कनाडा ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को वीजा देने की सीमा तय कर दी है. सोमवार को सरकार ने ऐलान किया कि दो सालों तक वीजा कम संख्या में दिए जाएंगे.
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कनाडा ने कहा है कि वह आने वाले दो सालों तक सीमित संख्या में ही अंतरराष्ट्रीय छात्रों को वीजा देगा. कई कोर्सों में पोस्ट ग्रैजुएशन के बाद मिलने वाले वर्क परमिट भी अब बंद कर दिए जाएंगे. कनाडा की सरकार बड़ी संख्या में आए प्रवासियों के कारण पैदा हुए घरों के संकट से जूझ रही है.
इमिग्रेशन मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक नई सीमा के तहत 2024 में लगभग 3,60,000 छात्रों को ही वीजा दिए जाएंगे. 2023 के मुकाबले यह संख्या 35 फीसदी कम है.
इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि शिक्षा का मामला राज्य सरकारें देखती हैं इसलिए सीमा निर्धारित करने के लिए संघीय सरकार प्रांतीय सरकारों से मश्विरा करेगी.
उन्होंने इस फैसले के पीछे दो वजह बताईं. पहली बात तो छात्रों को फर्जी कॉलेजों और शोषण से बचाना है. उन्होंने कहा कि बहुत से छात्र प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप में चलने वाले कॉलेजों में पढ़ते हैं, जहां सेवाएं अच्छी नहीं हैं जबकि फीस बहुत ज्यादा है.
कितने देशों में वीजा फ्री जा सकते हैं भारतीय
हाल ही में जारी हेनली इंडेक्स के अनुसार जापान दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट है. और सबसे कमजोर पासपोर्ट है अफगानिस्तान का. भारत की क्या स्थिति है, जानिए.
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सबसे ताकतवर पासपोर्ट
हेनली इंडेक्स की छमाही रिपोर्ट में जापान को दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट माना गया है. 193 देशों में से सभी में उसके पासपोर्ट पहले से वीजा लिए बिना पर यात्रा संभव है. सिंगापुर और दक्षिण कोरिया दूसरे नंबर पर हैं.
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यूरोप का बोलबाला
सबसे ताकतवर पासपोर्ट वाले देशों में यूरोपीय देशों का बोलबाला है. टॉप 10 में अधिकतर देश यूरोप के हैं. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा भी टॉप 10 में शामिल हैं.
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सबसे कमजोर पासपोर्ट
अफगानिस्तान लगातार दुनिया का सबसे कमजोर पासपोर्ट बना हुआ है. उसके लोग 27 देशों की यात्रा ही बिना पहले से वीजा लिए कर सकते हैं. इराक, सीरिया, पाकिस्तान और यमन भी सबसे कमजोर पासपोर्ट वाले देश हैं.
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भारत 87 नंबर पर
भारत का पासपोर्ट 87वें नंबर पर है. वहां के लोग 60 देशों की यात्रा बिना पहले से वीजा लिए कर सकते हैं. इनमें भूटान, बोलीविया, ईरान, कंबोडिया, जमैका, जॉर्डन, मॉरिशस, सर्बिया और श्रीलंका जैसे देश शामिल हैं.
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जहां शांति, वहां मजबूती
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स की रिपोर्ट कहती है कि जिन देशों में शांति है, उन देशों के पासपोर्ट बाकी दुनिया के मुकाबले ज्यादा मजबूत हैं. सबसे ज्यादा मजबूत पासपोर्ट वाले टॉप 10 देश वही हैं जो वर्ल्ड पीस इंडेक्स में सबसे ऊपर मौजूद हैं.
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एशियाई देशों का उभार
2017 तक भी स्थिति ऐसी थी कि सबसे ज्यादा स्वीकार्य पासपोर्ट वाले देशों में किसी-किसी एशियाई देश का नाम आता था. अब पहले तीनों देश एशियाई हैं.
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ताकतवर देशों का पासपोर्ट
अमेरिका का पासपोर्ट सातवें और रूस का 50वें नंबर पर है. चीन 80वें नंबर पर है जबकि ब्रिटेन छठे. जर्मनी तीसरे नंबर पर है.
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उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "कुछ निजी संस्थानों ने बहुत कम संसाधनों में कैंपस चलाकर अंतरराष्ट्रीय छात्रों का फायदा उठाया है. वहां छात्रों के लिए सुविधाएं भी नहीं हैं और फीस बहुत ऊंची ली जा रही है. फिर भी इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ाए जा रहे हैं.”
