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कानून और न्याययूरोप

कोर्ट के फैसले को ठेंगा दिखाते शेंगन देश

कीरा शाख्ट
१८ नवम्बर २०२२

यूरोप की शीर्ष अदालत के फैसले के बाद भी जर्मनी, डेनमार्क और अन्य शेंगन देशों ने 2015 से भीतरी बॉर्डर कंट्रोल को जारी रखा है. कानून के इस उल्लंघन पर यूरोपीय आयोग की आंखें भी बंद हैं.

जर्मन बॉर्डर पर जांच पड़ताल करती जर्मन पुलिस
तस्वीर: Frank Hoermann/SVEN SIMON/picture alliance

शेंगन एग्रीमेंट के तहत यूरोप के 26 देशों के आपसी बॉर्डर पर बिना जांच के लोगों और सामान की मुक्त आवाजाही होनी चाहिए. शेंगन एरिया में भीतर बॉर्डर कंट्रोल तभी लागू किया जाएगा जब घरेलू सुरक्षा को गंभीर खतरा हो. आप्रवासियों की बढ़ती संख्या और आतंकवाद संबंधी चिंताओं के बीच जर्मनी, ऑस्ट्रिया, नॉर्वे, स्वीडन, डेनमार्क और फ्रांस ने 2015 से ही अपनी सीमाओं पर जांच व निगरानी बढ़ा दी है. भीतरी बॉर्डर कंट्रोल को अब छह महीने और बढ़ा दिया गया है.

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अप्रैल में यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस ने आदेश दिया था कि खतरे की एक चेतावनी के लिए लागू किया गया बॉर्डर कंट्रोल छह महीने से लंबा नहीं हो सकता है. कोर्ट के उस फैसले के बाद यह दूसरा मौका है जब इंटर्नल बॉर्डर कंट्रोल की समयसीमा बढ़ाई गई है.

डीडब्ल्यू ने जब 2019 के डाटा की पड़ताल की तो पता चला कि ये बॉर्डर कंट्रोल शेंगन एग्रीमेंट के कई नियमों का उल्लंघन करता है. यह एग्रीमेंट यूरोपीय संघ के 22 देशों और आइसलैंड, लिष्टेनश्टाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड पर लागू होने वाला कानून है.

'राजनीतिक रूप से बहुत संवेदनशील'

यूरोपीय संघ में कानून तोड़ने वाले सदस्य देशों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी यूरोपीय आयोग की है. इस तरह के उल्लंघन भारी वित्तीय प्रतिबंधों को न्योता दे सकते हैं. उदाहरण के लिए 2018 को लें. यूरोपीय संघ के कानूनों के मुताबिक ईयू के हर नागरिक की उचित मूल्य वाले बैंक अकाउंट तक पहुंच होनी चाहिए. इसके उल्लंघन के मामले में आयोग ने स्पेन पर हर दिन 50,000 यूरो का जुर्माना लगाया. जुर्माना तब तक जुड़ता रहा, जब तक स्पेन ने इस नियम को अपना राष्ट्रीय कानून नहीं बनाया.

हालांकि लंबे समय से चले आ रहे बॉर्डर कंट्रोल मामले पर आयोग ने अभी तक किसी सदस्य देश पर कार्रवाई शुरू नहीं की है. गीजन यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल लॉ एंड यूरोपियन लॉ के रिसर्चर लियोन त्सुएलिग कहते हैं, "यह मुद्दा राजनीतिक रूप से बहुत संवेदनशील है." अपने रिसर्च पेपर में वह लिखते हैं, "सदस्य देश और उनके आतंरिक मामलों के मंत्रियों को ये आग बबूला कर देगा."

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इस पर प्रतिक्रिया देने की डीडब्ल्यू की दरख्वास्त का यूरोपीय आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया. जनवरी 2021 में यूरोपीय संसद की एक कार्यवाही के दौरान आयोग ने तर्क दिया कि हालात के मुताबिक नए नियम बनाना, कानूनी प्रक्रिया के उल्लंघन के मुकाबले बेहतर तरीका है. आयोग ने माना कि सदस्य देश जिस तरह नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, उसे देखकर यही लगता है कि कानूनी असरदार नहीं रह गए हैं.

आयोग की हालिया "स्टेट ऑफ शेंगन" रिपोर्ट में "लंबे समय से चले आ रहे बॉर्डर कंट्रोल को खत्म करने" को 2023 की प्राथमिकता सूची में रखा गया है.

