स्तन कैंसर के बुजुर्ग मरीजों को रेडिएशन की जरूरत नहीं: शोध
१७ फ़रवरी २०२३
65 साल से ऊपर की महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के कारण सर्जरी कराने के बाद रेडिएशन से कोई खास फायदा नहीं होता है, इसलिए वे इसे छोड़ भी सकती हैं. एक नए शोध के बाद विशेषज्ञों ने यह बात कही है.
तस्वीर: Joaquin Sarmiento/AFP
विज्ञापन
शोधकर्ताओं का कहना है कि 65 साल से अधिक उम्र की जो महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर के कारण सर्जरी कराती हैं, वे रेडिएशन थेरेपी को ना भी लें तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि यह थेरेपी उन्हें ज्यादा जीने में मदद नहीं करती.
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपे शोध में कहा गया है कि ब्रेस्ट-कंजर्विंग सर्जरी और हॉर्मोन थेरेपी के बाद रेडिएशन थेरेपी लेने से 65 वर्ष से अधिक की महिलाओं की जीने की अवधि में कोई खास बदलाव नहीं आता. दस साल तक चले अध्ययन के बाद यह शोध पत्र प्रकाशित हुआ है.
अपने स्तनों का ख्याल क्यों नहीं रखती महिलाएं
जीवन की शुरुआत यहीं से होती है. बच्चा पैदा होते ही सबसे पहले मां का दूध ही पीता है. फिर भी इन्हें उतनी अहमियत नहीं मिलती जितनी मिलनी चाहिए. स्तन पूरे शरीर की सेहत का संकेत दे सकते हैं.
तस्वीर: NDR
अचानक बढ़ोतरी
स्तनों के आकार में अचानक हुई बढ़त किसी समस्या का संकेत हो सकती है. हालांकि ऐसा प्रेग्नेंसी, गर्भनिरोधक दवाओं या हॉर्मोनल बदलावों से भी हो सकता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
अचानक कमी
स्तन के आकार में अगर अचानक कमी होती है तो यह एस्ट्रोजन लेवल के घटने का संकेत हो सकता है.
तस्वीर: Colourbox/K.Dmitrii
एक्स्ट्रा लार्ज
कुछ अध्ययन लार्ज साइज ब्रा को कैंसर से जोड़कर देखते हैं. हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Hörhager
आकार में बदलाव
स्तनपान और उम्र बढ़ने की वजह से त्वचा में लचीलापन कम हो जाता है. इस वजह से आकार बदलता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa-Zentralbild
गांठ
स्तन में गांठ हर बार चिंताजनक नहीं होती. कई बार पीरियड्स के दौरान भी गांठ बन जाती है और इसमें दर्द भी हो सकता है. लेकिन सावधानी जरूरी है.
तस्वीर: Colourbox
बदन दर्द
कंधों में दर्द की बहुत सारी वजह हो सकती हैं लेकिन गलत साइज की ब्रा भी एक वजह है.
तस्वीर: Lars Zahner/colourbox
आयरन की कमी
अगर स्तनों में दर्द है तो यह आयरन की कमी का संकेत हो सकता है. 2004 में हुए एक अध्ययन ने दिखाया कि स्तनों में दर्द होने पर आयोडीन की मात्रा बढ़ाई गई तो आराम हुआ.
तस्वीर: Fotolia/S. Bähren
निपल्स का आकार
अगर निपल्स के आकार में अचानक बदलाव होता है तो डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए. यह कैंसर का संकेत भी हो सकता है.
तस्वीर: imago/Mint Images
8 तस्वीरें1 | 8
रिपोर्ट कहती है कि रेडिएशन ना लेने से भी बीमारी के शरीर के अन्य अंगों में फैलने के खतरे पर कोई असर नहीं पड़ता. हालांकि इससे कैंसर की पुरानी जगह पर दोबारा कैंसर हो जाने का खतरा थोड़ा सा अधिक हो जाता है.
