कनाडा में 13 जगहों पर हमले, 10 लोगों की मौत और 15 घायल
५ सितम्बर २०२२![कनाडा में पुलिस दो संदिग्धों को तलाश रही है.](https://static.dw.com/image/63017274_800.webp)
कनाडा में रविवार को सस्कैचवान प्रांत में चाकुओं से हुए हमलों में कम से कम 10 लोगों की जान चली गई जबकि 15 घायल हो गए. पुलिस ने बताया कि मध्यवर्ती प्रांत में कम से कम 13 जगहों पर ये घटनाएं हुईं. इस मामले में दो संदिग्धों को नाम सामने आया है जो कि फिलहाल फरार बताए गए हैं.
पुलिस ने कहा है कि 31 वर्षीय डेमियन सैंडरसन और 30 वर्षीय माइल्स सैंडरसन की तलाश की जा रही है. पुलिस ने इलाके में लोगों से सुरक्षित स्थानों में रहने और सावधानी बरतने को आगाह करते हुए कहा है कि दोनों संदिग्ध हथियारबंद और खतरनाक हैं.
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प्रशासन ने एक आदिवासी समुदाय के इलाके जेम्स स्मिथ क्री नेशन में आपातकाल घोषित कर दिया है. इस इलाके में करीब दो हजार लोग रहते हैं. सस्कैचवान के अलावा साथ लगते प्रांतों मनीतोबा और अलबेर्टा में भी लोगों के मोबाइल फोन पर चेतावनी संदेश भेजे गए हैं.
'हृदयविदारक'
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने घटना पर दुख जताया है. उन्होंने ट्विटर पर इस घटना को ‘भयानक और हृदयविदारक' बताया. एक बयान में ट्रूडो ने कहा, "आज के इन भयानक हमलों से मैं स्तब्ध और आहत हूं. जो भी आज के इन निंदनीय हमलों के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए."
सस्कैचवान प्रांत की पुलिस अधिकारी रोंडा ब्लैकमोर ने कहा कि दोनों संदिग्धों ने कुछ लोगों को जानबूझ कर निशाना बनाया लगता है जबकि कइयों पर राह चलते ही हमला हुआ.
पुलिस के मुताबिक ये हमले स्थानीय समयानुसार शाम करीब साढ़े पांच बजे यानी भारतीय समयानुसार करीब सुबह तीन बजे शुरू हुए. रोंडा ब्लैकमोर ने कहा कि पुलिस को सस्कैचवान प्रांच की राजधानी रेजिना में करीब 5.40 बजे पहली आपात सूचना प्राप्त हुई.
उन्होंने कहा कि इससे लोगों के फोन करने का तांता लग गया. ये लोग आपदा राहत सेवा में कॉल करके मदद मांग रहे थे जबकि तब भी "घटना तेजी से हो रही थी."
ऐसी घटनाओं का इतिहास
कनाडा में अप्रैल 2020 में भी ऐसी ही घटना नोवा स्कोशिया में हुई थी जबकि एक बंदूकधारी ने पुलिस अफसर का भेस धरकर 12 घंटे तक घूम-घूम कर लोगों को गोली मारी थी. उस बंदूकधारी ने 16 लोगों को कत्ल कर दिया था.
जनवरी 2017 में एक व्यक्ति ने क्यूबेक प्रांत की एक मस्जिद में नमाज पढ़ते लोगों पर हमला किया था और छह लोगों की जान ले ली थी जबकि पांच लोग उसकी गोलियों से घायल हो गए थे. एडमंटन में दिसंबर 2014 में इसी तरह की एक घटना में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी समेत आठ लोगों की जान ली थी.
दुनिया के कई हिस्सों में चाकुओं से हमला कर लोगों की जान लेने की घटनाएं हो चुकी हैं. इसी साल मार्च में स्वीडन के एक स्कूल में चाकू हमले में दो महिलाओं की जान चली गई थी. जर्मनी में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं.
वीके/एए (एपी, रॉयटर्स)