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ब्रिटेन के शरणार्थियों को रवांडा भेजने की योजना पर पानी फिरा

२९ जून २०२३

अदालत ने कहा है कि रवांडा सुरक्षित देश नहीं है. इससे पहले उच्च न्यायालय ने दिसंबर में सरकारी योजना को कानूनी तौर पर वैध कहा था.

Großbritannien Umgang mit Asylbewerbern
तस्वीर: Dan Kitwood/Getty Images

ब्रिटेन में शरणार्थियों को पूर्वी अफ्रीकी देश रवांडा भेजने की सरकार की योजना पर अपील अदालत ने गैरकानूनी करार दिया है. सरकार ने पिछले साल अप्रैल में उन शरणार्थियों को रवांडा भेजने की योजना बनाई थी जो छोटी नावों से इंग्लिश चैनल पार कर ब्रिटेन पहुंचे थे.

दिसंबर में उच्च न्यायालय ने इस सरकारी फैसले के खिलाफ की गई एक अपील को खारिज कर दिया था लेकिन गुरूवार को कोर्ट ऑफ अपील ने शरणार्थियों और समाजसेवी संस्थाओं की तरफ से दाखिल अर्जी को स्वीकार कर लिया. सुनवाई करने वाले तीन में से दो जजों ने कहा कि रवांडा शरणार्थियों के लिए ´सुरक्षित देश´ नहीं है. हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा कि उन्हें स्वदेश भेजा जा सकता है.

हाई कोर्ट के फैसले को उलटते हुए कोर्ट ऑफ अपील के चीफ जस्टिस लॉर्ड बर्नेट ने कहा कि जब तक रवांडा में शरणार्थियों के मामले पर कार्रवाई की व्यवस्था चाक-चौबंद ना हो उन्हें वहां भेजना गैरकानूनी होगा. बयान में लॉर्ड बर्नेट ने ये भी कहा कि कोर्ट का फैसला सरकार की नीति पर नैतिक राय नहीं है. यह केवल इस बात का ख्याल रखता है कि देश में जो कानून है, नीतियां उसका पालन करते हुए बनें.

ब्रिटेन की सरकार शरणार्थियों को रवांडा भेजने की फिराक में थीतस्वीर: Leon Neal/Getty Images

सरकार की योजना

इस योजना के तहत सरकार ने जून 2022 में शरणार्थियों को रवांडा ले जाने के लिए एक उड़ान भी तय कर दी थी लेकिन यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय के दखल के बाद उड़ान रद्द कर दी गई. दिसंबर में जब इस योजना पर सुनवाई हुई थी तो उच्च न्यायालय का कहना था कि योजना कानूनी है और सरकार ने अफ्रीकी देश को साझेदार चुनकर सही फैसला लिया है.

शरणार्थियों के लिए बंद होते ब्रिटेन के दरवाजे

हालांकि कोर्ट ने यह माना कि जिस तरह से सरकार ने जून में आठ शरणार्थियों के मामले में कार्रवाई की, उसमें ठीक तरह से काम नहीं हुआ. रवांडा भेजे जाने का खतरे झेल रहे 11 शरणार्थियों ने चैरिटी संस्थाओं की मदद से जनवरी 2023 में उच्च न्यायालय में अर्जी दी कि उन्हें अपीलीय न्यायालय जाने की इजाजत दी जाए जिसमें वे सफल रहे.

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शरणार्थियों पर खर्च का बोझ

इस हफ्ते की शुरूआत में ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें माइग्रेशन से जुड़े बिल के आर्थिक बोझ के बारे में बताया गया. साथ ही ये भी जिक्र किया गया कि एक शरणार्थी को रवांडा भेजने का खर्चा उन्हें ब्रिटेन में रखने के मुकाबले 63 करोड़ रुपए ज्यादा होगा.

दूसरी तरफ सरकार कहती है कि यह योजना शरणार्थियों को डराने के काम आएगी जिससे लोगों का ब्रिटेन पहुंचना और उन्हें यहां होटल में रखने का सरकारी खर्चा बचेगा. गृह मंत्रालय ने सरकार की उम्मीद पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि यह कहना बड़ा मुश्किल है कि वाकई में इस प्लान से किसी तरह का कोई डर पैदा होगा क्योंकि इसका कोई परीक्षण नहीं हुआ है.

एसबी/एनआर (रॉयटर्स)

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