32 साल पहले आज ही के दिन जर्मनी के दोनों हिस्सों का एकीकरण हुआ था. बर्लिन की दीवार गिर गई और कई दशकों से बंटे जर्मनी के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से आपस में मिल कर एक हो गये.
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इस साल इस मौके का आधिकारिक जश्न थुरिंजिया प्रांत की राजधानी एरफुर्ट में हो रहा है. जर्मनी के सभी राज्यों को बारी बारी से यह मौका मिलता है. परंपरा यह है कि जो संघीय राज्य बुंडेसराट के लिए अध्यक्ष मुहैया कराता है वही इस राष्ट्रीय दिवस पर मुख्य कार्यक्रम की मेजबानी भी करता है. इस मौके पर सोमवार को यहां चांसलर शॉल्त्स और राष्ट्रपति फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर भी पहुंच गये हैं.
शनिवार को बारिश और तेज हवाओं के बीच तीन दिन के इस उत्सव की शुरुआत हुई. जर्मन संसद के ऊपरी सदन, बुंडेसराट के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में थुरिंजिया के मुख्यमंत्री बोडो रामेलोव ने कथीड्रल स्क्वेयर पर जर्मन यूनिटी के नये प्रतीक का उद्घटान किया.
दो गुणा दो मीटर के इस प्रतीक में साल 2022 के लिए नंबर 22 अंकित है और एक नंबर को उल्टा करके इसे दिल का आकार दे दिया गया है. यह प्रतीक पूरे एक साल थुरिंजिया में घूमता रहा और लोगों ने अपने दस्तखत इस पर अंकित किये हैं. शनिवार को इस मौके पर भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद थी लेकिन खराब मौसम के चलते कम ही लोग वहां पहुंचे. हालांकि अलग अलग राज्यों, संसद के दोनों सदनों, संघीय सरकार और संघीय संवैधानिक अदालत के प्रतिनिधि उत्सव में जरूर पहुंचे हैं.
3 अक्टूबर को रियूनिफिकेशन डे क्यों?
बर्लिन की दीवार 9 नवंबर 1989 को ही गिर गई और इसके साथ मध्य और पूर्वी यूरोप में साम्यवाद का अंत हो गया. इसके बाद जर्मनी के एकीकरण की औपचारिक प्रक्रिया पूरी होने में करीब 11 महीने लगे.
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3 अक्टूबर, 1990 को पूर्वी जर्मनी या जर्मन डेमोक्रैटिक रिपब्लिक यानी डीजीआर का अस्तित्व खत्म हो गया और उसके इलाके में पांच नये राज्यों बने और फेडरल रिपब्लिक ऑफ जर्मनी यानी पश्चिमी जर्मनी में शामिल हो गये.
पूर्वी और पश्चिमी बर्लिन का दोबारा मेल हुआ और जर्मनी के अंदर एक उसे एक शहर प्रांत का दर्जा मिला. बाद में संयुक्त जर्मनी की राजधानी बर्लिन ही बनी.
9 नवंबर को राष्ट्रीय दिवस के रूप में इसलिये उचित नहीं माना जाता है क्योंकि इसी दिन 1938 में नाजियों ने पहली बार यहूदियों के खिलाफ सामूहिक हत्या शुरू की थी जिसे क्रिस्टालनाख्ट भी कहा जाता है.
पोलैंड ने की हर्जाने की मांग
पोलैंड के विदेश मंत्री जबिगनियू राउ ने जर्मनी के रियूनिफिकेशन डे के मौके पर एक डिप्लोमैटिक नोट पर दस्तखत किये हैं जिसमें जर्मनी से हर्जाने की मांग की गई है. यह नोट बर्लिन में जर्मन विदेश मंत्रालय को सौंपा जायेगा. पोलैंड की सरकार 1939-1945 के दौरान देश पर नाजी जर्मनी के कब्जे और उस दौरान हुए दमन के लिए हर्जाना चाहती है. राजनीतिक दल पहले भी इस मांग की चर्चा करते रहे हैं लेकिन देश में दक्षिणपंथी सरकार बनने के बाद यह मांग तेज हो गई है.
वारसॉ में सोमवार को राउ ने कहा कि यह नोट, "पोलैंड के विदेश विभाग की इस प्रतिबद्धता को दिखाता है कि सभी पक्ष 1939 से 1945 के बीच जर्मन आक्रमण और कब्जे के नतीजों के स्थायी, विस्तृत, कानूनी और आर्थिक निपटारे की दिशा में तत्काल कदम उठायें." यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है जब जर्मन विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक यूनिफिकेशन डे के मौके पर होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने के लिये वारसॉ में हैं. मंगलवार को बेयरबॉक राउ से मुलाकत करेंगी. पिछले महीने ही पोलैंड की एक संसदीय कमेटी ने पोलैंड को विश्वयुद्ध में हुए नुकसान का आकलन 1300 अरब डॉलर के बराबर किया था.
जर्मनी सरकार इन दावों से इनकार करता ही. सरकार का कहना है कि 1990 में टू प्लस फोर ट्रीटी के तहत सभी मामले निपटाये जा चुके हैं.
एनआर/ओएसजे (डीपीए)
बर्लिन, दीवार गिरने से पहले और बाद में
जर्मन राजधानी बर्लिन कई दशकों तक बंटी रही. 32 साल पहले, 3 अक्टूबर 1990 को पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के एकीकरण के बाद से वहां बहुत कुछ बदल गया है. आज जर्मन एकता दिवस पर देखिए- बर्लिन, कैसा था तब और अब कैसा है!