मिलर ने दूसरी वजह सेवाओं और घरों पर आबादी बढ़ने के कारण पड़ रहे दबाव को बताया. उन्होंने कहा, "(छात्रों की) बढ़ती संख्या से घरों, स्वास्थ्य और अन्य सेवाओं पर भी दबाव पड़ रहा है. संख्या कम होगी तो किराया कम करने में मदद मिलेगी.”
बढ़ती आबादी का असर
आप्रवासियों की आमद से कनाडा की आबादी में तेजी से वृद्धि हुई है. इससे स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य जरूरी सेवाओं पर बोझ काफी बढ़ा है. घरों की कीमतों में भी तेज वृद्धि हुई है.
इसका असर लिबरल पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता पर भी पड़ा है. हाल के महीनों में आए सर्वेक्षणों में उनका समर्थन काफी घटा है और अगर अभी चुनाव हो तो उनके हारने की संभावना ज्यादा है.
पिछले साल की आखिरी तिमाही में कनाडा की आबादी छह दशक में सबसे तेज दर से बढ़ी है. इनमें सबसे ज्यादा वृद्धि अस्थायी नागरिकों, खासकर छात्रों की हुई, जो पांच दशक में सबसे ज्यादा थी. अस्थायी आप्रवासियों की संख्या में तीन लाख 12 हजार 758 की वृद्धि हुई.
कनेडियन अलायंस ऑफ स्टूडेंट असोसिएशंस (CASA) ने छात्र वीजा की संख्या सीमित किए जाने के फैसले की आलोचना की है. कासा अधिकारी मातेस सलमासी ने कहा, "सबसे बड़ी समस्या यह है कि घरों के संकट के जवाब में इस सीमा का ऐलान किया गया है. जरूरत इस बात की है कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों को घर और अन्य मामलों में मदद दी जाए.”
किस देश का पासपोर्ट है सबसे ताकतवर
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2020 में दुनिया के 199 देशों के पासपोर्ट की ताकत को दिखाने वाली रैंकिंग की गई है. फर्म द्वारा जारी सूची इस आधार पर बनाई गई है कि किस देश के नागरिक कितने देश "वीजा फ्री" घूम सकते हैं.
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10. स्लोवाकिया, लिथुआनिया और हंगरी
स्लोवाकिया, लिथुआनिया और हंगरी ने 10वें स्थान पर जगह बनाई है. इन देशों का पासपोर्ट रखने वाले नागरिक 181 देशों में वीजा फ्री घूम सकते हैं.
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9. न्यूजीलैंड, माल्टा, चेक रिपब्लिक, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया
इन पांच देशों के नागरिक 183 देशों में वीजा फ्री घूम सकते हैं.
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8. अमेरिका, ब्रिटेन, नॉर्वे, ग्रीस और बेल्जियम
विश्व के सबसे ताकतवर देश समझे जाने वाले देश अमेरिका के साथ बाकी के चार देशों के पासपोर्टधारक भी 184 देशों की वीजा फ्री यात्रा कर सकते हैं. इस साल अमेरिका छठे स्थान से आठवें स्थान पर आ गया है. अमेरिका के ईरान जैसे देशों के साथ खराब रिश्तों की वजह अमेरिका नीचे आया है.
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7. स्विट्जरलैंड, पुर्तगाल, नीदरलैंड, आयरलैंड और ऑस्ट्रिया
स्विट्जरलैंड, पुर्तगाल, नीदरलैंड, आयरलैंड और ऑस्ट्रिया ने लिस्ट में सातवां स्थान पाया है. इनके पासपोर्ट रखने वाले 185 देशों की यात्रा वीजा की चिंता किए बिना कर सकते हैं.
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6. स्वीडन, फ्रांस
स्वीडन, फ्रांस के पासपोर्ट धारक 186 देशों में जा सकते हैं. वैसे तो यूरोपीय देशों के लोग यूरोप के किसी भी देश मे बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं. लेकिन फ्रांस, स्वीडन जैसे देश यूरोप के बाहर भी वीजा फ्री सैर कर सकते हैं.
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5. स्पेन, लक्जमबर्ग, डेनमार्क
इन देशों के पासपोर्ट धारक 187 देशों की यात्रा कर सकते हैं. खुद में खुबसूरती समेटे इन देशों के लोग बाकी देशों की खूबसूरती को भी वीजा फ्री देख सकते हैं.
तस्वीर: DW
4. इटली, फिनलैंड
इन देशों के लोग 188 देशों की यात्रा कर सकते हैं.
