ऐसी मस्जिद दुनिया में शायद ही कहीं और हो. दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन की यह मस्जिद सच में अनोखी है क्योंकि यह सारी परंपराओं को पीछे छोड़ते हुए इस्लाम का ऐसा उदार चेहरा पेश करती है जो कहीं और नहीं दिखेगा.
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मस्जिद का इमाम एक समलैंगिक है और वह खुलेआम समलैंगिक अधिकारों के लिए प्रचार करता है. इस्लाम में समलैंगिकता को गुनाह माना जाता है. इसलिए मोहसिन हेंडरिक्स का तो अपने आप को समलैंगिक कह देना ही बड़ी बात हो जाती है. उस पर वह एक मस्जिद के इमाम हैं और समलैंगिकों के अधिकारों का प्रचार भी करते हैं. उन्होंने यह मस्जिद अपने जैसे उन समलैंगिकों के लिए बनाई है जो बिना किसी डर के प्रार्थना करना चाहते हैं लेकिन उनकी लैंगिक प्राथमिकताओं के कारण ऐसा कर नहीं पाते.
हेंडरिक्स कहते हैं कि मुसलमान समुदाय मुझसे प्यार भी करता है और नफरत भी. वह समझाते हैं, "कई बार उन्हें लगता है कि मुझे सबसे ऊंचे पर्वत से नीचे फेंक दिया जाना चाहिए. और फिर कभी कभी वे इस बात के लिए मेरी तारीफ करते हैं कि जिन लोगों के साथ वे खुद काम नहीं कर पा रहे हैं, कोई इमाम उन लोगों के लिए भी काम करता है."
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समलैंगिकता की आजादी वाले इस्लामी देश
कई इस्लामी देश ऐसे भी हैं जहां समलैंगिकता अपराध नहीं है. हालांकि कानूनी दर्जा मिलने के बावजूद भेदभाव इनके हिस्से में आ ही जाता है...
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तुर्की
1858 में ओटोमन खिलाफत ने समान सेक्स संबंधों को मान्यता दी थी. तुर्की आज भी उसपर कायम है. यहां समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों के अधिकारों को मान्यता दी जाती है. हालांकि संविधान से रक्षा ना मिलने के कारण इनके साथ भेदभाव आम है.
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माली
माली उन चुनिंदा अफ्रीकी देशों में से है जहां एलजीबीटी संबंधों को कानूनी दर्जा प्राप्त है. हालांकि यहां के संविधान में सामाजिक स्थलों पर यौन संबंध पर मनाही है. लेकिन माली में भी एलजीबीटी समुदाय के साथ बड़े स्तर पर असामनता का व्यवहार किया जाता है.
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जॉर्डन
एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों की रक्षा की दिशा में जॉर्डन का संविधान सबसे प्रगतिशील माना जाता है. 1951 में समान सेक्स संबंधों के कानूनी होने के बाद सरकार ने समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों के सम्मान के लिए होने वाली हत्याओं के खिलाफ भी सख्त कानून बनाए.
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इंडोनेशिया
1945 का कानून साफ तौर पर यौन संबंध पर पाबंदी नहीं लगाता. इंडोनेशिया में एशिया की सबसे पुरानी एलजीबीटी संस्था है जो कि 1980 से सक्रिय है. भेदभाव के बावजूद यहां का समलैंगिक समुदाय अपने अधिकारों के लिए लड़नें में पीछे नहीं रहता.
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अलबेनिया
हालांकि अलबेनिया मुस्लिम देश है, इसे दक्षिणपूर्वी यूरोप में एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए अहम माना जाता है. इस गरीब बालकान देश में समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों को असमानता से बचाने के लिए भी कई अहम कानून हैं.
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बहरैन
इस खाड़ी देश में समान सेक्स के बीच संबंध को 1976 में मान्यता मिली. हालांकि अभी भी बहरैन में क्रॉस ड्रेसिंग यानि लड़कों का लड़कियों की तरह कपड़े पहनना मना है.
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फलीस्तीन
गाजा पट्टी में समान सेक्स के बीच संबंध आधिकारिक तौर पर प्रतिबंधित हैं. लेकिन ऐसा पश्चिमी छोर पर नहीं है. हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि यहां समलैंगिकों के अधिकारों की रक्षा की जाती है. फलीस्तीन में एलजीबीटी पर पाबंदी हमास से नहीं इंगलैंड से आई थी जब यह इलाका ब्रिटिश कॉलोनी हुआ करता था.