दस साल तक चला शोध
रेडिएशन थेरेपी काफी दर्दनाक प्रक्रिया मानी जाती है और शोधकर्ता कहते हैं कि इसका मरीजों पर, खासकर बुजुर्ग मरीजों पर काफी असर होता है. मुख्य शोधकर्ता एडिनबरा यूनिवर्सिटी के डॉ. इयान कंकलर ने एक बयान जारी कर कहा कि इस शोध से बुजुर्ग मरीजों को रेडिएशन थेरेपी देने या ना देने के बारे में फैसला लेने में मदद मिलेगी.
यह शोध दस साल तक चले परीक्षणों का नतीजा है. इन परीक्षणों में 65 साल से ऊपर की 1,326 महिलाओं ने हिस्सा लिया. ये ऐसी मरीज थीं जिनमें तीन सेंटीमीटर से छोटा ट्यूमर था जिसे कम खतरे वाला ब्रेस्ट कैंसर कहा जाता है. इस तरह के ट्यूमर पर हॉर्मोन थेरेपी का असर ज्यादा होने की संभावना रहती है.
शोध में शामिल सभी महिलाओं की ब्रेस्ट कंजर्विंग सर्जरी हुई और उन्होंने कम से कम पांच साल तक हॉर्मोन थेरेपी भी ली. मरीजों को दो समूहों में बांटा गया था आधे मरीजों को सर्जरी के बाद रेडिएशन थेरेपी दी गई जबकि बाकी आधे बिना थेरेपी के रहे.
दस साल बाद दोनों समूहों में जीवित बचे मरीजों की संख्या 81 फीसदी थी और ज्यादातर मौतों की वजह ब्रेस्ट कैंसर नहीं था. शोधकर्ता कहते हैं कि रेडिएशन ना लेने की सूरत में मरीजों को कम से कम पांच साल तक हॉर्मोन थेरेपी लेनी होती है जो काफी मुश्किल हो सकता है.
विज्ञापन
कैंसर और रेडिएशन थेरेपी
रेडिएशन थेरेपी, कई प्रकार के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाती है. रेडिएशन से कैंसर कोशिकाओं को या तो नष्ट कर दिया जाता है या उनका विकास बेहद धीमा हो जाता है. लेकिन रेडिएशन थेरेपी के कई दुष्प्रभाव भी होते हैं.
स्तन की अहमियत
किशोरावस्था में लड़कों और लड़कियों दोनों के शरीर में हार्मोन के कारण कई बदलाव होते हैं. जहां लड़कों में दाढ़ी मूंछ आने लगती है तो वहीं लड़कियों में वक्ष विकसित होते हैं. देखिए वक्ष या स्तन से जुड़ी कुछ खास बातें.
तस्वीर: Colourbox/K.Dmitrii
कैसे और किससे बने वक्ष
वक्ष का विकास शरीर में एस्ट्रोजन नाम के सेक्स हार्मोन और ग्रोथ हार्मोन के कारण होता है. वक्ष असल में कई जटिल ग्रंथियों और वसा वाले टिशू से मिलकर बना होता है. इसका औसत भार करीब आधा किलो तक हो सकता है और शरीर के कुल फैट का 4 से 5 फीसदी वक्ष में ही पाया जाता है.
तस्वीर: Colourbox
जीवनदायिनी द्रव्य
वक्ष की ग्रंथियों से कई तरह से हार्मोन और तरल चीजों का स्राव होता है, जैसे कि कोलोस्ट्रम और दूध. इंसान का दूध गाय के दूध से मीठा होता है. कोलोस्ट्रम वह पीला, चिपचिपा पदार्थ होता है जो बच्चे के जन्म के बाद निकलता है और नवजात के लिए सर्वश्रेष्ठ आहार माना जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa-Zentralbild
केवल इंसानों में
मनुष्य एकलौता प्राइमेट है जिसमें महिलाओं के स्तन स्थाई होते हैं. इंसान को छोड़ कर दूसरे सभी प्राइमेट्स और स्तनधारी जीवों में एक भरा पूरा वक्ष केवल तभी होता है जिन दिनों मादा अपने बच्चों को दूध पिलाती है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/Z. Dosso
ब्रा की पढ़ाई
चीन में बाकायदा 'ब्रा स्टडीज' की पढ़ाई होती है और इसमें डिग्री ली जा सकती है. हांगकांग पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी में एक पूरा विभाग है और उसकी अपनी लैब भी. ब्रा निर्माता कंपनी टॉप फॉर्म द्वारा स्थापित इस लैब में ब्रा से जुड़ा शोध और विकास कार्यक्रम चलता है.
