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समाज

"मीटिंग में औरतें बोलती बहुत हैं"

११ फ़रवरी २०२१

टोक्यो ओलंपिक कमिटी के अध्यक्ष और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री योशिरो मोरी को अपनी सेक्सिस्ट टिप्पणी के लिए इस्तीफा देना पड़ रहा है.

Japan Tokio | Proteste gegen Yoshiro Mori | Olympische Spiele
तस्वीर: Kyodo/picture-alliance

जहां दुनिया में हर जगह उच्च पदों पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर बात चल रही है, वहीं जापान में टोक्यो ओलंपिक कमिटी के अध्यक्ष ने कुछ दिनों पहले एक बैठक में कहा, "अगर हम महिला बोर्ड सदस्यों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं, तो हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके बोलने का वक्त सीमित रहे. उन्हें अपनी बात खत्म करने में परेशानी आती है और यह बहुत ही उबाऊ है."

मोरी के इस बयान के बाद उनकी काफी आलोचना हुई. 4 फरवरी को उन्होंने आनन फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और माना कि उनका बयान गलत था और ओलंपिक खेलों के भावनाओं से मेल नहीं खाता लेकिन साथ ही उन्होंने इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया था.

अब स्थानीय मीडिया में चल रही खबरों से पता चला है कि मोरी शुक्रवार को होने वाली ओलंपिक समिति की अगली बैठक में अपना इस्तीफा पेश करेंगे. 83 वर्षीय योशिरो मोरी अप्रैल 2000 से अप्रैल 2001 के बीच जापान के प्रधानमंत्री भी रहे हैं. उनका कार्यकाल भी विवादों में घिरा रहा था.

अमेरिका की सबमरीन द्वारा एक जापानी जहाज पर हमला किए जाने की खबर पता चलने के बाद भी मोरी ने अपना गोल्फ का मैच जारी रखा था. इस हमले में जापानी जहाज पर सवार नौ मछुआरों की जान गई थी. मोरी को इसके लिए खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.

प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद वे जापान और रूस के कूटनीतिक रिश्तों पर काम करते रहे. इसके अलावा वे अंतरराष्ट्रीय खेलों से जुड़े आयोजनों पर भी काम करते रहे हैं. 2019 में जापान में रग्बी का विश्व कप कराने का श्रेय उन्हें ही जाता है. वे कई बार कह चुके हैं कि जापान में ओलंपिक खेल कराने के बाद वे सभी सेवाओं से रिटायर होना चाहते हैं.

टोक्यो ओलंपिक खेल 2020 में जापान में होने थे लेकिन कोरोना महामारी के कारण इन्हें 2021 तक स्थगित करना पड़ा. मोरी ने इस दौरान पूरी कोशिश की कि खेल रद्द ना हों. इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध का सामना करना पड़ा है. एक ताजा सर्वेक्षण के अनुसार जापान में 80 फीसदी लोग कोरोना वायरस के डर से ओलंपिक खेलों के आयोजन के खिलाफ हैं. जापान की आबादी का बड़ा हिस्सा वृद्धों का है, जिस कारण वहां वायरस का खतरा और भी अधिक है.

मोरी से जब हाल ही में उनके बयान के बारे में पूछा गया कि क्या उन्हें वाकई लगता है कि औरतें बहुत बोलती हैं, तो उन्होंने कहा, "काफी वक्त से मेरी महिलाओं से कुछ खास बात हो नहीं रही है, इसलिए मुझे पता नहीं."

आईबी/एके (रॉयटर्स, एएफपी)

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