नागरिक अधिकार आंदोलन की जन्मभूमि में पहला अश्वेत मेयर
९ अक्टूबर २०१९
स्टीवन रीड 2012 में काउंटी के प्रोबेट जज चुने गए पहले अफ्रीकी-अमेरिकी भी थे. उन्होंने अलबामा में पहली बार एक ही लिंग में शादी करने की इजाजत दी थी.
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अमेरिका के दक्षिणी राज्य अलबामा की राजधानी मोंटगोमरी को नागरिक अधिकार आंदोलन की जन्मभूमि कहा जाता है. इसकी वजह ये है कि 1950 के दशक में श्वेतों को सीट देने के कानून की वजह से बसों का बहिष्कार किया गया था. आज यहां 200 साल के इतिहास में पहले अश्वेत मेयर चुने गए हैं. इनका नाम है स्टीवन रीड. स्टीवन एक काउंटी प्रोबेट जज हैं. उन्होंने एक स्थानीय टेलिविजन स्टेशन के मालिक और श्वेत व्यवसायी डेविड वूड्स को शिकस्त दी है. सिटी शो द्वारा अनौपचारिक नतीजे ऑनलाइन पोस्ट किए गए जिसमें स्टीवन को 67 प्रतिशत वोट मिले हैं. वे सिटी हॉल में 12 नवंबर को शपथ ले सकते हैं.
मीडिया द्वारा जारी तस्वीरों में यह दिख रहा है कि रीड के समर्थक टी-शर्ट पहने हुए हैं जिसके ऊपर लिखा है, "हमने इतिहास बनाया." अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के अनुसार शहर की आबादी करीब दो लाख है जिसमें 60 प्रतिशत अफ्रीकन अमेरिकन हैं. मोंटगोमरी एडवर्टाइजर अखबार के अनुसार शहर के मेयर चुने जाने के बाद उन्होंने अपने पहले भाषण में कहा, "यह चुनाव कभी मेरे बारे में नहीं था. यह चुनाव सिर्फ मेरे विचार के बारे में नहीं था. यह चुनाव इस शहर के सभी निवासियों और समूहों की उम्मीदों और सपनों के बारे में था."
रीड की जीत से इस शहर में एक नया इतिहास बना है. यह शहर 1861 में अमेरिका के संघीय राज्य की पहली राजधानी बनी थी. पिछले साल सभी लोगों के लिए समान न्याय की पहल ने शांति और न्याय के लिए राष्ट्रीय स्मारक और मोंटगोमरी में लेगेसी संग्रहालय खोला था. यह अमेरिकी गृहयुद्ध के बाद नस्लीय रूप से पीड़ित लोगों के सम्मान के लिए खोला गया था.
नागरिक अधिकार आंदोलन की शुरुआत
मोंटगोमरी में बस बहिष्कार आंदोलन की शुरुआत 1955 में हुई थी और यह करीब एक साल चली थी. वजह ये थी कि एक अश्वेत महिला रोजा पार्क ने अपनी सीट एक श्वेत व्यक्ति को देने से मना कर दिया था. ऐसा करना उस समय एक अपराध था और इस अपराध की वजह से पार्क को जेल भेज दिया गया था.
आखिरकर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मोंटगोमरी प्रशासन को बस सिस्टम में सुधार के आदेश दिए. इस बहिष्कार आंदोलन में प्रमुख नेता थे मार्टिन लूथर किंग जूनियर. ये अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन के प्रमुख नेता बन कर उभरे थे.
दक्षिण अफ्रीका के महान अश्वेत नेता नेल्सन मंडेला ने अपनी कैद के 27 में से 18 साल खूंखार रोबेन आइलैंड जेल में बिताए. बाद में यह जेल स्वतंत्रता का प्रतीक बना. देखते हैं इतिहास से जुड़ी इस जेल की कुछ यादगार तस्वीरें...