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3. जर्मनी और दक्षिण कोरिया
जर्मनी और दक्षिण कोरिया लिस्ट में तीसरा स्थान लेने में कामयाब रहे हैं. दक्षिण कोरिया के उलट उसके पड़ोसी देश उत्तर कोरिया को लिस्ट में 100 वां स्थान मिला है. किम जोंग उन के देश के लोग केवल 39 देशों में वीजा फ्री घूम सकते हैं.
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2. सिंगापुर
कभी सबसे ताकतवर पासपोर्ट समझा जाने वाला सिंगापुर दूसरे स्थान पर आ गया है. इसके बावजूद इस देश के पासपोर्ट धारक 190 देशों में बेझिझक वीजा फ्री यात्रा कर सकते हैं.
तस्वीर: Fotolia/Gang
1. जापान
लिस्ट में पहला स्थान हासिल किया है जापान ने. इस देश के नागरिक 191 देशों की वीजा फ्री यात्रा कर सकते हैं. जापान के दुनिया में ज्यादातर देशों से अच्छे संबंध रहे हैं. यही वजह है कि इस देश के नागरिक कई देशों में वीजा फ्री घूम सकते हैं.
तस्वीर: imago/AFLO
84. भारत
भारतीय पासपोर्टधारक विश्व के केवल 58 देशों में ही वीजा फ्री घूम सकते हैं. इसलिए इस लिस्ट में भारत को 84वां स्थान मिला है. (एसबी/आरपी)
तस्वीर: Fotolia/Arvind Balaraman
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उधर टॉरंटो यूनिवर्सिटी ने इस ऐलान का स्वागत किया और कहा कि सरकार के विभिन्न विभागों के साथ मिलकर छात्रों को परमिट जारी किए जाएंगे. एक बयान में यूनिवर्सिटी ने कहा, "ये बदलाव हम जैसे विश्वविद्यालयों को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि कुछ लोगों द्वारा व्यवस्था के दुरुपयोग को रोकने के लिए हैं.”
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भारतीय छात्रों पर असर
कनाडा सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर भारतीय छात्रों पर होने की आशंका है क्योंकि वहां पढ़ने जाने वाले छात्रों में सबसे बड़ी संख्या भारतीय छात्रों की ही है. 2022 में जितने कुल स्टूडेंट वीजा जारी हुए थे उनमें से दो लाख 25 हजार 835 यानी लगभग 41 फीसदी भारतीय थे.
ये अंतरराष्ट्रीय छात्र कनाडा के विश्वविद्यालयों के लिए कमाई का बड़ा जरिया हैं. वे देश के लिए सालाना लगभग 16.4 अरब डॉलर धन लाते हैं और इनकी संख्या में कमी कनाडा के लिए बड़ा झटका होगा.
इन 12 कारणों के चलते नहीं मिलता शेंगेन वीजा
टीवी देखते हुए या कभी मैगजीन पढ़ते हुए ख्याल आया कि अब अगली छुट्टियां यूरोप में बितानी हैं. तैयारियां शुरू की लेकिन ऐन वक्त पर वीजा नहीं लगा. क्योंकि घूमने के चक्कर में इन बातों का ध्यान नहीं रखा.
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1. आपराधिक रिकॉर्ड
पहला कारण है आवेदक का वर्तमान या पिछला आपराधिक रिकॉर्ड. ऐसे आवेदकों को वीजा नहीं दिया जाता जिन पर आंतरिक सुरक्षा, आम प्रशासनिक व्यवस्था या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का संदेह होता है.
तस्वीर: DW/A. Ruci
2. गलत डॉक्युमेंट
जो आवेदक वीजा पाने के लिए फर्जी डॉक्युमेंट पर भरोसा करते हैं, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि इससे उन्हें कभी वीजा नहीं मिलेगा. जिन मामलों में फर्जी पहचान पत्र दिखाकर वीजा लेने की कोशिश की जाती है, उनके आवेदन सिरे से खारिज हो जाते हैं.
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3. जाने का मकसद
अगर आवेदन में यात्रा का मकसद स्पष्ट तरीके से नहीं बताया गया है, तब भी मान लीजिए कि वीजा नहीं लगने वाला है. इसके साथ ही कई बार बैंक स्टेटमेंट की भी जरूरत पड़ती है, जिन्हें भी साफ ढंग से पेश किया जाना चाहिए.
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4. पासपोर्ट की खराब स्थिति
अगर पासपोर्ट संभाल कर नहीं रखा तो वीजा नहीं लगेगा. अगर आवेदक का पासपोर्ट अच्छी हालत में नहीं है या उसके पेज कटे-फटे हैं तब भी वीजा आवेदन रद्द किया जा सकता है.