तस्वीर: Reuters/T. Siu
जुड़वा नहीं
ज्यादातर महिलाओं में दोनों वक्षों का आकार समान नहीं होता. बिल्कुल वैसे ही जैसे एक हाथ दूसरे से बड़ा और एक पैर भी दूसरे से बड़ा होता है. इसलिए इन्हें जुड़वा नहीं बल्कि मिलती जुलती शक्ल वाला समझा जा सकता है.
तस्वीर: Reuters/Thomas Peter
कैंसर का घर
दुनिया भर में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. केवल 5 से 10 फीसदी मामलों में ही यह परिवार में इसके जीन एक पीढ़ी से दूसरी में पहुंचने के कारण होता है. बाकी करीब 90 फीसदी मामले लाइफस्टाइल और वातावरण से जुड़े होते हैं.
तस्वीर: Fotolia/S. Bähren
सौंदर्य की माप
कई महिलाएं वक्ष के आकार को सौंदर्य से जोड़ के देखती हैं. इसके आकार से असंतुष्ट होने पर वे सर्जरी करवा कर इसे छोटा या बड़ा करवाती हैं. केवल अमेरिका में ही करीब 4 फीसदी महिलाएं सिलिकॉन या सैलीन इंप्लांट लगवा कर अपने स्तन बड़े करा चुकी हैं.
तस्वीर: RAUL ARBOLEDA/AFP/Getty Images
सिगरेट है दुश्मन
सिगरेट के कुछ रसायन त्वचा और खासकर वक्ष में पाए जाने वाले जरूरी प्रोटीन इलास्टिन को नष्ट करते हैं. इसके कारण धूम्रपान करने वालों के वक्ष धूम्रपान ना करने वालों के मुकाबले ढीले पड़ जाते हैं. इलास्टिन से ही त्वचा में लचीलापन आता है और बिना फटे त्वचा फैल पाती है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Stratenschulte
दो नहीं तीन
जी हां, कुछ लोगों में एक तीसरा निप्पल पाया जाता है. इस स्थिति को पॉलीथीलिया कहते हैं. दुनिया के करीब तीन प्रतिशत लोगों में ऐसा एक्स्ट्रा निप्पल पाया जाता है. यह स्थिति महिलाओं ही नहीं पुरुषों में भी पायी जा सकती है.
तस्वीर: Fotolia/Zsolt Bota Finna
बड़े वक्ष का रिकॉर्ड
सबसे बड़े प्राकृतिक स्तनों का रिकॉर्ड भी गिनीज बुक में दर्ज है. जहां एक औसत महिला की साइज 34 से 36 इंच के बीच होती है, 1 जनवरी 1999 को रिकॉर्डधारी अमेरिकी महिला एनी हॉकिन्स-टर्नर की साइज 70 इंच दर्ज की गई.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Hörhager
10 तस्वीरें1 | 10
रेडिएशन थेरेपी लेने वाले मीरजों को थकान, स्किन रिएक्शन, बालों का झड़ना, भूख ना लगना, खांसी, दस्त, उल्टी आदि दुष्प्रभाव हो सकते हैं. कुछ लोगों में ये साइड इफेक्ट्स बहुत ज्यादा होते हैं तो कुछ में कम भी हो सकते हैं. साथ ही कुछ मरीजों के लिए दुष्प्रभाव खतरनाक भी हो सकते हैं.
भारत समेत दुनियाभर में स्तन कैंसर महिलाओं में बेहद खतरनाक बीमारी है. इंडियन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक भारत में जितनी महिलाओं को कैंसर होता है, उनमें से 14 फीसदी स्तन कैंसर से पीड़ित होती हैं. आंकड़े बताते हैं कि हर चार मिनट में एक महिला को स्तन कैंसर का पता चलता है.