यूरोप की दो सर्च कंपनियां चलीं गूगल को टक्कर देने
१० दिसम्बर २०२४जब इंटरनेट पर कुछ सर्च करने की बारी आती है तो यूरोप के लोग अमेरिका के बिना ज्यादा कुछ नहीं कर सकते. यूरोप के 90 फीसदी लोग इंटरनेट पर जानकारी ढूंढ़ने के लिए गूगल का इस्तेमाल करते हैं. वहीं, पांच फीसदी लोग माइक्रोसॉफ्ट के बिंग का उपयोग करते हैं.अगर वे यूरोप के वेब ब्राउजर्स पर भी जाते हैं तो भी ज्यादातर मामलों में वे गूगल या बिंग के बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल कर रहे होते हैं. यानी उनकी रिक्वेस्ट अमेरिकी कंपनियों को भेजी जाती हैं और फिर उनकी रैंकिंग दिखाई जाती हैं.
क्रिस्टिआन क्रोल जर्मनी के सबसे बड़े सर्च इंजन इकोसिया के सीईओ हैं. वे कहते हैं कि अगर कल को अमेरिका सर्च रिजल्ट्स तक हमारी पहुंच बंद कर देता है तो हमें फोन बुक के दौर में लौटना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में यूरोप ठप पड़ जाएगा.
यूरोप के लिए सर्च इंडेक्स
गूगल पर एक्सेस बंद होने नहीं जा रहा है लेकिन अमेरिकी कंपनियां अपने सर्च संबंधी बुनियादी ढांचे तक पहुंच को महंगा जरूर बना रही हैं. तकनीकी दुनिया की खबरें देने वाले ऑनलाइन पब्लिकेशन 'दी रजिस्टर' ने यह जानकारी दी है. इस बात को लेकर चिंताएं हैं कि डॉनल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल यूरोप के तकनीकी क्षेत्र के लिए कैसा रहेगा.
यूरोप की दो सर्च कंपनियों एक मुकाबला खड़ा करके इसका हल निकालने की सोची है. हाल ही में इकोसिया और फ्रांस के क्वांट ने घोषणा की है कि वे एक यूरोपियन वेब इंडेक्स बनाने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं. यह वेब पेजों का एक बहुत बड़ा डेटाबेस होगा, जिसका इस्तेमाल सर्च रिक्वेस्ट का जवाब देने के लिए किया जा सकेगा.
क्रोल ने डीडब्ल्यू से कहा कि अमेरिकी चुनाव के जो परिणाम आए हैं, (उसे देखते हुए) मुझे लगता है कि यह डर बढ़ गया है कि अगले राष्ट्रपति ऐसी चीजें करेंगे जो हम यूरोपीय लोगों को खास पसंद नहीं आएंगी. "मुझे लगता है कि यूरोपीय समुदाय के तौर पर हमें यह पक्का करने की जरूरत है कि कोई हमें ब्लैकमेल ना कर सके."
इकोसिया और क्वांट के साझा प्रोजेक्ट का नाम यूरोपियन सर्च पर्सपेक्टिव (ईयूएसपी) है. वे 2025 की शुरुआत में इसे फ्रांस में लॉन्च करेंगे. उसके बाद इसे जर्मनी में भी लॉन्च किया जाएगा. अन्य भाषायी बाजारों की बारी कब आएगी, यह निवेशकों पर निर्भर करेगा.
डिजिटल संप्रभुता चाहता है यूरोप
यह पहल यूरोप की राजनीति में लोकप्रिय डिजिटल संप्रभुता के विचार से जुड़ी है. फ्रांस के पूर्व कमिश्नर चिरी भोतों ने इस पर खासा जोर दिया था. उनका तर्क था कि प्रमुख डिजिटल बुनियादी ढांचे और सेवाओं पर ईयू का नियंत्रण होना चाहिए जिससे अन्य वैश्विक ताकतों पर इसकी निर्भरता कम हो सके.
अटलांटिक काउंसिल के यूरोप सेंटर में सीनियर फेलो और ईयू लॉ के प्रोफेसर कैनेथ प्रोल मानते हैं कि "जिन क्षेत्रों में फिलहाल अमेरिकी कंपनियों का वर्चस्व है, उनमें से कुछ में यूरोपीय विकल्प भी होने चाहिए." इस हालिया व्यापारिक साझेदारी को एक इशारा मानते हैं. उनका कहना है कि चूंकि ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिका और ईयू के संबंधों में ज्यादा तनाव रहेगा इसलिए यूरोपीय विकल्प को बाजार में फायदे के तौर पर देखना चाहिए.
गूगल से मुकाबले का सही समय
अनुकूल राजनीतिक माहौल होने के बावजूद गूगल जैसी बड़ी कंपनी से मुकाबला करना काफी मुश्किल है. लेकिन हाल में हुई कुछ घटनाएं इस काम को थोड़ा आसान बना सकती हैं.