ऐसा लगता है जैसे आयोग नए नियमों का संकेत देते हुए सदस्य देशों को बॉर्डर कंट्रोल बंद करने के लिए प्रेरित कर रहा है. ऐसा एक प्रस्ताव 2017 में नाकाम हो चुका है. तब काउंसिल ऑफ द यूरोपियन यूनियन के सदस्य देशों की सरकारों के मंत्रियों ने इसका समर्थन नहीं किया.

बड़े निगरानी तंत्र पर निर्भर प्रस्तावित सुधार

यूरोपीय आयोग का ताजा प्रपोजल, शेंगन एरिया में कई नियमों को बदलने का संकेत दे रहा है. प्रस्ताव, सदस्य देशों को बॉर्डर कंट्रोल की जगह कई किस्म के "वैकल्पिक तरीके" मुहैया कराना चाहता है. सुधारों पर बात करते समय सदस्य देशों ने खास तौर पर यूरोपीय संघ के बाहरी बॉर्डर पर इस्तेमाल होने वाली सर्विलांस तकनीक को शेंगन एरिया के भीतर भी यूज करने की मांग की है.

इन तकनीकों के जरिए प्रशासन ऑटोमैटिक तरीके से निगरानी और डाटा कलेक्शन कर सकेगा. उदाहरण के लिए, यात्री के नाम और उससे जुड़ी जानकारियां स्टोर की जा सकेंगी. लियोन त्सुएलिग इसे "अदृश्य"  बॉर्डर कंट्रोल कहते हैं, "मौलिक अधिकारों के नजरिए से देखें तो ये कदम, फिजिकल बैरियर से भी ज्यादा खतरनाक हैं. क्योंकि ये आखिर में एक बड़ी निगरानी व्यवस्था पर निर्भर हैं- जो यूरोपीय नागरिकों की भी होगी."

ये विकल्प, बॉर्डर पर भेदभाव का जोखिम भी बढ़ा सकते हैं. पीआईसीयूएम नाम का एनजीओ बगैर दस्तावेज वाले आप्रवासियों के मानवाधिकारों की आवाज उठाता है. एनजीओ को लगता है कि ये तकनीक नस्ल के आधार पर प्रोफाइलिंग का जोखिम पैदा कर सकती है. संस्था के मुताबिक ऐसी कई रिपोर्टें आ चुकी हैं, जो दिखाती है कि तकनीक हाशिए पर रह रहे लोगों के प्रति पूर्वाग्रह को बढ़ाती है.

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प्रस्ताव फिलहाल यूरोपियन पार्लियामेंट की सिविल लिबर्टीज, जस्टिस एंड होम अफेयर्स कमेटी के पास है. कमेटी ने इसे लेकर एक ड्राफ्ट रिपोर्ट पेश की है. रिपोर्ट में प्रस्ताव के कुछ अहम सेक्शनों को पूरी तरह हटाने का सुझाव दिया गया है. सुझाव चेतावनी देते हुए कहता है, "ऐसी ज्यादा जांचों की अनुमति देना जो बॉर्डर कंट्रोल की तरह दिखें और महसूस हों, ये भीतरी सीमाओं के बगैर यूरोपीय नागरिकों को स्वतंत्र, सुरक्षित और न्यायपूर्ण इलाका प्रदान करने के लक्ष्य से मेल नहीं खाता है."

खुआन फेरनांडो लोपेज अगुइलार समिति के चेयरपर्सन हैं. डीडब्ल्यू से बातचीत में उन्होंने कहा, "किसी भी तकनीकी विकास को, मौलिक अधिकारों के चार्टर, ईयू डाटा और प्राइवेसी मानकों के साथ मेल खाना चाहिए, ये दुनिया में सबसे ऊंचे हैं." बीते बरसों में यूरोपीय संसद बॉर्डर पर जारी कंट्रोलों की आलोचना कर चुकी है. संसद अकसर राष्ट्रीय सुरक्षा से ज्यादा मुक्त आवाजाही का समर्थन करती रही है.

अब देखना है कि समिति के ये सुझाव, यूरोपीय आयोग और संघ के सदस्य देश स्वीकार करेंगे या नहीं. इस बीच मुक्त आवाजाही वाले शेंगन एरिया के भीतर कोर्ट के फैसले और एंग्रीमेंट को ठेंगा दिखाने वाला बॉर्डर कंट्रोल लगातार आठवें साल में प्रवेश करने जा रहा है.

 

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