भारत कुछ देशों के साथ व्यापार के लिए रुपये के इस्तेमाल की शुरुआत कर रहा है. अगर ये प्रयास सफल हुए तो रुपया डॉलर की तरह एक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बन सकता है. लेकिन क्या ये संभव है?
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15 जुलाई को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रुपये और दिरहम में व्यापार करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए.
इसके तहत दोनों देशों के बीच एक लोकल करेंसी सेटलमेंट सिस्टम बनाया जाएगा. इसकी मदद से दोनों देशों के निर्यातक और आयातक व्यापार के लिए अपने अपने देशों की मुद्रा में भुगतान कर सकेंगे.
इसका क्या फायदा है
एक आधिकारिक बयान में दावा किया गया है कि ऐसा करने से दोनों देशों के बीच लेनदेन की लागत कम होगी और समय भी कम लगेगा. उम्मीद की जा रही है कि इस व्यवस्था की बदौलत भारत यूएई से कच्चा तेल और अन्य उत्पाद रुपये में खरीद पाएगा. अभी यह लेनदेन अमेरिकी डॉलर में होता है.
अब बीस देशों में चलती है यूरो मुद्रा
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यह भारत द्वारा की जा रही एक व्यापक कोशिश का हिस्सा है, जिसके तहत कई देशों के साथ इस तरह की व्यवस्था बनाने पर काम किया जा रहा है. इसी महीने भारत और बांग्लादेश के बीच रुपये में व्यापार शुरू भी कर दिया गया.
रूस के साथ रुपये में व्यापार करने की कोशिशें कई महीनों से चल रही है. साथ ही मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि भारत श्रीलंका, कुछ अफ्रीकी देशों और खाड़ी के कुछ देशों के साथ भी इस तरह की संधि करने पर चर्चा कर रहा है.
इस नीति का उद्देश्य है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में डॉलर पर निर्भरता को कम करना. ऐसा करने से डॉलर की मांग कम हो सकती है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक उथल पुथल से बेहतर बचाया जा सकता है.
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कैसे काम करती है व्यवस्था
इसके तहत साझेदार देश के बैंकों को भारतीय बैंकों में विशेष खाते खोलने होते हैं. आयातक भुगतान के लिए इन विशेष खातों में रुपये जमा करेंगे. इन खातों में जो बैंक बैलेंस पड़ा रहेगा उसका इस्तेमाल भारतीय निर्यातकों को भुगतान करने के लिए किया जाएगा.
मिसाल के तौर पर बांग्लादेश के साथ इस व्यवस्था के लिए आरबीआई ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और आईसीआईसीआई बैंक को और बांग्लादेश बैंक ने सोनाली बैंक और ईस्टर्न बैंक को एक दूसरे के साथ विशेष खाते खोलने की अनुमति दे दी है.
इन देशों का पैसा भारतीय रुपये से भी कमजोर है
हम अकसर सुनते हैं कि डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के दाम गिर रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया के कई देशों की मुद्रा का मूल्य भारतीय रुपये से भी कम है. डालते हैं ऐसे ही देशों पर एक नजर.
तस्वीर: Getty Images
ईरान
1 भारतीय रुपया = 553.25 ईरानी रियाल
तस्वीर: A.Al-Saadi/AFP/GettyImages
वियतनाम
1 भारतीय रुपया = 308.38 वियतनामी डोंग
तस्वीर: picture-alliance/dpa/L. Thai Linh
इंडोनेशिया
1 भारतीय रुपया = 199.78 इंडोनेशियाई रुपियाह
तस्वीर: Reuters/F. El-Kareem
उज्बेकिस्तान
1 भारतीय रुपया = 133.13 उज्बेकिस्तान सोम
तस्वीर: Getty Images/AFP/
लाओस
1 भारतीय रुपया = 117.94 लाओटियपन ( ये आंकड़े 06 मई 2020 को लिए गए हैं.)
भारतीय रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण एक महत्वाकांक्षी सपना है. इस समय अमेरिकी डॉलर, यूरो, जापान का येन और ब्रिटेन का पाउंड स्टर्लिंग दुनिया की अग्रणी रिजर्व मुद्राओं में से हैं. चीन अपनी मुद्रा युआन के अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिश लंबे समय से कर रहा है, लेकिन उसे सीमित सफलता ही हाथ लगी है.
रुपये की सीमाएं
इस विषय पर आरबीआई द्वारा जारी की गई एक इंटरडिपार्टमेन्टल ग्रुप (आईडीजी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि रुपये के मुकाबले युआन के पास कई फायदे हैं, जैसे चीन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारी हिस्सेदारी होना और चीन के पास लगातार एक ट्रेड सरप्लस भी बना रहना.
