बॉम्बे हाई कोर्ट ने जेल में बंद 19 वर्षीय छात्रा को जमानत देते हुए महाराष्ट्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई. छात्रा को भारत-पाकिस्तान संबंधों के बारे में एक ऑनलाइन पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था.
बॉम्बे हाई कोर्टतस्वीर: Sandip Mahankal/ANI
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को पुणे के एक कॉलेज से निष्कासित और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाकिस्तान विवाद पर सोशल मीडिया पोस्ट करने के कारण 9 मई से जेल में बंद 19 वर्षीय छात्रा की तत्काल रिहाई का आदेश दिया. उसने छात्रा की गिरफ्तारी को "बेहद चौंकाने वाला" बताया और मौखिक रूप से कहा कि "राज्य की ओर से इस तरह की कट्टरपंथी प्रतिक्रिया लोगों को कट्टरपंथी बना देगी." छात्रा को मंगलवार देर रात यरवदा जेल से रिहा कर दिया गया.
छात्रा पुणे की सिंहगढ़ अकैडमी ऑफ इंजीनियरिंग में बीटेक द्वितीय वर्ष की छात्रा है. छात्रा को 9 मई को निष्कासित कर दिया था, जब उसके खिलाफ पुणे के कोंढवा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी. उसे उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था. अपनी याचिका में छात्रा ने दावा किया कि उसे कोई कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना या सुनवाई का कोई मौका दिए बिना "मनमाने” तरीके से निष्कासित कर दिया गया और यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के साथ-साथ संविधान के अनुच्छेद 14, 19 (1) (ए) और 21 के तहत उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उसने बिना किसी गलत इरादे के इंस्टाग्राम पोस्ट को केवल दोबारा पोस्ट किया था और तुरंत माफी भी मांग ली थी.
छात्रा के इस पोस्ट के वायरल होने के बाद उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 152, 196, 197, 299, 352, 353 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
छात्रा को राहत देते हुए न्यायमूर्ति गौरी गोडसे और न्यायमूर्ति सोमशेखर सुंदरेशन की अवकाशकालीन बेंच ने कहा कि यह एकदम चौंकाने वाला मामला है. सरकार ने छात्रा के साथ "कट्टर अपराधी" जैसा व्यवहार किया. उसे गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए था, क्योंकि उसने तुरंत ही पोस्ट को हटाते हुए इसके लिए खेद व्यक्त किया था. यही नहीं, इसके लिए उसने माफी भी मांग ली थी.
कॉलेज की ओर से पेश वकील ने जब कहा कि यह कार्रवाई "राष्ट्रीय हित" को ध्यान में रखकर की गई है, तो बेंच ने टिप्पणी की, "कौन सा राष्ट्रीय हित? यह गलतियां करने और उन्हें सुधारने की उम्र है. वह पहले ही काफी कुछ झेल चुकी है." बेंच ने कहा एक छात्रा की टिप्पणी का राष्ट्रीय हित पर क्या प्रभाव पड़ेगा? अपने फैसले में हाई कोर्ट ने कहा, "आप उसके साथ अपराधी जैसा व्यवहार कर रहे हैं. उसने स्वीकार किया कि उसने गलती की है और उस पोस्ट को हटा दिया है. आपको उसे सुधारने की जरूरत है. आपको उसकी मदद करने की जरूरत है, या आप उसे अपराधी में बदलना चाहते हैं?"
कोर्ट ने छात्रा के कॉलेज की ओर से पारित निष्कासन आदेश को भी निलंबित कर दिया और संस्थान को उसे हॉल टिकट जारी करने का निर्देश दिया, ताकि वह परीक्षा में शामिल हो सके. कोर्ट ने छात्रा को भी भविष्य में जिम्मेदारी से काम करने और इस तरह के पोस्ट अपलोड करने से बचने की चेतावनी दी.
भारत पाकिस्तान की दुश्मनी
भारत के बंटवारे के साथ 1947 में जब से पाकिस्तान बना है और तब से ही दोनों के बीच बैर का सिलसिला जारी है. इन तस्वीरों में देखिए दोनों देशों की रंजिश की कहानी.
तस्वीर: AP Photo/picture alliance
1947 में आजादी के साथ विभाजन
1947 में भारत आजाद हुआ लेकिन विभाजन की कीमत पर. भारत और पाकिस्तान दो देश बन गए. पाकिस्तान मुसलमानों का देश बना जबकि भारत ने धर्मनिरपेक्षता को चुना. विभाजन के समय करीब डेढ़ करोड़ लोग विस्थापित हुए. इस दौरान हुए दंगों में दोनों ओर के हजारों लोगों की जान गई.
