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बीजेपी ने साधा जॉर्ज सोरोस पर निशाना

१७ फ़रवरी २०२३

हंगेरियन-अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस की अडानी मामले पर टिप्पणी को लेकर बीजेपी नेताओं ने सोरोस की कड़ी आलोचना की है. बीजेपी ने कहा है कि सोरोस भारत के लोकतंत्र को ही तोड़ना चाहते हैं.

जॉर्ज सोरोस
जॉर्ज सोरोसतस्वीर: Jean-Christophe Bott/AP Photo/picture alliance

जर्मनी में चल रहे म्युनिख सुरक्षा सम्मेलन में 16 फरवरी, 2023 को बोलते हुए सोरोस ने कहा था कि गौतम अडानी के व्यापार की समस्याओं की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कमजोर होंगे और भारत में "लोकतांत्रिक पुनरुत्थान" का रास्ता खुलेगा.

92 साल के सोरोस ने कहा, "मोदी और शक्तिशाली उद्योगपति अडानी करीबी साथी हैं; दोनों की किस्मत एक दूसरे के साथ गुंथी हुई है. अडानी इंटरप्राइजेज ने स्टॉक बाजार में पैसे जुटाने की कोशिश की, लेकिन वो नाकामयाब रहे. अडानी पर स्टॉक धोखेबाजी का आरोप है और उनका स्टॉक ताश के पत्तों की तरह ढह गया."

उन्होंने आगे कहा, "मोदी इस विषय पर शांत हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों को और संसद में जवाब देना पड़ेगा." सोरोस ने कहा कि अडानी की समस्याएं "भारत की सरकार पर मोदी के शिकंजे को उल्लेखनीय ढंग से कमजोर करेंगी" और "अति आवश्यक संस्थागत सुधारों की तरफ जोर देने के लिए रास्ते खोलेंगी".

उन्होंने यह भी कहा, "यह सरल तर्क लग सकता है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि भारत में लोकतांत्रिक पुनरुत्थान होगा."

सोरोस अडानी समूह पर अमेरिकी कंपनी हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के आने के बाद के घटनाक्रम के बारे में बात कर रहे थे. रिपोर्ट में अडानी पर दशकों तक "स्टॉक धोखेबाजी और एकाउंटिंग जालसाजी" का आरोप लगाया गया था.

रिपोर्ट के बाद शेयर बाजार में समूह की कंपनियों को भारी नुकसान झेलना पड़ा. संसद में विपक्ष ने भी यह मुद्दा उठाया और एक संसदीय समिति द्वारा पूरे मामले की जांच की मांग की.

कौन हैं जॉर्ज सोरोस

सोरोस हंगेरियन-अमेरिकी मूल के अरबपति निवेशक हैं. उन्हें उनके लोकोपकार के लिए भी जाना जाता है. 1960 के दशक से लेकर उन्होंने कई हेज फंडों की स्थापना की और दुनिया के सबसे प्रभावशाली अरबपतियों में से एक बन गए.

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उन्हें 1992 में ब्लैक वेंस्डे के नाम से जाने जाने वाले यूके सरकार के वित्तीय संकट के समय बैंक ऑफ इंग्लैंड के शेयरों की शार्ट सेलिंग कर एक अरब पाउंड मुनाफा कमाने के लिए जाना जाता है.

उन्हें दुनिया भर में प्रगतिशील और उदार राजनीति का समर्थक भी माना जाता है और यह भी माना जाता है कि वो दुनिया भर में इस विचारधारा के कार्यक्रमों और गतिविधियों की वित्तीय मदद भी करते हैं.

इस तरह की मदद के लिए उन्होंने ओपन सोसाइटी फाउंडेशन्स नाम की संस्था की स्थापना की थी, जिसके जरिए उन्होंने अरबों रुपए दान किए हैं. फोर्ब्स ने उन्हें "सबसे दरियादिल दाता" कहा है.

बीजेपी का हमला

अडानी प्रकरण में सोरोस की टिप्पणी के बाद भारत सरकार के मंत्रियों और बीजेपी के नेताओं ने सोरोस पर सीधे निशाना साधा और कहा कि वो भारत के लोकतंत्र को ही गिराने की कोशिश कर रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सोरोस की टिप्पणी पर बुलाई गई एक विशेष प्रेस वार्ता में कहा, "जिस इंसान ने बैंक ऑफ इंग्लैंड को तोड़ दिया, जिसे एक आर्थिक युद्ध अपराधी घोषित किया जा चुका है उसने भारतीय लोकतंत्र को तोड़ने की कामना की घोषणा की है."

ईरानी ने कहा कि सोरोस के बयानों से स्पष्ट हो रहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं को निशाना बनाने के लिए एक अरब डॉलर की फंडिंग की घोषणा की है.

उन्होंने यह भी कहा, "जॉर्ज सोरोस का यह ऐलान कि वो हिंदुस्तान में मोदी को झुका देंगे, हिंदुस्तान की लोकतांत्रिक तरीके से चुनी सरकार को ध्वस्त करेंगे उसका मुंहतोड़ जवाब हर हिंदुस्तानी को देना चाहिए." अडानी समूह ने अभी तक सोरोस की टिप्पणी पर कोई बयान नहीं दिया है.

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