अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक अमेरिका में हृदय रोग मृत्यु का प्रमुख कारण है. जबकि देश की अश्वेत महिलाओं का यह हत्यारा नंबर एक है. हर साल करीब 50 हजार अश्वेत महिलाओं की दिल की बीमारी से मौत होती है.
विज्ञापन
स्टेफनी जॉनसन की मां और बहन की 30 दिनों के भीतर ही से मौत हो गई. अब उन्होंने उच्च रक्तचाप से होने वाले इस रोग से लड़ाई को अपना मिशन बना लिया है. अमेरिका में 20 वर्ष से अधिक आयु की लगभग आधी अश्वेत महिलाओं को हृदय रोग है, लेकिन अधिकांश महिलाएं इस खतरे से अनजान रहती हैं.
जॉनसन ने अश्वेत महिलाओं के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए एक गैर-लाभकारी समूह रिलीज द प्रेशर (आरटीपी) बनाया है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की संचार और उत्पाद रणनीति की उपाध्यक्ष जॉनसन कहती हैं, "गैर-हिस्पैनिक गोरों की तुलना में अफ्रीकी अमेरिकियों और अश्वेत अमेरिकियों में हृदय रोग से मरने की संभावना 30 फीसदी अधिक है."
सप्ताह में 55 घंटे से अधिक काम करना कितना खतरनाक?
सप्ताह में ज्यादा घंटे काम करना दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. 55 घंटे से अधिक काम करने से दिल की बीमारी हो रही है और यह मौत का कारण बन रही है.
तस्वीर: picture-alliance/blickwinkel
मौत का खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के एक अध्ययन के मुताबिक, सप्ताह में 55 घंटे से अधिक काम करने से हृदय रोग और आघात से मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है. यह रिपोर्ट ऐसे समय में जारी हुई है जब दुनिया कोरोना वायरस से लगातार दूसरे साल भी निपट रही है. लोग घरों से काम कर रहे हैं और काम करने का तरीका बदल गया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Klose
सेहत पर असर
साल 2020 से ही दुनियाभर में लोगों की जीवनशैली अचानक से बदल गई. इसका प्रमुख कारण है कोरोना वायरस. लॉकडाउन और पाबंदियों की वजह से लोग अपने-अपने घरों से काम कर रहे हैं, इस वजह से कई बार उन्हें ज्यादा घंटे काम के लिए निकालने पड़ रहे हैं.
यह शोध एनवायरमेंटल इंटरनैशनल जर्नल में छपा है, यह लंबे समय तक काम करने से जुड़े जीवन और स्वास्थ्य के लिए जोखिमों का पहला वैश्विक विश्लेषण है. शोध में महामारी के पहले की अवधि पर ध्यान केंद्रित किया गया और शोध के लेखकों ने लाखों लोगों को लेकर हुए दर्जनों अध्ययनों के डाटा का इस्तेमाल किया.
तस्वीर: Imago/Science Photo Library
"गंभीर स्वास्थ्य जोखिम"
विश्व स्वास्थ्य संगठन की पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य विभाग की निदेशक मारिया नीरा के मुताबिक, "सप्ताह में 55 घंटे या उससे अधिक काम करना एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा है. यह समय है कि हम सभी- सरकार, नियोक्ता और कर्मचारी- इस तथ्य को जानें कि लंबे समय तक काम करने से अकाल मृत्यु हो सकती है."
तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Klose
35% बढ़ जाता है स्ट्रोक का खतरा
इस शोध में पाया गया कि सप्ताह में 35 से 40 घंटे काम करने वालों के मुकाबले 55 घंटे या उससे अधिक काम करने से आघात का खतरा 35 प्रतिशत और दिल संबंधी बीमारियों का खतरा 17 प्रतिशत अधिक हो जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Klose
जानलेवा चलन
विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने अनुमान लगाया कि साल 2016 में सप्ताह में 55 घंटे से अधिक काम करने वाले 3,98,000 लोगों की मौत स्ट्रोक और 3,47,000 लोगों की मौत हृदय रोगों के कारण हुई.
साल 2000 और 2016 के बीच लंबे वक्त तक काम करने से दिल की बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या में 42 प्रतिशत और आघात से होने वाली मौतों में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
तस्वीर: Imago/Westend61/G. Fochesato
सबसे ज्यादा मौत
दर्ज की गई मौतों में से अधिकांश 60 से 79 वर्ष की आयु के लोगों की हुई, जिन्होंने प्रति सप्ताह 55 घंटे या उससे अधिक काम किया था, जब वे 45 से 74 वर्ष के थे.
तस्वीर: Fotolia/olly
बढ़ रही है संख्या
डब्ल्यूएचओ इस प्रवृत्ति के बारे में चिंतित है क्योंकि लंबे समय तक काम करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. वर्तमान में विश्व की आबादी का नौ प्रतिशत लंबे समय तक काम कर रहा है.
तस्वीर: Imago/Zumapress
महामारी ने बदला काम का तरीका
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक तेद्रोस अधनोम गेब्रयेसुस के मुताबिक, "कोविड-19 ने कई लोगों के काम करने के तरीके को काफी बदल दिया है." वे कहते हैं, "कई उद्योगों में टेलीवर्किंग एक आदर्श बन गया है, जो अक्सर घर और काम के बीच की सीमाओं को धुंधला कर देता है. इसके अलावा, कई व्यवसायों को पैसे बचाने के लिए संचालन को कम करने या बंद करने के लिए मजबूर किया. जो लोग अभी भी वेतन पर हैं वे लंबे समय तक काम कर रहे हैं.
तस्वीर: Imago/PA/J. Gidden
10 तस्वीरें1 | 10
ट्रस्ट वीमेन्स हेल्थकेयर की संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. पेगी रॉबर्ट्स कहती हैं, "उच्च रक्तचाप से हृदय रोग का खतरा बढ़ता है क्योंकि उस वक्त हृदय पर दबाव काफी रहता है."
स्ट्रोक, दिल का दौरा, धमनी विस्फार और हृदय अतालता प्रमुख जोखिम हैं. नस्लवाद से तनाव के कारण भी रक्तचाप बढ़ सकता है.
दडीटॉक्सनाउ.कॉम (TheDetoxNow.com) की संस्थापक न्यूट्रिशनिस्ट कोच गेसी थॉम्पसन की 2020 में तनाव के कारण रक्तचाप इतना बढ़ गया था कि वह मरने ही वाली थीं, अब वह डिजिटल हृदय स्वास्थ्य किट लोगों को दे रही हैं और साथ ही एक लाख अश्वेत महिलाओं तक कलाई पर बांधने वाली ब्लड प्रेशर पट्टी पहुंचाने में आरटीएल की मदद कर रही हैं.
एए/सीके (रॉयटर्स)
तनाव से निपटने के 7 टिप्स
जिंदगी में तनाव बहुत सी बीमारियों को जन्म देता है. इससे लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं, दिल कमजोर पड़ता है और स्ट्रोक का खतरा भी बना रहता है. इन 7 टिप्स को अपनाएं और तनाव से मुक्ति पाएं.
तस्वीर: Fotolia
कसरत करें
जॉगिंग और साइक्लिंग तनाव को दूर रखने में मददगार साबित होते हैं. कसरत करने से तंत्रिका तंत्र यानि नर्वस सिस्टम एंडॉर्फिन छोड़ता है, जो आपको खुशी और स्फूर्ति का एहसास कराता है. साथ ही स्ट्रेस हार्मोन में कमी आती है. लेकिन किसी के साथ मुकाबला ना करें क्योंकि इससे भी तनाव वाले हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है.
तस्वीर: Colourbox/PetraD
ध्यान लगाएं
योग और प्राणायाम से तनाव को दूर रखा जा सकता है. मांसपेशियों को आराम देने वाली कई प्रकार की थेरेपी भी होती हैं, जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा आप मालिश भी करा सकते हैं. बहुत ज्यादा तनाव के मामलों में भी इनसे फायदा देखा गया है.
तस्वीर: Colourbox/Pressmaster
शांति में
अगर आपके घर में कोई शांत कमरा है तो दिन में 15-20 मिनट वहां गुजारें. बड़े शहरों में अक्सर घरों में शांति नहीं मिल पाती. किसी म्यूजियम, लाइब्रेरी या फिर धार्मिक जगह पर भी जा कर बैठ सकते हैं. कई बार खामोशी ही बड़े से बड़े मर्ज की दवा बन जाती है.
तस्वीर: Colourbox/A. Mijatovic
कुदरत से जुड़ें
हॉलैंड के रिसर्चरों ने पता लगाया है कि हरे रंग का इंसान पर अच्छा असर होता है. इससे शांति का एहसास मिलता है. यह भी साबित किया जा चुका है कि जो लोग किसी पार्क के पास रहते हैं या जिनके घर में आंगन होता है, अन्य शहरी लोगों की तुलना में उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है. इसलिए हरियाली के बीच सैर करने जाएं.
तस्वीर: Colourbox
कुछ ना करें
दिन भर दफ्तर और उसके बाद का समय दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच, अधिकतर लोगों की यही दिनचर्या हो गयी है. लेकिन अगर आप तनाव में हैं, तो कुछ वक्त केवल अपने साथ बिताएं. लोगों का साथ आपको खुशी देने के लिए होना चाहिए, और तनाव देने के लिए नहीं. अगर मूड नहीं है तो किसी के न्योते को अपने कैलेंडर से हटाने से घबराएं नहीं.
तस्वीर: Colourbox
ब्रेक लें
दिन भर कंप्यूटर के सामने बैठ कर काम करते रहने से खून में स्ट्रेस हार्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है. इसे कम करने के लिए काम के बीच बीच में ब्रेक लेते रहे. कुछ देर ताजा हवा में टहल कर आएं, स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज यानि मांसपेशियों की खिंचाई वाली कसरत से भी फर्क पड़ता है और आप तरोताजा महसूस करते हैं.
तस्वीर: Colourbox
खूब आराम करें
नींद पूरी ना होना भी तनाव का एक कारण है. एक वयस्क को सात से नौ घंटे की नींद की जरूरत पड़ती है. नींद में ही आपके दिमाग की सफाई भी होती है और प्राकृतिक रूप से तनाव कम होता है. अगर आपको नींद में दिक्कत आ रही है, तो ऊपर दिए गए "और+" पर क्लिक कर के बेहतर नींद के उपाय जानें.