तस्वीर: AP Photo/picture alliance
1947 की लड़ाई
विभाजन के कुछ ही महीनों बाद दोनों देशों के बीच कश्मीर में लड़ाई छिड़ गई. हिंदू राजा और मुसलमान बहुसंख्यक आबादी वाले कश्मीर पर नियंत्रण के लिए दोनों देश भिड़ गए. कश्मीर पर पहले पाकिस्तान की ओर से हमला हुआ और तब राजा हरि सिंह ने भारत में कश्मीर के विलय के कागजात पर दस्तखत कर दिए. 1948 में युद्ध खत्म होने के पहले दोनों तरफ के हजारों लोगों की मौत हुई.
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कश्मीर का बंटवारा
संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में हुए युद्धविराम ने कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच बांट दिया. उस वक्त वादा किया गया था कि कश्मीर में जनमत संग्रह के जरिए यह तय होगा कि कश्मीर किधर जाएगा. यह जनमतसंग्रह कभी नहीं हुआ. भारत का कहना है कि कश्मीर के लोगों ने चुनाव में हिस्सा लेकर अपनी मंशा जता दी है.
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1965 की लड़ाई
साल 1965 में दोनों देश एक बार फिर भिड़ गए. हजारों लोगों की मौत के बाद सोवियत संघ और अमेरिका की मध्यस्थता में संघर्षविराम हुआ. उसके बाद कई महीनों की बातचीत से ताशकंद समझौता हुआ. दोनों देशों ने युद्ध के दौरान कब्जाई गई एक दूसरे की जमीन वापस कर दी और सेना को पीछे खींच लिया.
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1971 की लड़ाई
पूर्वी पाकिस्तान में विद्रोह के दौरान भारत ने बंगालियों का साथ दिया. इस जंग में पाकिस्तान की सेना को हार का मुंह देखना पड़ा. सिर्फ इतना ही नहीं उसका पूर्वी हिस्सा आजाद हो कर बांग्लादेश के नाम से एक नया देश बन गया.
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1972 का शांति समझौता
भारत और पाकिस्तान के बीच 1972 में एक शांति समझौता हुआ. इसके तहत कश्मीर में संघर्षविराम की रेखा को नियंत्रण रेखा घोषित किया गया. दोनों देशों ने इस मोर्चे पर बड़ी संख्या में अपनी सेनाएं तैनात कर दी.
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1989 का संघर्ष
पाकिस्तान की मदद से कश्मीर में भारत के खिलाफ उग्रवादी आंदोलन की शुरुआत हुई. इसी दौरान कश्मीरी पंडितों को वहां से भागने पर मजबूर किया गया. भारत ने इसका सख्ती से जवाब दिया. इसका नतीजा दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य संघर्ष के रूप में सामने आया.
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1999 का कारगिल युद्ध
पाकिस्तानी सैनिकों और कश्मीरी लड़ाकों ने भारत की सीमा में हिमालय की कई चोटियों पर कब्जा कर लिया. भारत ने टैंक और हवाई बमबारी से जवाब दिया. 10 हफ्ते की लड़ाई में हजारों सैनिकों की मौत हुई. इसके साथ ही दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध का खतरा उभर आया. अमेरिका के दखल से यह लड़ाई बंद हुई.
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2008 में मुंबई पर आतंकवादी हमला
पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने मुंबई शहर में खूब तांडव मचाया. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों समेत 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई. भारतीय सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 9 आतंकवादी मारे गए जबकि एक आतंकवादी को जिंदा पकड़ कर उस पर मुकदमा चला. बाद में अदालत ने उसे मौत की सजा दी. पाकिस्तान इस हमले के सबूत मांगता रहा लेकिन दोषियों पर कभी कार्रवाई नहीं हुई.
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पहलगाम में सैलानियों पर हमला
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में सैलानियों पर हमला करके आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी. उसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव फिर चरम पर है. भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि रोकने की घोषणा की और फिर पाकिस्तानी इलाकों पर मिसाइलों से हमला किया है.
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2016 की सर्जिकल स्ट्राइक
भारतीय कश्मीर में सेना के अड्डे में घुसे आतंकवादियों के हमले में कम से कम 18 सैनिकों की मौत हुई. भारत ने इसका जवाब सर्जिकल स्ट्राइक से दिया और कई संदिग्धों को मार गिराया. पाकिस्तान सर्जिकल स्ट्राइक होने से इनकार करता रहा. हालांकि इस दौरान दोनों देशों के बीच सीमा पर काफी तनाव फैला रहा.
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पाकिस्तानी कश्मीर पर हमला
2019 में भी दोनों देश युद्ध के करीब आ गए थे जब कश्मीरी चरमपंथियों ने विस्फोटकों से भरी कार भारतीय सुरक्षा बलों को ले जा रही बस से टकरा दी. इस हमले में 40 सैनिक मारे गए. भारत ने इसके बाद पाकिस्तान के इलाके में आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया. इस दौरान पाकिस्तान ने भारत के एक लड़ाकू विमान को मार गिराया और पायलट को गिरफ्तार कर लिया. बाद में पायलट को छोड़ दिया गया.