ब्रांडेनबुर्ग गेट
1791 में बना ब्रांडेनबुर्ग गेट यकीनन बर्लिन की सबसे प्रसिद्ध निशानी है. यह विभाजन के समय पूर्व और पश्चिम के बीच की सीमा का चिह्न था. पूर्वी क्षेत्र में खड़ा ये स्मारक पश्चिमी जनता के लिए पहुंच के बाहर था. लेकिन जब 1989 में बर्लिन की दीवार गिर गई तो सब कुछ बदल गया और बाधाएं नहीं रहीं. अब शहर के इस प्रतीक को देखने के लिए जर्मनी और विदेशों से लाखों लोग आते हैं.
होहेनशोएनहाउजेन जेल
1989 तक होहेनशोएनहाउजेन जेल पूर्वी जर्मनी की खुफिया पुलिस स्टाजी की मुख्य जेल थी. यहां राजनीतिक कैदियों को रखा जाता था और उन्हें मनोवैज्ञानिक और शारीरिक यातना दी जाती थी. इमारत को पूरी तरह गोपनीय रखा गया था. शहर के किसी नक्शे में यह नहीं दिखता था. जर्मन एकीकरण के बाद इसे बंद कर दिया गया और कुछ साल बाद यहां स्मारक बन गया. यहां आने वाले खुफिया पुलिस स्टाजी के काले अतीत के बारे में जान सकते हैं.
बर्लिन की दीवार
बर्लिन की दीवार ने शहर को 28 सालों तक पूर्व और पश्चिम में विभाजित कर रखा था. पूर्वी जर्मनी से भागने के लिए इस 155 किलोमीटर लंबे (96 मील), अत्यधिक संरक्षित किलेबंदी को पार करने की कोशिश में कई लोग मारे गए. हताहतों की सही संख्या अभी तक पता नहीं है. ईस्ट साइड गैलरी, बर्लिन दीवार का अब सबसे लंबा बचा हुआ टुकड़ा है जिसे एकीकरण के साल जर्मनी और विदेशी कलाकारों ने पेंट किया.
पूर्वी बर्लिन के फ्रीडरिषहाइन इलाके में 1970 से 1991 तक सोवियत नेता व्लादिमीर लेनिन की लाल ग्रेनाइट की 19 मीटर ऊंची मूर्ति खड़ी थी. यह वामपंथी नेता को समर्पित इलाका था. बर्लिन दीवार के गिरने के बाद एकीकृत शहर के प्रशासन ने प्रतिमा को हटाने का फैसला लिया. आज, लेनिन स्क्वायरका नाम बहल कर यूनाइटेड नेशन स्क्वायर कर दिया गया है.
पैलेस ऑफ रिपब्लिक से बर्लिन पैलेस
साम्यवादी पूर्वी जर्मनी में पैलेस ऑफ रिपब्लिक सत्ता का शोरूम था. 1976 में इस इमारत के बनने के बाद यहां जीडीआर की संसद पीपुल्स चैंबर का मुख्यालय था. इसके विशाल हॉल में विभिन्न राजनीतिक सम्मेलनों का आयोजन होता था. 2006 में इसे एस्बेस्टस से दूषित होने के कारण गिरा दिया गया. जीडीआर की संसद की इमारत की जगह अब बर्लिन पैलेस बनाया जा रहा है.
जीडीआर के इन्टरशॉप
"इंटरशॉप" जीडीआर का एक प्रमुख रिटेल चेन था, एक ऐसा स्टोर जहां जीडीआर के पैसे से सामान खरीदना संभव नहीं था. वहां सिर्फ विदेशी मुद्रा में सामान खरीदा जा सकता था. पूर्वी हिस्से में रहने वाले बहुत से सामान्य लोगों के लिए यहां मिलने वाला सामान पहुंच से बाहर था. पहला इंटरशॉप पूर्वी बर्लिन के फ्रीडरिषश्ट्रासे स्टेशन में था. आज वहां कैफे और फैशन शोरूम वाला व्यस्त बाजार है.
खेल के मैदान
लापरवाह बचपन का खेल के मैदान से बड़ा प्रतीक नहीं हो सकता. पूर्वी बर्लिन के हर इलाके में इस तरह के खेल के मैदान और ढांचे देखे जा सकते थे. आज, वे धातु के नहीं आम तौर पर रस्सी से बने होते हैं. इसलिए जब बच्चे खेलते समय उनके अंदर दौड़ते हैं तो नुकसान का खतरा नहीं होता. और तस्वीरें #GermanyThenNow और #BerlinThenNow फेसबुक पेज पर देखी जा सकती हैं.
इंटर होटल मेट्रोपोल
सीमा पर स्थित मुख्य रेलवे स्टेशन फ्रीडरिषश्ट्रासे के पास 13-मंजिला इंटर होटल मेट्रोपोल 1977 में खोला गया था. यह एक लक्जरी होटल था, जो जीडीआर आने वाले कारोबारियों, राजनयिकों और मशहूर हस्तियों में अत्ंयत लोकप्रिय था. जीडीआर के नागरिकों के पास विदेशी मुद्रा तो होती नहीं थी, वे इसे केवल बाहर से ही निहार सकते थे. आज यहां मैरिटिम चेन का होटल है. यहां हर कोई जा सकता है.
KaDeWe डिपार्टमेंटल स्टोर
Kaufhaus des Westens या संक्षेप में KaDeWe, जर्मनी का सबसे प्रसिद्ध डिपार्टमेंटल स्टोर है. यह लंदन के हैरोड्स के बाद यूरोप में दूसरा सबसे बड़ा स्टोर है. 1907 में खोला गया लक्जरी स्टोर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान विनाश से बच गया और राजधानी के बंट जाने के वर्षों में पश्चिम बर्लिन की शान रहा. आज यह पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच समान रूप से लोकप्रिय है