तस्वीर: J. Schadeberg
टापू पर जेल
केपटाउन से कुछ किलोमीटर पर समुद्र के बीच एक टापू पर बनी यह जेल कैदियों को दुनिया से अलग थलग कर देती है. मंडेला ने अपनी जीवनी में इसे "देश से बाहर जाने की यात्रा" बताया है.
कड़ी मेहनत की सजा
भले ही मंडेला एक राजनीतिक कैदी की हैसियत से जेल में गए. लेकिन वहां उनसे दूसरे कैदियों जैसा ही व्यवहार किया गया. उनसे 10 से 14 घंटे तक मेहनत कराई गई. पत्थर तुड़वाए गए और इसकी वजह से उनकी आंखें हमेशा के लिए खराब हो गईं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
पति को छोड़ कर
यह तस्वीर 1964 में उस वक्त की है, जब विनी मंडेला अपने पति को जेल में छोड़ कर लौट रही थीं. मंडेला का कैदी नंबर 466 और साल 1964. बाद में उनकी पहचान 466/64 या 46664 से हुई.
तस्वीर: OFF/AFP/Getty Images
काल कोठरी
मंडेला की आत्मकथा में इस बात का जिक्र है कि अपनी कोठरी में लेटते हुए उनके पैर और सिर दोनों दीवारों को छूते थे. यही वह कोठरी है और इसे देख कर लगता है कि मंडेला की बात बिलकुल सही है.
तस्वीर: Getty Images
जेल से रिहाई
शायद यह दुनिया का इकलौता मामला हो, जहां संघर्ष कर रहा शख्स जेल में हो और उसकी बातें सुनने, समझने और मानने के लिए लाखों लोग सड़कों पर उतरें. दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद विरोधी आंदोलन के चरम पर मंडेला जेल में थे. उन्हें 12 फरवरी, 1990 को रिहा किया गया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
उफ, वो यादें
रिहाई के चार साल बाद नेल्सन मंडेला ने एक बार फिर रोबेन आइलैंड जेल का रुख किया. देश की तस्वीर बदल चुकी थी. यह जेल स्वतंत्रता की निशानी बन चुकी थी. मंडेला अपनी कोठरी की खिड़की से जेल के गलियारे को निहारते हुए.
तस्वीर: J. Schadeberg
सब कुछ वैसा ही
भले ही वक्त बदल गया हो लेकिन जेल के अंदर की वह कोठरी अब भी वैसी ही थी. कुर्सी लग गई थी, एक पौधा रख दिया गया था. और इस ऐतिहासिक क्षण को कैद करने सारे कैमरामैन बेताब थे.
तस्वीर: Getty Images/Afp/Guy Tillim
संघर्ष का तीर्थ
फिर तो मंडेला कई बार इस जेल में आए. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को भी दिखाया कि वे कैसे यातना भरे साल थे. 1998 की इस तस्वीर में क्लिंटन का चेहरा बहुत कुछ कह जाता है.
तस्वीर: Reuters
गुरु की जेल में
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा कई बार कह चुके हैं कि उन्होंने नेल्सन मंडेला से बहुत कुछ सीखा है. जून, 2013 में उन्होंने भी इस जेल का दौरा किया. साथ में पत्नी मिशेल ओबामा हैं. लेकिन मंडेला बीमार थे.
तस्वीर: Reuters
हतप्रभ और निशब्द
ओबामा जिस वक्त मंडेला की कोठरी में आए, अपने चेहरे के भाव को छिपा नहीं पाए. ओंठ भींचे निर्विकार ओबामा के चेहरे का हर एक निशान बता रहा है कि मंडेला के दिनों को याद करके वह कितने दुखी हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP
आजादी की मुट्ठी
चेहरे पर जोश और हवा में तनी दाहिने हाथ की मुट्ठी. मंडेला की यह पहचान थी. उनकी ऐसी ही मूर्ति जेल में लगाई गई है.