गूगल सर्च में आएंगे एआई के जवाब
ईयू का डिजिटल मार्केट्स एक्ट, 2023 के मध्य से काफी हद तक लागू हो चुका है. यह सुनिश्चित करता है कि इकोसिया और क्वांट जैसे एंड यूजर्स को अमेरिकी कंपनियों के डेटा तक पहुंच प्राप्त हो, जो उनके एल्गोरिदम में सुधार के लिए बहुत जरूरी है.
गूगल की पेरेंट कंपनी एल्फाबेट अपने सर्च कारोबार को साथ बनाए रखने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है. अगस्त में एक संघीय जज ने पाया था कि गूगल ने अवैध तरीके से सर्च मार्केट पर एकाधिकार स्थापित किया है और अमेरिका के न्याय विभाग ने प्रस्ताव रखा था कि गूगल को समाधान के तौर पर अपने वेब ब्राउजर क्रोम को बेच देना चाहिए. ऐसा करने से कंपनी के मुनाफे में भारी कमी आ सकती है और उसका वर्चस्व कम हो सकता है.
इसके अलावा, सर्च इंजनों में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल भी बढ़ रहा है. बाजार में ओपन एआई जैसे नए खिलाड़ी आ चुके हैं. खोज तकनीक की यह नई लहर पिछले दो दशकों का सबसे बड़ा बदलाव साबित होने वाली है.
क्रोल कहते हैं, "सर्च इंजन बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं. कोई नहीं जानता कि यह कैसा दिखने वाला है, लेकिन यह मौजूदा स्वरूप से अलग होगा. शायद इस मौके का इस्तेमाल हम कुछ नया बनाने के लिए भी कर सकते हैं जो हमें वास्तव में बाजार का सबसे अच्छा उत्पाद बनाएगा." उनको उम्मीद है कि उनका डेटाबेस दूसरी कंपनियों के लिए भी उपयोगी साबित होगा, जो यूरोप में लार्ज लैंग्वेज मॉडलों को ट्रेन करना चाहती हैं.
कितना आकर्षक बाजार है यूरोप
यूरोप में तकनीकी क्षेत्र में कामयाब होना ज्यादा मुश्किल है. अमेरिकी कंपनियां निवेशकों के पैसों तक ज्यादा आसानी से पहुंच पाती हैं. खाॅल ने यह नहीं बताया कि इकोसिया और क्वांट कितना खर्च कर सकते हैं, लेकिन वे अभी भी साझेदारों की तलाश कर रहे हैं.
क्रोल रेगुलेशन में मौजूद अंतर के बारे में भी बताते हैं, जहां अमेरिका अक्सर कम सख्त होता है. वे कहते हैं, "यूरोप का, खासतौर पर आयोग का यह नजरिया है कि आप एक व्यापक रेगुलेटरी बेस स्थापित करें, जैसा कि प्राइवेसी और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के मामले में किया गया है. बाजार में मुकाबले के दौरान इससे यूरोपीय कंपनियों को फायदा होता है." वे आगे कहते हैं कि वैसे तो यूरोप का तकनीकी क्षेत्र काफी विकसित हुआ है लेकिन वास्तव में इसने अमेरिकी कंपनियों के लिए मजबूत प्रतिद्वंदी पैदा नहीं किए हैं.
क्या है यूरोप का लक्ष्य
फिलहाल, अमेरिकी कंपनियों को पछाड़ देने का लक्ष्य नहीं है. क्रोल का मानना है कि इकोसिया और क्वांट का लक्ष्य 2030 तक यूरोप में 5 से 10 फीसदी बाजार हिस्सेदारी हासिल करने का हो सकता है. यह आंकड़ा छोटा लग सकता है, लेकिन यह सर्च रिजल्ट्स की बड़ी मात्रा का प्रतिनिधित्व करता है, जिनका इस्तेमाल एल्गोरिदम को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा.
वे कहते हैं कि मुख्य अंतर यह है कि रिजल्ट्स यूरोपीय लोगों के लिए ज्यादा प्रासंगिक होने चाहिए. वे उदाहरण देते हैं, जैसे यूरोपीय न्यूज आउटलेट्स और पर्यावरण अनुकूल यात्रा विकल्पों को ज्यादा जगह देना. "हम इसे यूरोपीय रंगों से नहीं भर देंगे या ऐसा कुछ और नहीं करेंगे. लेकिन उदाहरण के लिए, अगर कोई बर्लिन से पेरिस जाने के बारे में सोच रहा है तो हम फ्लाइट की बजाय ट्रेनों के विकल्प दिखा सकते हैं."
अगर यूरोपीय लोग वास्तव में यही खोज रहे हैं तो इससे अमेरिका के तकनीकी वर्चस्व में थोड़ी कमी तो आ ही सकती है.