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गुजरात में रिकॉर्ड जीत की तरफ बढ़ती बीजेपी

८ दिसम्बर २०२२

गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी रिकॉर्ड जीत की तरफ बढ़ रही है. ताजा नतीजों और रुझानों के मुताबिक पार्टी ने ना सिर्फ 2017 से बेहतर प्रदर्शन किया है, बल्कि राज्य के इतिहास में सबसे बड़ी जीत की तरफ बढ़ रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीतस्वीर: Sergei Bobylev/Sputnik/Kremlin Pool Photo/AP/picture alliance

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों की मतगणना से कांग्रेस, बीजपी और आम आदमी पार्टी के लिए मिली जुली खबरें आ रही हैं. जहां हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस बढ़त ले कर बीजेपी को सत्ता से बाहर करने की दिशा में बढ़ती हुई नजर आ रही है, वहीं गुजरात में बीजेपी एक नया चुनावी इतिहास रचने की तरफ बढ़ रही है.

ताजा नतीजे और रुझानों के मुताबिक बीजेपी कम से कम 156 सीटें जीत सकती है. गुजरात विधानसभा में कुल 182 सीटें हैं और चुनाव जीतने के लिए किसी भी पार्टी को 92 सीटें जितनी होती हैं. बीजेपी 2017 में 99 सीटें ही जीत पाई थी, जो 2012 के चुनावों में उसके अपने प्रदर्शन से 16 सीटें कम थी.

लेकिन इस बार बीजेपी सिर्फ पिछली बार के अपने प्रदर्शन ही नहीं बल्कि राज्य के इतिहास में किसी भी पार्टी के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ती हुई नजर आ रही है. 1985 के चुनावों में कांग्रेस को 149 सीटें हासिल हुई थीं, जो कि राज्य में अभी तक का रिकॉर्ड था. बीजपी अब उस रिकॉर्ड को तोड़ने की तरफ बढ़ रही है.

इसे गुजरात में बीजेपी की लोकप्रियता के कायम रहने का बड़ा संकेत माना जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने गृह राज्य पर अपनी पकड़ बनाए रखी. मार्च में उत्तर प्रदेश चुनाव जीतते ही पार्टी ने गुजरात के अभियान की शुरुआत कर दी थी. उत्तर प्रदेश के नतीजे आने के एक दिन बाद ही प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के आधिकारिक दौरे पर चले गए थे.

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अगले नौ महीनों में वो कई बार गुजरात गए, रोडशो किए, कई परियोजनाओं का लोकार्पण किया और भाषणों में कहीं गुजरात की जनता को संबोधित किया तो कहीं बीजेपी के कार्यकर्ताओं को. इसके विपरीत कांग्रेस का गुजरात अभियान काफी फीका रहा. इतना ही नहीं 2017 के चुनावों में बीजेपी की नाक में दम कर देने वाले हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकुर जैसे युवा नेता भी कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी चले गए.

कांग्रेस के मुकाबले आम आदमी पार्टी ने गुजरात में अपनी पूरी ताकत झोंक दी. प्रधानमंत्री की ही तरह 'आप' के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी पार्टी के ब्रांड एम्बेसडर हैं और वो खुद कई बार चुनावी अभियान में गुजरात गए. कभी दिल्ली के स्कूलों और अस्पतालों का उदाहरण दिया, कभी मुफ्त बिजली का प्रलोभन दिखाया और कभी खुद को कृष्ण का अवतार बता कर हिंदुत्व कार्ड भी खेला.

पंजाब की ही तरह पार्टी ने गुजरात में मुख्यमंत्री पद के दावेदार की घोषणा भी की. पत्रकार और लोकप्रिय टीवी एंकर ईसूदन गाडवी को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाया गया. संभवत यह 'आप' की मेहनत का ही फल है कि दशकों से बीजेपी को सत्ता में और कांग्रेस को विपक्ष में बैठाने वाले गुजरात के मतदाताओं ने पहली ही बार में 'आप' को पांच सीटें और करीब 13 प्रतिशत वोट शेयर दे दिया.

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