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समाज

पुलवामा में बड़े आतंकी हमले की साजिश नाकाम

आमिर अंसारी
२८ मई २०२०

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में पुलिस,सेना और सीआरपीएफ ने वक्त रहते कार बम हमले को नाकाम कर दिया है. निजी कार में करीब 40-45 किलो विस्फोटक फिट था और इसका इस्तेमाल सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के इरादे से किया जाना था.

Kaschmir | Polizei | Sicherheitskräfte
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. Khan

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों ने विस्फोटकों से भरी कार को जब्त किया और बाद में विस्फोटक को बहुत ही एहतियात के साथ उसे कंट्रोल्ड तरीके से नष्ट किया. जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि समय पर मिले इनपुट के आधार पर पुलवामा पुलिस, सीआरपीएफ और सेना ने आईईडी ब्लास्ट की बड़ी आतंकी घटना को नाकाम किया है. जम्मू-कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने इस घटना के बारे में पत्रकारों से कहा, "हमें जैश-ए-मोहम्मद की साजिश की जानकारी मिली थी. यह एक आत्मघाती हमले की साजिश थी जिसके निशाने पर सुरक्षाबल थे." उन्होंने बताया कि बरामद की गई कार में करीब 40 से 45 किलो विस्फोटक था जिसे पूरी सावधानी के साथ नष्ट कर दिया गया.

जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि पिछले एक हफ्ते से पुलवामा पुलिस को जानकारी मिल रही थी कि जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन एक बहुत बड़े हमले की योजना बना रहे हैं. पुलिस का कहना है कि उसे जानकारी मिली थी कि आतंकी संगठन कार बम का इस्तेमाल कर सकते हैं. आईजी विजय कुमार के मुताबिक जब आतंकी हमले की साजिश की खबर की पुष्टि हो गई तो बुधवार की शाम पुलिस, सीआरपीएफ और सेना ने नाकेबंदी की. जब नाके पर खड़ी पुलिस पार्टी ने चेतावनी देते हुए एक कार पर फायरिंग की तो ड्राइवर गाड़ी घुमाकर दूसरी ओर भाग गया. इसके बाद एक और नाका पार्टी ने गाड़ी पर चेतावनी देते हुए फायरिंग की लेकिन अंधेरा होने की वजह से ड्राइवर गाड़ी छोड़कर फरार हो गया.  पुलिस ने बताया कि गाड़ी की तलाशी लेने पर भारी मात्रा में विस्फोटक मिला जिसे गुरुवार सुबह में बम निरोधक दस्ते ने कंट्रोल्ड तरीके से नष्ट कर दिया.

पिछले साल पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था. (फाइल तस्वीर)तस्वीर: Reuters

जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है वह इस मामले की शुरुआती जांच खुद करेगी और अगर जरूरत पड़ी तो राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की भी मदद ले सकती है. जिस सैंट्रो कार में विस्फोटक मिला था उस पर फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज है.  पिछले दो महीने में जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं. पिछले कुछ हफ्तों में हुए आतंकी हमले में सेना के जवानों को मौत का सामना करना पड़ा है. हाले के दिनों में सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में 38 आतंकी भी मारे गए. गौरतलब है कि पुलवामा में इसी महीने की शुरूआत में सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडर रियाज नाइकू को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था. नाइकू ए प्लस प्लस श्रेणी का आतंकी था और उस पर करीब 12 लाख रुपये का इनाम था. 

पिछले साल पुलवामा जिले में आतंकियों ने घात लगाकार आत्मघाती हमला किया था. हमला सीआरपीएफ के काफिले पर हुआ था जिसमें उसके 40 जवान मारे गए थे. पुलवामा हमले के बाद ही भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक किया था. शक जताया जा रहा है कि बुधवार की यह घटना भी 2019 में पुलवामा में हुए हमले की तर्ज पर विस्फोट को अंजाम देने की साजिश थी.

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