन्हें सार्वजनिक रूप से चूम सकता हूं और कोई मुझ पर उंगली उठाने वाला नहीं है. अगर हमें शादी करने का अधिकार दिया गया होता तो हम शायद यहां नहीं आते."

याचिकाकर्ताओं और सरकार के बीच आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर हाई कोर्ट में अंतिम बहस होने की उम्मीद है.

एए/सीके (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें