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बीजिंग में ब्लिंकेन की चीनी नेताओं से बातचीत

१९ जून २०२३

दो बड़ी महाशक्तियां टकराव के रास्ते पर हैं. बीजिंग में अमेरिकी और चीनी विदेश मंत्री की मुलाकात में इस टकराव को टालने की कोशिशें नजर आईं.

चीनी विदेश मंत्री किंग गांग के साथ एटंनी ब्लिंकेन
तस्वीर: LEAH MILLIS/REUTERS

बीजिंग और वॉशिंगटन अपने द्विपक्षीय संबंधों का सबसे बुरा दौर देख रहे हैं. इस माहौल में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन, रविवार को चीन पहुंचे. यात्रा के दूसरे दिन ब्लिंकेन ने अपने समकक्ष चीनी विदेश मंत्री किन गांग से मुलाकात की.

ब्लिंकेन के साथ करीब तीन घंटे की मुलाकात के दौरान किन ने कहा कि चीन को लेकर अमेरिका की गलत धारणा, रिश्तों में आ रही खराबी की जड़ है.

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चीन के विदेश मंत्रालय आयोग के निदेशक वांग यी के साथ भी ब्लिंकेन की मुलाकात हुई. विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, वांग ने कहा, "हमें लोगों, इतिहास और विश्व के प्रति जवाबदेह रुख अपनाना होगा और नीचे गिरते अमेरिका-चीन रिश्तों को रिवर्स करना होगा."

चीन के विदेश मंत्रालय आयोग के निदेशक वांग यी के साथ ब्लिंकेनतस्वीर: LEAH MILLIS/REUTERS

"सहयोग चुनें या विवाद"

वांग ने चीन में शासन करने वाली एक मात्र कम्युनिस्ट पार्टी की मूल विचारधारा से जुड़ा मुद्दा उठाया. चीनी सरकारी मीडिया के मुताबिक वांग ने ब्लिंकेन से साफ कहा कि ताइवान के मुद्दे पर "समझौते के लिए कोई जगह नहीं है." उन्होंने मेहमान विदेश मंत्री से यह भी कहा कि राष्ट्रीय एकता हमेशा चीन के लिए अहम मुद्दा रहेगी.

चीनी नेता ने कहा, "अमेरिका और चीन के बीच तीन साझा एलानों में एक चीन नीति की पुष्टि हो चुकी है, अमेरिका को पूरी सच्चाई से इसे स्वीकार करना चाहिए और चीन की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए और स्पष्ट रूप से 'ताइवान की आजादी' का विरोध करना चाहिए."

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वांग के बयानों में अमेरिका के लिए चेतावनियां भी छुपी थीं, "यह जरूरी है कि वार्ता और टकराव, सहयोग और विवाद के बीच चुनाव किया जाए."

ब्लिंकेन का रुख

इन दोनों नेताओं से बातचीत में ब्लिंकेन ने इस बात पर फिर से जोर दिया कि अमेरिका, "आजाद, खुली और अंतरराष्ट्रीय नियमों पर आधारित दुनिया के नजरिए" पर कायम रहेगा. उन्होंने किन को वॉशिंगटन आने का न्योता भी दिया.

अमेरिकी विदेश मंत्री के बयान का सीधा अर्थ, दक्षिण चीन सागर के इलाके में मुक्त आवाजाही से भी है और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सम्मान करने से भी. पश्चिमी देशों समेत चीन के कई पड़ोसियों को लगता है कि बीजिंग ताकत के बल पर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बदलने की कोशिश कर रहा है.

तस्वीर: Leah Millis/REUTERS

चीनी राष्ट्रपति से ब्लिंकेन की मुलाकात

इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भेंट की. 2018 के बाद यह पहला मौका था, जब किसी अमेरिकी विदेश मंत्री की चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात हुई. दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक वार्ता हुई. शी ने इसे अमेरिका और चीन के संबंधों में "प्रगति" बताया.

शी ने कहा, "दोनों पक्ष राष्ट्रपति बाइडेन और मेरे बीच बाली में सामने आई साझा समझ को अमल में लाने पर सहमत हैं. दोनों पक्षों के बीच कुछ खास मुद्दों पर प्रगति हुई है और समझौता भी हुआ है. यह बहुत अच्छा है."

ओएसजे/एए (एएफपी, रॉयटर्स)

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