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समलैंगिकों के लिए केप टाउन एक खुला शहर है. कई बार तो इसे अफ्रीका की समलैंगिक राजधानी भी कहा जाता है. शहर का एक इलाका ऐसा भी है जहां समलैंगिकों के लिए रेस्तरां हैं, बार, गेस्ट हाउस और क्लब भी हैं. इसी शहर में 1996 में हेंडरिक्स ने समलैंगिक मुसलमानों के लिए सपोर्ट ग्रुप 'द इनर सर्कल' शुरू किया. इस ग्रुप से मस्जिद तक पहुंचने में उन्हें 14 साल लगे. 2011 में उन्होंने मस्जिद की स्थापना की. 48 साल के हेंडरिक्स तलाकशुदा हैं. 23 साल के थे जब उनकी शादी हो गई थी लेकिन छह साल बाद आखिरकार पति पत्नी अलग हो गए. वह बताते हैं, "वह ऐसा वक्त था जब मैंने फैसला किया कि दोहरी जिंदगी और नहीं जिऊंगा. मैं अपने साथ ईमानदार हो जाना चाहता था. और उसी प्रक्रिया का हिस्सा था मेरा अपने बारे में सच के साथ सामने आना. यही मैं हूं. और अगर मेरे होने की वजह से ही मुझे कत्ल किया जा सकता है तो फिर खुदा से मिलने का यही तरीका सही है."
जानिए, LGBT की ABCD
LGBTQ की ABCD
भारत समेत कई देशों में समलैंगिक अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहे हैं. लेकिन जिन्हें हम एक शब्द "समलैंगिक" में समेट देते हैं, वे खुद को एलजीबीटीक्यू कम्यूनिटी कहते हैं. आखिर क्या है LGBTQ?
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एल से लेस्बियन
लेस्बियन यानी वे महिलाएं जो महिलाओं की ओर आकर्षित होती हैं. 1996 में आई फिल्म फायर ने जब इस मुद्दे को उठाया तब काफी बवाल हुआ. आज 20 साल बाद भी यह मुद्दा उतना ही संवेदनशील है.
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जी से गे
गे यानी वे पुरुष जो पुरुषों की ओर आकर्षित होते हैं. दोस्ताना और कल हो ना हो जैसी फिल्मों में हंसी मजाक में समलैंगिक पुरुषों के मुद्दे को उठाया गया, तो हाल ही में आई अलीगढ़ में इसकी संजीदगी देखने को मिली.
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बी से बायसेक्शुअल
बायसेक्शुअल एक ऐसा व्यक्ति है जो महिला और पुरुष दोनों की ओर आकर्षित महसूस करे. ऐंजेलिना जोली और लेडी गागा खुल कर अपने बायसेक्शुअल होने की बात कह चुकी हैं.
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टी से ट्रांसजेंडर
एल, जी और बी से अलग ट्रांसजेंडर को उनके लैंगिक रुझान के अनुसार नहीं देखा जाता. भारत में जिन्हें हिजड़े या किन्नर कहा जाता है, वे भी ट्रांसजेंडर हैं और बॉलीवुड में जानेमाने बॉबी डार्लिंग जैसे वे लोग भी जो खुद अपना सेक्स बदलवाते हैं.
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क्यू से क्वीयर
इस शब्द का मतलब होता है अजीब. इसके जरिये हर उस व्यक्ति की बात की जा सकती है जो "सामान्य" नहीं है. चाहे जन्म से उस व्यक्ति में महिला और पुरुष दोनों के गुण हों और चाहे वह किसी की भी ओर आकर्षित हो.
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और भी हैं
यह सूची यहां खत्म नहीं होती. कई बार एलजीबीटीक्यू के आगे ए भी लगा दिखता है. इसका मतलब है एसेक्शुअल यानी ऐसा व्यक्ति जिसकी सेक्स में कोई रुचि ना हो. इनके अलावा क्रॉसड्रेसर भी होते हैं यानी वे लोग जो विपरीत लिंग की तरह कपड़े पहनना पसंद करते हैं.
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1996 में दक्षिण अफ्रीका का नया संविधान बना था. दुनिया का यह पहला संविधान था जिसमें समलैंगिकों को बराबरी के अधिकार दिए गए थे. आज भी अफ्रीका में यही एकमात्र देश है जहां समलैंगिक शादियां जायज हैं. हेंडरिक्स की मस्जिद के 25 नियमित सदस्य हैं. यहां समलैंगिकों की शादी भी कराई जाती है. केप टाउन शहर में लगभग तीन लाख मुसलमान हैं और ज्यादातर मस्जिदों के इमाम समलैंगिकता को लेकर एकदम सख्त और स्पष्ट हैं. वे तो समलैंगिकों को घरों में नजरबंद कर देने और इलाज करवाए जाने तक के हिमायती हैं. मॉब्रे की मस्जिद के इमाम पंडी कहते हैं, "समलैंगिकता को मंजूर नहीं किया जा सकता. इसकी सजा होगी आग में जलना. आप समलैंगिक कैसे हो सकते हैं. यह हराम है. और एक मुसलमान और इमाम होने के नाते यह आपका फर्ज है कि आप लोगों को बताएं कि यह गलत है."
ऐसे लोगों के बीच मोहसिन हेंडरिक्स 20 साल से संघर्ष कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि एक दिन दुनिया ऐसी होगी जहां वह बिना डर के जी सकेंगे.