इसके विपरीत भारत का अंतरराष्ट्रीय व्यापार में हिस्सा सिर्फ करीब दो प्रतिशत है. साथ ही कुछ देशों के साथ व्यापार को छोड़ कर भारत का ट्रेड डेफिसिट भी काफी बड़ा है. इसके अलावा भारत पूरी तरह से कैपिटल अकाउंट कन्वर्टिबिलिटी की भी इजाजत नहीं देता है.
इसका मतलब है स्थानीय वित्तीय निवेश के एसेट को विदेशी एसेट में और विदेशी एसेट को स्थानीय एसेट में बदलने की इजाजत. चीन भी इसकी पूरी तरह से इजाजत नहीं देता. इसे मुद्राओं के अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिशों की राह में एक रोड़ा माना जाता है.
भारत के अलावा और कहां कहां चलता है रुपया
रुपया सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि कई और भी देशों की मु्द्रा है. हालांकि इनमें हर देश के रुपये की कीमत डॉ़लर के मुकाबले अलग अलग है. चलिए डालते हैं ऐसे ही देशों पर एक नजर.
तस्वीर: Fotolia/Sujit Mahapatra
भारत
रुपया शब्द संस्कृत के रूप्यकम् शब्द से निकला है जिसका अर्थ होता है चांदी का सिक्का. रुपये का इतिहास सदियों पुराना है. आजादी के पहले तक अंग्रेज सरकार के रुपया के अलावा कई रियासतों की अपनी मुद्राएं थी. जैसे हैदराबादी रुयया, त्रावणकोर रुपया या फिर कच्छ कोरी. लेकिन 1947 में आजादी मिलने के बाद पूरे देश में एक मुद्रा लागू की गयी.
तस्वीर: Reuters/J. Dey
पाकिस्तान
बंटवारे के बाद पाकिस्तान ने शुरू में ब्रिटिश इंडिया के नोट और सिक्के ही इस्तेमाल किये थे, बस उन पर पाकिस्तान की मुहर लगा दी थी. 1948 से पाकिस्तान में नये नोट और सिक्के बनने लगे. भारत में जिस तरह नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर होती है, वहीं पाकिस्तान में देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना हर नोट पर दिखते हैं.
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श्रीलंका
श्रीलंका की मुद्रा का नाम भी रुपया ही है. 1825 में ब्रिटिश पाउंड श्रीलंका की आधिकारिक मुद्रा बना. इससे पहले वहां सीलोनीज रिक्सडॉलर नाम की मुद्रा चलती थी. अंग्रेजी राज में दशकों तक ब्रिटिश पाउंड श्रीलंका की मुद्रा बना रहा जिसे उस वक्त सीलोन कहा जाता है. लेकिन 1 जनवरी 1872 को वहां रुपया को आधिकारिक मुद्रा के तौर पर अपनाया गया.
भारत के पड़ोसी देश नेपाल में 1932 में रुपया को आधिकारिक मुद्रा बनाया गया. इससे पहले वहां चांदी की मुहर चलती थी. शुरु में नेपाली भाषा में रुपये को भी मोहर कहा जाता था. नेपाल का केंद्रीय बैंक नेपाल राष्ट्र बैंक देश की मुद्रा को नियंत्रित करता है. नेपाल में सबसे बड़ा नोट एक हजार रुपये का होता है.
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मॉरिशस
मॉरिशस में पहली बार 1877 में नोट छापे गये थे. शुरू में वहां पांच, दस और 50 रुपये के नोट छाप गये. 1919 में एक रुपये के नोट भी छापे जाने लगे. मॉरिशस में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग बस हैं. इसीलिए किसी भी नोट पर उसका मूल्य भोजपुरी और तमिल भाषा में भी दर्ज होता है.
तस्वीर: picture-alliance/blickwinkel/McPhoto
इंडोनेशिया
इंडोनेशिया की मुद्रा रुपियाह है जिसका मूल रुपया या रूप्य ही है. अनाधिकारिक रूप से इंडोनेशिया में रुपियाह के लिए पेराक शब्द का इस्तेमाल भी होता है जिसका मतलब स्थानीय भाषा में चांदी होता है. डॉलर के मुकाबले कम कीमत होने की वजह से इंडोनेशिया में बड़े नोटों का चलन है. वहां सबसे बड़ा नोट एक लाख रुपियाह का है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/B. Indahono
सेशल्स
हिंद महासागर में बसे देश सेशल्स की मुद्रा भी रुपया ही है. 1914 में वहां सबसे पहले रुपये के नोट और सिक्के छापे गये थे. सेशेल्स भी पहले ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन था. 1976 में उसे आजादी मिली. समंदर में बसा यह देश अपनी खूबसूरती के कारण दुनिया भर के सैलानियों को अपनी तरफ खींचता है.