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ब्रिक्स का हुआ विस्तार, पांच देश बने पूर्ण सदस्य

३ जनवरी २०२४

उभरती अर्थव्‍यवस्‍थाओं का समूह ब्रिक्स अब 10 देशों का संगठन बन गया है. मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात नए सदस्य के रूप में शामिल हो गए हैं.

ब्रिक्स
ब्रिक्सतस्वीर: GIANLUIGI GUERCIA/AFP

इस वक्त ब्रिक्स की अध्यक्षता रूस के पास है. अभी तक ब्रिक्स में सिर्फ भारत, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील ही शामिल थे. ब्रिक्स दुनिया के विकासशील देशों का एक समूह है.

मॉस्को में आयोजित एक बैठक के दौरान नए सदस्यों को औपचारिक रूप से शामिल करने की घोषणा की गई. मॉस्को के ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालने के तुरंत बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि समूह अब दस देशों का संगठन बन गया है.

अगस्त में जोहान्सबर्ग में आयोजित आखिरी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में समूह के नेताओं ने 1 जनवरी से अर्जेंटीना समेत छह देशों को इस समूह में जोड़ने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. हालांकि, अर्जेंटीना के नए राष्ट्रपति हाविएर मिलेई ने पिछले दिनों ब्रिक्स के प्रभावशाली होते संगठन में शामिल होने से औपचारिक तौर पर इनकार कर दिया.

बढ़ गई ब्रिक्स की ताकत

पांचों देशों के नेताओं को भेजे एक पत्र में मिलेई ने कहा था कि अभी उनके देश के लिए इस संगठन की पूर्ण सदस्यता का सही समय नहीं है. यह पत्र 22 दिसंबर को लिखा गया था लेकिन इसे बीते शुक्रवार जारी किया गया. मिलेई के पूर्ववर्ती वामपंथी नेता अल्बेर्टो फर्नान्डेज ने ब्रिक्स की सदस्यता का समर्थन किया था क्योंकि वह इसे नए बाजारों तक पहुंचने के एक मौके के तौर पर देखते थे

अपने संबोधन में रूसी राष्ट्रपति ने कहा, "मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात नए पूर्ण सदस्यों के रूप में ब्रिक्स में शामिल हुए हैं, जो संगठन की बढ़ती ताकत और अंतरराष्ट्रीय मामलों में प्रभाव का एक मजबूत संकेत है."

पुतिन ने कहा कि लगभग 30 और देश ब्रिक्स बहुपक्षीय एजेंडे में शामिल होने के इच्छुक हैं. उन्होंने कहा, "बेशक हम इस पर विचार करेंगे, कई अन्य देश किसी न किसी रूप में इसमें शामिल होने के इच्छुक हैं. इस उद्देश्य के लिए हम ब्रिक्स भागीदार देश की एक नई श्रेणी के तौर-तरीकों पर काम करना शुरू करेंगे."

ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स के मुख्य सदस्य हैं और यह समूह वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक चौथाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है. यह पिछले सालों में वैश्विक आर्थिक विकास का एक प्रमुख प्रेरक रहा है.

आगे विस्तार की संभावना

पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स लगातार बढ़ती संख्या में समर्थकों और समान विचारधारा वाले देशों को आकर्षित कर रहा है जो संप्रभु समानता, खुलेपन, आम सहमति और एक बहुध्रुवीय अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था जैसे इसके मूल सिद्धांतों का समर्थन करते हैं और एक निष्पक्ष वैश्विक वित्तीय के निर्माण पर सहमत हैं.

उन्होंने कहा, "हम यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे कि हम परंपराओं को संरक्षित करते हुए और वर्षों से संगठन द्वारा हासिल अनुभव द्वारा निर्देशित होकर नए सदस्यों को इसकी गतिविधियों के सभी प्रारूपों में शामिल करने में सुविधा देंगे."

पुतिन ने कहा, "सामान्य तौर पर, रूस तीन प्रमुख क्षेत्रों में ब्रिक्स साझेदारी के सभी पहलुओं को बढ़ावा देना जारी रखेगा. ये हैं- राजनीति और सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और वित्त, और मानवीय संबंध." उन्होंने कहा, "स्वाभाविक रूप से हम सदस्य देशों के बीच विदेश नीति समन्वय बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए चुनौतियों और खतरों के लिए संयुक्त रूप से प्रभावी प्रतिक्रिया खोजने पर ध्यान केंद्रित करेंगे."

इस समूह की स्थापना सितंबर 2006 में चार देशों ब्राजील, रूस, भारत और चीन के एक समूह के रूप में की गई थी. दक्षिण अफ्रीका को पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल करने के बाद सितंबर 2010 में इसका नाम बदलकर ब्रिक्स कर दिया गया.

रिपोर्ट: आमिर अंसारी

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