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5. पासपोर्ट की वैधता
उन पासपोर्ट पर भी वीजा लगाने से इनकार कर दिया जाता है जिनकी वैधता तीन माह से कम बची हो. क्योंकि शेंगेन वीजा अधिकतम तीन माह की अवधि के लिए दिया जाता है. इसके अलावा वे पासपोर्ट जिनमें दो खाली पेज भी न बचे हों, उन पर भी वीजा नहीं लगता.
अगर आपने यात्रा की पूरी योजना वीजा आवेदन में पेश नहीं की है, तब भी वीजा रद्द ही समझिए. मसलन अगर आप यह नहीं दिखा पाते कि आप कब, कहां रात गुजारेंगे, कैसे यात्रा करेंगे आदि. इस मामले में होटल की बुकिंग, फ्लाइट टिकट आदि अहम होते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
7. वैध रेफरेंस लेटर न होना
अगर आवेदक किसी के आमंत्रण पर या किसी खास ट्रिप पर जा रहा है, तो उसे सही रेफरेंस लेटर दिखाना होता है. लेकिन अगर आवेदक सही लेटरहेड पर नाम, पते और अन्य जानकारियों वाला औपचारिक पत्र नहीं दिखा पाता तो उस स्थिति में भी वीजा नहीं लगता.
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8. गुजारे के लिए कम साधन
अगर दूतावास या कॉन्सुलेट को आपके कागज देखकर लगता है कि आपके पास शेंगेन देश में रहने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं. साथ ही आपकी वापसी को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बन सकती है, तो उस स्थिति में वीजा नहीं लगता. इसमें वित्तीय स्थिति अहम है.
तस्वीर: DW/E.Daneiko
9. विवाह या जन्मप्रमाण पत्र न दिखा पाना
कुछ मामलों में आवेदक सही जन्म प्रमाण पत्र या विवाह प्रमाण पत्र पेश नहीं कर पाते. सरकारी दस्तावेज की बजाय किसी धार्मिक डॉक्युमेंट को दिखाना या क्षेत्रीय भाषा में लिखे प्रमाण पत्र का तर्जुमा अंग्रेजी में कराकर पेश ना करने पर भी वीजा नहीं लगता.
तस्वीर: DW/A. Karpenko
10. ट्रैवल इंश्योरेंस वैध न होना
ट्रैवल इंश्योरेंस मतलब यात्रा बीमा. अगर यह इंश्योरेंस नहीं होता तब भी वीजा आवेदन रद्द हो सकता है. आवेदक जिस अवधि के लिए वीजा चाहता है, उस अवधि के लिए उसके पास ट्रैवल इंश्योरेंस जरूर होना चाहिए.
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11. कहां रहेंगे
अगर आवेदक अपने रहने की व्यवस्था का ब्यौरा नहीं दे पाता तब भी वीजा कैंसल कर दिया जाता है. मसलन अगर आप किसी के बुलावे पर जा रहे हैं या आपके पास शेंगन क्षेत्र में कोई होस्ट है, तो उसकी भी सारी जानकारी दूतावास या कॉन्सुलेट को देनी होती है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/P. Mayall
12. पुराना शेंगन रिकॉर्ड
इसके तहत आपकी पिछली यात्रा का रिकॉर्ड देखा जाता है. अगर आपने अपनी पिछली यात्रा में शेंगेन वीजा के नियम-कायदों का ध्यान नहीं रखा था, समय-सीमा से ज्यादा रहे थे या किसी अन्य नियम का उल्लघंन किया था, तो भी शेंगन वीजा नहीं मिलता.
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2023 में करीब नौ लाख अंतरराष्ट्रीय छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे थे जिनमें से लगभग 40 फीसदी भारतीय थे. पिछले साल कुल मिलाकर भारतीय छात्रों की संख्या में चार फीसदी गिरावट आई, फिर भी वे एक देश से जाने वाले छात्रों की संख्या में सबसे ऊपर थे.
हालांकि कनाडा ने पिछले साल भारतीयों को कम स्टडी वीजाजारी किए हैं. 2022 के मुकाबले पिछले साल की चौथी तिमाही में 86 फीसदी कम छात्र वीजा जारी हुए. जहां 2022 की चौथी तिमाही में 108,940 वीजा जारी किए गए थे, वहीं 2023 में इसी अवधि में मात्र 14,910 वीजा जारी हुए.